मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यास मंदिर, भूपतवाला, हरिपुरकलां, देहरादून में संस्कृत भारती द्वारा आयोजित ‘अखिल भारतीया गोष्ठी’ के शुभारंभ सत्र में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को व्यास मंदिर, भूपतवाला, हरिपुरकलां, देहरादून में संस्कृत भारती द्वारा आयोजित ‘अखिल भारतीया गोष्ठी’ के शुभारंभ सत्र में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने श्री वेद व्यास मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख शांति की कामना की।
मुख्यमंत्री ने संगोष्ठी में देशभर से आए लोगों का देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत करते हुए कहा कि संस्कृत भारती का हर सदस्य संस्कृत भाषा के प्रचारप्रसार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह राज्य का गौरव है कि देववाणी संस्कृत देवभूमि उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा है। संस्कृत भाषा अभिव्यक्ति का साधन एवं मनुष्य के संपूर्ण विकास की कुंजी भी है। संस्कृत भाषा से ही मानव सभ्यताएं विकसित हुई हैं। ऋग्वेद को भी संस्कृत में लिखा गया था। आज यह भाषा साहित्य के अन्य क्षेत्रों में भी वृहद स्तर पर अभिव्यक्ति का साधन बन गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं उसे अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है। संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा गैरसैंण में आयोजित हुए विधानसभा सत्र के दौरान संस्कृत संभाषण शिविर चलाकर सभी मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों को संस्कृत बोलने के लिए प्रेरित किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक संस्कृत पाठशालाएं प्रारंभ की जा रही है। सभी बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर स्थित बोर्ड को हिंदी के साथ संस्कृत में लिखा जाए, इस प्रकार के प्रयास जारी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन संस्कृति के इतिहास और वैदिक काल के समस्त वेद, पुराणों और शास्त्रों की रचना संस्कृत में की गई है। संस्कृत भाषा अनादि और अनंत है। उन्होंने कहा साहित्य से लेकर विज्ञान तक, धर्म से लेकर आध्यात्म तक और खगोलशास्त्र से लेकर शल्य चिकित्सा तक, हर क्षेत्र से जुड़े ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं। हजारों साल पहले भारतीयों ने उत्कृष्ट ज्ञान के चलते पंचांग, ग्रहों और नक्षत्रों की जानकारी जुटा ली थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य भाषाओं की तुलना में संस्कृत के स्वर और व्यंजनो की संख्या अधिक है। संस्कृत ही एकमात्र ऐसी भाषा है जिसके शब्दों के आगे पीछे हो जाने से वाक्य के भाव में कोई अन्तर नहीं आता। उन्होंने कहा संस्कृत भाषा का शब्द भण्डार भी बहुत वृहद है। उन्होंने कहा विष्णु सहस्रनाम में भगवान विष्णु के 1000 नाम लिखे गए हैं, ऐसे ही ललिता सहस्रनाम और शिव सहस्रनाम भी है। यह सिर्फ संस्कृत में ही संभव है कि किसी नाम के एक हजार पर्यायवाची हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेकों यूरोपीय भाषाओं के अनेकों शब्द संस्कृत से ही प्रभावित दिखाई देते हैं। संस्कृत अत्यंत ही समृद्ध, सरल और व्यवहारिक भाषा है। उन्होंने कहा कई सदियों तक विदेशी आक्रांताओं का शासन होने के कारण हम अभी संस्कृत भाषा से दूर होते चले गए। हमें एकजुट होकर अपनी मूलभाषा देववाणी संस्कृत को पुनः मुख्यधारा में लाने का प्रयास करना है। उन्होंने कहा निश्चित रूप यह कार्यक्रम इस दिशा में एक सकारात्मक प्रभाव छोड़ेगा। उन्होंने कहा संस्कृत भारती संस्कृत को पुनः आम बोलचाल की भाषा बनाने के लिए भारत के साथ ही कई अन्य देशों में संस्कृत के प्रचारप्रसार का कार्य कर रहा है।
इस अवसर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, प्रो. गोपबन्धु, श्री दिनेश कामत, श्री के. श्रीनिवास प्रभु, श्रीमती जानकी त्रिपाठी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सर्वे चैक स्थित आई.आर.डी.टी प्रेक्षागृह, देहरादून में उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित ’हिंदी दिवस समारोह2024’ में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सर्वे चैक स्थित आई.आर.डी.टी प्रेक्षागृह, देहरादून में उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित ’हिंदी दिवस समारोह2024’ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की पुस्तक ‘‘ उत्तराखण्ड की लोक कथाएं ’’ का विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कविता लेखन, कहानी लेखन, यात्रा वृतान्त लेखन और नाटक लेखन प्रतियोगिता के प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्रछात्राओं को पुरस्कृत किया और बोर्ड परिक्षाओं में हिन्दी में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी भाषा के उत्थान और संवर्धन के लिए अहम योगदान देने वाले लोगों का मुख्यमंत्री ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हिंदी एक भाषा का उत्सव नहीं बल्कि हमारी संस्कृति के गौरव का अवसर है। हिंदी एक भाषा ही नहीं हमारे राष्ट्र की आत्मा भी है। हिंदी ने हमारे समाज को जोड़ा है और हमारी सभ्यता को समृद्ध किया है। विश्व पटल पर हिंदी ने हमें विशेष स्थान दिलाया है। हिंदी केवल हमारे लिए संवाद का माध्यम नहीं है बल्कि हमारी अस्मिता, संस्कृति और भारतीयता का प्रतीक भी है। हिंदी ने विविधता से भरे हमारे समाज को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया है। सहजता, सरलता और सामथ्र्य से परिपूर्ण हिंदी में समन्वय की अदभुत क्षमता है। हिंदी की कीर्ति केवल भारत तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में यह संवाद का एक प्रमुख सेतु बन चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया के विभिन्न देशों में हिंदी का अध्ययन किया जा रहा है। हिंदी ने समाज में जागरूकता लाने में भी अहम भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक हिंदी सामाजिक चेतना का भी प्रमुख माध्यम रही है। स्वतंत्रता संग्राम के समय हिंदी संघर्ष की भाषा बनी और देशवासियों को एक सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हिंदी के उत्थान के लिए निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने हिंदी भाषा के संवर्धन के लिए उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा कई सारे नवाचार किये हैं और नवाचार के माध्यम से लोगों को प्रोत्साहित करने का कार्य किया है। यह प्रयास भाषायी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भाषाओं और परंपराओं के प्रति समर्पण को प्रोत्साहित करने के लिए ’उत्तराखंड गौरव सम्मान’ के तहत उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित किया जाता है। उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा विभिन्न भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन के लिए वित्तीय सहायता योजना के तहत 17 साहित्यकारों को अनुदान प्रदान किया गया है जो कि हमारे लेखकों के लिए भी प्रेरणा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब भारत दुनिया का सिरमौर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ऐसे समय में हिंदी का प्रचारप्रसार हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण हो गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हिंदी को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किये जा रहे हैं। ’मन की बात’ कार्यक्रम में उनके द्वारा हिंदी का प्रयोग करने से हिंदी को वैश्विक पहचान मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी के उत्थान और संवर्धन के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। हिंदी का गौरव कायम रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। आज हमें संकल्प लेना चाहिए कि अपनी मातृ भाषा हिंदी का सम्मान करें। इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाएं ताकि हिंदी 21 वीं सदी की सशक्त भाषा बने। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि युवाओं को अनेक भाषाओं को सीखना चाहिए और इसे लेकर किसी तरह का कोई भी संकोच मन से निकालना होगा। उन्होंने कहा कि बाल्यकाल में आपने जो सीख लिया, वो आपके पूरे जीवन काम आने वाला है।
भाषा मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने भाषा संस्थान की ओर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो भी प्रस्ताव भाषा संस्थान की ओर से भेजे गये , उन्हें तत्काल स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा तमाम बोलियों में पुरस्कार की शुरूआत करने के साथ ही नवोदित लेखकों को प्रोत्साहित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए भाषा का उत्थान बहुत जरूरी है। अपनी भाषा के संवर्धन पर काम करने से कोई छोटा नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि विगत दिनों मुख्यमंत्री से साहित्य भूषण पुरस्कार की धनराशि पांच लाख रुपये करने का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने स्वीकृति प्रदान की है। राज्य में यह पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदान किया जायेगा।
इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, साहित्यकार एवं पूर्व कुलपति डा.सुधा रानी पांडे, दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, सचिव श्री विनोद रतूड़ी, भाषा संस्थान की निदेशक श्रीमती स्वाति भदौरिया उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह ने आईटी पार्क स्थित उत्तराखंड राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुँचकर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही बारिश की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह ने शुक्रवार को आईटी पार्क स्थित उत्तराखंड राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुँचकर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही बारिश की जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारियों से बारिश की स्थिति, सड़कों, पेयजल, विद्युत आपूर्ति एवं अन्य जानकारियां ली। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिवृष्टि और भूस्खलन से संबंधित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रखा जाए। अतिवृष्टि के दृष्टिगत श्रद्धालुओं एवं यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहरने की व्यवस्था के साथ ही भोजन और बच्चों को दूध की पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाय। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी अधिकारियों को हर पल अलर्ट मोड में रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से जल भराव की स्थिति की जानकारी ली और जल निकासी की बेहतर व्यवस्था के निर्देश दिए। नदियों के जल स्तर बढ़ने की स्थिति में नदी किनारे और अन्य संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को भी जागरूक करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिये कि हर जिले में भारी बारिश की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखें। जिलों के साथ बेहतर समन्वय बनाकर काम करें, ताकि किसी भी आपातकाल स्थिति से तत्काल निपटा जा सके। राज्य के तमाम संवेदनशील क्षेत्रों, अत्यधिक बारिश और आपदाग्रस्त वाले इलाकों को लेकर भी विशेष नज़र बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा को लेकर किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही की जाये। साथ ही रिस्पांस टाईम कम से कम रखने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि बारिश के कारण जो सम्पर्क मार्ग अवरूद्व हुए हैं उन्हें जल्द आवागमन के लिए सुचारू किया जाए ।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक श्री शांतनु सरकार, यूएसडीएमए के विशेषज्ञ श्री डीडी डालाकोटी, मनीष भगत, डॉ. पूजा राणा, रोहित कुमार, डॉ. वेदिका पंत, तंद्रीला सरकार, जेसिका टेरोन आदि मौजूद थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पतंजलि ऑडिटोरियम में आयोजित युवा धर्म संसद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को पतंजलि ऑडिटोरियम में आयोजित युवा धर्म संसद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सेवा संस्थानम द्वारा आयोजित चतुर्थ युवा धर्म संसद में पहुँचे सभी महानुभावों तथा युवा शक्ति का देवभूमि उत्तराखण्ड आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए कहा कि 11 सितम्बर 1893 में स्वामी विवेकानन्द जी द्वारा अमेरीका के शिकागो शहर में दिए गए उद्बोधन को आधार मानकर आयोजित यह कार्यक्रम देश की युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए अवश्य ही प्रेरित करेगा क्योंकि यह संसद निष्ठावान और जागरूक नागरिकों के निर्माण का कार्य करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का युवा देश के प्रति जिम्मेदार भी है और कर्तव्य परायण भी, यह धर्म संसद विकसित राष्ट्र के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक वहां की युवाशक्ति संगठित तथा आत्मनिर्भर व राष्ट्रवाद की भावना से प्रेरित न हो। उन्होंने कहा कि आज भारत एक युवा देश के रूप में जाना जाता है और अगर देश के युवा सही दिशा में कार्य करेंगे तो निश्चित ही हमारा देश पुनः विश्व गुरू के पद पर आसीन होगा। देश को विश्व गुरू बनाने तथा वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को अपने कन्धों पर जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि युवा सकारात्मक सोच के साथ अपनी रूचि के अनुसार कार्य क्षेत्र का चुनाव करें और यह स्मरण रहे कि राष्ट्र प्रथम।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा विकल्प रहित संकल्प होना चाहिए क्योंकि संकल्प में विकल्प ले आते हैं तो संकल्प वहीं पर समाप्त हो जाता है, हमारे रास्ते बदल जाते हैं, मंजिल हमसे दूर हो जाती है और सपने हम से रूठ जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में भारतीय संस्कृति को संपूर्ण विश्व में पहचान मिल रही है और भारतीय सनातन संस्कृति की अनमोल धरोहर योग और प्राणायाम को पूरा विश्व अपना रहा है। आज विश्व के अनेक देशों में लोग, गीता के सार को सुन भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने के साथ ही देश को आगामी 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के मिशन पर कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म की धरती रही है। सरकार उत्तराखंड के अंदर धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने दून विवि में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि विकसित राष्ट्र के निर्माण में उत्तराखंड के युवा भी आगे बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड के युवा आज स्टार्टअप के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं। देश के युवाओं में पर्याप्त सामथ्र्य और ऊर्जा है। आप सभी युवा भारतीय संस्कृति के संवर्धन के लिए संकल्पबद्ध हैं।
कार्यक्रम में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के महासचिव चम्पत राय, सिद्धपीठ श्री हनुमन्निवास अयोध्या आचार्य मिथिलेश नंनिदनी शरण जी महाराज, बाबा रामदेव ने भी अपने विचार प्रकट किए।
इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चैधरी, पूर्व विधायक सुरेश राठौर, जिलाध्यक्ष भाजपा शोभाराम प्रजापति, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में भारत रत्न पं.गोविन्द बल्लभ पंत की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में भारत रत्न पं.गोविन्द बल्लभ पंत की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देशभक्त, समाजसेवी तथा कुशल प्रशासक थे। उन्होंने हिन्दी को राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री एवं देश के गृहमंत्री रहते उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में अहम योगदान दिया ।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में सम्पर्क फाउंडेशन के संस्थापक चेयरमैन श्री विनीत नायर ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में सम्पर्क फाउंडेशन के संस्थापक चेयरमैन श्री विनीत नायर ने भेंट की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में शिक्षा में सुधार के लिए 4,337 सरकारी स्कूलों में सम्पर्क टीवी स्मार्ट स्कूल कार्यक्रम के विस्तार किया जायेगा। इससे प्रदेश के लगभग ढाई लाख बच्चों को सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने सम्पर्क फाउंडेशन के संस्थापक चेयरमैन श्री विनीत नायर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक सराहनीय पहल है। सरकार द्वारा शिक्षा में आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सम्पर्क फाउंडेशन द्वारा सरकारी स्कूलों में बच्चों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित कोर्स पर शैक्षिक वीडियो के माध्यम से शानदार सामग्री तय की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
सम्पर्क फाउंडेशन के संस्थापक चेयरमैन श्री विनीत नायर ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत स्कूलों को सम्पर्क फाउंडेशन के द्वारा मुफ्त में 43इंच टीवी सेट और टीवी डिवाइस (एंड्रॉइड सेटअप बॉक्स और रिमोट प्रदान किया जा रहा है। डिवाइस में 1,000 घंटे की इंटरएक्टिव शैक्षिक सामग्री, 500 पाठ योजनाएँ, खेल आधारित मूल्यांकन और कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए शैक्षिक वीडियो लोड किए गए हैं। यह डिवाइस बिना इंटरनेट के काम करता है और केवल समय समय पर सामग्री को अपडेट करने के लिए इंटरनेट की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि इससे पहले मई 2023 में चंपावत में शुरू किए गए सम्पर्क टीवी पायलट कार्यक्रम से बेहतर शैक्षणिक परिणाम प्राप्त हुए थे, जिसके आधार पर अब इस कार्यक्रम का विस्तार राज्य के सभी जिलों में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सम्पर्क फाउंडेशन वर्ष 2014 से उत्तराखंड के शिक्षा विभाग के साथ साझेदारी कर रहा है और इस कार्यक्रम के लिए 75 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
इस अवसर पर सचिव शिक्षा श्री रविनाथ रमन, अध्यक्ष सम्पर्क फाउण्डेशन डॉ. राजेश्वर राव उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने न्यायिक परिसर (पुरानी जेल) देहरादून में बार एसोसिएशन देहरादून के नवीन भवन का शिलान्यास और भूमि पूजन किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को न्यायिक परिसर (पुरानी जेल) देहरादून में बार एसोसिएशन देहरादून के नवीन भवन का शिलान्यास और भूमि पूजन किया। मुख्यमंत्री ने सभी अधिवक्ततागणों को नए चैम्बर भवन के शिलान्यास की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड सहित पूरे देश में न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्य को मजबूत करने का काम अनवरत रूप से किया जा रहा है। पिछले दस वर्षों में मोदी सरकार ने न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 8000 करोड़ से ज्यादा की धनराशि खर्च की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अंग्रेजों के जमाने के तमाम कानूनों को हटाकर आज की नई आवश्यकता के अनुसार नए कानूनों को लागू किया है। इन कानूनों के लागू होने के बाद न्याय की अवधारणा को और भी अधिक मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड को भी मजबूत सबूत के रूप में मान्यता मिली है, जो कि आज की डिजिटल क्रांति के समय में अहम है। इससे सभी अधिवक्ताओं को अपना पक्ष कोर्ट में आसानी से रखने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार राज्य के अंदर प्रदेश में जितने भी न्याय से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर हैं उन्हें मजबूत करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून बार एसोसिएशन के चैम्बर भवन की मांग भी काफी लंबे समय से चल रही थी, इसके संबंध में बार एसोसिएशन के साथ अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारियों ने भेंट कर नए भवन हेतु जमीन की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर कुल साढ़े पांच हजार से ज्यादा लोग कार्यरत हैं। इसलिए सभी की समस्याओं को समझते हुए पांच बीघा जमीन बार एसोसिएशन देहरादून को देने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इस जमीन पर 1500 चैम्बर, एक ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी, कैंटीन, पार्किंग से भरपूर नौ मंजिला भवन का निर्माण करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस भवन निर्माण के लिए हर संभव सहयोग दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नकल विरोधी कानून के अलावा धर्मांतरण कानून, दंगा रोधी आदि कानूनों को लागू किया है। इनके लागू हो जाने से आज देश भर में उत्तराखंड की पहचान एक अनुशासित और अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस रखने वाले राज्य के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में 09 नवम्बर 2024 से पहले समान नागरिक संहिता लागू की जायेगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, विधायक श्री खजान दास, श्री विनोद चमोली, श्री उमेश शर्मा काऊ, श्रीमती सविता कपूर, जिला जज श्री प्रेम सिंह खिमाल, बार एसोसिएशन देहरादून के अध्यक्ष श्री राजीव शर्मा, सचिव श्री राजवीर सिंह बिष्ट और अधिवक्तागण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रसून जोशी तथा फिल्म अभिनेता श्री अनुपम खेर ने भेट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रसून जोशी तथा फिल्म अभिनेता श्री अनुपम खेर ने भेट की उन्होने प्रदेश में फिल्म निर्माण एवं फिल्मांकन से सम्बधित विभिन्न विषयों तथा प्रदेश में फिल्म निर्माण हेतु राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है विभिन्न सुविधाओं पर चर्चा की। उन्होने राज्य की नई फिल्म नीति 2024 को फिल्मों को बढावा देने वाला प्रयास बताते हुए राज्य की फ़िल्म नीति के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्क़र सिंह धामी का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति से उत्तराखण्ड में फ़िल्मांकन के लिए और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में 2024 की फिल्म नीति को मंजूरी दिये जाने के बाद राज्य के पर्यटन स्थलों को देश दुनिया में नई पहचान मिलेगी। नई फिल्म नीति के तहत स्थानीय फिल्मों के लिए दो करोड रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। फिल्मांकन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है ताकि फिल्म निर्माताओं को सुविधा हो। फिल्मों और ओटीटी की शूटिंग पर भी सब्सिडी दी जा रही है। सरकार द्वारा फिल्म उद्योग को उत्साहित करने के लिए कई अन्य योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे कलाकार अपनी प्रतिभा के बल पर फिल्म जगत में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सके इसके भी प्रयास किए जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार फ़िल्म निर्माण से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। फ़िल्म निर्माण से राज्य में प्रत्यक्ष रोज़गार की नयी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा साथ ही राज्य के पर्यटन को नयी मज़बूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि नए शूटिंग डेस्टिनशनों को भी पर्यटन विभाग के सहयोग से चिन्हित कर उनको भी शूटिंग के लिए प्रचारित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे फिल्मों के माध्यम से उत्तराखंड के अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों का भी प्रचार हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी 2024 से अभी तक उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद के ऑनलाइन अनुमति सिंगल विंडो सिस्टम के द्वारा मात्र 8 महीनों में 150 से भी अधिक शूटिंग अनुमतियों प्रदान की गई है। उन्होने कहा की राज्य के संरक्षित वन क्षेत्र को छोड़कर उत्तराखण्ड सरकार के अधीन आने वाले विभाग फ़िल्म शूटिंग के लिए कोई शुल्क नहीं लेंगे ऐसा फ़िल्म पालिसी में प्रावधान किया गया है। फ़िल्म पालिसी में उत्तराखंड के अनछुए शूटिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने का भी प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड फ़िल्म नीति 2024 में प्रादेशिक भाषा की फ़िल्मों के लिए फ़िल्म प्रोडक्शन पर प्रदेश में किए गये हुए व्यय का 50 प्रतिशत तक सब्सिडी या अधिकतम 2 करोड़ तक, और हिन्दी और भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में आने वाली भाषाओं के लिये फ़िल्म प्रोडक्शन पर प्रदेश में किए गये हुए व्यय का 30 प्रतिशत या अधिकतम 3 करोड़ तक के अनुदान प्राविधान किया गया है।
अभिनेता अनुपम खेर ने उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद द्वारा सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सरल शूटिंग अनुमति की प्रक्रिया को सराहते हुए, शूटिंग के लिए प्रदेश को संपूर्ण रूप से फ़िल्मकारों के लिए एक फ़िल्म फ्रेंडली डेस्टिनशन बताया। उन्होंने यहाँ फ़िल्म शूटिंग करना बाक़ी प्रदेशों की तुलना में बहुत ही सरल बताया, और स्थानीय लोगो द्वारा की गई सहायता को भी सराहा। उन्होंने नई फिल्म नीति को फ़िल्म निर्माताओं के अनुकूल बताया। फिल्म अभिनेता श्री खेर ने कहा कि उत्तराखण्ड में पिछले कुछ समय से फ़िल्म और वेब सीरीज शूटिंग में तेज़ी आयी है। अभी हाल ही “अनुपम खेर स्टूडियो” की फ़िल्म “तन्वी द ग्रेट” की शूटिंग भी उनके द्वारा लैंसडौन में कि गई जो 36 दिनों में पूर्ण की गई।
इस अवसर उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के सीईओ एवं महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी भी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
हिमालय संरक्षण के लिए गठित होगी विशेष कमेटी सीएम पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हिमालय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय के सरोकारों से जुड़े विषयों के लिए महानिदेशक यूकॉस्ट श्री दुर्गेश पंत के संयोजन में एक कमेटी बनाई जायेगी। इस अवसर पर उन्होंने यूकॉस्ट द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्य स्तरीय पांचवें देहरादून, अन्तरराष्ट्रीय साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी फैस्टिवल के पोस्टर का विमोचन किया। यह महोत्सव 06 जनपदों देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, बागेश्वर और पिथौरागढ स्थित इंजिनियरिंग कॉलेजों में किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान सभी को हिमालय दिवस की शुभकामनाएं दी और हिमालय के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रहे लोगों का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य में हर वर्ष 02 सितम्बर को बुग्याल संरक्षण दिवस मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है। देहरादून में भी इस वर्ष तापमान में काफी वृद्धि हुई। अगर तापमान इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले समय के लिए चिंताजनक है। हमें हिमालय, जल और जंगल के संरक्षण की दिशा में मिलकर प्रयास करने हैं, सोचना होगा कि अपनी आने वाली पीढ़ी को विरासत में क्या देकर जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने तमाम आपदाएं देशदुनिया मे देखी हैं। इस बार भी हमारे प्रदेश में कई जगह आपदा आई। पिछले साल हमने आपदाओं पर वल्र्ड कांग्रेस का आयोजन भी किया। 29 नवंबर 2023 को यह आयोजन हुआ था और उसी दिन सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। उन्होंने कहा कि जब 17 दिन तक रेस्क्यू चल रहा था तो बहुत बार लगता था कि आज ब्रेक थ्रू होगा लेकिन कुछ न कुछ अड़चन आती रही। दुनिया भर की तकनीक उस समय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग से हमें मिली और आखिरकार हम सभी को सकुशल बाहर निकालने में सफल रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय दिवस का यह आयोजन केवल एक सप्ताह का कार्य नहीं होना चाहिए बल्कि प्रत्येक दिन हमें प्रकृति को बचाने का कार्य करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय के महत्व को हमें नई तरह से समझने की जरूरत है। जल स्रोतों और नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में सरकार द्वारा निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। इसके लिए सिं्प्रग एण्ड रिवर रिज्यूवनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है। हिमालय के संरक्षण के लिए अनेक कार्य किये जा सकते हैं। हिमालय हमारी अमूल्य धरोहर है, जिसे बचाने की आवश्यकता है। उत्तराखंड पहला राज्य है जहाँ जी.ई.पी की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इकोलॉजी व इकॉनमी में संतुलन बनाकर विकास के कार्य किये जा रहे हैं। सरकार पौधरोपण, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है, लेकिन इन सब में जनसहभागिता की जरूरत है, तभी हम इन प्रयासों में सफल हो पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में भी उन्होंने हिमालय के लिए अलग से योजना बनाये जाने की बात उठायी है। उत्तराखंड की जनसंख्या सवा करोड़ है और व्यवस्था हर साल लगभग 10 करोड़ लोगों के लिए करनी पड़ती है। उत्तराखण्ड के लिए योजना बनाते समय राज्य में आने वाली फ्लोटिंग पोपुलेशन को ध्यान में रखकर योजना बनाने के लिए नीति आयोग की बैठक में अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा हमने सस्टेनेबल टूरिज्म की बात की है, जिसे लेकर योजनाएं बनाई जा रही हैं।
हेस्को के संस्थापक और पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरी गंभीरता से हिमालय एवं इसके संरक्षण के लिए कई नई पहल की हैं। नीति आयोग की बैठक में भी मुख्यमंत्री ने संपूर्ण हिमालय की समस्या को गंभीरता से उठाया। हिमालय से जुड़े मुद्दों को राजनीतिक क्षेत्र में भी ले जाना होगा। देश के कई बड़े संस्थान हिमालय के संरक्षण एवं इस क्षेत्र में अध्ययन का कार्य कर रहे हैं। इन सभी संस्थाओं को एक मंच पर लाकर हिमालय विकास पत्र पर कार्य होना चाहिए। हिमालय की भूमिका संपूर्ण देश के लिए महत्त्वपूर्ण है। हिमालय के संरक्षण के लिए विकास वैज्ञानिकों के अनुसंधान के अनुरूप होना चाहिए।
विधायक श्री किशोर उपाध्याय ने कहा कि मध्य हिमालय के लिए विकास का मॉडल बनना जरूरी है। आज जिस तेजी से ग्लेशियर पिघल रहे हैं, यह चिंता का विषय है। हिमालय के संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हमने हिमालयन यूनिटी नाम से एक संस्था बनाई। तब यह तय हुआ कि 9 सितंबर को हिमालय दिवस मनायेंगे।
महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो दुर्गेश पंत ने कहा कि 02 सितम्बर से 09 सितम्बर तक हिमालय सप्ताह के रूप प्रदेशभर में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय संस्थानों और प्रदेश के अनेक संस्थानों में कार्यक्रमों के आयोजन कर हिमालय के संरक्षण और संवर्द्धन संबंधी अनेक विषयों पर विचार विमर्श किया गया।
इस अवसर पर विधायक श्रीमती सविता कपूर, विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, पद्मश्री श्री कल्याण सिंह रावत, प्रमुख वन संरक्षक डा. धनंजय मोहन, इसरो देहरादून के निदेशक आर.पी. सिंह, आई.आई.पी के निदेशक हरेन्द्र बिष्ट एवं विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने पुलिस मुख्यालय से संचालित महिला सुरक्षा हेल्पलाईन और पुलिस द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए। कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने और शांति भंग करने वाले अराजक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि महिला अपराधों से जुड़ी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जरूरतमंद लोगों को पुलिस की सहायता तत्काल मिले।
मुख्यमंत्री ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि डेमोग्रेफी चेंज, धर्मान्तरण, लव जिहाद के प्रकरणों पर यथाशीघ्र कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य का शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा सघन अभियान चलाया जाए तथा आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों पर नियमित निगरानी रखी जाए। मुख्यमंत्री ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि उन्होंने जिन थानों से नौकरी की शुरूआत की है, उन थानों का स्थलीय निरीक्षण करें, आवश्यकतानुसार संबंधित थानों को सुदृढ़ बनाने की दिशा में भी वे सहयोगी बनें।
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाए एवं प्रदेश में आनेजाने वालों पर निगरानी रखी जाए। अपराधों को कम करने की दिशा में लगातार कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि महिला अपराधों को रोकने के लिए और उन्हें जल्द न्याय दिलाने के लिए वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाए। अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अधिकारियों को आपस में समन्वय बनाने, सूचनाओं के त्वरित आदानप्रदान, इंटेलीजेंस व्यवस्था को और मजबूत बनाये जाने और रात्रि पेट्रोलिंग की नियमित व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये। जिन क्षेत्रों में आपराधिक गतिविधियां बढ़ी हैं, ऐसे क्षेत्रों की सतत निगरानी करते हुए गश्त बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कार्मिकों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाए। साइबर अपराध एवं तकनीक आधारित अन्य प्रशिक्षण समयसमय पर पुलिस कर्मियों को दिये जाएं।
इस अवसर पर डीजीपी श्री अभिनव कुमार, एडीजी श्री अमित कुमार सिन्हा, श्री वी. मुरूगेशन, श्री ए.पी. अंशुमान, आईजी श्रीमती विम्मी सचदेवा, श्री नीलेश आंनंद भरणे, श्री के. एस. नगन्याल, अपर सचिव गृह श्रीमती निवेदिता कुकरेती, डीआईजी श्री सेंथिल अबुदई एवं एस.एस.पी देहरादून श्री अजय सिंह उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअली पिथौरागढ में आयोजित हिलजात्रा महोत्सव को सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री ने किया हिलजात्रा महोत्सव को वर्चुअली सम्बोधित ।
हिलजात्रा महोत्सव के आयोजन हेतु की 05 लाख की घोषणा।
भगवान मोस्ट मानु मंदिर के सौन्दर्यीकरण के लिये भी स्वीकृत की 98 लाख की धनराशि।
आस्था विश्वास और समृद्ध परम्पराओं का प्रतीक है ऐतिहासिक हिलजात्रा मुख्यमंत्री।
मुख्यमंत्री ने युवापीढी से किया अपनी संस्कृति और परम्पराओं को आगे बढाने का आह्वान।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअली पिथौरागढ में आयोजित हिलजात्रा महोत्सव को सम्बोधित किया। उन्होंने सभी को हिलजात्रा पर्व की शुभकामनाएँ देते हुए कामना की कि जिस प्रकार हर घर में माँ गौरा और भगवान महेश्वर की पारंपरिक पूजा के साथ सातूआठू पर्व से हिलजात्रा की धारा प्रवाहित होती है उसी प्रकार सबके जीवन में भी सुख, समृद्धि और शांति की धारा निरंतर प्रवाहित होती रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हिलजात्रा महोत्सव के आयोजन हेतु 5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने, भगवान् मोस्टामानू मंदिर के सौन्दर्गीकरण के लिए 98 लाख रुपए स्वीकृत करने, चैतोल मेला परिसर, श्री गोलज्यू मंदिर के सौन्दर्गीकरण हेतु धनराशि की स्वीकृति प्रदान करने तथा कुमौड़ में हिलजात्रा मेला स्थल के सौन्दर्याकरण का कार्य कराने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारीे पिथौरागढ़ को जी.जी.आई.सी. के समीप निर्माण की जाने वाली पार्किंग का ‘‘स्ट्रक्चरल सेफ्टी’’ का जल्द से जल्द अपने स्तर पर परीक्षण करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोरघाटी की ये ऐतिहासिक हिलजात्रा हमारी आस्था, विश्वास और समृद्ध परंपराओं का प्रतीक है। यह यात्रा केवल एक धार्मिक या पारंपरिक आयोजन ही नहीं बल्कि हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। हिलजात्रा न केवल हमारे पूर्वजों की महान परंपराओं, आदर्शों और बहादुरी का स्मरण कराती है बल्कि कृषि और पशुपालन से जुड़े हमारे ग्रामीण जीवन की विशेषताओं को भी दर्शाती है। हिलजात्रा की यह परंपरा हमें हमारी मिट्टी, खेतों, सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का अनूठा माध्यम है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।
उन्होंने कहा कि 500 वर्षों से भी अधिक समय से मनाए जा रहे इस पर्व ने पिथौरागढ़ को एक विशिष्ट पहचान दी है और भगवान् शिव के गण लखिया भूत के आगमन ने हमें सदैव सुख, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्रदान किया है। इस पर्व के माध्यम से हम अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हो रहा है। भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, और उज्जैन में महाकाल लोक जैसी परियोजनाएं पूरी हुई है। साथ ही केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का पुनर्निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री जी ने स्वयं पिथौरागढ क्षेत्र की यात्रा कर आदि कैलाश यात्रा को भी विश्व भर में प्रसिद्धि दिलाने का कार्य किया है।
प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे पारंपरिक पर्व, मेले, और त्योहार आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित और संरक्षित रहें। इसके लिए हमारी सरकार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से निरंतर सहयोग कर रही है। पारंपरिक और पौराणिक मेलों के मूल स्वरूप को यथावत रखने के लिए हर वर्ष आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हिलजात्रा जैसे पर्वों के माध्यम से हमें हमारी युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और परंपराओं से परिचित कराने का अवसर मिलता है। उन्होंने युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि वे अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करें और उन्हें आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्धारित प्रशासनिक व्यस्तताओं के चलते वे व्यक्तिगत रूप से इस आयोजन में शामिल नहीं हो पाये लेकिन उन्हें इस बात का संतोष भी है कि तकनीक के माध्यम से आप सभी के साथ वर्चुअल रूप से जुड़कर वे इस अद्भुद उत्सव का साक्षी बन पा रहे हैं।
इस महोत्सव में विधायक डीडीहाट श्री बिशन सिंह चुफाल, विधायक पिथौरागढ मयूख सिंह मेहर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दीपिका बोरा, राज्य स्तरीय लघु सिंचाई सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री गणेश भण्डारी, पूर्व विधायक श्रीमती चन्द्रा पंत, भाजपा जिलाध्यक्ष पिथौरागढ श्री गिरीश जोशी, निवर्तमान अध्यक्ष नगर पालिका पिथौरागढ श्री राजेन्द्र सिंह रावत, शिव सिंह विष्ट सहित बडी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को बलवीर रोड स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी के ’संगठन पर्व, सदस्यता अभियान 2024’ के तहत प्रदेश भाजपा के प्रथम सदस्य के रूप में सदस्यता ग्रहण की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को बलवीर रोड स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी के ’संगठन पर्व, सदस्यता अभियान 2024’ के तहत प्रदेश भाजपा के प्रथम सदस्य के रूप में सदस्यता ग्रहण की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कृषि और उद्यान विभाग की समीक्षा की।
किसानों को कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए राज्य और जनपद स्तर पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाएं सीएम
सभी ग्राम पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक योजना से जोड़ा जाए।
राज्य में पॉलीहाउस के निर्माण में लाई जाए तेजी ।
राज्य में प्राकृतिक खेती को दिया जाए बढ़ावा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में कृषि और उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में किसानों की आर्थिकी को और तेजी से बढ़ाने की दिशा में प्रभावी प्रयास किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ एक पैकेज के रूप में मिले। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ किसानों को मिले इसके लिए राज्य और जनपद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि पॉलीहाउस के निर्माण में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए पॉलीहाउस योजना सहायक सिद्ध होगी, इनके निर्माण में लेटलतीफी करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक साल के लिए निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से राज्य में पॉलीहाउस का निर्माण किया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि यंत्रीकरण योजना से किसानों को लाभान्वित किया जाए। इस योजना के तहत अनेक कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। फार्म मशीनरी बैंक योजना से किसानों को तेजी से जोड़ने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक योजना से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मिलेट को बढ़ावा देने के लिये और कारगर प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये कृषि क्षेत्र बढ़ाने के साथ उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक साल का एक्शन प्लान बनाया जाए। उत्पादों की वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य में प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में एप्पल और कीवी मिशन के तहत तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि सेब के उत्पादन में वृद्धि के साथ ही पैकेजिंग और मार्केटिंग की दिशा में भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सेब और कीवी उत्पादन में वृद्धि राज्य में किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने में गैम चेंजर साबित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ऐरोमा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं है। ऐरोमैटिक सेक्टर किसानों की आय बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को ऐरोमैटिक खेती के लिए अधिक से अधिक प्रेरित किया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी गई कि महिलाओं की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए अभी तक 28 महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी योजना से जोड़ गया है, इस वर्ष इस योजना से 280 महिलाओं को जोड़ा जायेगा। स्टैट मिलेट मिशन नीति के तहत वर्तमान में 01 हजार महिलाओं के समूह गठित किये गये हैं, 2025 तक इन समूहों की संख्या 03 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 05 हजार महिला कृषकों को स्वरोजगार के लिए जैविक खेती प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। चाय उत्पादन और संगंध कृषि एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा रही है।
आमजन के जीवन को सुगम बनाने के लिए कृषि और उद्यान के क्षेत्र में ई सुविधा की दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में अनेक नवाचार किये जा रहे हैं। राज्य में ‘तिमरू द उत्तराखण्ड’ परफ्यूम लॉच किया गया है जिसकी प्रधानमंत्री ने भी सराहना की। राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि इौर औद्यानिकी का वार्षिक कलेण्डर भी जारी किया गया है। 2027 तक राज्य में 23342 पॉलीहाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 8500 पॉलीहाउस बनाये गये हैं।
बैठक में कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री एस.एन. पाण्डेय, अपर सचिव श्री रणवीर सिंह चैहान, श्री आनंद स्वरूप, सुश्री दीप्ति सिंह, निदेशक सगंध पौध केन्द्र श्री नृपेन्द्र चैहान एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चैक स्थित आई. आर. डी. सभागार में आयोजित जागर लोक संस्कृति उत्सव में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने किया जागर लोक संस्कृति उत्सव में प्रतिभाग।
‘‘उत्तराखण्ड का लोक पुत्र प्रीतम भरतवाण’’ पुस्तक का किया विमोचन।
आयोजन को बताया राज्य की प्राचीन समृद्ध लोक संस्कृति का उत्सव।
पदमश्री प्रीतम भरतवाण को बताया उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति का एम्बेसडर।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सर्वे चैक स्थित आई. आर. डी. सभागार में आयोजित जागर लोक संस्कृति उत्सव में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री सचिदानन्द सेमवाल द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘उत्तराखण्ड का लोक पुत्र प्रीतम भरतवाण’’ का विमोचन करते हुए उन्हें उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति का ब्राण्ड एम्बेसडर बताया। उन्होंने कहा कि पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने देवभूमि की पवित्र लोकपरम्पराओं एवं लोक संस्कृति को विश्व में पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने ऐसे आयोजनों को राज्य की प्राचीन समृद्ध लोक संस्कृति का उत्सव बताते हुए कहा कि जागर को उत्तराखण्ड की संस्कृति में देवताओं के आह्वान का भी माध्यम माना गया है।
मुख्यमंत्री ने जागर एकेडमी के माध्यम से युवाओं को इस विधा से जोडने के लिये प्रीतम भरतवाण के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जागर एवं ढोल वादन हमारी सांस्कृतिक पहचान है। यह हमें अपनी विरासत की गहराई से जोडती है। अपनी लोक संस्कृति की इस समृद्ध विधा को युवा पीढी के साथ पीढी दर पीढी आगे बढाने के प्रयासों से हमारे युवा इस परम्परा को आगे बढाने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य की लोककला, लोक संस्कृति की समृद्धि के लिये निरन्तर प्रयासरत है। नवोदित व उदीयमान प्रतिभावान साहित्यकारों को भी सम्मान दिये जाने की परम्परा शुरू की गई है। लोक कलाकारों की सूची तैयार कर उन्हें प्रोत्साहित कर सहायता प्रदान की जा रही है। कोरोना काल में 3200 लोक कलाकारों को पैकेज के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान करने का कार्य किया गया है। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोक कलाकारों को 03 हजार रू0 मासिक पेंशन दी जा रही है। पौराणिक मेलों को उनके मूल स्वरूप में स्थापित करने के लिये भी मदद दी जा रही है। कलाकारों को बेहतर मंच मिले इसके भी प्रयास किये जा रहे है। जागर गायन शैली एवं प्राचीन परम्परागत लोक कला व लोक संस्कृति को गुरू शिष्य परम्परा के माध्यम से पहचान दिलाने एवं लोक कला व लोक संस्कृति से जुडी लिपियों को प्रकाशित करने तथा आर्ट गैलरी के माध्यम से उन्हें संरक्षित करने का भी कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने पुस्तक के लेखक श्री सच्चिदानंद सेमवाल के प्रयासों की भी सराहना करते हुए कहा कि उनका यह प्रयास प्रीतम भरतवाण के सदप्रयासों को जनजन तक पहुंचाने में मददगार होगा। मुख्यमंत्री ने सभी से अपनी लोक संस्कृति को सहेजने तथा इसे भावी पीढी तक पहुंचाने में समर्पित भाव से कार्य करने की भी अपेक्षा की।
कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने प्रीतम भरतवाण को जागर संस्कृति का प्रतीक तथा लोक संस्कृति का संवाहक बताते हुए विश्व में लोक संस्कृति को पहचान दिलाने वाला बताया, कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रीतम भरतवाण ने जागर एवं ढोल संस्कृति को विश्व तक पहुंचाने का कार्य किया। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी ने उनके प्रयासों को युवा पीढी को अपनी संस्कृति से जोडने का माध्यम बताया। पूर्व डीजीपी श्री अनिल रतूडी तथा साहित्यकार श्री सोमवारी लाल उनियाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। पुस्तक के लेखक श्री सच्चिदानंद सेमवाल ने पुस्तक की विषय वस्तु की जानकारी दी। पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने मुख्यमंत्री सहित कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य लोगों का आभार व्यकत किया।
इस अवसर पर बडी संख्या में लोक संस्कृति एवं साहित्य से जुडे गणमान्य लोग उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी गोलीकांड की 30 वीं बरसी के अवसर पर मसूरी के शहीद स्मारक पहुँचकर शहीद आंदोलनकारियों को नमन किया एवं उनकी प्रतिमा पर श्रद्धाजंलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी गोलीकांड की 30 वीं बरसी के अवसर पर मसूरी के शहीद स्मारक पहुँचकर शहीद आंदोलनकारियों को नमन किया एवं उनकी प्रतिमा पर श्रद्धाजंलि अर्पित की। इस अवसर पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू किये जाने पर राज्य आंदोलनकारियों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी जान की परवाह किये बिना अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि शहीद आंदोलनकारियों ने जो सपने उत्तराखंड के लिए देखे थे, उन्हें पूरा करने का कार्य राज्य सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि 1 सितंबर को खटीमा कांड, 2 सितंबर को मसूरी और 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहा कांड हुआ, ये तीनों दिन हमारे राज्य के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने अमर शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को कभी भूला नहीं सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे आंदोलन को बर्बरतापूर्ण कुचलने का काम तत्कालीन सरकार ने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद आंदोलनकारियों का सपना था कि एक ऐसा उत्तराखंड बने, जहां सबको समान अधिकार मिले। इसी लक्ष्य को लेकर राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल में जारी नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड ने नंबर एक स्थान प्राप्त किया है। राज्य में विकास के साथ पर्यावरण संतुलन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में जी.ई.पी की शुरूआत की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। आने वाले दस वर्षों में उत्तराखंड अपने विकास और उन्नति के चरम पर होगा। इसके लिए इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय के साथ कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू की है एवं पेंशन दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलन में हमारी नारी शक्ति की बड़ी भूमिका रही है। इसी के दृष्टिगत राज्य सरकार ने महिलाओं को राज्य की सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। 100 से ज्यादा नकल माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाने का कार्य किया गया। इसके अलावा राज्य में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़ा कानून लाने के साथ ही दंगा रोधी कानून भी राज्य में लागू किया गया है। राज्य में डेमोग्राफी चेंज न हो, इसके लिए लैंड जिहाद पर कठोर कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 16 हजार से ज्यादा नियुक्तियां विगत 3 वर्षों में सरकारी विभागों में की गई है। उन्होंने कहा कि अभी एक ही दिन में राज्य पीसीएस परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट और 2024 का प्री का रिजल्ट जारी किया गया। इस परीक्षा में अधिकांश अभ्यर्थी उत्तराखण्ड के चयनित हुए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी के शहीद स्मारक में बलिदानियों के स्मरण में संग्रहालय बनाया जायेगा। हमारे राज्य आन्दोलनकारियों के बारे में भावी पीढ़ी को जानकारी होना जरूरी है।
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने मसूरी में स्वं इन्द्रमणि बडोनी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्वांजलि भी दी।
कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि 1 सितंबर को खटीमा गोलीकांड के बाद मसूरी में लोगों में भारी आक्रोश था। जिसको लेकर 2 सितंबर को आंदोलनकारी खटीमा गोली कांड के विरोध में शांतिपूर्वक तरीके से एक सितंबर को उधमसिंह नगर खटीमा में हुए गोलीकांड के विरोध में क्रमिक अनशन कर रहे थे। इस दौरान तत्कालीन सरकार के निर्देश पर पीएसी व पुलिस ने आंदोलनकारियों पर बिना पूर्व चेतावनी के अकारण ही गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। जिसमें आंदोलनकारी बलबीर सिंह नेगी, धनपत सिंह, राय सिंह बंगारी, मदनमोहन ममगाईं, बेलमती चैहान और हंसा धनाई शहीद हो गए। उन्होंने कहा अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड को अलग राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, मसूरी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष श्री मनमोहन सिंह मल्ल, श्री ओपी उनियाल, श्री भगवान सिंह धनई एवं राज्य आन्दोलनकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में शासन के उच्चाधिकारियों एवं बीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिदेशक सहित आयुक्तों, उपपुलिस महानिरीक्षको, जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ प्रदेश की कानून व्यवस्था की गहनता से समीक्षा की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में शासन के उच्चाधिकारियों एवं बीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिदेशक सहित आयुक्तों, उपपुलिस महानिरीक्षको, जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ प्रदेश की कानून व्यवस्था की गहनता से समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुश्त, दुरूस्त बनाने तथा अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के सख्त निर्देश दिये। प्रदेश में ज्वेलरी दुकानों पर डकैती सहित अन्य अपराधों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिये अधिकारियों का आपसी समन्वय बनाने, सूचनाओं के त्वरित संप्रेषण, इंटेलिजेंश व्यवस्था को प्रभावी बनाये जाने, रात्रि पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने पर ध्यान देने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को किसी भी आपराधिक घटना को ससमय ब्रिफिंग किये जाने के निर्देश देते हुए इसकी जानकारी सूचना महानिदेशक को भी अविलम्ब उपलब्ध कराये जाने को कहा, ताकि घटनाओं की वास्तविक स्थिति मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचे। उन्होंने मीडिया से निरन्तर समन्वय बनाये रखने को कहा। उन्होंने महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर नियंत्रण के लिये गौरा शक्ति एप को और अधिक सक्रिय बनाये जाने पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण, लव जिहाद आदि मामलों में कानून होने के बावजूद इस पर रोक न लगना चिन्ता का विषय है, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने प्रदेश में अपराध कहां बढ रहे हैं और क्यों बढ रहे हैं इस पर भी चिन्तन की जरूरत बताई। डेमोग्राफिक चेंज की समस्या के समाधान के लिये भी संबंधित सभी एजेंसियों के मध्य समन्वय पर ध्यान देने के निर्देश भी उन्होंने दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड बाहरी प्रदेशों के अपराधियों की शरणगाह न बनें इसके लिये सीमावर्ती क्षेत्रों में निरन्तर सघन चेकिंग अभियान संचालित किया जाय। अपराधियों के मन में पुलिस का भय तथा आमजन का पुलिस के प्रति भरोंसा बढे यह सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने किरायेदारों तथा बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन पर भी ध्यान देने के निर्देश देते हुए मदरसों व अन्य शिक्षण संस्थाओं में पढ रहे बच्चे राज्य के नागरिक कैसे बनाये जा रहे हैं, इस पर भी ध्यान देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में हुए ज्वैलरी दुकान डकैती के प्रकरण में एसपी सिटी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस प्रकरण में जो भी जिम्मेदार होगा उसके विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने उत्तराखण्ड को 2025 तक नशा मुक्त प्रदेश बनाने के लिये भी प्रयासरत रहने तथा सामुदायिक पुलिसिंग पर ध्यान देने पर बल दिया। प्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण के लिये क्या बेहतर किया जा सकता है इस पर भी चिन्तन किये जाने की जरूरत मुख्यमंत्री ने बतायी। शिकायतों के त्वरित निस्तारण तथा अधीनस्थों के साथ अधिकारियों का सरल व्यवहार व क्षेत्रवाद की भावना से दूर रहने पर भी उन्होंने बल दिया। साइबर क्राईम पर प्रभावी रोकथाम के लिये जन जागरूकता व प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी, प्रमुख सचिव श्री आर.के.सुधांशू, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, ए.डी.जी. ए.पी.अंशुमन, आई.जी. के.एस. नगन्याल, विशेष सचिव श्री पराग मधुकर धकाते, श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव श्रीमती निवेदिता कुकरेती, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिदेशक श्री अभिनव कुमार सहित आयुक्त कुमांऊ व सभी जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आदि मौजूद थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को बहुउद्देशीय क्रीडा भवन, परेड ग्राउंड देहरादून में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सभी को खेल दिवस की शुभकामना दी तथा हॉकी के जादूगर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को बहुउद्देशीय क्रीडा भवन, परेड ग्राउंड देहरादून में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सभी को खेल दिवस की शुभकामना दी तथा हॉकी के जादूगर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पेरिस ओलंपिक 2024 में प्रतिभाग करने वाले उत्तराखंड के 4 खिलाड़ियों ( लक्ष्य सेन, परमजीत सिंह, सूरज पंवार, अंकिता ध्यानी ) को 50 50 लाख की धनराशि के चेक प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर उत्तराखंड में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेल की वेबसाइट का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम में राज्य के खिलाड़ियों को एक ही स्थान पर अपना पंजीकरण करने एवं उपलब्धियां दर्ज करने के उद्देश्य से न्ज्ञैत्ै पोर्टल भी लाचं किया गया है। उन्होंने उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के 3900 ( 1950 बालक एवं 1950 बालिकाएं) खिलाड़ियों को डी.बी.टी के माध्यम से कुल 58 लाख 50 हज़ार रूपये की छात्रवृत्ति वितरित की। मुख्यमंत्री ने 269 राष्ट्रीय, 58 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों एवं 65 प्रशिक्षको, इस प्रकार कुल 392 लोगों को डी.बी.टी के माध्यम से 7 करोड़ 4 लाख की पुरस्कार धनराशि का भी वितरण किया।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान घोषणा की कि महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कॉलेज, देहरादून के छात्रों हेतु खेल गतिविधियों से जुड़ी स्नातक कक्षाओं को भी प्रारंभ किया जाएगा। जिसे निर्माणाधीन खेल विश्वविद्यालय के साथ जोड़ा जायेगा। मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत चयनित 2600 खिलाडियों में से 10 प्रतिशत खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर चयनित कर विशेष प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था की जायेगी। भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा संचालित टारगेट ओलम्पिक पोडियम योजना की भांति राज्य सरकार द्वारा भी टारगेट इंटरनेशनल पोडियम योजना संचालित की जायेगी। जिससे कि उत्तराखण्ड राज्य के खिलाड़ियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक अर्जित करने में सहायता प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद का खेल के क्षेत्र में दिया गया योगदान प्रेरणादायी है। पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियो एवं पैरा ओलंपिक में प्रतिभाग करने जा रहे सभी खिलाड़ियों को भी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा उत्तराखंड के जिन खिलाडियों ने पेरिस ओलंपिक तक का सफर तय किया है, यह अभी इन खिलाडियों की शुरूवात है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश भर में खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु हर स्तर पर अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। देश के हर खिलाड़ी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री निरंतर उनसे संवाद करते हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में खेल के लिए मजबूत आधार तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नई खेल नीति लागू की गई है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरियों में प्रमोशन देने की शुरुआत की गई है। इसके तहत 31 खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में नियुक्ति प्रदान की है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में खेल विश्वविद्यालय बनाने के लिए विधेयक भी पास कर दिया गया है। राज्य में खेल विश्वविद्यालय बनने से हमारे खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण, सुविधायें एवं अवसर प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री खेल विकास निधि की स्थापना की है। जिसमें पूर्व निर्धारित धनराशि में 100 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के लिए खेल किट खरीदने हेतु दी जाने वाली धनराशि को 3 हजार से बढ़ाकर 5 हजार किया गया है। राज्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। राज्य में उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार एवं हिमालय खेल रत्न पुरस्कार भी प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार ने खेल कोटे को फिर से लागू कर दिया है। खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के साथ खेल अवस्थापनाओं को भी मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मौजूद विभिन्न खेल मैदानों को राष्ट्रीय स्तर के मैदानों के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य के लिए हर्ष का विषय है कि प्रदेश को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करना राज्य के लिए बड़ा अवसर है।
खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने राष्ट्रीय खेल दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित है। उन्होंने पहले के समय में चुनौतियों का सामना करते हुए पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन किया। आज अभिभावक अपने बच्चों को खेल के क्षेत्र में भी आगे बढ़ा रहे हैं। जब मेहनत और जुनून की पराकाष्ठा पार हो तब परिणाम जादूगरी में ही दिखते हैं। उन्होंने कहा खिलाड़ी की उपाधि आसान नही है। खिलाड़ी असंभव कार्य को संभव करके दिखाता है। मुख्यमंत्री श्री धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा खेल के क्षेत्र में ऐतिहासिक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
खेल मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत खिलाड़ियों के चयन एवं उनके लिए संसाधनों हेतु आर्थिक सहयता प्रदान की जा रही है। राज्य में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। सरकार द्वारा स्पोट्र्स डेवलपमेंट फंड की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही खेल सामग्री का वितरण भी किया जाएगा। 38वें राष्ट्रीय खेल की मेजबानी उत्तराखंड राज्य को मिली है, जिसके लिए सारी तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, विशेष प्रमुख सचिव खेल श्री अमित सिन्हा, निदेशक खेल श्री जितेंद्र सोनकर एवं खेल जगत से जुड़ प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट के डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट के डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वयं प्लास्टिक की बोतल को बार कोड से स्कैन कर डिजिटल पेमेंट प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक की खपत को कम करने एवं अधिक से अधिक प्लास्टिक को रिसाइकल कर, उसे इस्तेमाल में लाने के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम को धरातल में उतारने के लिए समन्वय से कार्य किये जाएं। यह पहल चार धाम यात्रा एवं अन्य पर्यटन स्थलो में भी कूड़े की खपत को कम करते हुए स्वच्छता का वातावरण बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक की समस्या संपूर्ण विश्व के लिए चुनौती बन गई है। धार्मिक और पर्यटन स्थलों में प्लास्टिक की बड़ी समस्या के तौर पर सामने आती है। इसके समाधान हेतु राज्य सरकार ठोस कदम उठा रही है। राज्य में स्वच्छता का वातावरण बनाते हुए क्लीन उत्तराखंड, ग्रीन उत्तराखंड पर सरकार विशेष फोकस कर रही है। राज्य की प्राकृतिक संपदा हम सभी के जीवन का अभिन्न अंग है, इसको सुरक्षित रखना भी हम सभी की सामुहिक जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल डिपोजिट रिफन्ड सिस्टम को 2 साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उत्तराखंड में लाया गया था। जिसके सफल संचालन के लिए उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा नदियां, जंगल, पहाड़ राज्य की धरोहर और पहचान है। प्लास्टिक हमारी इन धरोहरों को खतरे में डाल रही है। जिसके निस्तारण के लिए राज्य सरकार विज्ञान एवं आधुनिक तकनीक के प्रयोग से कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। जिससे भारत में स्वच्छता के क्षेत्र में नई क्रांति का संचार हुआ था। नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की स्वच्छता के लिए अनेक कार्य हो रहे हैं।
इस अवसर पर जानकारी दी गई कि डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के माध्यम से पहाड़ी क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण सरल हो जाएगा। डी.डी.आर.एस के तहत प्लास्टिक बोतल/प्लास्टिक पदार्थों का उत्पादन करने वाली ईकाईयों द्वारा ’क्यूआर कोड सिस्टम’ जनित किया जायेगा, जिससे उपभोगताओं द्वारा प्लास्टिक पैकेजिंग में भण्डारित पदार्थों का प्रयोग करने के पश्चात् प्लास्टिक अपशिष्ट को नज़दीकी डी.डी.आर.एस सेंटर को वापस किया जायेगा व बार कोड स्कैन करने के पश्चात् उपभोगता को प्रत्येक प्लास्टिक अपशिष्ट पर एक निश्चित धनराशि वापस की जायेगी। डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के लागू होने से प्लास्टिक कचरे को सरकुलर इकोनॉमी में वापस लाया जा सकेगा, जिससे संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन, विशेष सचिव/मेंबर सेक्रेटरी, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव युगल किशोर पंत, श्री आलोक कुमार पाण्डेय, एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड से चयनित 72 असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्ति पत्र प्रदान किये।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड से चयनित 72 असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी विषय में चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर को आज नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के मेधावी छात्रों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन.आई.आर.एफ) इंस्टीट्यूट में 50 हजार रुपये की धनराशि प्रदान किये जाने के लिए पोर्टल का शुभारंभ भी किया।
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी अस्टिंट प्रोफेसर को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षार्थियों के भविष्य निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आपके पास हमारे युवाओं का भविष्य निर्माण करने की अहम जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इन नव चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर का यह पहला पड़ाव है। अब आपके पास अपने कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन से बच्चों के भविष्य को संवारने की महत्वपूर्ण चुनौती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी इस चुनौती को साकार रूप देकर राज्य सरकार के विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने में अपना योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि नव चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर अपने कार्य स्थल पर नवाचार का प्रयोग करेंगे। समाज की कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएंगे, शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का प्रयोग और रोजगारपरक शिक्षा के साथ बच्चों को अच्छे संस्कार भी देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदार की भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। राज्य सराकर इस दिशा में आगे बढ़ रही है। राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए तैयारी अंतिम चरण में। पिछले तीन सालों में जनहित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। पिछले तीन सालों में 16 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति प्रदान की गई है। शेष रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून और दंगा रोधी कानून लागू किया गया है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान मिला है। यह राज्य के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा पिछले तीन सालों में लिए गये अनेक फैसलों को मॉडल के रूप में पहचान मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा मानवीय संसाधनों को तराशने का आधार है। युवा कर्णधारों को सही दिशा देने में उच्च शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षार्थियों को अच्छी शिक्षा के साथ समाज और देश के प्रति जिम्मेदार बनाने में भी शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को उद्यमिता और स्टार्टअप के प्रति भी प्रोत्साहित किया जाए। राज्य सरकार द्वारा उद्यमिता और स्टार्टअप को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इस तरह तैयार करना है कि वे सिर्फ रोजगार पाने वाले ही न बनें, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने वाले बनें। इसके लिए राज्य में देवभूमि उद्यमिता योजना भी शुरू की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति2020 को राज्य में लागू किया गया है। शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्तापूर्वक और प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों और विश्व विद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण, तकनीक के विस्तार के सभी क्षेत्रों में कार्य किये जा रहे हैं। 20 मॉडल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है। मेधावी छात्रछात्राओं को प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जा रही है। शोध को बढ़ावा देने के लिए शोद्यार्थियों को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। गौरव योजना के तहत राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्रों को बैंकिंग एवं वित्तीय त्रिस्तरीय प्रशिक्षण तथा 05 हजार छात्रों के प्लेसमेंट का भी लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, श्री खजान दास, श्रीमती सविता कपूर, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति प्रो. देवेन्द्र भसीन, सचिव उच्च शिक्षा श्री शैलेश बगोली, अपर सचिव श्री आशीष श्रीवास्तव एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा गैरसैंण (भराड़ीसैंण) स्थित मुख्यमंत्री आवास परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत वृक्षारोपण किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा गैरसैंण (भराड़ीसैंण) स्थित मुख्यमंत्री आवास परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपनी माताजी श्रीमती बिशना देवी के नाम देवदार का पौधा लगाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत प्रदेश भर में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया गया। हरेला पर्व से 15 अगस्त तक संपूर्ण प्रदेश में वृक्षारोपण का वृहद अभियान चलाया गया। जिसमें विभिन्न विभागों के साथ जन सहयोग भी लिया गया।
विधानसभा गैरसैंण (भराड़ीसैंण) के प्रभारी श्री शेखर पंत ने विधानसभा परिसर में 04 हजार फलदार पौधे लगाए हैं, पर्यावरण संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उनका आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर विधायक श्री अनिल नौटियाल, श्री मदन सिंह बिष्ट, श्री हरीश धामी, श्री आदेश चैहान, श्री मनोज तिवारी, विधानसभा भराड़ीसैंण के प्रभारी श्री शेखर पंत मौजूद थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा निदेशालय, ननूरखेड़ा, देहरादून में अमर उजाला द्वारा आयोजित ‘मेधावी छात्र सम्मान’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को शिक्षा निदेशालय, ननूरखेड़ा, देहरादून में अमर उजाला द्वारा आयोजित ‘मेधावी छात्र सम्मान’ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए प्रदेश भर से आए 10वीं एवं 12वीं परीक्षा में उत्तीर्ण 108 मेधावी छात्र छात्राओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा कि की राज्य के 2871 विद्यालयों में मिड डे मील योजना के तहत बनने वाले भोजन हेतु इन विद्यालयों में दो गैस सिलेण्डर और एक चूल्हा, राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। इस पर लगभग 2 करोड़ 15 लाख का व्यय आयेगा।
मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी मेधावी विद्यार्थी भविष्य के कर्णधार हैं, जो आने वाले समय में विभिन्न क्षेत्रों में जाकर अपनी सर्वाेच्च सेवाएं देंगे। मेधावी छात्र सम्मान जैसे कार्यक्रम छात्रों को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा देश एवं राज्य का भविष्य हमारे युवाओं, विद्यार्थियों के हाथों में है। मेधावी विद्यार्थियों ने प्रतिभा से अपने परिजनों, विद्यालय, शिक्षकों एवं सरकार को भी गौरवान्वित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मान के साथ ही सभी विद्यार्थियों ने अपने जीवन में नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा विद्यार्थियों की सफलता के पीछे उनके परिजनों के साथ ही गांव, जिले, राज्य की भावनाएं और उम्मीदें जुड़ गई हैं। अब परिजनों के साथ ही अपने स्कूल, जिले और राज्य का नाम रोशन करना मेधावी विद्यार्थियों का कर्तव्य और संकल्प होना चाहिए। छात्र छात्रों की सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बननी चाहिए। उन्होंने कहा सम्मानित होने वाले कई विद्यार्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि एवं विषम भौगोलिक परिस्थितियों से आते हैं, जो कि उनकी मेहनत और लगन का दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को राज्य में लागू किया गया है। देश का सामाजिक और आर्थिक विकास उसकी शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली और उच्च शिक्षा को नए आयाम मिलेंगे, कौशल विकास से युवाओं को कार्यकुशल बनाया जाएगा। बच्चों को रोजगार परख शिक्षा के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी। शोध और अनुसंधान को भी प्रोत्साहन मिलेगा और वैज्ञानिक सोच का विकास होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा, हमारे जीवन का आधार है और हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है कि सभी विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा का अवसर मिले। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छात्रों को उनके शैक्षिक और व्यक्तिगत विकास के लिए हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं को सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया है। स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण, स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना, कंप्यूटर लैब और विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण कर बच्चों को बेहतर इंफ्रास्टक्चर देने का प्रयास किया है। साथ ही शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है छात्रों के लिए विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएँ चलाई जा रही है। उन्होंने कहा राज्य सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के संकल्प को पूर्ण करने हेतु प्रतिबद्ध है। सर्वश्रेष्ठ राज्य का सपना छात्रछात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने से ही पूर्ण होगा।
शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि विद्यार्थियो को बेहतर से बेहतर शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। छठवीं से 12वीं कक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रछात्राओं को छात्रवृत्ति देने का प्रावधान राज्य सरकार द्वारा किया गया है। आगामी सत्र से प्रत्येक ब्लॉक से दो टॉपर छात्र छात्राओं को भारत दर्शन के लिए ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा बच्चो को किताबें, कपड़े के साथ ही नोटबुक फ्री देने का प्रावधान भी किया गया है। राज्य के किसी भी विद्यालय में शिक्षकों की कमी नहीं होने दी जाएगी।
शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि 3000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने का कार्य गतिमान है। एल.टी के 1500 शिक्षकों को आगामी महीनो में नियुक्तियां दे दी जाएंगी। उन्होंने कहा राज्य सरकार द्वारा स्कूलों एवं महाविद्यालय में आने वाली समस्याओं को निरंतर दूर किया जा रहा है। स्कूलों में ई लर्निंग, डिजिटल एवं स्मार्ट क्लास बनाई जाएंगी, जिसके लिए स्वीकृति प्रदान हो चुकी है।
इस अवसर पर शिक्षा महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी भी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से गैरसैंण (भराड़ीसैंण) स्थित मुख्यमंत्री आवास में जनपद चमोली के विभिन्न पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधियों, वरिष्ठ पत्रकारों के शिष्टमंडल ने शिष्टाचार भेंट की।
भराड़ीसैंण में माँ भराड़ी देवी का बनेगा भव्य मंदिर
गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में बनेगा पत्रकारों के लिए रेस्टहाउस, मुख्यमंत्री ने की घोषणा
गैरसैंण को योग, ध्यान, अध्यात्म के केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा मुख्यमंत्री
सालभर गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में आयोजित होंगे प्रशिक्षण कार्यक्रम, सचिव स्तर के अधिकारी को दी जाएगी ज़िम्मेदारी
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से गुरुवार को गैरसैंण (भराड़ीसैंण) स्थित मुख्यमंत्री आवास में जनपद चमोली के विभिन्न पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधियों, वरिष्ठ पत्रकारों के शिष्टमंडल ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से विभिन्न विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री धामी ने पत्रकारों की माँग पर गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में पत्रकारों के लिये रेस्टहाउस बनाए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने महानिदेशक सूचना को निर्देशित किया कि इस संबंध में तत्काल कार्ययोजना तैयार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सचिव संस्कृति एवं धर्मस्व श्री हरिचन्द्र सेमवाल को निर्देश दिए कि गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में माँ भराड़ी देवी का भव्य मंदिर बनाया जाए एवं इसके लिए स्थानीय जनता एवं हितधारक तीर्थ पुरोहितों के सुझाव लिए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि गैरसैंण का सर्वांगीण विकास हो इसके लिए गैरसैंण (भराड़ीसैंण) भवन में सालभर विभिन्न प्रशिक्षण, वर्कशॉप, सेमिनार कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में सालभर चलने वाले कार्यक्रमों हेतु सचिव स्तर के अधिकारी को यह ज़िम्मेदारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षभर संचालित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मज़बूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण को योग, ध्यान, अध्यात्म के केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भराड़ीसैंण में पुलिस आवास का निर्माण कार्य गतिमान है।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, चमोली जिला प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री देवेन्द्र रावत, वरिष्ठ पत्रकार श्री क्रांति भट्ट, श्री रजपाल बिष्ट, श्री दिनेश थपलियाल श्री जगदीश पोखरियाल उपस्थित रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा गैरसैंण ( भराड़ीसैंण) में विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती रितु खंडूड़ी भूषण से शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को विधानसभा गैरसैंण ( भराड़ीसैंण) में विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती रितु खंडूड़ी भूषण से शिष्टाचार भेंट की।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा गैरसैंण ( भराड़ीसैंण) में नेता प्रतिपक्ष श्री यशपाल आर्य से शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को विधानसभा गैरसैंण ( भराड़ीसैंण) में नेता प्रतिपक्ष श्री यशपाल आर्य से शिष्टाचार भेंट की।
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ब्रह्मकुमारी बहनों ने विधानसभा गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा और उनकी दीर्घायु की कामना की।
ब्रह्मकुमारी बहनों ने बुधवार को विधानसभा गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा और उनकी दीर्घायु की कामना की। इस अवसार पर उन्होंने मुख्यमंत्री को लक्ष्मी नारायण का चित्र भी भेंट किया।
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मुख्यमंत्री ने किया तीन दिवसीय “नन्दा देवी लोकजात मेले” का शुभारंभ।
मुख्यमंत्री ने किया तीन दिवसीय “नन्दा देवी लोकजात मेले” का शुभारंभ।
मुख्यमंत्री ने चमोली जनपद के लिए की विभिन्न घोषणाएं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को चमोली स्थित कुरुड़ पहुंचकर तीन दिवसीय नन्दा देवी लोकजात मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने मां नंदा के दर्शन कर पूजा अर्चना की एवं प्रदेश के सुख समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न घोषणा भी की। मुख्यमंत्री घोषणा में नंदानगर, नारायणबगड़ और देवाल में खेल मैदान निर्माण, प्राणमती नदी के दोनों तटों पर सुरक्षा कार्य, थराली के ढाडरबगड़ में बाढ़ सुरक्षा कार्य शामिल हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नंदा देवी लोकजात मेले को राजकीय मेला घोषित करने, नंदानगर चिकित्सालय को उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत करने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में स्थानीय जनता को संबोधित करते हुए कहा कि पारंपरिक मेले हमें हमारी संस्कृति के साथ अपनी जड़ों से जोड़ने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के पौराणिक मेलों को संरक्षण करते हुए नए आयामों को जोड़कर भव्यता प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए विकास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में युवाओं के भविष्य को देखते हुए पारदर्शी भर्ती परीक्षाओं के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जहां एक ओर नकल विरोधी कानून बनाकर नकल पर प्रभावी रोक लगाई है, वहीं राज्य में भर्ती परीक्षाओं में नकल करवाने वाले 100 से अधिक दोषियों को जेल भेजने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कार्य प्रणाली का प्रतिफल है कि अब तक 16 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में सतत विकास का कार्य भी तीव्र गति से हो रहा है। जिसके कारण उत्तराखण्ड देश में सतत विकास में पहले पायदान पर खड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के निर्देशन में बद्रीनाथ और केदारनाथ का विकास किया जा रहा है।
इस अवसर पर थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, मंदिर समिति अध्यक्ष सुखबीर रौतेला, राकेश गौड़, मेला समिति अध्यक्ष रेखा देवी, प्रकाश गौड़, कृपाल सिंह, प्रमुख भारती फस्र्वाण, जिला पंचायत सदस्त नंदिता रावत, हरेंद्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह समेत बड़ी संख्या में स्थानीय जानता उपस्थित रही।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में पेरिस ओलिंपिक में प्रतिभाग कर लौटे खिलाड़ियों अंकिता ध्यानी, परमजीत सिंह एवं सूरज पंवार ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में पेरिस ओलिंपिक में प्रतिभाग कर लौटे खिलाड़ियों अंकिता ध्यानी, परमजीत सिंह एवं सूरज पंवार ने भेंट की।
मुख्यमंत्री ने पेरिस ओलंपिक में प्रतिभाग पर तीनों खिलाड़ियों को बधाई देते हुए उन्हें सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। सूरज पंवार ने 42 किमी रेस वॉक मिक्स्ड रिले, परमजीत सिंह ने 20 किमी रेस वॉक एवं अंकिता ध्यानी ने 5000 मीटर में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने तीनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे आगे आने वाली प्रतियोगिताओं में पूरे समर्पण से अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और प्रदेश की जनता उनके साथ है।
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मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से अगस्त्यमुनि में आयोजित रक्षाबंधन एवं जन मिलन कार्यक्रम को किया संबोधित।
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से अगस्त्यमुनि में आयोजित रक्षाबंधन एवं जन मिलन कार्यक्रम को किया संबोधित।
रक्षाबंधन की सभी बहनों को दी शुभकामना। मातृशक्ति से शीघ्र ही रुद्रप्रयाग पहुंचने का किया वादा।
रूद्रप्रयाग को दी कई योजनाओं की सौगात।
मौसम खराब होने के चलते मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी अगस्त्यमुनि रुद्रप्रयाग में आयोजित रक्षाबंधन एवं जनमिलन कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्मय से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी बहनों को रक्षा बन्धन की शुभकामनायें दी तथा शीघ्र रुद्रप्रयाग पहुंचने का वादा कार्यक्रम में शामिल मातृशक्ति से किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद को आठ घोषणाओं की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने अगस्त्यमुनि नगर पंचायत को नगर पालिका बनाने, जनपद में तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भणज में आईटीआई खोलने, तुंगनाथ महोत्सव मक्कू को जिला स्तरीय मेला घोषित किये जाने, मयाली बसुकेदार गुप्तकाशी मोटर मार्ग का चैड़ीकरणहॉटमिक्स किये जाने, गुप्तकाशी पीएचसी को उच्चीकृत कर सीएचसी बनाये जाने, महर्षि अगस्त्यमुनि मंदिर का सौंदर्यीकरण किये जाने, यात्रा मार्ग पर घोड़े एवं खच्चरों की अचानक मृत्यु होने पर दाह किए जाने एवं दफनाने की व्यवस्था बनाये जाने के साथ ही विजयनगर पठालीधार मार्ग के हिस्से का पुननिर्माण किये जान हेतु 05 करोड़ की स्वीकृति प्रदान किये जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। विभिन्न जनकल्याणकारी एवं महिला सशक्तिकरण आधारित योजनाओं से हमारा प्रयास महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो रही है। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं, स्वयं को, परिवार एवं राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं । राज्य सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड के प्रत्येक जनपद में मातृशक्ति सबसे आगे हैं। स्वयं सहायता समूह के उत्पाद, मल्टीनेशनल कंपनी के उत्पादों को भी पीछे छोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के अंतर्गत महिलाओं के द्वारा निर्मित उत्पादों को बेचने के लिए उचित बाजार उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में ’हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड’ का शुभारंभ किया गया है। इस ब्रांड के उत्पादों की तेजी से मांग हो रही है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ धाम में दूसरी चरण की यात्रा को लेकर पूरी व्यवस्थाएं चाक चैबंद की जा रही है। यात्रा को और सुगम एवं सुव्यस्थित बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। केदारघाटी आपदा के बाद फिर से पुराने स्वरूप में आये और केदारनाथ की यात्रा फिर से अच्छी तरह से संचालित हो तथा इसमें कोई व्यवधान न हो इसके लिये प्रभावी प्रयास किये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह से कपाट बन्द होने तक चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाईन की व्यवस्था पूर्व की भांति चलती रहेगी एवं जो तीर्थ यात्री उत्तराखण्ड में चारों धामों के दर्शन के लिए ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पायेंगे, उन्हें मौके पर ही रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था उपलब्ध करायी जायेगी। इसमें किसी भी प्रकार की संख्या की बाध्यता नहीं रहेगी। इसके लिए ऑफलाईन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जायेगी। यह व्यवस्था हरिद्वार, ऋषिकेश एवं इसके अतिरिक्त गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ के मुख्य पड़ावों पर भी की जायेगी। चारधाम यात्रा के दौरान बैरिकेडिंग एवं चैकिंग की व्यवस्था की समीक्षा कर उसे न्यूनतम किया जायेगा। इस वर्ष की यात्रा पूर्ण होते ही अगले वर्ष की यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी। जल्द यात्रा प्राधिकरण के माध्यम से यात्रा संचालन के प्रयास किये जायेंगे, इसके लिए तेजी से कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ या किसी दूसरे धाम के नाम पर कहीं भी देश में दूसरा मंदिर नहीं बनेगा। कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर यह निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारखण्ड के सभी मंदिरों का विकास किया जा रहा है। पर्यटन को बढावा देने के लिये 05 करोड तक की पर्यटन विकास से संबंधित योजनाओं पर 1.50 करोड की सब्सिडी दिये जाने का निर्णय भी राज्य मंत्रिमण्डल द्वारा लिया गया है इससे पर्वतीय क्षेत्रों में होटल, होमस्टे सहित अन्य पर्यटन योजनाओं के विकास में मदद मिलेगी तथा युवाओं के लिये स्वरोजगार के अवसर बढेंगे।
मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में अगस्त्यमुनि एवं रिजेंटा रिसोर्ट ऊखीमठ में मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चैधरी ने रक्षाबंधन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर स्थानीय ग्रामीण महिलाओं ने विधायक के हाथों में रक्षा सूत्र बांधकर मुख्यमंत्री को राखियाँ प्रेषित की।
विधायक भरत सिंह चैधरी ने भी उपस्थित सभी महिलाओं को रक्षाबंधन पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को कार्यक्रम में प्रतिभाग करना था, लेकिन पल पल बदल रहे खराब मौसम के कारण उनका पहुंचना संभव नहीं हो पाया। उन्होंने सभी महिलाओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि सभी बहनों की राखियाँ मुख्यमंत्री जी तक सुरक्षित पहुंचा दी जाएंगी। इस अवसर पर उन्होंने केदारनाथ की दिवंगत विधायक शैला रानी रावत के निधन को अपूरणीय क्षति बताया। साथ ही कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं केदारनाथ क्षेत्र के विकास को लेकर संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में प्रदेश के मुख्यमंत्री केदारनाथ क्षेत्र में आकर स्थानीय महिलाओं एवं ग्रामीणों से रूबरू होंगे।
इस अवसर पर दायित्वधारी चंडी प्रसाद भट्ट, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी, भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, जिलाध्यक्ष महावीर सिंह पंवार, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, महिला मोर्चा अध्यक्ष आशा नौटियाल ने भी महिलाओं को रक्षा बंधन की शुभकामनाएं दी एवं सरकार द्वारा महिलाओं के हित चलाई जा रही योजनाओं तथा सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, एसएसपी लोकेंद्र सिंह, मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती सहित बडी संख्या में महिलायें एवं क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को रक्षाबंधन के पावन पर्व पर पर संत महात्माओं ने रक्षा सूत्र बांधकर उनके दीर्घायु की कामना की है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को रक्षाबंधन के पावन पर्व पर पर संत महात्माओं ने रक्षा सूत्र बांधकर उनके दीर्घायु की कामना की है। मुख्यमंत्री ने संत महात्माओें का स्वागत कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। रक्षाबंधन के अवसर पर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष स्वामी रवीन्द्र पुरी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतना नन्द महाराज तथा महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरी महाराज ने मुख्यमंत्री से भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री को रक्षा सूत्र बांधकर उनके दीर्घायु तथा मंगलमय भविष्य की कामना की। संत समाज का मुख्यमंत्री ने आभार भी व्यक्त किया।
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मुख्यमंत्री ने रक्षाबंधन के अवसर पर देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध बग्वाल मेले में किया प्रतिभाग।
मुख्यमंत्री ने रक्षाबंधन के अवसर पर देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध बग्वाल मेले में किया प्रतिभाग।
विश्व प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने मुख्यमंत्री।
चार खाम सात थोक के बीच फलों फूलों से खेले जाने वाला पाषाण युद्ध 11 मिनट तक चला।
बग्वाल मेला हमारी लोक संस्कृति, आस्था और परंपराओं का संगम है मुख्यमंत्री।
पीढ़ी दर पीढ़ी लोक संस्कृति और परम्पराओं को आगे बढ़ाना हम सभी का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को रक्षाबंधन के अवसर पर चंपावत जिले के देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले बगवाल मेले में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने माँ वाराही मंदिर में घंटी चढ़ाई तथा राज्य की खुशहाली एवं तरक्की की कामना की। मुख्यमंत्री, मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच फलों फूलों से खेले जाने वाले विश्व प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने। इस वर्ष पाषाण युद्ध करीब 11 मिनट तक चला।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि रीठा में रतिया नदी में बाढ़ सुरक्षा का निर्माण कार्य एवं वैकल्पिक एप्रोच रोड का निर्माण कार्य किया जायेगा एवं मानसखण्ड कॉरीडोर के अन्तर्गत वाराही मंदिर के छूटे हुये अवस्थापना कार्यों क सम्मिलित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलो का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए सभी देवीदेवताओं को नमन किया। उन्होंने कहा देवीधुरा के ऐतिहासिक और रमणीक क्षेत्र में आकर स्वयं को अभिभूत महसूस कर रहा हूं। बग्वाल मेला हमारी लोक संस्कृति, आस्था और परंपराओं का संगम है। यह मेला हमारी संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के साथ ही हमारी संस्कृति का भी संवर्धन करता है। उन्होंने कहा पुरानी परंपराओं को निभाने और आगे बढ़ाने की ऊर्जा आने वाली पीढ़ी को मिलते रहनी चाहिए। पीढ़ी दर पीढ़ी लोक संस्कृति को आगे बढ़ाना हम सभी का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि देवभूमि के कणकण में देवताओं का वास है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के साथ ही पौराणिक स्थलों का भी संवर्धन कर रही है। मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों का सौंदर्यीकरण हो रहा है। देवीधुरा भी इस मिशन का महत्वपूर्ण भाग है। उन्होंने कहा चार धामों के साथ ही मानसखंड में मंदिरो को भी रोपवे से जोड़ने का कार्य जारी है। माँ पूर्णागिरि धाम को रोपवे से जोड़ा जा रहा है। मानसखंड यात्रा के तहत विशेष ट्रेन भी चलवाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में मंदिर के संवर्धन के साथ ही कृषि, दुग्ध उत्पादन, शिक्षा, बागवानी, जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर कार्य कर रही है। चंपावत महाविद्यालय को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कैंपस के रूप विकसित किया जा रहा है। चंपावत मुख्यालय में एआरटीओ का उप कार्यालय खोला गया है। चंपावत को आदर्श जिला बनाने के साथ ही उत्तराखंड को एक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने पर राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
इस दौरान मुख्यमंत्री जी द्वारा लोक कलाकार गिरीश बरगली द्वारा तैयार “जय मां वाराही“ वीडियो को लांच किया।
इस अवसर पर श्री धामी द्वारा हेलीपेड के निकट जीआईसी परिसर देवीधुरा में पौधा रोपण किया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योति राय, विधायक श्री खुशाल सिंह अधिकारी, विधायक राम सिंह कैड़ा, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री निर्मल महरा, पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र सिंह पाल, उपाध्यक्ष सेतु श्री राजशेखर जोशी, बाराही मंदिर समिति संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया , अध्यक्ष श्री मोहन सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से रविवार को मुख्यमंत्री आवास में बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने भेंट की।
मुख्यमंत्री ने पेरिस ओलंपिक में शानदार खेल के प्रदर्शन के लिए लक्ष्य सेन को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उत्तराखंड के बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन पेरिस ओलंपिक पुरुष सिंगल्स बैडमिंटन में कांस्य पदक मैच तक पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने लक्ष्य सेन को आगामी प्रतियोगिताओं के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आगामी खेलों में पूरे समर्पण से अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करें। राज्य सरकार और प्रदेश की जनता आपके साथ है। उन्होंने कहा कि जब किसी कार्य के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति होती है, तो उस कार्य में सफलता अवश्य मिलती है।
इस अवसर पर लक्ष्य सेन की माताजी श्रीमती निर्मला सेन एवं पिताजी श्री के.डी सेन तथा उत्तराखंड बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव श्री बी.एस मनकोटी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को रक्षा बन्धन की बधाई
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर जारी अपने संदश में मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार भाईबहन के एकदूसरे के प्रति स्नेह, विश्वास और कत्र्तव्य का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध, सांस्कृतिक परम्पराओं से जुड़े इस पर्व का ऐतिहासिक महत्व भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षा बन्धन का पर्व सामाजिक सद्भाव के साथ ही महिलाओं के प्रति आदर एवं सुरक्षा की भावना को भी सुदृढ़ बनाता है। रक्षा बन्धन का पर्व महिलाओं के सम्मान से जुड़ा पर्व भी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है एवं उनके कल्याण के लिए कई योजनाएं एवं कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति हमारा प्रयास निरन्तर जारी है। महिलाओं को सशक्त किए बिना हम एक समृद्ध उत्तराखण्ड की कल्पना पूरी नहीं कर सकते। उन्होंने प्रदेशवासियों से महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी प्रगति के लिए एक आदर्श समाज के निर्माण में सहयोगी बनने की भी अपेक्षा की।
मुख्यमत्री ने कहा कि आज हर क्षेत्र में हमारी मातृशक्ति का प्रतिनिधित्व बढ़ा है। उत्तराखण्ड के विकास में मातृशक्ति की भी अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि रक्षा बन्धन के अवसर पर प्रदेश की महिलाओं को प्रदेश के अन्दर उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा भी प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राजकीय महाविद्यालय अमोड़ी, चम्पावत में रक्षाबन्धन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹3916.85 लाख रूपए की 26 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राजकीय महाविद्यालय अमोड़ी, चम्पावत में रक्षाबन्धन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹3916.85 लाख रूपए की 26 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें ₹ 2510.95 लाख की 13 योजनाओं का लोकार्पण एवं ₹ 1465.90 लाख की 13 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने मुख्यमंत्री की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा तथा उनके दीर्घायु की कामना की।
इस दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कई घोषणाएं कि जिसमें बेलखेत क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा का कार्य किए जाने, राजकीय महाविद्यालय अमोड़ी की सुरक्षा हेतु बाढ़ सुरक्षा के लिए कार्य किए जाने, बेलखेत में झूला पुल का निर्माण किया जाने, चम्पावत में निर्माणाधीन स्टेडियम का नाम स्व० श्री कैलाश गहतोड़ी के नाम पर रखें जाने एवं भारतीय सेना के शहीद कमांडो नवीन सिंह बिष्ट के नाम से ग्राम पंचायत दुधौली के खरकोडी मार्ग को किए जाने की घोषणा शामिल है।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत महिला लाभार्थियों को चेक वितरण किए एवं जिला खनन न्यास निधि से पशुपालन विभाग को उपलब्ध कराई गई एक एंबुलेंस तथा पुलिस विभाग को आपदा प्रबंधन अंतर्गत उपलब्ध कराई गई तीन मोटरसाइकिलों को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया। मुख्यमंत्री ने जनपद में बेहतर कार्य कर रही महिलाओं को सम्मानित भी किया। उन्होंने जनपद की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा हस्त निर्मित पिरूल, ऐपण, सूत व अन्य स्थानीय उत्पादों से बनाई गई राखियों व अन्य निर्मित उत्पादों की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री ने सभी महिलाओं को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चंपावत उनका घर है एवं यहां का हर कोई उनका परिजन है। उन्होंने कहा वो हर स्थिति में अपने परिजनों एवं प्रदेशवासियों के साथ रहेंगे। माताओं एवं बहनों से मिले आशिर्वाद से वो स्वयं को ऊर्जावान एवं गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा रक्षाबंधन त्यौहार भाई बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, साथ ही रक्षाबंधन महिलाओं के सम्मान के साथसाथ पौराणिक एवं सांस्कृतिक महत्व का पर्व भी है। यह पर्व हमें अपने कर्तव्य, वचनों के प्रति भी बोध करवाता है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं के उत्थान पर राज्य सरकार निरंतर कार्य चल रही है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण पर पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य में डेढ़ लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाए जाने पर कार्य गतिमान है। विभिन्न जनकल्याणकारी एवं महिला सशक्तिकरण आधारित योजनाओं से हमारा प्रयास महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो रही है। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं, स्वयं को, परिवार एवं राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं । राज्य सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड के प्रत्येक जनपद में मातृशक्ति सबसे आगे हैं। स्वयं सहायता समूह के उत्पाद, मल्टीनेशनल कंपनी के उत्पादों को भी पीछे छोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के अंतर्गत महिलाओं के द्वारा निर्मित उत्पादों को बेचने के लिए उचित बाजार उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सर्वाधिक कार्य महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में हुए हैं। बेटियों के सपनों को पंख लगाने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का शुभारंभ किया गया। आज मातृशक्ति हर क्षेत्र में प्रतिनिधित्व कर देश का नाम विश्व पटल पर अंकित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेत में अनाज उगाने से लेकर अंतरिक्ष तक महिलाएं अपनी छाप छोड रही हैं। उन्होंने कहा चंपावत के साथ ही उत्तराखंड के विकास के लिए निरंतर बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। चंपावत को आदर्श जनपद बनाने हेतु विशेष परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा आदर्श चम्पावत का जो संकल्प लिया गया है उसमें प्राथमिकता के आधार पर कार्य जारी हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल मेहरा, ब्लॉक प्रमुख चंपावत रेखा देवी, लोहाघाट नेहा ढेक, पाटी सुमनलता, बाराकोट विनीता फत्र्याल, सदस्य जिला पंचायत क्षेत्र धूरा दीपा जोशी, ग्राम प्रधान अमोडी लाल मणि भट्ट, छटकोट विजय राणा, मण्डल भाजपा अध्यक्ष नवीन भट्ट, विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता सुंदर बोहरा, भाजपा महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
रक्षाबंधन समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सुमंगलम बैंकट हॉल बनबसा में मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के अंतर्गत कार्यक्रम में प्रतिभाग कर नारी शक्ति का अभिनंदन कर रक्षाबंधन के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
रक्षाबंधन समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सुमंगलम बैंकट हॉल बनबसा में मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के अंतर्गत कार्यक्रम में प्रतिभाग कर नारी शक्ति का अभिनंदन कर रक्षाबंधन के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर नारी शक्ति द्वारा मुख्यमंत्री को तिलक लगाकर, रक्षा धागा बांधकर अभिनंदन एवं स्वागत किया। मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा बनबसा भ्रमण के दौरान क्षेत्र के विकास के लिए 2 घोषणाएं की जिसमें बनबसा नगर पंचायत के अन्तर्गत अत्यन्त खराब मोटर मार्गों एवं नालियों का निर्माण कार्य किया जायेगा। बनबसा के ग्रामीण क्षेत्रों में आंतरिक 10 किमी. सड़कों का निर्माण किया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा हस्त निर्मित पिरूल, ऐपण, कढ़ाई, बुनाई, सूत व अन्य स्थानीय उत्पादों से बनाई गई राखियों व अन्य निर्मित उत्पादों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि हाउस आफ हिमालया के माध्यम से स्थानीय लोगों द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की मांग दुनिया भर में हो रही है। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति संकल्पित होकर अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही है और स्वरोजगार के साथ ही आत्मनिर्भर बन रही है यह अविश्वशनीय है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि महिलाओं को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उन्हें स्वरोजगार से जोड़कर प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश का विकास बिना मातृशक्ति के भागीदारी के संभव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं द्वारा जो भी उत्पाद उत्पादित किए जाते हैं व बनाए जाते हैं उन्हें बेहतर बाजार दिलाने के लिए सरकार प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही हैं, जिसके लिए ग्रोथ सेंटरों की स्थापना की गई है।
उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति के साथ ही पूरे प्रदेशवासियों के स्नेह, प्रेम एवं आशीर्वाद के कारण आज मुझे प्रदेश की सेवा करने की लिए ऊर्जा मिल रही है और सभी के सहयोग से ही आदर्श चंपावत के साथ ही आदर्श उत्तराखंड का निर्माण हो पाएगा।
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार, प्रदेश मंत्री भाजपा हेमा जोशी, जिला प्रभारी भाजपा विकास शर्मा, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, उप जिलाधिकारी आकाश जोशी, पूर्व विधायक नानकमत्ता प्रेम सिंह राणा, नोडल अधिकारी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय केदार सिंह बिष्ट, विभिन्न जनप्रतिनिधि, मातृ शक्ति, गणमान्य नागरिक,अधिकारी, कर्मचारी आदि मौजूद रहे।
आईआरडीटी सभागार सर्वे चैक में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने संकल्प फाउण्डेशन के सहयोग से 2024 की सिविल सेवा में चयनित प्रतिभागियों के अभिनन्दन समारोह में सिविल व वन सेवा के चयनित 22 प्रतिभागियों एवं उनके अभिभावकों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सिविल सेवा के लिए चयनित युवा अधिकारियों का आह्वान किया है कि इस सेवा से उनके जीवन की नई यात्रा शुरू हो रही है। पूरे समाज की भावना उनसे जुड़ी है। राष्ट्रवाद की विचार धारा को आगे बढ़ाने तथा प्रशासन तंत्र की मजबूती का उनका उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों के माध्यम से समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन लाना तथा उन्हें बेहतर भविष्य देना युवा अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
शनिवार को आईआरडीटी सभागार सर्वे चैक में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने संकल्प फाउण्डेशन के सहयोग से 2024 की सिविल सेवा में चयनित प्रतिभागियों के अभिनन्दन समारोह में सिविल व वन सेवा के चयनित 22 प्रतिभागियों एवं उनके अभिभावकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नये भारत के निर्माण की शुरूआत हो चुकी है। नया भारत कैसा होगा हमारे संस्थान व नीतियां क्या होगी इसमें उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है। देश के अमृतकाल को अमृत्व देने का कार्य भी युवा अधिकारियों के माध्यम से होना है। 21वीं सदी के नए प्रशासनिक सेवक बनकर व्यवस्था में बदलाव लाकर विकसित भारत बनाने में वे प्रमुख सारथी बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने युवा अधिकारियों से अच्छे प्रशासनिक अधिकारी बनकर देश की संस्कृति के सच्चे संरक्षक बनने की भी अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों का ईमानदारी तथा सत्यनिष्ठा के साथ निर्वहन करने में उनके अच्छे कार्यों की पहचान बनेगी तथा जीवन में सफलता की राह प्रशस्त होगी। उन्होंने युवा अधिकारियों का आह्वान किया कि सिविल सेवा के साथ आपने देश सेवा का संकल्प लिया है। युवा अधिकारियों के निर्णय समाज के सभी वर्गों के लिए लाभकारी हो इसके लिए कार्य संस्कृति में बदलाव लाने तथा मिशन कर्मयोगी बनकर 10 से 05 तक कार्य करने वाले कार्य संस्कृति में बदलाव लाने के प्रयास उन्हें करने होंगे। इस महान देश की सेवा का आपको अवसर मिला है। देश के समक्ष आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सहयोगी बनकर देश की आत्मा को भी सशक्त बनाने में युवा अधिकारियों को योगदान देना हेगा।
मुख्यमंत्री ने संकल्प परिवार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संकल्प में जुड़कर इस बार 686 युवा सिविल सेवा में चयनित हुए है। यह संकल्प के उत्कृष्ट मार्गदर्शन का प्रतिफल हैं।
पूर्व मुख्य सचिव श्री शत्रुघ्न सिंह ने सिविल सेवा के भावी अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि वे किसी भी गलत फहमी का शिकार न हो। उन्होंने कौटिल्य के अर्थशास्त्र, वैज्ञानिक आइंस्टीन तथा साहित्यकार श्री लाल शुक्ल के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि सिविल सर्विस धन अर्जित करने का माध्यम नही है। उन्हें अपना बेहतर देने का प्रयास करना चाहिए तथा विभिन्न विषयों की पढ़ाई का फलक बढ़ाने के साथ अपने आसपास के ज्ञान को ग्रहण करने पर भी ध्यान देने पर बल दिया।
संकल्प के न्यासी श्री संतोष पाठक ने कहा कि संकल्प संस्था कोई कोचिंग इंस्टीट्यूट नहीं है बल्कि बेहतर शिक्षा से वंचित क्षेत्र के लोगों की मदद करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि संकल्प गुरूकुल के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को सिविल सेवा की तैयारी में मदद की जा रही है। उन्होंने युवा अधिकारियो ंसे कहा कि समाज को आपसे बड़ी अपेक्षा रहती है। आपको अपने कार्य व्यवहार में उनकी अभिभाषा की पूर्ति करनी होगी।
इस अवसर पर चयनित सिविल सेवा के अधिकारी अंशुल भट्ट, रितिका, रोमी बिज्लवाण, संदीप सिंह ने भी अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम को आर.एस.एस. के उत्तराखण्ड प्रचारक डा शैलेन्द्र ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में इक्वफाई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राम किरन सिंह, कुलपति दून विश्वविद्यालय डॉ सुरेखा डंगवाल सहित बड़ी संख्या में शासन प्रशासन के अधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान के नेतृत्व मे क्षेत्रीय लोगों ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान के नेतृत्व मे क्षेत्रीय लोगों ने भेंट कर सरनोल सुतड़ी सरुताल बुग्याल क्षेत्र को पर्यटक स्थल घोषित करने तथा राजकीय इंटर कालेज सरनौल का नाम वीर बलिदानी श्रवण कुमार के नाम किए जाने से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा।
मुख्यमंत्री ने राजकीय इंटर कालेज सरनौल का नाम अमर शहीद वीर बलिदानी श्रवण कुमार के नाम पर रखे जाने तथा सुतडी सरुताल ट्रैक पर पर्यटन की अपार संभावना के दृष्टिगत इसे पर्यटक स्थल बनाए जाने के संबंध में आवश्यक कार्यावाही का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर जगमोहन सिंह राणा, बलवीर सिंह राणा, सरदार रावत ,तरवीन राणा, अवतार रावत , धनवीर रावत, राजेंद्र सेमवाल, जबर सिंह चैहान, सोबेंद्र सिंह चैहान, कमला जुड़ियाल आदि उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में चारधामों से आये तीर्थ पुराहितों, पदाधिकारियों, होटल एसोसिएशन, टूर ऑपरेटर, ट्रांसपोर्टस और व्यापार मण्डल के साथ बैठक की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में चारधामों से आये तीर्थ पुराहितों, पदाधिकारियों, होटल एसोसिएशन, टूर ऑपरेटर, ट्रांसपोर्टस और व्यापार मण्डल के साथ बैठक की। इस अवसर पर चारधाम यात्रा के सकुशल संचालन, श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुगम यात्रा और स्थानीय लोगों की आजीविका के सबंधित विषयों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में देशविदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए उत्तराखण्ड आते हैं। इस यात्रा का सकुशल संचालन हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। जिस तेजी से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, सरकार द्वारा इसको ध्यान में रखते हुए अवस्थापना सुविधाओं में विकास के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। चारधाम यात्रा से जुड़े हितधारकों ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री से यात्रा के सफल संचालन और अन्य पहलुओं के दृष्टिगत विभिन्न मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह से कपाट बन्द होने तक चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाईन की व्यवस्था पूर्व की भांति चलती रहेगी एवं जो तीर्थ यात्री उत्तराखण्ड में चारों धामों के दर्शन के लिए ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पायेंगे, उन्हें मौके पर ही रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था उपलब्ध करायी जायेगी। इसमें किसी भी प्रकार की संख्या की बाध्यता नहीं रहेगी। इसके लिए ऑफलाईन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जायेगी। यह व्यवस्था हरिद्वार, ऋषिकेश एवं इसके अतिरिक्त गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ के मुख्य पड़ावों पर भी की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान बैरिकेडिंग एवं चैकिंग की व्यवस्था की समीक्षा कर उसे न्यूनतम किया जायेगा एवं यात्रा को सुगम और सुचारू बनाने के लिए इसका सरलीकरण किया जायेगा। अन्य प्रदेशों से आने वाले प्राइवेट वाहनों पर ग्रीन कार्ड / ट्रिप कार्ड की अनिवार्यता की मांग पर उन्होंने परिवहन विभाग को इसका समाधान करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली चारधाम यात्रा के लिए तैयारी वर्तमान चारधाम यात्रा के समाप्त होते ही तत्काल प्रारम्भ कर दी जायेगी। सभी जनपदों के यात्रा से सम्बन्धित जिला अधिकारी अपनेअपने स्तर पर सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक एवं परामर्श करेंगे। इसके बाद उच्च स्तर पर परामर्श करने के उपरान्त अगली चारधाम यात्रा की तैयारियों के लिए रणनीति पूर्व में ही तैयार कर ली जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुनोत्री धाम में मास्टर प्लान के अन्तर्गत खरसाली से रोपवे के कार्य में तेजी लायी जायेगी। पालीगाढ़ से जानकीचट्टी तक चारधाम यात्रा मार्ग पर सड़कों के चैड़ीकरण के लिए मॉनीटरिंग कमेटी से क्लीयरेंस हो गयी है एवं शीघ्र ही इसका कार्य भी संपन्न किया जायेगा। वर्तमान में गंगोत्री एवं यमुनोत्री के लिए बन रहे मास्टर प्लान के कार्यों में तेजी लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि मदुरई से चलने वाली कार्तिकेय एक्सप्रेस की तर्ज पर गंगोत्री, यमुनोत्री, हनौल में महासू देवता का एक सर्किट बनाते हुए गंगायमुना एक्सप्रेस के नाम से एक स्पेशल ट्रेन संचालित की जायेगी। यमुनोत्री में जल्द हेली सेवा के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित यात्रा प्राधिकरण में चारधाम यात्रा के सुगम संचालन के लिए जो भी निर्णय लिये जायेंगे, वे सभी स्टेक होल्डर्स से व्यापक विचारविमर्श एवं आम सहमति के आधार पर ही लिये जायेंगे।
इस अवसर पर चाराधाम यात्रा से जुडे़ विभिन्न स्टेक होल्डर्स ने अपने सुझाव दिये। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी हितधारकों ने इस बैठक के लिए मुख्यमंत्री का अभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के बाद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने चारधाम से जुड़े विभिन्न विषयों पर इतने विस्तार से उनके साथ बैठक की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सुझावों पर विचार कर यात्रा का सकुशल संचालन किया जायेगा । उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर को निर्देश दिये कि 15 दिन अन्तराल में चारधाम यात्रा से जुड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाए।
पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा के सकुशल संचालन के लिए जो भी सुझाव प्राप्त हुए उन्हें ध्यान में रखते हुए कार्य किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि यात्रा के सफल संचालन के लिए सरकार को जितने अधिक फीडबैक मिलेंगे, व्यवस्थाओं में उतना अधिक सुधार होगा।
वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए सबको एकजुट होकर कार्य करना है। चारधाम यात्रा जिस तेजी से बढ़ रही है, भविष्य के लिए यात्रा को और सुगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार दीर्घकालिक योजना के साथ कार्य कर रही है।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्य तिथि पर मुख्यमंत्री आवास में उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्य तिथि पर मुख्यमंत्री आवास में उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षाबंधन के अवसर पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में ’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ एवं मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षाबंधन के अवसर पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में ’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ एवं मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चार जनपदों से आए प्रतिभागियों में से 10 सहायता समूह को रिवॉलिं्वग फण्ड के रूप में 2525 हजार रुपये, 10 समूह को सीआईएफ के रूप में 7575 हजार रुपये एवं सीसीएल के रूप 1 लाख 50 हजार रुपये की धनराशि के चेक प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं ने मुख्यमंत्री को रक्षा सूत्र बांधा तथा उनके दीर्घायु की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व हमें हमारे सामाजिक कर्तव्यों का भी बोध कराता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मातृशक्ति के उत्थान एवं कल्याण के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है प्रदेश के विकास में हर कदम पर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करें। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने लक्ष्य लिया है कि 2025 तक अपनी डेढ़ लाख बहनों को लखपति दीदी बनाएंगे और यह लक्ष्य जब हमने लिया था, तब लगता था यह बड़ा लक्ष्य है पर आप लोगों ने अपनी मेहनत और लगन से लक्ष्य को बहुत पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष 30 नवंबर से उन्होंने सभी जिलों में बहनों के बीच जाकर ’मातृशक्ति वंदन’ के कार्यक्रम किये। इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची और एक से बढ़कर एक उत्पाद हमारी बहनों द्वारा बनाये गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी श्री केदारनाथ में कहा था 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा, उसे पूरा करने में हमारी बहनों महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आज हमारी बहनें अपने सपनों को साकार कर रही हैं। वे अन्य बहनों को भी रोजगार प्रदान कर उन्हें भी सशक्त बना रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं का सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत है। 2022 में ’मुख्यमंत्री स्वयं सहायता समूह योजना’ के अंतर्गत 84 करोड़ रुपये से अधिक का सहयोग किया गया, ब्याज प्रतिपूर्ति के रूप में करीब 25 करोड़ की छूट प्रदान की गई, 67 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह में 5 लाख से अधिक महिलाओं को जोड़ा गया। 53 हजार से अधिक समूह को रिवॉलिं्वग फण्ड, 37 हजार से अधिक समूह को सामूहिक निवेश नीति भी दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला समूह द्वारा उत्पादों को बनाने के बाद उनकी पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए 24 ग्रोथ सेन्टर की स्थापना की गई है। 13 जनपदों में नैनो पैकेजिंग यूनिट व 17 सरस सेंटर संचालित किये जा रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर उत्तरा आउटलेट भी स्थापित किये गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल जब प्रधानमंत्री देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रतिभाग करने आए तो उन्होंने राज्य के ’हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड’ का शुभारंभ कराया गया। आज इस ब्रांड के उत्पादों की तेजी से मांग हो रही है। जल्द ही यहां एक सीईओ की नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने कहा उत्पादों की पैकेजिंग, और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से जनपदों में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों, कार्यशालाओं हेतु मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता सशक्तिकरण योजना अंतर्गत 2 करोड़ 30 लाख रुपये की धनराशि की स्वीकृति प्रदान करने। क्लस्टर स्तरीय संगठन के अंतर्गत महिलाओं की व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए 15 करोड़ 40 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान करने। लखपति दीदी बनाए जाने के उद्देश्य से जो रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर हैं आरबीआई के माध्यम से मार्केटिंग प्रोडक्ट, डेवलोपमेन्ट एंड क्वालिटी कंट्रोल सेन्टर हेतु अल्मोड़ा के हवालबाग व जनपद पौड़ी के कोटद्वार में स्थापित प्रत्येक सेंटर के लिए 25 लाख रुपये की धनराशि की स्वीकृति प्रदान करने। डिजिटल एमआईएस हेतु ईबुक कीपरों हेतु प्रथम चरण में 140 मॉडल क्लस्टर के 500 ईबुक कीपरों हेतु टैबलेट प्रदान करने के लिए 75 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान करने। राष्ट्रीय स्तर के राज्य में आयोजित होने वाले 2 सरस मेलों के लिए मैचिंग ग्रांट में प्रति मेला 11 लाख 12 हजार की स्वीकृति प्रदान करने की घोषणा की।
ग्राम्य विकास मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार मुहैया कराये जाने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 24 अगस्त, 2023 को रक्षाबन्धन त्योहार से ’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ का प्रारम्भ किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि योजना के अन्तर्गत महिलाओं द्वारा वर्तमान समय तक 95 ब्लॉकों में 1428 स्टाल लगाकर 318.98 लाख रू0 का विपणन किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से राज्य में मई, 2022 में लखपति दीदी पहल की शुरूआत की गयी। जिसमें 1.50 लाख दीदीयों को वर्ष 2025 तक लखपति दीदी के रूप में तैयार किया जायेगा। ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि अब तक 1.05 लाख महिलाओं को इस पहल के तहत लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयासों के परिणामस्वरूप राज्य में महिला सशक्तिकरण को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा रहा है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, विधायक श्री विनोद चमोली, श्रीमती सविता कपूर, श्री खजान दास, सचिव श्रीमती राधिका झा, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती आशा नौटियाल, भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती नेहा जोशी आदि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत चयनित 236 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत चयनित 236 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत प्रथम चरण की काउंसलिंग में 473 सहायक अध्यापकों का चयन किया गया है, शेष अभ्यर्थियों को संबंधित जनपदों से नियुक्ति दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खराब स्थिति वाले स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए आवश्यक धनराशि का प्रस्ताव शीघ्र भेजा जाए, इसके लिए जितनी धनराशि की आवश्यकता होगी दी जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य का मुख्य सेवक होने के नाते यह उनका सौभाग्य है कि जिन शिक्षकों के ऊपर राज्य के नौनिहालों के भविष्य का निर्माण करने की बड़ी जिम्मेदारी है, उन्हें नियुक्ति पत्र प्रदान करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक की समाज में अहम भूमिका होती है। बच्चों के भविष्य के निर्माण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर होती है। अच्छी शिक्षा से एक बच्चा देश और समाज के लिए अनमोल धरोहर साबित होता है। बेहतर शिक्षा जीवन का सबसे मजबूत आधार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक और नवाचार हो रहे है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव चयनित शिक्षक जिन स्कूलों में जायेंगे उनकी ऑनरशिप लेंगे और नवाचार के कार्य करेंगे। नये शिक्षकों के आने से स्कूलों में शिक्षा के क्षेत्र में नई आशाएं जगेगीं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास, ईलर्निंग और डिजिटल शिक्षा, शिक्षा के महत्वपूर्ण अंग बन चुके हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षण कार्य केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रहे, व्यक्तित्व निर्माण और नैतिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। जीवन का लक्ष्य तय और दिशा स्पष्ट होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को पहचानना भी शिक्षा का महत्वपूर्ण अंग है। बच्चों को उनकी प्रतिभाओं के आधार पर तैयार करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार द्वारा 16 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में सेवायोजित किया गया है। गैर सरकारी क्षेत्रों में भी रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को नौकरियां दी जा रही हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रारंभिग शिक्षा में 2906 पदों के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया गतिमान है। इसके तहत पहले चरण में 473 सहायक अध्यापकों को आज नियुक्ति मिली है। अब स्कूलों में शिक्षकों की संख्या काफी अच्छी हो गई है। जिन स्कूलों में दस से कम छात्र हैं, वहां एक शिक्षक रहेगा, जहां 10 से ज्यादा छात्र हैं वहां दो, जहां 40 से ज्यादा छात्र हैं वहां 3, जहां 70 से ज्यादा छात्र हैं वहां पर 4 एवं जहां 100 से ज्यादा छात्र हैं वहां 5 शिक्षक दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जहां एक शिक्षक है और अगर वह अवकाश पर जाता है तो नजदीकी विद्यालय जहां दो शिक्षक हैं, वहां से एक को उक्त विद्यालय में भेजा जाएगा। यह पूरी व्यवस्था बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में कक्षा 1 से 12 तक त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाई जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बार स्थानांतरण नीति के अंतर्गत लगभग 6 हजार से ज्यादा शिक्षकों के स्थानांतरण हुए। स्थानांतरण में काउंसलिंग व्यवस्था का असर यह रहा कि जिनका ट्रांसफर हुआ वे तो खुश हैं, जिनका ट्रांसफर नहीं हुआ वो भी खुश हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री एवं सम्पूर्ण कैबिनेट का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पात्र शिक्षकों की शीघ्र पदोन्नति के लिए भी सरकार कोई न कोई रास्ता निकालने जा रही है। गेस्ट फैकल्टी कि मांगों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रयास किया जा रहा है कि उनको अपना जनपद मिल जाए। इनकी वेतन वृद्धि से जुड़ी मांग पर भी विचार किया जा रहा है।
इस अवसर पर सचिव विद्यालयी शिक्षा श्री रविनाथ रमन, अपर सचिव श्रीमती रंजना राजगुरू, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी, निदेशक विद्यालयी शिक्षा श्री अजय कुमार नौडियाल एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 78 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में ध्वजारोहण किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 78 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय एकता की शपथ भी दिलाई।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना दी। उन्होंने देश की आजादी एवं मां भारती की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले महानायकों का स्मरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर बलिदानियों के सपनों के अनुरूप देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सराहनीय कार्य हो रहे हैं। आज भारत समर्थ, समरस एवं शक्तिशाली भारत के रूप में आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प में हम सबको अपना योगदान देना है। उत्तराखंड इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है। नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा जारी एसडीजी रिपोर्ट में उत्तराखण्ड ने सतत विकास लक्ष्यों की कसौटी पर खरा उतरते हुए पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है। इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बलवीर रोड स्थित भाजपा कार्यालय में ध्वजारोहण किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बलवीर रोड स्थित भाजपा कार्यालय में ध्वजारोहण किया।
इस दौरान राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट, राज्य सभा सांसद श्री नरेश बंसल, लोकसभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, महामंत्री (संगठन) श्री अजेय कुमार, विधायक श्री खजान दास एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर परेड ग्राउण्ड देहरादून में राज्य के मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर परेड ग्राउण्ड देहरादून में राज्य के मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया एवं फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से अपर पुलिस अधीक्षक, एस०डी०आर०एफ० श्री विजेन्द्र दत्त डोभाल एवं दलनायक आईआरबी द्वितीय श्री प्रताप सिंह तोमर को सम्मानित किया। सेनानायक, एस०डी०आर०एफ० उत्तराखण्ड श्री मणिकान्त मिश्रा और पुलिस अधीक्षक, जनपद उत्तरकाशी श्री अर्पण यदुवंशी को मुख्यमंत्री ने विशिष्टि कार्य के लिए सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया। वर्ष 2023 में पांचवी एशियन यूथ एथलेटिक्स, ताशकंद, उजबेकिस्तान में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अर्जित करने वाले प्रियांशु, रजत पदक प्राप्त करने वाले राहुल सरनालिया एवं एथलेटिक्स प्रशिक्षक लोकेश कुमार को भी मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस की सभी प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने राज्यहित में 08 घोषणाएं की।
1. प्रत्येक जनपद में एक स्थानीय निकाय को आदर्श निकाय के रूप में विकसित किया जायेगा।
2. उद्योग, बागवानी तथा कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले काश्तकारों, उद्यमियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरूस्कार के रूप में क्रमशः एक लाख, 75 हजार एवं 50 हजार की धनराशि प्रदान की जायेगी।
3. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के नियमित कर्मचारियों हेतु ’’कर्मचारी व्यक्तिगत ऋण योजना’’ लागू की जायेगी।
4. वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, दिव्यांग पेंशन योजना, जन्म से दिव्यांग बच्चों को अनुदान योजना एवं परित्यक्ता पेंशन योजना में वर्तमान में निर्धारित मासिक आय 4000 से बढ़ाकर 6000 प्रतिमाह किया जायेगा।
5. युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु कौशल विकास योजनान्तर्गत प्रशिक्षण की विषयवस्तु का निर्धारण जिला कौशल विकास समिति द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप किया जायेगा।
6. वरिष्ठ नागरिकों के समग्र कल्याण के लिए नीति बनायी जायेगी।
7. राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने और ट्राउट मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ’’मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना’’ के अंतर्गत मत्स्य विभाग में रुपए 200 करोड़ की योजना शुरू की जाएगी।
8. राज्य के पशुपालकों को आधुनिक पशुचिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से 75 करोड़ रूपये की लागत से सभी जनपदों में एकएक मॉडल पशु चिकित्सालय स्थापित किए जायेंगे, जिससे लगभग 11 लाख पशुपालक परिवारों के पशुधन को सुरक्षा प्रदान की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि होने के साथसाथ वीरभूमि भी है, हमें उन वीरों के बलिदान और शौर्य के सम्मान के लिए यह प्रण लेना है कि हम विकसित उत्तराखंड और विकसित भारत बनाने के लिए अपना योगदान सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। आज कश्मीर से धारा 370 हटाना, तीन तलाक की प्रथा को गैर कानूनी घोषित करना, अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर का निर्माण, अंग्रेजों के समय से चले आ रहे कानूनों को रद्द करना यह सब प्रधानमंत्री के मजबूत नेतृत्व से ही संभव हो सका है। प्रधानमंत्री ने भारत की आजादी की 100वीं वर्षगांठ 15 अगस्त 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए हमारी सरकार भी राज्य के समग्र विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार एसडीजी इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। ईज़ ऑफ डूंइंग बिजनेस की श्रेणी में राज्य अचीवर्स और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर की श्रेणी में शामिल है। उत्तराखण्ड ग्रोस एन्वायरमेंट प्रोडक्ट (जी.ई.पी) का इंडेक्स तैयार कर ईकोसिस्टम ग्रोथ का आंकलन करने वाला भारत का प्रथम राज्य बन चुका है। समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश में पहला राज्य होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर देने, प्रदेश की महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू करने, पुनः सरकारी नौकारियों में खेल कोटा प्रारंभ करने एवं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे प्रदेश के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने जैसे अनेकों अभूतपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसके साथ ही राज्य में जबरन धर्मांतरण पर रोक के लिये कानून, लैंड जिहाद और लव जिहाद को रोकने, देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून और कठोर दंगा रोधी कानून लागू किया गया है। राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टिकरण के मंत्र को ध्यान में रखकर निरंतर कार्य कर रही है। अपणि सरकार पोर्टल, ईकेबिनेट, ईऑफिस, सीएम हेल्पलाईन, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था के चलते कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। भ्रष्टाचार को समाप्त करने की दिशा में 1064 पर प्राप्त शिकायतों के माध्यम से अब तक करीब 100 से अधिक लोगों को जेल भेजा जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने “मुख्यमंत्री एकल महिला सशक्तिकरण स्वरोजगार योजना’’ और ’’लखपति दीदी योजना’’ योजनाएं प्रारंभ की हैं। बीते 3 वर्षों में राज्य सरकार ने सरकारी विभागों में 15 हजार से भी अधिक युवाओं को नियुक्तियां दी हैं। राज्य में पांचवें धाम के रूप में ’’सैन्यधाम’’ की स्थापना की जा रही है। वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में वृद्धि की है, वहीं शहीद सैनिकों के परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी सुनिश्चित की गयी है। शहीद सैनिकों के आश्रित परिवारों को वर्तमान में दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये किया है। प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत करीब साठ लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाएं गये हैं, जिसके अंतर्गत अब तक करीब दस लाख से अधिक मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए सकंल्पबद्ध है। प्रदेश में गेंहू खरीद पर किसानों को 20 रूपए प्रति किं्वटल का बोनस दिया जा रहा है। गन्ने के मूल्य में 20 रूपए प्रति किं्वटल की वृद्धि की गई है। वर्ष 2025 तक मिलेट उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य भी लिया है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगभग साढ़े चार हजार जैविक क्लस्टरों में काम शुरू किया गया है। राज्य में क्लस्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस में सब्जी एवं फूलों की खेती के लिए योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में नई खेल नीति को लागू कर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। ओलंपिक खेल में पदक लाने वाले खिलाड़ियों को और ओलंपिक खेल में प्रतिभाग करने वाले एवं विश्व चैंपियनशिप, विश्वकप, एशियन खेल एवं राष्ट्रमंडल खेल के पदक विजेता खिलाड़ियों को सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति दी जा रही है। राज्य में खेल विश्वविद्यालय खोलने के लिए कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 3.56 लाख करोड़ के एमओयू हुए, जिनमें से अब तक 75 हजार करोड़ रूपये से अधिक के प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड फिल्म नीति 2024 के अंतर्गत क्षेत्रीय फिल्मों की शूटिंग पर दो करोड़ तक की सब्सिडी भी दी जाएगी। राज्य में “एक जनपद दो उत्पाद योजना” की शुरुआत के साथ ही ’’हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड’’ शुरू किया गया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिये प्रारंभ की गई ’’होम स्टे योजना’’ वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए रेल, रोड और रोपवे के विस्तार पर लगातार काम कर रहे हैं। हर गांव को हाईवे से जोड़ने और पहाड़ों में रेल पहुंचने का स्वप्न ऋषिकेशकर्णप्रयाग रेल परियोजना के माध्यम से शीघ्र ही साकार होने वाला है। सिद्धपीठ सुरकंडा देवी मंदिर में रोपवे शुरू किया जा चुका है। गौरीकुण्डकेदारनाथ और गोविंद घाटहेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास हो चुका है, जिस पर शीघ्र कार्य प्रारंभ हो जाएगा। पर्वतमाला परियोजना के तहत रानीबाग से नैनीताल, पंच कोटि से नई टिहरी, खलियाटॉप से मुन्स्यारी, नीलकंठ, औली से गौरसू रोपवे व पूर्णागिरि मंदिर रोपवे परियोजनाओं की प्रक्रिया भी गतिमान है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में हवाई सेवाओं के नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में निरन्तर कार्य किया जा रहा है। राज्य के भीतर विभिन्न स्थानों पर हेली सेवा का संचालन करने के साथ ही जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थाटन एवं पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तम्भ है, इसे मजबूत करने के लिए ’’नई पर्यटन नीति’’ लाई गई है। पिछली कैबिनेट बैठक में ’’उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना’’ को मंजूरी दी गई है। जिसके तहत पांच करोड़ रुपये से कम लागत की पर्यटन परियोजनाओं के लिए 80 लाख रुपये से डेढ़ करोड़ रूपये तक की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम केदारखंड और मानसखंड मंदिरमाला मिशन पर तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।
हरिद्वारऋषिकेश कॉरिडोर के साथ ही शारदा कॉरिडोर बनाने की प्रक्रिया भी गतिमान है। राज्य में सभी गांवों का शत प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा चुका है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिसमें ’’मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना’’ प्रमुख है। इसके अंतर्गत 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। नई सौर ऊर्जा नीति के तहत उरेडा द्वारा चिन्हित 1000 गांवों को सोलर ग्राम बनाया जा रहा है। वर्ष 2025 तक 2000 मेगावाट और 2027 तक 4000 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा प्लांटो के जरिए उत्पादित करने का लक्ष्य है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, लोक सभा सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र भट्ट, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु चैहान, विधायक श्री खजानदास, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, डीजीपी श्री अभिनव कुमार, जनप्रतिनिधिगण, शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गाँधी पार्क देहरादून में विशेष स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत ’स्वच्छता अपनाओ, बीमारी भगाओ’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को गाँधी पार्क देहरादून में विशेष स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत ’स्वच्छता अपनाओ, बीमारी भगाओ’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने स्वयं झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पंचायती राज विभाग के माध्यम से 13 जनपदों के लिए स्वच्छता वाहनों ( लीटर पीकर क्लीनिंग मशीन) का फ्लैग ऑफ कर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा की सफाई कर उन्हें श्रद्धांजलि दी एवं सभी को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वच्छता अभियान को सामूहिक प्रयासों से ही प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। सभी को अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए पूरी क्षमता से स्वच्छता मिशन पर कार्य करना चाहिए। शहरों की स्वच्छता की जिम्मेदारी हम सभी की है। उन्होंने कहा मानसून के दौरान बीमारियों से बचाव के लिए पर्यावरण मित्रों ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूर्ण मनोयोग से किया है। प्रदेश में 12 से 15 अगस्त तक विशेष स्वच्छता अभियान चल रहा है। देहरादून में भी विभिन्न सामाजिक संगठनों, युवाओं, एनजीओ के सहयोग से जन जागरूकता के कार्य किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में स्वच्छता के प्रति जागरूक करने वाली बैणी सेना की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वच्छता हमारी संस्कृति और सभ्यता का अभिन्न अंग है। वेद एवं पुराणों में भी स्वच्छता को महत्वपूर्ण बताया गया है। जहां स्वच्छता होती है वहां देवी देवताओं का वास होता है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सपूर्ण देश में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की, स्वच्छता की यह शुरुआत जन आंदोलन के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार कार्य किये जा रहे हैं। जिसके लिए राज्य सरकार कई योजनाओं पर निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता और पर्यावरण का गहरा संबंध है। पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हमें स्वच्छता को प्राथमिकता में रखना होगा। स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी को भी बढ़ावा देना है। जल्द ही सफाई की निगरानी हेतु क्यूआर कोड की व्यवस्था भी शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए “एक पेड़ मां के नाम“ अभियान को शुरूआत की है। उन्होंने सभी से “एक पेड़ मां के नाम“ अभियान के तहत पौधारोपण करने का आग्रह किया।
कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि शहरी विकास के माध्यम से स्वच्छता हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश के हर शहर को साफ करने का अभियान चलाया गया हैं। पर्यावरण मित्रों का इस स्वच्छता अभियान में बेहद महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पर्यावरण मित्रों का मानदेय भी बढ़ाया गया है। पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
इस दौरान राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, विधायक श्री खजान दास, विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, निवर्तमान मेयर श्री सुनिल उनियाल गामा, महानगर अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, अपर सचिव शहरी विकास श्री नितिन भदोरिया, नगर आयुक्त नगर निगम श्री गौरव कुमार मौजूद थे।
सूचना एवं लोेक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री आवास में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ब्रिटिश उच्चायोग एवं इन्फोसिस सिं्प्रगबोर्ड के साथ एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गए।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ब्रिटिश उच्चायोग एवं इन्फोसिस सिं्प्रगबोर्ड के साथ एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गए। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सचिव शैलेश बगोली ने ब्रिटिश उच्चायोग से डिप्टी हाई कमिश्नर सुश्री कैरोलीन रौवेट के साथ चिवनिंग स्कॉलरशिप एवं इन्फोसिस सिं्प्रगबोर्ड के गवर्नमेंट पार्टनरशिप हेड श्री संतोष अनंथपुरा के साथ एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के साथ ब्रिटिश उच्चायोग एवं इन्फोसिस सिं्प्रगबोर्ड के एम.ओ.यू. होने से राज्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित होगा। इससे राज्य के उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को नया अनुभव मिलेगा। यह राज्य को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए निरंतर नई योजनाओं का संचालन कर रही है। उच्च शिक्षा की पढ़ाई के बाद युवा खाली न बैठें, इसके लिए अनेक कार्ययोजनाओं पर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उच्च शिक्षण संस्थानों में कौशल विकास का प्रशिक्षण एवं सेमिनार का आयोजन भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के भी निशुल्क कोर्स चलाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ छात्रो को नवाचार से भी जोड़ा जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में संस्कार और नवाचार अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सतत रूप से राज्य के मानवीय संसाधनों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है और इस दिशा में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में 35 विश्वविद्यालय हैं। 5 लाख से अधिक विधार्थी राज्य में उच्च शिक्षा ग्रहण कर कर रहें हैं। राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। सरकार राज्य के विश्वविद्यालयों को टॉप रैंकिंग में लाने के लिए कार्य कर रही है। बच्चों के शैक्षिक स्तर को भी बढ़ाया जा रहा है। अगले वर्ष तक राज्य के पांच विश्वविद्यालय देश के शीर्ष 100 विश्वविद्यालय में शामिल हो, इस दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि चिवनिंग उत्तराखण्ड स्कॉलरशिप का उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्र के गरीब मेधावी छात्रों को विशेष रूप से छात्राओं को वैश्विक अवसर प्रदान करते हुए उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास करना है। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालय एवं शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत एवं चिवनिंग स्कॉलरशिप के लिए अर्हता धारित करने वाले 05 छात्रों को प्रतिवर्ष स्नातकोत्तर स्तर पर अध्ययन के लिए ब्रिटेन के किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में भेजा जाएगा। इससे उत्तराखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों में अध्ययनरत छात्रछात्राओं को न सिर्फ वैश्विक मापदण्डों के अनुसार कार्य करने का अनुभव होगा, बल्कि उनमें नेतृत्व क्षमता का भी विकास होगा। इस स्कॉलरशिप के अंगर्तत अध्ययन हेतु चयनित छात्रछात्राओं को ब्रिटेन में 01 वर्ष के अध्ययन के पश्चात अपने राज्य के विकास के लिए कार्य करना अनिवार्य होगा। इस प्रस्तावित सहयोग एवं समझौते के तहत इसका बराबर व्ययभार चिवनिंग एवं राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
सिं्प्रगबोर्ड इंफोसिस अपने वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर सी.एस.आर. के तहत शिक्षकों के लिए आई०टी० आधारित निशुल्क प्रशिक्षण मॉड्यूल एवं छात्रों हेतु निशुल्क कोर्स उपलब्ध कराएगा। पाठ्यक्रमों का चयन एन.ई.पी. अंतर्गत ऐक्षिक कोर्स के रूप में भी किया जाएगा। इसका प्रयोग कर शिक्षक अपने संस्थान के छात्रों के लिए माइक्रोसाइट्स बना सकते हैं और विशेष रूप से चयनित सामग्री प्रदान कर सकते हैं। इसके माध्यम से छात्रों हेतु लेटेस्ट इमर्जिंग टेक्नॉलॉजी के कोर्स सुलभ होंगे, जिनकी निरंतर मॉनीटरिंग और छात्र प्रगति को डैशबोर्ड के माध्यम से देखा जा सकता है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ. देवेंद्र भसीन, सचिव उच्च शिक्षा श्री शैलेश बगौली, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अंजू अग्रवाल, उप निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. ममता, सहायक निदेशक उच्च शिक्षा डॉक्टर दीपक कुमार पांडे एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकतामुख्यमंत्री
देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकतामुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के अवसर पर देश के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को नमन करते हुए विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को जब हम आजादी का जश्न मना रहे थे वहीं दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दुःख सहा है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कारण सामने आई परिस्थितियों को देखते हुए भारत दो टुकड़ों में विभक्त हुआ। लाखों लोग इधर से उधर हुए उनका घरबार छूटा, परिवार छूटा, लाखों की जानें गईं। भारत के लिए यह घटना किसी विभीषिका से कम नहीं थी। वर्ष 2021 में इसी दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को ’’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ मनाने का निर्णय लिया। तब से यह दिन मनाया जा रहा है, जिससे हम अपने उन लाखों सेनानियों व परिवारजनों से बिछड़े लोगों के बलिदान को याद कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन उन सभी सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत माँ के लिए बलिदान दिया। भारत के बंटवारे ने सामाजिक एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को तारतार कर दिया था। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को स्वतंत्र कराने वाले और देश के विभाजन की यातनाएं झेलने वाले मां भारती के प्रत्येक सपूत के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन विभीषिका की पीड़ा सह चुके लोग प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विकास में सहयोगी बने हैं। देश विभाजन के समय हुई दर्दनाक हिंसक घटनाओं ने मानवता को ही शर्मसार नहीं किया बल्कि हिंसा का वह अमानवीय तांडव कभी न भरने वाला घाव दे गया, जिसकी टीस आज भी हमें महसूस होती है। यह दिवस हमारी भावी पीढ़ी को इतिहास की उस विभीषिका से परिचित कराता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा पिछले वर्ष रूद्रपुर में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर उन्होने विभाजन का दंश झेलने वालों की स्मृति भी विभाजन विभीषिका स्मृति स्मारक बनाये जाने की घोषणा की थी जिस पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने विभाजन की विभीषिका को इतिहास का काला अध्याय तथा दुनिया का सबसे बडा विभाजन बताते हुऐ कहा कि लाखों लोगों ने अपनी जान गवाकर विभाजन के साथ विस्थापना का दर्द झेला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947, 1971 के बाद आज फिर बांगलादेश की घटना लोगों के लिये पलायन के लिये मजबूर कर रही है। आज हम सबको बांगलादेश के हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की चिन्ता करनी है। किन्तु देश में छोटी छोटी घटनाओं पर विरोध करने तथा मानवाधिकार का रोना रोने वाले न जाने कहां खो गये हैं, वे सीन से ही गायब हो गये हैं। यह अवसर सजग और सतर्क रहने के साथ ऐसे ढोंगियों से सतर्क रहने का भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन की पीड़ा झेलने वालों ने अपनी प्रबल इच्छा शक्ति तथा कौशल के बल पर देश व प्रदेश के विकास में अहम योगदान दिया है। उनका यह योगदान अविस्मरणीय है। उन्होने दिखाया है कि प्रबल इच्छा शक्ति के बल पर क्या कुछ नहीं किया जा सकता है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभाजन विभीषिका से संबंधित फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ देवेन्द्र भसीन, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति श्री विश्रवास डाबर, भाजपा महानगर अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, उद्यमी राकेश ओबेराय तथा अपने बचपन में विभाजन की विभीषिका का सामना करने वाले डॉ कुलदीप दत्त, तथा किशन लाल बिज ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, श्री उमेश शर्मा काऊ, श्रीमती सविता कपूर, पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री दिनेश अग्रवाल, श्री अनिल गोयल, श्री संतोश नागपाल, श्री डी.एस.मान, श्री नीरज कोहली सहित बडी संख्या में विभिन्न संस्थाओं से जुडे लोग तथा समाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना एवं मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत महिला समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना एवं मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत महिला समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इन स्टॉलो का अवलोकन करते हुए स्थानीय उत्पादों ( घी एवं अन्य) की खरीदारी भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। राज्य की महिलाएं समूहों के माध्यम से बहुत बेहतर उत्पाद बना रही है। समूहों के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को नई पहचान मिल रही है एवं रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षा बंधन से पूर्व स्वयं सहायता समूह द्वारा राखियां बनाई जा रही हैं। सरकार द्वारा महिलाओ को अपने उत्पाद बेचने के लिए उन्हें सुविधा अनुसार मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने समस्त प्रदेशवासियों से आगामी रक्षा बंधन के लिए स्थानीय स्तर पर बनी राखियों एवं अन्य उत्पाद खरीदने का आग्रह किया।
सचिवालय में बड़ोवाला से देवभूमि स्वयं सहायता समूह, डाकपत्थर से वैभव लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह, रायपुर से मिलन स्वयं सहायता समूह, सहसपुर से आस्था क्लस्टर लेवल फेडरेशन, हवालबाग अल्मोड़ा से विकास क्लस्टर लेवल फेडरेशन, आस्था क्लस्टर लेवल फेडरेशन, विरांगना क्लस्टर लेवल फेडरेशन, एवं अन्य स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने उत्पाद बेचें जा रहे हैं।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्रीमती राधिका झा, अपर सचिव मनुज गोयल, सीडीओ देहरादून सुश्री झरना कामठान एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सी.एम डैशबोर्ड ‘दर्पण 2.0’ की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी विभागों को सीएम डैशबोर्ड से जोड़ा जाए और सभी विभागों की गतिमान परियोजनाओं का डाटा भी अपलोड करवाया जाए।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में सी.एम डैशबोर्ड ‘दर्पण 2.0’ की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी विभागों को सीएम डैशबोर्ड से जोड़ा जाए और सभी विभागों की गतिमान परियोजनाओं का डाटा भी अपलोड करवाया जाए। उन्होंने 15 दिन में सभी विभागों को परियोजनाओं का अपडेट पोर्टल में करने केे निर्देश दिये। प्रत्येक माह की 07 तारीख तक विभागों को पिछले माह का डाटा अपलोड करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सी.एम हेल्पलाईन 1905 के साथ ही वे सीएम डैशबोर्ड की भी हर माह समीक्षा करेंगें।
मुख्यमंत्री ने सचिवों को निर्देश दिये कि सभी सचिव अपने विभाग की प्रत्येक माह सीएम डैशबार्ड संबंधी बैठक करे। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी पोर्टल बनाये जा रहे हैं, वे यूजर फ्रैंडली हों। डैशबोर्ड में डाटा का प्रस्तुतीकरण बेहतर तरीके से किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम डैशबोर्ड का मुख्य उद्देश्य जन समस्याओं का समाधान करना है। इस डैशबोर्ड के माध्यम से जन समस्याओं के समाधान के लिए विभागों द्वारा समस्याओं को चिन्हित कर उनका समाधान निकाला जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गरीबों के कल्याण, युवाओं के कल्याण, अन्नदाताओं और नारी सशक्तीकरण की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं। संबंधित विभागों द्वारा इन क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों का परिणाम धरातल पर दिखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार की फ्लैगशिप स्कीम को डैशबोर्ड में अनिवार्य रूप से दर्शाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पीएम गतिशक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल में 05 करोड़ से अधिक धनराशि की सभी परियोजनाओं को दर्शाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सी.एम डैशबोर्ड के साथ ही डी.एम डैशबोर्ड को भी धरातल पर लाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास किये जाए। रोजगार और स्वरोजगार से जुड़े विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्यशाला का आयोजन करें, जिसमें विषय विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के साथ हमें विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास से जोड़ना होगा। उच्च शिक्षण संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों और तकनीकि शिक्षा में प्लेसमेंट सेल के साथ ही विद्यार्थियों के लिए गाइडेंस और काउंसलिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। इस तरह की कारगर व्यवस्था बनाई जाए कि उच्च शिक्षा के दौरान कितने अभ्यर्थियों ने प्लेसमेंट के लिए आवेदन किया और कितनों को नौकरी मिली। युवाओं के स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, श्री एल. फैनई, विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित सिन्हा, प्रमुख वनसंरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव श्री आर.मीनाक्षी सुदंरम, श्री शैलेश बगोली, श्री नितेश झा, श्रीमती राधिका झा, श्री दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री ने प्रसिद्ध लोक गायक श्री नरेन्द्र सिंह नेगी को उत्तराखण्ड लोक सम्मान से सम्मानित किया
मुख्यमंत्री ने प्रसिद्ध लोक गायक श्री नरेन्द्र सिंह नेगी को उत्तराखण्ड लोक सम्मान से सम्मानित किया
प्रशस्ति पत्र भेंट कर दी जन्मदिन की शुभकामना।
नरेन्द्र सिंह नेगी को बताया हिमालय जैसा अडिग व्यक्तित्व।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हरिद्वार रोड स्थित संस्कृति प्रेक्षागृह में प्रसिद्धि लोकगायक श्री नरेन्द्र सिंह नेगी के जन्मदिन पर गीत यात्रा के 50 वर्ष कार्यक्रम में उनकी रचनाओं पर श्री ललित मोहन रयाल द्वारा लिखित पुस्तक कल फिर जब सुबह होगी का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने श्री नरेन्द्र सिंह नेगी को उत्तराखण्ड लोक सम्मान से सम्मानित कर 2.51 लाख का चेक भेंट किया तथा प्रशस्ति पत्र भेंट कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने पुस्तक के लेखक श्री ललित मोहन रयाल के प्रयासों की सराहना करते हुए पुस्तक को भावी पीढी के लिये संरक्षित करने वाला कार्य बताया।
मुख्यमंत्री नें प्रसिद्ध लोक गायक श्री नरेन्द्र सिंह नेगी को उनके जन्म दिन की हार्दिक बधाई देते हुए उन्हें हिमालय जैसे अडिग व्यक्तित्व वाला देवभूमि का महान सपूत बताते हुए कहा कि नेगी जी के गीत हमें अपने परिवेश के साथ पहाड की चुनौतियों से परिचित कराने का कार्य करते है। उनके गीतों में प्रकृति, परम्परा, परिवेश, विरह वियोग व व्यथा का जो मिश्रण है वह हमें अपनी समृद्ध परम्पराओं एवं लोक संस्कृति से जोडने का कार्य करती है। उनके गीत हमारी विरासत की समृद्ध परम्परा को पीढी दर पीढी आगे बढ़ाने का कार्य करेगी तथा युवाओं को प्रेरित करने का कार्य करती रहेगी। मुख्यमंत्री ने श्री नरेन्द्र सिंह नेगी को पहाड़ की आवाज बताते हुये उनके दीर्घायु जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि समृद्ध लोक संस्कृति एवं सामाजिक सरोकारों को अपने गीतों एवं संगीत के माध्यम से देश व दुनिया तक पहुंचाने का कार्य नेगी जी ने किया है। वे वास्तव में समाज के सफल नायक के रूप में रहे हैं। उनके गीत राज्य वासियों को अपनी परम्पराओं से जोड़ने में मददगार रहे हैं।
श्री नरेन्द्र सिंह नेगी ने लोक संस्कृति के प्रति मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के लगाव के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने श्री ललित मोहन रयाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी विद्वता से 101 गीतों की विवेचना 400 पृष्ठों के ग्रंथ के रूप में समाज के समक्ष रखा है। यह उनकी लोक साहित्य एवं संस्कृति के प्रति गहरी समझ का भी प्रतीक है वे शब्दों के शब्दार्थ को गीत के लेखक से आगे ले गए हैं। इस अवसर पर उन्होंने पहाड़ों से पलायन रोकने पर लिखा अपना प्रसिद्ध गीत ठंडो रे ठंडो गाकर लोगों को अपनी लोक संस्कृति से जुड़ने के लिए मजबूर किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो.सुरेखा डंगवाल, पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री अनिल कुमार रतूडी, साहित्यकार श्री नंद किशोर हटवाल, श्री दिनेश सेमवाल, श्री सचिदानंद भारती, श्री गणेश खुकसाल गणी के अलावा बडी संख्या में साहित्यकार एवं लोक संस्कृति से जुडे लोग उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक संगठन द्वारा दून सैनिक इंस्टीट्यूट गढ़ीकैंट देहरादून में आयोजित आभार एवं संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने देहरादून में पूर्व सैनिक संगठन द्वारा आयोजित आभार एवं संवाद कार्यक्रम में किया प्रतिभाग।
सैनिक कल्याण हेतु मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के प्रति पूर्व सैनिकों द्वारा जताया गया आभार। मुख्यमंत्री का किया सम्मान।
कार्यक्रम में वीरांगनाओं ने मुख्यमंत्री का तथा मुख्यमंत्री ने वीरांगनाओं को किया सम्मानित।
हमारे पूर्व सैनिक हिमालय के प्रहरी तथा पर्यावरण के संरक्षक।
मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों से की ‘‘हर घर तिरंगा’’ अभियान में सहयोगी बनने की अपेक्षा।
‘‘एक पेड मां के नाम’’ कार्यक्रम को सफल बनाने में भी योगदान देने की की अपेक्षा।
मुख्यमंत्री ने मसूरी में की सैनिक विश्राम गृह बनाये जाने की घोषणा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक संगठन द्वारा रविवार को दून सैनिक इंस्टीट्यूट गढ़ीकैंट देहरादून में आयोजित आभार एवं संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। पूर्व सैनिक संगठन के अधिकारियों एवं सैनिकों के साथ वीरांगनाओं ने मुख्यमंत्री द्वारा कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्य में शहीद सैनिकों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये किये जाने, शहीद सैनिक के परिवारजनों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को 02 साल से बढ़ाकर 05 वर्ष किये जाने, शहीदों के आश्रितों को जिलाधिकारी कार्यालयों में समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के अलावा अन्य विभागों में भी इन पदों पर भी नियुक्ति प्रदान करने के साथ ही सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों की भांति अवकाश प्रदान किये जाने की घोषणा के प्रति उनका आभार व्यक्त कर मुख्यमंत्री को सम्मानित भी किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिक हिमालय के प्रहरी तथा पर्यावरण के संरक्षक भी है। उन्होंने पूर्व सैनिकों से ‘हर घर तिरंगा’ तथा ‘एक पेड मां के नाम’ अभियान की सफलता में सहयोगी बनने की अपेक्षा करते हुए मसूरी में सैनिक विश्राम बनाये जाने की घोषणा की। कार्यक्रम में वीरांगनाओं ने मुख्यमंत्री का तथा मुख्यमंत्री ने वीरांगनाओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युद्ध में वीरगति को प्राप्त होने वाले सेना एवं अर्द्धसैन्य बलों के जवानों के एक आश्रित को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार राज्याधीन सेवाओं में नौकरी दी जा रही है। अभी तक 17 सैनिक आश्रितों को राज्याधीन सेवाओं में नौकरी दी गई है। उत्तराखण्ड एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां वीरता पुरस्कार से अलंकृत सैनिकों को एकमुश्त वार्षिक राशि का जीवन पर्यन्त भुगतान किया जाता है। विशिष्ट सेवा पदक पुरस्कार से अलंकृत सैनिकों की एकमुश्त राशि बढ़ाई गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिक एवं युद्ध विधवाओं को प्रतिमाह दिये जाने वाले अनुदान को 08 हजार से बढ़ाकर 10 हजार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सेना ने हमेशा अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय दिया है। हमारी सेना के शौर्य एवं पराक्रम का इतिहास है। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। उत्तराखण्ड से प्रत्येक परिवार सैनिक पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। उत्तराखण्ड के सैनिकों एवं सैन्य परिवारों द्वारा दिये गये योगदान को शब्दों से बयां करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही भव्य सैन्य धाम का भी लोकार्पण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमेशा सेना का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया है। होली, दीपावली और कोई विशिष्ट दिन हो तो सेना के बीच में जाकर उनके साथ मनाते हैं। उनके नेतृत्व में सेना के मनोबल बढ़ाने का कार्य हो रहा है। वन रैंक वन पेंशन से सैनिकों का मनोगल बढा है। हमें अपनी भारतीय सेना पर गर्व है, जिनकी वजह से देश सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। हम राज्य को देश के अग्रणी राज्यों में सामिल करने के लिये प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान मिला है। इसे बनाये रखना हमारे लिए चुनौती भी है, जिन इन्डीकेटर पर राज्य को और सुधार की आवश्यकता है, उनको भी बेहतर बनाने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बांगलादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की घटना को दुःखद बताते हुए कहा कि ऐसे समय पर हमारे देश के कई लोग जाति पति के बंधन में उलझे हैं। जबकि यह समय हमारे लिये सामुहिक रूप से इस विषय पर चिन्तन करने का है। उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों में होने वाली घटनाओं पर कैंडल मार्च निकालने वाले भी इस घटना के प्रति अनजान बने है। उन्होंने कहा कि यह समय आपसी एकता का है। उन्होंने पूर्व सैनिकों से राष्ट्र जागरण के कार्य में भी सहयोगी बनने को कहा।
सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई है। द्वितीय विश्व युद्ध की अनुदान राशि, विशिष्ट सेना मेडल अवार्ड राशि में बढ़ोतरी तथा वीरता पदक पुरस्कार की एक मुश्त अनुदान राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है।
इस अवसर पर जे. ओ. सी. एब एरिया मे.ज. प्रेम राज, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल, अध्यक्ष उपनल ब्रिगेडियर जे. एस. बिष्ट सहित बड़ी संख्या में सेना एवं पूर्व सैन्य अधिकारियों के साथ पूर्व सैनिक तथा वीरांगनायें उपस्थित थी।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में लोक गीतकार श्री नरेन्द्र सिंह नेगी ने शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में लोक गीतकार श्री नरेन्द्र सिंह नेगी ने शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री ने जलागम प्रबन्ध निदेशालय में जलागम की समीक्षा की।
राज्य की दो नदियों को चिन्हित कर उनके पुनर्जीवीकरण की दिशा में कार्य किये जाएं मुख्यमंत्री।
वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में छोटीछोटी तलैया बनाई जाए।
प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही लोगों की आजीविका को बढ़ाने के हों प्रयास।
मुख्यमंत्री ने जलागम प्रबन्ध निदेशालय में जलागम की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को जलागम प्रबन्ध निदेशालय इन्द्रानगर में जलागम विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रारंभिक चरण में राज्य की दो नदियों को चिन्हित कर उनके पुनर्जीवीकरण की दिशा में कार्य किये जाएं। इसमें एक नदी गढ़वाल मण्डल से और एक नदी कुंमाऊ मण्डल से चुनी जाय। वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में छोटीछोटी तलैया बनाई जाए, इसमें जन सहयोग भी लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही लोगों की आजीविका को बढ़ाने की दिशा में जलागम विभाग द्वारा विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण में इसका भी आंकलन किया जाए कि इससे जल स्रोतों पर कोई प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है, योजनाओं के निर्माण से प्रभावित होने वाले जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में भी कार्य किये जाएं। जलागम द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत वाइब्रेंट विलेज को भी प्राथमिकता में रखा जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बाह्य सहायतित परियोजनाओं को निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाए। केन्द्र सरकार से सहायतित योजनाओं को शीर्ष प्राथमिकता में रखा जाए। 90 प्रतिशत केन्द्रांश और 10 प्रतिशत राज्यांश वाली योजनाओं में और तेजी लाने के निर्देश भी उन्होंने दिये। सिं्प्रग एण्ड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण द्वारा प्राकृतिक जल स्रोतों एवं वर्षा आधारित नदियों के पुनरोद्धार के लिए लघु एवं दीर्घकालिक उपचार की योजनाएं बनाकर उनका मूल्यांकन व अनुश्रवण किये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग के साथ मिलकर उठाये जाएं प्रभावी कदम।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जलागम विकास परियोजनाओं के नियोजन एवं क्रियान्वयन के लिए सतत जल संसाधन प्रबन्धन, सतत भूमि एवं पारिस्थतिकी प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण और जैव विविधता संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कार्य किये जाएं। मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग के साथ मिलकर प्रभावी कदम उठाये जाएं। पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि योग्य बंजर भूमि में औद्यानिकी एवं कृषिवानिकी गतिविधियों द्वारा कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिए कार्य किये जाएं। जलागम की योजनाओं में महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि जलागम विभाग द्वारा उत्तराखण्ड में चयनित सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों में पर्वतीय कृषि को लाभदायतक तथा ग्रीन हाऊस गैस न्यूनीकरण के लिए विश्व बैक द्वारा पोषित ‘उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना’ को स्वीकृति मिली है। 1148 करोड़ की धनराशि की यह योजना 2024 से 2030 तक संचालित होगी। इस परियोजना के तहत सिं्प्रग शेड मैनजमेंट के माध्यम से जल निकासी एवं मृदा अपरदन में कमी लाने, कृषि क्षेत्र में ग्रीन हाऊस गैस को कम करने, बारानी व परती भूमि पर वृक्षारोपण के द्वारा कार्बन की मात्रा में सुधार कर कार्बन फैंसिंग से कृषकों की आय में वृद्धि करने बारानी एवं सिंचित फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, उच्च मूल्य फसल उत्पादन के कृषि कलस्टरों की स्थापना एवं एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर की स्थापना की जायेगी। बैठक में बताया गया कि राज्य के तीन जनपदों पौड़ी, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनाजलागम विकास घटक 2.0 के तहत कार्य हो रहे हैं।
बैठक में जलागम प्रबंधन मंत्री श्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् श्री विश्वास डाबर, जलागम परिषद के उपाध्यक्ष श्री रमेश गढ़िया, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव श्रीमती नमामि बंसल, परियोजना निदेशक जलागम श्रीमती नीना ग्रेवाल एवं जलागम विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल से भेंट की।
मुख्यमंत्री ने की केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री से भेंट। राज्य की लंबित जल विद्युत परियोजनाओं के संबंध में की चर्चा।
अलकनंदा एवं भागीरथी नदी घाटी में प्रस्तावित 50 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य वाली परियोजनाओं को प्रारंभ किये जाने की अनुमति प्रदान करने का किया अनुरोध।
उत्तराखण्ड में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर प्रस्तावित परियोजनाओं के निर्माण की भी अनुमति दिये जाने का किया अनुरोध।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल से भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए जल एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं और जल विद्युत परियोजनायें राज्य की सकल घरेलु उत्पाद में वृद्धि का मुख्य कारक हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की विद्युत ऊर्जा की मांग की पूर्ति के लिए खुले बाजार से प्रतिवर्ष 1000 करोड़ रुपये की ऊर्जा का क्रय किया जाता है। राज्य में उपलब्ध जल स्त्रोतों से लगभग 25 हजार मेगावाट जल विद्युत क्षमता का आंकलन किया गया है, परंतु वर्तमान में केवल 4200 मेगावाट क्षमता का ही दोहन हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय की अध्यक्षता में हुई समीक्षा में अलकनंदा एवं भागीरथी नदी घाटी में प्रस्तावित 70 परियोजनाओं में से केवल 7 परियोजनाओं जिनका निर्माण कार्य 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है का निर्माण जारी रखने एवं कोई भी नई परियोजना प्रारंभ न किये जाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखंड की सीमा में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्रीय जल आयोग/जल संसाधन मंत्रालय द्वारा राज्य की अन्य नदी घाटियों यथा धौलीगंगा, गौरीगंगा पर पिथौरागढ़ जनपद में प्रस्तावित परियोजनाओं के विकास के लिए भी अनुमोदन प्रदान नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने राज्य की अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास एवं निर्माण की अनुमति प्रदान किये जाने का अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किया।
जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनात्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत वित्त पोषण की स्वीकृति का भी किया अनुरोध।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी में बनने वाली जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना से हल्द्वानी एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में वर्ष 2051 तक की अनुमानित जनसंख्या के लिए 170 एमएलडी पेयजल उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में लगभग 57000 हेक्टेयर कृषि भूमि हेतु सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनात्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत इस परियोजना के निर्माण के लिए 1730.21 करोड़ वित्त पोषण हेतु अक्टूबर 2023 में भारत सरकार से स्वीकृत हुए हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि वर्ष 2023 के प्राइस लेवल के स्तर पर परियोजना की लागत 3808.16 करोड़ है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पुनरीक्षित लागत च्डज्ञैल्.।प्ठच् के अंतर्गत वित्त पोषण की स्वीकृति का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इंटर मिनिस्टीरियल कमिटी की मार्च 2023 में हुई बैठक में राज्य के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की 170.57 करोड़ लागत की 15 परियोजनाओं के लिये शत प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण की संस्तुति पर शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून जनपद के सहसपुर विकासखंड में स्वारना नदी पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय का निर्माण 203.3 करोड़ रुपये की लागत से किया जाना प्रस्तावित है। इस परियोजना के इंटर स्टेट क्लेरेंस का प्रकरण अपर यमुना बोर्ड में विचाराधीन है, इसके लिये भी मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अनुमोदन प्रदान करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखंड की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के कार्यान्वयन में हो रहे विलम्ब की जानकारी देते हुए अवगत कराया कि लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना देहरादून जिले में यमुना नदी पर 204 मीटर ऊचाँ बाँध बनाया जाना है। इसका निर्माण राज्य की जल विद्युत उत्पादन कम्पनी यूजेवीएन लि0 द्वारा किया जा रहा है। परियोजना के जानपदीय एवं हाइड्रो मैकेनिकल कार्यो की डिजाइन एंव इंजीनियरिंग के लिये केन्द्रीय जल आयोग भारत सरकार के साथ एक अनुबंध पत्र काफी पहले सितंबर, 2013 में हस्ताक्षरित किया गया था तथा जानपदीय कार्या की टेंडर ड्राइंग्स दिसम्बर, 2021 में केन्द्रीय जल आयोग द्वारा निर्गत की गयी है।
लखवाड बहुउद्देशीय परियोजना को शीघ्र पूर्ण करने के लिये मुख्यमंत्री ने जल शक्ति मंत्रालय के अधीन केन्द्रीय जल आयोग से प्राथमिकता पर ड्राइंग निर्गत करने का भी केन्द्रीय मंत्री से किया अनुरोध।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा लखवाड बहुउद्देशीय परियोजना को शीघ्र पूर्ण करने के लिये एक उच्च स्तरीय समिति गठन की गई है जो इसकी नियमित समीक्षा कर रही है। जल संसाधन, नदी विकास एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा हाल ही में 1112 जुलाई को परियोजना स्थल के भ्रमण के उपरान्त समीक्षा बैठक की गयी थी। जिसमें केन्द्रीय जल आयोग से लगभग दस वर्ष पूर्व से किये गये अनुबन्ध के सापेक्ष अभी तक अपेक्षित ड्राइंग प्राप्त न होने के कारण कार्य प्रभावित होने का प्रकरण संज्ञान में लाया गया था। इस प्रकरण में तत्समय इस परियोजना के निर्माण हेतु छः माह में प्राथमिकता के आधार पर ड्राइंग निर्गत करने हेतु केन्द्रीय जल आयोग में एक अलग सेल गठित किये जाने पर सहमति व्यक्त की गई है। मुख्यमंत्री ने परियोजना को शीघ्र पूर्ण करने हेतु जल शक्ति मंत्रालय के अधीन केन्द्रीय जल आयोग से प्राथमिकता पर ड्राइंग निर्गत करने के संबंध में शीघ्र कार्यवाही के निर्देश हेतु भी केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सचिव समिति की बैठक में प्रतिभाग किया।
योजनाओं में नवाचार पर ध्यान दें अधिकारीः सीएम पुष्कर सिंह धामी
प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री ने सचिव समिति को किया सम्बोधित
योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के बने विस्तृत एक्सन प्लान
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सचिव समिति की बैठक में प्रतिभाग किया। श्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सचिव समिति की बैठक में प्रतिभाग किया। तीन घण्टे तक चली इस बैठक में राज्यहित से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हित से जुडी योजनाओं के नीतिनिर्धारण और सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पंहुचाने में सचिवगणों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सचिव सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करते हैं। शासन और प्रशासन एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। राज्य के हर क्षेत्र में विकास के साथ ही, लोगों का जीवन स्तर उठाने के लिए हम सबको सामुहिक प्रयास करने होंगे। लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाये बिना राज्य के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के बेहतर निर्माण के साथ ही उनके सफल क्रियान्वयन के लिए पूरा एक्शन प्लान बनाया जाना चाहिए। सरकार की योजनाओं और निर्णयों का प्रभाव करोड़ों लोगों के जीवन पर पड़ता है अतः योजनाओं और निर्णयों में राष्ट्रहित और जनहित पहली प्राथमिकता में होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सचिवों को निर्देश दिये कि विभागों के रिक्त पदों का अधियाचन शीघ्र आयोगों को भेजे जाएं। सुनिश्चित कार्ययोजना के साथ आगामी दो सालों में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जाए।
कार्यों और योजनाओं के निर्माण में नवाचार पर दिया जाए विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों और योजनाओं के निर्माण में नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए और आधुनिक तकनीक का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जनहित से जुड़े कार्यों में सही रास्ता निकालने की सबके मन में भावना होनी चाहिए। जन अपेक्षाओं के अनुसार हम उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अपने कार्यक्षेत्र में क्या विशिष्ट कार्य कर सकते हैं, इस दिशा में सभी अधिकारी पूरे मनोयोग से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड गवर्नेंस की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में जिन इंडिकेटरों में हमें सुधार की आवश्यकता है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिन इन्डीकेटर पर राज्य में अच्छा कार्य हुआ है, उनको बनाये रखना हमारे सामने चुनौती भी होगी।
आगामी एक वर्ष की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन का बनाया जाए रोस्टर
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि सचिव समिति की बैठक में राज्यहित से जुड़े विषयों की नियमित समीक्षा की जाए। श्रेष्ठ उत्तराखण्ड के निर्माण के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना है। उन्होंने कहा कि आगामी एक वर्ष के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं का एक रोस्टर प्लान बनाया जाए, जिसमें ऐसी योजनाएं शामिल हों, जो व्यापक जनहित वाली हों। जनपदों के प्रभारी सचिव समयसमय पर जनपदों में जाकर योजनाओं की नियमित समीक्षा करें और विभिन्न व्यवस्थाओं में सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बड़ी परियोजनाओं की पृथक से बृहद स्तर पर समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं को दैवीय आपदा अथवा अन्य किसी भी संभावित नुकसान से बचाने के लिए उनका सेफ्टी ऑडिट भी किया जाए। पुराने पुलों, एसटीपी, जल विद्युत परियोजनाओं, सुरंगों और अन्य अवस्थापना से जुड़े कार्यों में सुरक्षा मानकों का पूर्णतया पालन किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार से जानमाल का नुकसान न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मितव्ययिता पर विशेष ध्यान दिया जाए। राजस्व वृद्धि के साथ आवश्यक व्ययों को कैसे नियंत्रित किया जाए, इस दिशा में कार्य होना आवश्यक है। सीमित संसाधनों से हमें बेहतर आऊटकम देने की दिशा में कार्य करना है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में जो सब्सिडी दी जा रही है, वह लाभार्थियों को समय पर मिले। लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ जल्द दिलाने के लिए विभागों द्वारा नियमित कैंप लगाये जाएं।
सचिवों द्वारा नवाचार एवं नयी योजनाओं के अध्ययन एवं भ्रमण का हो राज्य हित में उपयोग
बैठक में बताया गया कि 2070 तक भारत ने ‘नेट जीरों उत्सर्जन’ की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला लिया है। इस दिशा में राज्य में थर्मल एनर्जी की सम्भावनाओं तथा राज्य में जिओ थर्मल एनर्जी के क्षेत्र में किये जाने वाले एमओयू के सबंध में भी चर्चा की गई। राज्य में विभिन्न माध्यमों से ऊर्जा उत्पादकता बढ़ाने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और नई तकनीक के अध्ययन के लिए जो भी सचिव देश के विभिन्न राज्यों व विदेश भ्रमण पर जाते हैं, उनके विभिन्न पहलुओं और आऊटकम का सचिव समिति में प्रस्तुतीकरण दिया जाए।
सचिवों द्वारा राज्य हित में दिये गये महत्वपूर्ण सुझाव
सचिवों द्वारा बैठक में अनेक सुझाव दिये गये। राज्य में राजस्व क्षमता में वृद्धि करने और पूंजीगत व्यय को कम करने, वृद्ध लोगों को ध्यान में रखकर उनके हिसाब से भी योजनाएं बनाने, निराश्रित गोवंश की सुरक्षा के लिए कारगर उपायों, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिये जाने, कृषि और उद्यान के क्षेत्र में फसली बीमारियों से बचाव के लिए कारगर उपायों पर कार्य करने, किसानों को बेहतर पौधे और बीज उपलब्ध कराने के लिए कारगर व्यवस्था बनाने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन करने पर सुझाव दिये गये। रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए बेहतर प्रशिक्षण के साथ प्रशिक्षण के आऊटकम पर ध्यान दिये जाने शहरी क्षेत्रों में बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन, गांवों में सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाने, सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए परिवहन, पुलिस और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारियां तय किये जाने, समान प्रकृत्ति के कार्यों के लिए विभागों के आपसी समन्वय के साथ कार्य करने, उत्तराखण्ड गतिशक्ति पोर्टल के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अन्य क्षेत्रों में विभिन्न सुझाव अधिकारियों द्वारा दिये गये।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, श्री एल.फैनई, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत एवं सभी सचिवगण उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में सचिवालय संघ के पदाधिकारियों ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को सचिवालय में सचिवालय संघ के पदाधिकारियों ने भेंट की। उन्होंने सचिवालय कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
इस अवसर पर सचिवालय संघ के अध्यक्ष श्री सुनील लखेडा, उपाध्यक्ष श्री जीतमणि पैन्यूली, महासचिव श्री राकेश जोशी, संयुक्त सचिव श्री रणजीत रावत सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में बार एसोसिएशन, देहरादून के पदाधिकारियों एवं अधिवक्ताओं ने मुलाकात की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को सचिवालय में बार एसोसिएशन, देहरादून के पदाधिकारियों एवं अधिवक्ताओं ने मुलाकात की।
इस अवसर पर अध्यक्ष बार एसोसिएशन एडवोकेट राजीव शर्मा, सचिव बार एसोसिएशन एडवोकेट श्री राजबीर सिंह बिष्ट, एडवोकेट एम एम लांबा, एडवोकेट कपिल शर्मा, एडवोकेट योगेंद्र चैहान एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में फिल्म अभिनेता श्री राजपाल यादव ने मुलाकात की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को सचिवालय में फिल्म अभिनेता श्री राजपाल यादव ने मुलाकात की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक सौंदर्य से आच्छादित है। राज्य में फिल्म शूटिंग की अपार संभावनाएं हैं। राज्य में फिल्म शूटिंग को बढावा देने हेतु सरकार राज्य निरन्तर कार्य कर रही है। जिसके लिए उत्तराखंड में फिल्म का निर्माण किए जाने पर सब्सिडी का प्रावधान भी किया गया है।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से हिमाचल के कैबिनेट मंत्री श्री विक्रमादित्य सिंह ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को हिमाचल के कैबिनेट मंत्री श्री विक्रमादित्य सिंह ने भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री और हिमाचल के कैबिनेट मंत्री के मध्य उत्तराखण्ड और हिमाचल के बीच उत्तराखण्ड और हिमाचल की आपसी कनेक्टिविटी जोड़ने के लिए चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों की सीमा पर स्थानीय काश्तकारों को टोल टैक्स में छूट प्रदान की जाय।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री सुखविन्द्र सिंह सुखू से भी फोन पर वार्ता कर दोनों राज्यों की आपसी कनेक्टिविटी को और अधिक विस्तार देने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड और हिमाचल की भौगोलिक स्थिति लगभग एक जैसी है। हाल ही में सम्पन्न हुई नीति आयोग की बैठक में हिमालयी राज्यों के समग्र विकास के लिए विशिष्ट नीतियां बनाने का भी अनुरोध किया है।
हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड को जोडने वाले पांवटा साहिब में यमुना नदी पर 550 मीटर लम्बे 02 लेन पुल पर वाहनों की आवाजाही के कारण भारी कम्पन दिखाई देती है। आई.आई.टी. रूडकी की जांच और संस्तुति के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भी इसके मरम्मत की मंजूरी दे दी गयी है। इसके लिये कम से कम 02 माह पुल के यातायात को बन्द करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए पूरा सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुल की मरम्मत से पहले जिलाधिकारी देहरादून और जिलाधिकारी सिरमोर द्वारा डायवर्जन प्लान बनाया जायेगा।
कैबिनेट मंत्री हिमाचल प्रदेश ने कहा कि यातायात की सुगमता के लिये पुल के पास बनाये गये वन, खनन, आबकारी एवं आर.टी.ओ. के अवरोधों तथा लोडेड वाहनों की पार्किंग को पुल से 01 किमी. दूर स्थानान्तरित किये जाने की आवश्यकता होगी, इस पर मुख्यमंत्री ने आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
कैबिनेट मंत्री हिमाचल प्रदेश ने हिमाचल को उत्तराखण्ड से जोड़ने के प्रयासों पर बल देते हुए उत्तराखण्ड द्वारा यमुना नदी पर बनाये गये भीमावाला नावघाट 540 मीटर लम्बे पुल को जोडने वाले 820 मीटर लम्बे सम्पर्क मार्ग के निर्माण पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हिमाचल से उत्तराखण्ड को जोडने वाले धौला से सेवाडोगरी तक 10 कीमी. सड़क निर्माण कार्य होने से डोडराक्वार क्षेत्र 12 महीने आवागमन सुचारू हो जायेगा और दोनों राज्यों की आपसी कनेक्टिविटी भी बन जायेगी।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश की पूर्व लोकसभा सांसद श्रीमती प्रतिभा सिंह, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय और हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रूद्रप्रयाग जनपद के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों राहत एवं बचाव कार्यों तथा पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने किया अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण।
अधिकारियों को जल्द जनजीवन सामान्य बनाने के दिए निर्देश।
श्री केदारनाथ पैदलयात्रा मार्ग शीघ्र शुरू किए जाने के दिए निर्देश।
श्री केदारनाथ के लिए हेली सेवा से यात्रा पर टिकटों में 25 फीसदी छूट देगी राज्य सरकार।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को रूद्रप्रयाग जनपद के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों राहत एवं बचाव कार्यों तथा पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इससे पहले उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्ग से जुड़े सभी विभागों की समीक्षा करते हुए अतिवृष्टि से हुयी क्षति की जानकारी ली। वहीं सभी विभागों को यात्रा शुरू करने के लिए उनके स्तर से किए जा रहे प्रयासों एव तैयारियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य बनाने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त मार्गों, पेयजल एवं विद्युत लाईनों को यथाशीघ्र बहाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि श्री केदारनाथ धाम के लिए हेलीसेवा को बुधवार से ही शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि हेलीसेवा के माध्यम से दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किराए में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिसका वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने यात्रा शुरू करने के लिए किए जाने वाले कार्यों में भी स्थानीय लोगों से सुझाव एवं सहयोग की भी अपील की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर जीएमवीएन में स्थानीय लोगों से संवाद के दौरान उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने प्रभावितों की सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने इन कठिन परिस्थितियों में सरकार और प्रशासन द्वारा संचालित रेस्क्यू अभियान में कंधा से कंधा मिलाकर सहयोग के लिए स्थानीय लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्र सरकार का भी आभार जताते हुए कहा कि अतिवृष्टि के बाद से ही केंद्रीय सरकार द्वारा चिनूक व एमआई हैलीकॉप्टर सहित हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई गई।
समीक्षा बैठक के उपरान्त मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री कहा कि अतिवृष्टि से भूस्खलन होने से 29 स्थानों पर पैदल एव सड़क मार्ग कटा हुआ है। इसके अतिरिक्त पेयजल व विद्युत की लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि की घटना के बाद से ही जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन तथा एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, धार्मिक व सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों ने मिलकर इस आपदा में पूरे मनोयोग से इस रेस्क्यू अभियान में फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में लगभग 12 हजार श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू अभियान लगभग पूर्ण हो चुका है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा, विधायक रुद्रप्रयाग श्री भरत चैधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग श्रीमती अमरदेई शाह, राज्यमंत्री श्री चंडी प्रसाद भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा भाजपा आशा नौटियाल, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, डीजीपी श्री अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. पंकज पांडेय, सचिव आपदा प्रबन्धन श्री विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल श्री के.एस. नगन्याल, जिलाधिकारी श्री सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में ले जनरल अनिंदया सेनगुप्ता, जीओसीइनसी, सेन्ट्रल कमाण्ड ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में ले जनरल अनिंदया सेनगुप्ता, जीओसीइनसी, सेन्ट्रल कमाण्ड ने भेंट की। उन्होने राज्य से सम्बधित सेना से जुडे विभिन्न विषयों पर मुख्यमंत्री से चर्चा की।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन, मुख्यमंत्री आवास देहरादून में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (ए०आई०) पर आधारित सेमिनार में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्य सेवक सदन, मुख्यमंत्री आवास देहरादून में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (ए०आई०) पर आधारित सेमिनार में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य में ए.आई मिशन को सफल बनाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की घोषणा की ।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ए.आई. के सहयोग से राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सभी ने मिलकर मंथन करना है। ए.आई. पर आयोजित इस मंथन कार्यक्रम से निश्चित अमृत निकलेगा जो राज्य में ए.आई. के आधार पर राज्य को आगे बढ़ाएगा। ए.आई. के सहयोग से इकोलॉजी, इकोनामी, टेक्नोलॉजी, अकाउंटेबिलिटी और सतत विकास में महत्वपूर्ण विकास होने वाला है। सभी विशेषज्ञ एवं विभिन्न दायित्व का निर्वहन कर रहे लोगों को भी ए.आई. की विशेषता हासिल करने पर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा उत्तराखंड में साइंस टेक्नोलॉजी और इनोवेशन नीति के साथ ए.आई टेक्नोलॉजी को विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है। ए.आई हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का साइंस टेक्नोलॉजी एवं ए.आई पर विशेष ध्यान रहता है। ए.आई के उपयोग से कई उपलब्धियां हासिल की जा रही है। ए.आई ने लोगों का समय बचाने का कार्य भी किया है। वैज्ञानिक अनुसंधान एवं दैनिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ए.आई. के माध्यम से आए हैं। उद्योग, चिकित्सा, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, में नवाचार का प्रमुख कारण ए.आई बन रहा है। ए.आई राज्य के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है, इसका प्रमाण है कि सतत विकास लक्ष्यों के सूचकांक में राज्य ने पहला स्थान प्राप्त किया है। हमारा राज्य प्राकृतिक संसाधन, सांस्कृतिक धरोहर, उत्कृष्ट मानव संसाधन से संपन्न है। एक बड़ा भू भाग जंगलों से आच्छादित है। ए.आई का सही उपयोग करने पर इन संसाधनों का प्रयोग सर्वोत्तम तरीके से किया जा सकता है। कृषि, पर्यटन, स्वास्थ, शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में ए.आई के उपयोग को बढ़ा कर सफलता की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आपदा, क्लाइमेट चेंज को और अधिक समझने में ए.आई. की मदद से प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सकता है। सम्पूर्ण विश्व विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की नेतृत्व क्षमता को देख रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इंडिया ए आई मिशन की शुरूवात की गई है। जिसका उद्देश्य ए.आई संबंधित टेक्नोलॉजी का विकास करना है। केंद्र सरकार से बेहतर समन्वय बनाकर प्रदेश में ए.आई के अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न संस्थानों, इंस्टिट्यूट के सहयोग से ए.आई. के लिए प्रभावी तंत्र बनाने पर कार्य करेंगे।
महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि वर्तमान समय ए.आई का समय है। उत्तराखंड, देवभूमि के साथ ही स्पिरिचुअल, साइंटिफिक सॉल्यूशन की भूमि है। यहां अनेक केंद्रीय संस्थान हैं । उत्तराखंड राज्य नॉलेज स्टेट के रूप में आगे बढ़ रहा है। नॉलेज स्टेट की अवधारणा से ही राज्य सशक्त और समृद्ध हो सकता है। ए.आई. को राज्य के विकास से जोड़ते हुए कृषि, पर्यटन, गुड गवर्नेंस, लाइवलीहुड, स्वास्थ एवं अन्य क्षेत्र में कार्य करना है। आज होने वाले मंथन से प्रभावी एवं निर्णायक सुझाव सामने आंएगे।
इस अवसर पर श्री दिनेश त्यागी ने कहा कि उत्तराखंड में आज का परिवेश अलग है। राज्य में बड़ा सकारात्मक बदलाव आया है। राज्य में ए.आई. को बढावा देने के लिए मूलभूत बुनियादी ढांचे की स्थापना की आवश्कता है। वर्तमान समय में राज्य के प्रत्येक स्थान को हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी से आच्छादित करना होगा।अधिक से अधिक विद्यार्थियो को स्कूलों/कॉलेजों में ए.आई. का बेसिक शिक्षण देना आवश्क है। हमारा उद्देश्य ए.आई के माध्यम से लोगों को सहूलियत पहुंचाना है। ए.आई. के माध्यम से युवाओं को रोजगार से भी जोड़ना है।
प्रो.ओ पीएस नेगी ने कहा कि ए.आई समय की जरुरत है। ए.आई. के माध्यम से इनोवेशन, टेक्नोलॉजी और क्वालिटी पर कार्य करना है। हमने ए.आई. को अपनी शिक्षा व्यवस्था में इस्थापित करना होगा, हमारा प्रयास एआई के माध्यम से डिस्टेंस एजुकेशन और प्रभावी बनाना है। इंटरनेट आइडियाज के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया जायेगा।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, सचिव श्री नितेश झा एवं विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति मौजूद रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रिंग रोड स्थित सूचना भवन में सूचना विभाग की समीक्षा की।
सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए आधुनिक तकनीक का पूर्ण उपयोग किया जाए मुख्यमंत्री
पत्रकारों कल्याण कोष के लिए काॅरपस फंड की धनराशि 05 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ की जायेगीसीएम
सूचना तंत्र को मजबूत बनाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जनपदों का नोडल बनाया जाए।
सचिव सूचना विभागीय कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा करेंगे।
रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय में 05 घण्टे तक चली बैठक में मुख्यमंत्री ने दिये अधिकारियों को आवश्यक निर्देश।
सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक प्रभावी माध्यम से पंहुचाने के लिए सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। आधुनिक तकनीक के प्रयोग के साथ प्रिंट, इलेक्ट्राॅनिक माध्यमों के साथ ही सोशल मीडिया और यूट्यूब माध्यमों का भी अधिकाधिक प्रयोग सुनिश्चित किया जाए। कार्यों में तेजी लाने के लिए सूचना विभाग द्वारा ईफाइलिंग प्रणाली का पूर्ण उपयोग किया जाए। जनपदों में सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सूचना तंत्र राज्य के पर्वतीय जनपदों में भी मजबूत हो। इसके लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जनपदों का नोडल अधिकारी बनाया जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रिंग रोड स्थित सूचना भवन में सूचना विभाग की लगभग 05 घण्टे की समीक्षा के दौरान दिये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सूचना विभाग के विभिन्न प्रभागों का निरीक्षण भी किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि पत्रकार कल्याण कोष के लिए काॅरपस फंड की धनराशि 05 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ की जायेगी। पत्रकारों के लिए ग्रुप इंश्योरेंस लागू करने के सबंध में उन्होंने विभाग को परीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। तहसील स्तर तक पत्रकारों को मान्यता प्रदान करने के लिए भी व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने कहा कि सरकार और जनता के बीच समन्वय बनाने के लिए सरकार के चेहरे के रूप में सूचना विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि मीडिया और विभिन्न प्रचार माध्यमों से जनता को सरल भाषा में सरकार के कार्यों और योजनाओं की जानकारी दी जाए।
जनहित में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यों की सक्सेस स्टोरी नियमित प्रकाशित की जाए। मुख्यमंत्री ने सचिव सूचना को निर्देश दिये कि विभाग के कार्यों में और तेजी लाने और विभिन्न व्यवस्थाओं में सुधार के लिए प्रत्येक 15 दिनों में विभाग की समीक्षा की जाए। सूचना विभाग द्वारा विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए सरकार के महत्वपूर्ण कार्यों को मीडिया के माध्यम से जन सामान्य तक पहुंचाया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि विकास पुस्तिका डिजिटल रूप में भी प्रस्तुत की जाए। फिल्म निर्माताओं को राज्य में फिल्म निर्माण के लिए निरंतर प्रोत्साहित किया जाए और उन्हें हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में भी वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में हो रहे विभिन्न घटनाक्रमों की भी नियमित माॅनिटरिंग की जाए। जिला सूचना अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि जनपदों में मीडिया के साथ बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें। जिलाधिकारी और अन्य जिलास्तरीय अधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाते हुए सरकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाए। उन्होंने निर्देश दिये कि जनपद स्तर पर सूचना तंत्र को और मजबूत बनाने के लिए मानव संसाधन के साथ आधुनिक तकनीक पर विशेष बल दिया जाए।
सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी ने मुख्यमंत्री को विभागीय क्रियाकलापों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में प्रिंट मीडिया में 1572 सूचना पत्र/पत्रिकाएं सूचीबद्ध हैं, जबकि 41 इलेक्ट्राॅनिक चैनल सूचीबद्ध हैं। सोशल मीडिया में 615 वेब पोर्टल व 13 कम्युनिटी रेडियो सूचीबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि विभाग में कार्मिकों के काफी पद रिक्त चल रहे हैं। सूचना अधिकारी और अन्य पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।
बैठक में विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् श्री विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव सूचना श्री शैलेश बगोली, अपर निदेशक सूचना श्री आशिष त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक श्री के.एस. चैहान, डाॅ. नितिन उपाध्याय, वरिष्ठ वित्त अधिकारी श्रीमती शशि सिंह, उप निदेशक श्री मनोज श्रीवास्तव और श्री रवि बिजारनियां उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन के वरिष्ठ अधिकारी अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों का निरंतर अनुश्रवण करें, जिलाधिकारियों द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जो भी सहायता की मांग की जा रही है, उस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए उन्हें सहयोग प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर केदारनाथ यात्रा मार्ग के प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के रेस्टोरेशन के लिए आयुक्त गढ़वाल मण्डल श्री विनय शंकर पाण्डेय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सचिव आपदा प्रबंधन,सचिव लोक निर्माण विभाग तथा ऊर्जा विभाग के उच्च अधिकारी तत्काल जनपद रूद्रप्रयाग का दौरा करते हुए रेस्क्यू और रेस्टोरेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करायेंगे। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई अतिवृष्टि से हुए नुकसान का मुख्यमंत्री जिलाधिकारियों से हर पल का स्वयं अपडेट ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से वर्चुअल माध्यम से वार्ता करते हुए निर्देश दिये कि श्री केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवागमन को जल्द सुचारू किये जाने के प्रयास किये जाएं। पैदल यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया जाए और उनको भोजन की समुचित व्यवस्था रखी जाए। श्रद्धालुओं के परिजनों को उनकी कुशलक्षेम की नियमित अपडेट दी जाए। जारी किये गये हेल्पलाईन नम्बरों का भी व्यापक स्तर पर प्रचारप्रसार किया जाए। मौसम अनुकूल होने की स्थिति में श्रद्धालुओं को जल्द रेस्क्यू किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच के क्षतिग्रस्त 150 मीटर मोटर मार्ग के निर्माण की कार्यवाही जल्द की जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं के साथ पुलिस का व्यवहार अच्छा हो। प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था भी सुचारू रखने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग श्री सौरभ गहरवार ने जानकारी दी कि श्री केदारनाथ पैदल मार्ग पर जिन स्थानों पर मलबा आया है,उन पर कार्य गतिमान है। मौसम अनुकूल होने की स्थिति में इन रास्तों को एक सप्ताह में ठीक करा लिया जायेगा। गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच क्षतिग्रस्त 150 मीटर मोटर मार्ग के निर्माण की कार्यवाही भी शुरू की जा रही है, अभी इसमें पैदल चलने की व्यवस्था की जा रही है। शेष मोटर मार्ग पूरा सही है।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली,गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी श्री ए.पी. अंशुमन, आईजी श्री कृष्ण कुमार वी.के, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री गुरूराम राय इंटर कॉलेज, मोथरोवाला, देहरादून में उत्तराखण्ड के लोकपर्व ’हरेला’ के उपलक्ष्य में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को श्री गुरूराम राय इंटर कॉलेज, मोथरोवाला, देहरादून में उत्तराखण्ड के लोकपर्व ’हरेला’ के उपलक्ष्य में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज उत्तराखंड के साथ ही पूरे देश में हरेला पर्व मनाया जा रहा है। सनातन संस्कृति में प्रकृति को मां के रूप में पूजे जाने की परंपरा है। हम किसी न किसी रूप में प्रकृति का पूजन करते हैं, हरेला पर्व भी प्रकृति की सेवा का पर्व है। उन्होंने कहा कि हमारी धरोहर एवं प्रकृति का संरक्षण जरूरी है। हरेला पर्व, प्रकृति को संरक्षित करने का संकल्प लेने का पर्व है। पेड़पौधे हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति के संरक्षण और पर्यावरण का संतुलन रखने के लिए जन सहभागिता से वृक्षारोपण करना होगा। वृक्षारोपण से प्राकृतिक आपदाओं से बचाव होता है। आने वाली पीढ़ी के स्वच्छ वातावरण देने के लिए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण करना आवश्यक है। प्रदेश के किसी भी हिस्से में आपदा से संपूर्ण राज्य प्रभावित होता है। वनों की कटाई, जल स्रोतों का दूषित होने जैसी समस्याएं हमारे सामने है, जिसका समाधान पौधारोपण ही है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संपूर्ण देशवासियों से “एक पेड़ मां के नाम“ लगाने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत में विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनेक कार्य हो रहे हैं। राज्य में ऑल वेदर रोड, हाईवे, रेलवे, एक्सप्रेसवे का कार्य गतिमान है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत ईज ऑफ़ लिविंग पर फोकस किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार हर शहर के समग्र विकास एवं जन सुविधाओं के विस्तार के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून शहर में सुगम यातायात, बाजार क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। आने वाले समय में देहरादून दिल्ली एलिवेटेड रोड बनने के बाद देहरादून एवं आसपास के शहरों में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। देहरादून में पिं्रस चैक से सहारनपुर चैक तक, मेंहुवाला मुख्य मार्ग के चैड़ीकरण एवं आढ़त बाजार के शिफिं्टग, इंद्रेश अस्पताल से कारगी चैक तक सड़क का चैड़ीकरण का कार्य गतिमान है। 72 करोड़ की लागत से मेंहुवाला क्लस्टर क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति हेतु कार्य गतिमान है। क्षेत्र में 600 करोड़ की लागत से देहराखास, विद्याविहार, बिंदाल नदी से रिस्पना नदी के क्षेत्र के बीच व अन्य क्षेत्र में सीवर लाइन एवं ड्रेनेज का कार्य गतिमान है। रेस्टकैंप एवं भंडारीबाग फ्लाईओवर पर 37 करोड़ की लागत से कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून के मोथरोवाला क्षेत्र में नमामि गंगे योजना के तहत 15 एमएलडी की क्षमता से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से सभी विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार तेजी से सही दिशा में आगे बढ़ रही है, और इसका प्रमाण है कि सतत विकास लक्ष्यों के सूचकांक में राज्य ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा हमने पौधारोपण के साथ उनका संरक्षण भी करना है। राज्य सरकार ईकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बसे शहरों की धारण क्षमता का आंकलन कर रहे हैं। इसी के आधार पर इन क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने का कार्य तेज़ी से हुआ है।
हरिद्वार सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आज हरेला पर्व पूरे राज्य में सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उत्तराखंड के लोक पर्व ने व्यापक स्वरूप ले लिया है, समाज ने इस पर्व को स्वीकार किया है। हमने अपने और आने वाली पीढ़ी के लिए वृक्षारोपण करना है। जंगलों की आग के लिए पेड़ो को दोष देना गलत है, पेड़ो की रक्षा हम सभी का कर्तव्य है।
विधायक विनोद चमोली ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। उन्होंने धर्मपुर विधानसभा की विभिन्न मांगो को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मांगो का परीक्षण कराकर उचित समाधान किया जायेगा।
कार्यक्रम में निवर्तमान मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री दिनेश अग्रवाल, प्रदेश महामंत्री भाजपा श्री आदित्य कोठारी, महानगर अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, मण्डल अध्यक्ष श्री विनोद पुण्डीर, श्री सौरभ थपलियाल एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा की।
प्रत्येक विकासखण्ड में 55 गांवों को बनाया जाए आदर्श ग्राम मुख्यमंत्री
ग्राम चैपालों के आयोजन में उच्चाधिकारी भी हों शामिल।
पंचायत भवनों के निर्माण के 10 लाख की धनराशि को बढ़ाकर 20 लाख रूपये किये जाने के मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश ।
पर्वतीय शैली के आधार पर हो पंचायत भवनों का निर्माण।
गांवों के सुनियोजित विकास के लिए प्रत्येक विकासखण्ड में 55 गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में कार्य किये जाएं। देश के शीर्ष 100 आदर्श गांवों की श्रेणी में उत्तराखण्ड के 10 गांवों के नाम भी शामिल हों, इसके लिए गावों के समग्र विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किये जाएं। ग्राम चैपाल के आयोजन में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जनपदों में जिलाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जाए तथा ग्राम पंचायतों के प्रबुद्धजनों के साथ बैठकर गांवों की विकास योजनाओं पर कार्य किया जाए। ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाये जाए, इनमें उन गांवों के प्रवासी लोगों को प्रतिभाग करने के लिए विशेष रूप से प्रतिभागी बनाया जाए। यह बात मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानक तय कर पंचायत भवनों का निर्माण किया जाए। ग्राम पंचायतों में जो भी पंचायत भवन बनाये जा रहे हैं, वे पर्वतीय शैली में बनाये जाय, जिसमें उत्तराखण्ड की विरासत की झलक हो। पंचायत भवनों के लिए उचित स्थलों का चयन किया जाए, ताकि उनका ग्राम पंचायतों में पूर्णतः उपयोग हो सके। पंचायत भवनों के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की जा रही 10 लाख की धनराशि को बढ़ाकर 20 लाख रूपये करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। गांवों में सड़क निर्माण के समय नालियां भी बनाई जाय, ताकि जल निकासी की समस्या न हो। ग्राम पंचायतों में ओपन जिम और पार्कों की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सेना और अर्द्धसैन्य बलों के शहीदों के नाम पर उनके गांवों में द्वार, स्कूल और पंचायत भवनों के नाम रखे जाएं और गांवों में शिलापटों पर शहीदों के नाम अंकित करने की व्यवस्था बनाई जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गांवों के विकास के लिए 15वें वित्त आयोग से राज्य को प्राप्त धनराशि का योजनाबद्ध तरीके से उपयोग किया जाए। स्वच्छता, कूड़ा निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि गांवों के विकास के लिए जो भी योजनाएं बनाई जाए, धरातल पर पहले उसका आंकलन किया जाए। सभी ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर और हाई स्पीड इन्टरनेट कनेक्टिविटी की व्यवस्था की जाए।
कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि गांवों के विकास के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा दिया जाए। ग्राम पंचायतों में हो रहे कार्यों की वरिष्ठ अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग करें। उन्होंने सभी पंचायतों की परिसम्पतियों की जी.आई.एस मैपिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मल्टीलेवल पार्किंग के निर्माण से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि उनका उचित इस्तेमाल और देखरेख हो। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि से गांवों के विकास के लिए निर्धारित मानकों के हिसाब से तेजी से कार्य किये जाएं।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव पंचायतीराज श्री चन्द्रेश यादव, अपर सचिव श्री आलोक कुमार पाण्डेय, निदेशक पंचायतीराज सुश्री निधि यादव, निदेशक सेतु डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनपद टिहरी के आपदाग्रस्त क्षेत्र जखन्याली का स्थलीय निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनपद टिहरी के आपदाग्रस्त क्षेत्र जखन्याली का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्र में मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर उनका ढ़ाढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति एवं और शोकाकुल परिवार को धैर्य प्रदान करने की कामना की। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में शासनप्रशासन प्रभावितों के साथ खड़ा है। सरकार द्वारा प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी लोग इस समय एक दूसरे का सहयोगी बनकर कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में आपदा से जनहानि, पशुहानि एवं अन्य परिसंपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है। आपदा के समय लोगों की सुरक्षा राज्य सरकार पहली प्राथमिकता है। उन्होंने जिलाधिकारी टिहरी को आपदा प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने तथा राहत कैंपों में सभी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं। आपदा क्षति का आंकलन कर तत्काल सुरक्षात्मक कार्य करने के भी निर्देश दिये हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र में जन जीवन सामान्य बनाने के लिए सड़क कनेक्टिविटी, विद्युत और पेयजल की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी टिहरी श्री मयूर दीक्षित ने जानकारी दी कि कल देर रात्रि जनपद टिहरी के घनसाली ब्लॉक के जखन्याली के पास बादल फटने से होटल बहने की सूचना प्राप्त हुई। घटना की सूचना प्राप्त होते ही राजस्व टीम, पुलिस, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य, सड़क, विद्युत आदि विभागों की टीम जेसीबी, एंबुलेंस सहित मौके के लिए रवाना हुए। विद्युत विभाग द्वारा तत्काल शट डाउन किया गया। खोज बचाव एवं राहत टीम ने खोज बचाव शुरू किया। इस घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु हुई है। दो लोगों के शव रात्रि में बरामद कर लिये गये थे। एक घायल व्यक्ति ने अस्पताल ले जाने के दौरान दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में आई आपदा में मुयालगांव में घनसाली चिरबिटिया मोटरमार्ग को जोड़ने वाली पुलिया बहने, एक घोड़ा बहने की घटना एवं अन्य परिसंपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, विधायक घनसाली श्री शक्ति लाल शाह, विधायक टिहरी श्री किशोर उपाध्याय,एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली।
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की मुख्यमंत्री ने ली जानकारी।
राहत एवं बचाव कार्यों के लिए धनराशि की पर्याप्त व्यवस्था की गई हैसीएम
बालगंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र के प्रभावित गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया को शीघ्र शुरू किया जाए
जनपदों को इस वित्तीय वर्ष में आपदा से राहत एवं बचाव के लिए अभी तक 315 करोड़़ रूपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है।
प्रभावितों को अनुमन्य सहायता राशि यथाशीघ्र उपलब्ध कराने के जिलाधिकारियों को दिये गये हैं निर्देश।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली। सचिव आपदा प्रबंधन को उन्होंने निर्देश दिये कि जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाये रखें। अतिवृष्टि के कारण राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिलाधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता मांगे जाने पर यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने बालगंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र के प्रभावित गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया को भी शीघ्र से शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी जनपदों को इस वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 315 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर जनपदों को और भी धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिलाधिकारी हरिद्वार, टिहरी, देहरादून, चमोली, नैनीताल, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी से बारिश की स्थिति, जानमाल के नुकसान, जलभराव की स्थिति, सड़कों, पुलों, पेयजल और विद्युत की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अगले 24 घण्टे सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रखें। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया जाए और उनके रहने खाने की पर्याप्त व्यवस्थाएं रखी जाए। सुरक्षित स्थानों पर लाये जा रहे बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती माताओं को रहने के साथ दवाईयों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की समुचित व्यवस्था रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अतिवृष्टि के कारण सड़के बाधित होने की स्थिति में उनको सुचारू करने में कम से कम समय लिया जाए। उन्होंने पुल टूटने पर बैली ब्रिज बनाकर जल्द से जल्द आवागमन को सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए, कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को पेयजल और विद्युत की सूचारू आपूर्ति हो। चारधाम यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं रखने के उन्होंने निर्देश दिये हैं। यात्रा मार्ग में अतिवृष्टि के कारण यदि कहीं पर मार्ग बाधित होते हैं या आगे कोई खतरा प्रतीत होता है तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए। अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध कराये जाने के साथ ही फसलों और मवेशियों को हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को दिये हैं।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन श्री विनय कुमार रूहेला, सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन श्री राजकुमार एवं आपदा प्रबंधन से जुड़े अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली। सचिव आपदा प्रबंधन को उन्होंने निर्देश दिये कि जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाये रखें। अतिवृष्टि के कारण राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिलाधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता मांगे जाने पर यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने बालगंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र के प्रभावित गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया को भी शीघ्र से शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी जनपदों को इस वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 315 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर जनपदों को और भी धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिलाधिकारी हरिद्वार, टिहरी, देहरादून, चमोली, नैनीताल, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी से बारिश की स्थिति, जानमाल के नुकसान, जलभराव की स्थिति, सड़कों, पुलों, पेयजल और विद्युत की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अगले 24 घण्टे सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रखें। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया जाए और उनके रहने खाने की पर्याप्त व्यवस्थाएं रखी जाए। सुरक्षित स्थानों पर लाये जा रहे बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती माताओं को रहने के साथ दवाईयों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की समुचित व्यवस्था रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अतिवृष्टि के कारण सड़के बाधित होने की स्थिति में उनको सुचारू करने में कम से कम समय लिया जाए। उन्होंने पुल टूटने पर बैली ब्रिज बनाकर जल्द से जल्द आवागमन को सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए, कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को पेयजल और विद्युत की सूचारू आपूर्ति हो। चारधाम यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं रखने के उन्होंने निर्देश दिये हैं। यात्रा मार्ग में अतिवृष्टि के कारण यदि कहीं पर मार्ग बाधित होते हैं या आगे कोई खतरा प्रतीत होता है तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए। अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध कराये जाने के साथ ही फसलों और मवेशियों को हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को दिये हैं।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन श्री विनय कुमार रूहेला, सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन श्री राजकुमार एवं आपदा प्रबंधन से जुड़े अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद टिहरी के आपदाग्रस्त क्षेत्र जखन्याली का स्थलीय निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनपद टिहरी के आपदाग्रस्त क्षेत्र जखन्याली का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्र में मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर उनका ढ़ाढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति एवं और शोकाकुल परिवार को धैर्य प्रदान करने की कामना की। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में शासनप्रशासन प्रभावितों के साथ खड़ा है। सरकार द्वारा प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी लोग इस समय एक दूसरे का सहयोगी बनकर कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में आपदा से जनहानि, पशुहानि एवं अन्य परिसंपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है। आपदा के समय लोगों की सुरक्षा राज्य सरकार पहली प्राथमिकता है। उन्होंने जिलाधिकारी टिहरी को आपदा प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने तथा राहत कैंपों में सभी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं। आपदा क्षति का आंकलन कर तत्काल सुरक्षात्मक कार्य करने के भी निर्देश दिये हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र में जन जीवन सामान्य बनाने के लिए सड़क कनेक्टिविटी, विद्युत और पेयजल की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी टिहरी श्री मयूर दीक्षित ने जानकारी दी कि कल देर रात्रि जनपद टिहरी के घनसाली ब्लॉक के जखन्याली के पास बादल फटने से होटल बहने की सूचना प्राप्त हुई। घटना की सूचना प्राप्त होते ही राजस्व टीम, पुलिस, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य, सड़क, विद्युत आदि विभागों की टीम जेसीबी, एंबुलेंस सहित मौके के लिए रवाना हुए। विद्युत विभाग द्वारा तत्काल शट डाउन किया गया। खोज बचाव एवं राहत टीम ने खोज बचाव शुरू किया। इस घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु हुई है। दो लोगों के शव रात्रि में बरामद कर लिये गये थे। एक घायल व्यक्ति ने अस्पताल ले जाने के दौरान दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में आई आपदा में मुयालगांव में घनसाली चिरबिटिया मोटरमार्ग को जोड़ने वाली पुलिया बहने, एक घोड़ा बहने की घटना एवं अन्य परिसंपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, विधायक घनसाली श्री शक्ति लाल शाह, विधायक टिहरी श्री किशोर उपाध्याय,एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी मौजूद थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारघाटी में बुधवार रात्रि को हुई अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारघाटी में बुधवार रात्रि को हुई अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को निर्देश दिये कि क्षतिग्रस्त सड़कों और पैदल मार्गों के सुधारीकरण का कार्य तेजी से किया जाय। संवेदनशील स्थानों से लोगों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर लाया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान श्रद्धालुओं से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को यात्रा मार्ग में फंसे श्रद्धालुओं को यथाशीघ्र सुरक्षित स्थानों में लाये जाने के साथ ही भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये। प्रभावित क्षेत्र में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का पूरा आंकलन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को अनुमन्य सहायता राशि तत्काल उपलब्ध कराई जाए। आपदा प्रभावित क्षेत्र में जन जीवन सामान्य बनाने के लिए सड़क कनेक्टिविटी, विद्युत और पेयजल की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिये हैं।
जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग डॉ. सौरभ गहरवार ने जानकारी दी कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में श्रद्धालुओं के फंसे होने की सूचना मिलते ही उन्हें सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है, साथ ही उनके लिए भोजन और चिकित्सा सुविधा की व्यवस्थाएं की गई है। आज दोपहर एक बजे तक लगभग 300 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों में ले जाया जा रहा है। अतिवृष्टि से बहे पुल व क्षतिग्रस्त मार्गों को बनाने की कार्यवाही भी गतिमान है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग श्री भरत चैधरी, पुलिस अधीक्षक सुश्री विशाखा अशोक, मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा की।
सड़क निर्माण सम्बन्धी कार्यों की टेंडर प्रक्रिया प्रारम्भ कर मानसून के बाद हर हाल में 30 सितम्बर से निर्माण कार्यों में लायी जाए तेजी।
निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का रखा जाय विशेष ध्यान।
आपदा के दौरान अवरूद्ध हो रही सड़कों की की जाए अविलम्ब मरम्मत।
सड़क मरम्मत के लिये अधिकृत जे.सी.बी. पर जी.पी.एस. व्यवस्था को बनाया जाये प्रभावी।
पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के किनारे क्रस बेरियर के साथ पेड लगाने पर दिया जाए ध्यान।
सड़क निर्माण से जुडे ठेकेदारों तथा जे.सी.बी ठेकेदारों के लम्बित देयकों का अविलम्ब किया जाए भुगतान।
सड़कों पर डिवाइडर, रिफलेक्टर, साइनेज व लाइटिंग की व्यवस्था के भी मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा की। उन्होंने 30 अक्टूबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त किये जाने के निर्देश देते हुए सड़क निर्माण सम्बन्धी कार्यों की टेंडर प्रक्रिया प्रारम्भ कर मानसून के बाद हर हाल में 30 सितम्बर से निर्माण कार्यों में तेजी लाये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने तथा आपदा के दौरान अवरूद्ध हो रही सड़कों की अविलम्ब मरम्मत के भी निर्देश दिए हैं। सड़क मरम्मत के लिये अधिकृत जे.सी.बी. पर जी.पी.एस. व्यवस्था को प्रभावी बनाये जाने, पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के किनारे क्रस बेरियर के साथ पेड लगाने, तथा सड़कों पर डिवाइडर, रिफलेक्टर, साइनेज व लाइटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण से जुडे ठेकेदारों तथा जे.सी.बी ठेकेदारों के लम्बित देयकों का अविलम्ब भुगतान के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिये सड़कों के निर्माण में तेजी लायी जानी होगी। इसके लिये टेण्डर एवं डी.पी.आर. तैयार करने में तकनीकि दक्षता का प्रभावी उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों आदि के निर्माण में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत निर्मित होने वाली सड़कों पर भी समयबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है। ट्रॉली पर आवाजाही की निर्भरता कम करने के लिये इन स्थानों पर मोटर व पैदल पुलों के निर्माण में तेजी लाये जाने पर भी मुख्यमंत्री ने बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड के तैयार होने के बाद देहरादून शहर पर बढने वाले यातायात के दबाव की चुनौती का सामना करने के लिये रिंग रोड सहित शहर की प्रस्तावित अन्य सड़कों एवं एलिवेटेड रोड आदि की योजना पर तेजी से कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन एवं तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके लिए रोड कनेक्टिविटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सड़कों के विस्तार के लिए हमें तेजी से आगे बढ़ना होगा। उन्होंने पी.एम.जी.एस.वाई. की सड़कों की मरम्मत में आ रही कठिनाइयों के निराकरण के लिये इसकी स्पष्ट गाइड लाईन तैयार किये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि सुगम और सुरक्षित यातायात के साथ आमजन के जीवन को सहज, सुगम और समृद्ध बनाने में सड़कों का बडा योगदान रहता है। निर्माण कार्यों से इकोलॉजी के दुष्प्रभावों को कम करने के लिये सड़क निर्माण में प्लास्टिक वेस्ट के उपयोग पर ध्यान दिये जाने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।
सचिव लोक निर्माण डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से रिस्पना एवं बिंदाल नदी पर एलिवेटेड रोड निर्माण, ऋषिकेश बाईपास, देहरादून मसूरी संयोजकता, देहरादून व हल्द्वानी शहर के लिए रिंग रोड आदि से संबंधित प्रस्तावों की जानकारी दी। उन्होंने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में सड़कों के निर्माण आदि की भी जानकारी दी।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद वर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. श्री बंशीधर तिवारी, अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदण्डे, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग श्री डी. के. यादव, अधीक्षण अभियंता एन.एच.ए.आई. श्री विशाल गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में पशुपालन, डेरी विकास, मत्स्य पालन और गन्ना विकास विभाग की समीक्षा की।
पशुपालन एवं डेरी विकास की योजनायें बने जीएसडीपी में वृद्धि के आधार
योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में नवाचार पर दिया जाए ध्यानमुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में पशुपालन, डेरी विकास, मत्स्य पालन और गन्ना विकास विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पशुपालन और डेरी विकास के क्षेत्र में आगामी 03 वर्षों में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में योगदान 03 प्रतिशत से बढ़ाकर 05 प्रतिशत करने की दिशा में कार्य किये जाएं। इसके लिए उन्होंने स्थानीय उत्पादों को तेजी से बढ़ावा दिये जाने पर भी बल दिया। उन्होंने पशुपालन और डेरी विकास के क्षेत्र में जीएसडीपी में वृद्धि के लिए आवश्यक संसाधनों का पूरा एक्शन प्लान तैयार कर प्रस्तुत करने के साथ प्रत्येक जनपद में एकएक मॉडल पशु चिकित्सालय बनाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के साथ नवाचार की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में वृद्धि हो और पलायन भी रूके। डेरी विकास तथा पशुपालन के क्षेत्र में राज्य की आर्थिकी में सुधार के लिये अन्य प्रदेशों से आयातित दूध व दुग्ध उत्पादों, पोलट्री उत्पादों की निर्भरता को कम किया जाए। गोट वैली, कुक्कुट वैली और ब्रायलर फार्म की स्थापना राज्य में पशुपालकों की आय को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई है। इस योजनाओं को और तेजी से बढ़ावा दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में डेरी विकास के लिए दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ ही विभिन्न दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य किया जाए। दुग्ध उत्पादन से लाभकारी आय के लिए इनपुट प्रोडक्सन एवं डिलीवरी सिस्टम को सुदृढ़ बनाया जाए। एफ.पी.ओ के माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म के चारा बीज उपलब्ध कराने और हरा एवं सूखा चारा उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किये जाने के साथ राज्य में अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्र स्थापित किये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
राज्य में मछली की खपत के अनुरूप हो उत्पादन मुख्यमंत्री
मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फिश के उत्पादन को तेजी से बढ़ावा दिया जाए। इनकी बिक्री के लिए भी उचित प्रबंध किये जाएं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का मत्स्य पालकों को अधिक से अधिक लाभ मिले। राज्य में मत्स्य पालन को और तेजी से बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा लक्ष्य तय किये जाएं, लक्ष्यों को फोकस करते हुए समयबद्धता के साथ आगे कार्य किये जाएं। राज्य में मछली की खपत के अनुरूप उत्पादन हो इस दिशा में भी तेजी से प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से भी अधिक से अधिक मत्स्य पालकों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि तालाबों के निर्माण से उनमें मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा सकता है, वहीं जल संरक्षण की दिशा में भी यह सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कलस्टर बनाकर तालाबों का निर्माण किया जाए और उनके माध्यम से मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाए।
गन्ना मिलों के आधुनिकीकरण, दक्षता और क्षमता में वृद्धि की दिषा में किये जाए कार्यमुख्यमंत्री
गन्ना विकास विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गन्ना मिलों को घाटे से उबारा जाए। गन्ना मिलों के आधुनिकीकरण, दक्षता और क्षमता में वृद्धि की दिशा में कार्य किये जाएं। राज्य में गन्ना बीज बदलाव, जीपीएस के माध्यम से गन्ना सर्वेक्षण का कार्य तथा प्रदेश में जैविक गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लक्ष्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर हो।
कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि पशु स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण के लिए वृहद् स्तर पर पशुओं का टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। मोबाईल वैटिनरी यूनिट के माध्यम से पशुपालकों के द्वार पर पशुचिकित्सा संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन के तहत इस वर्ष डेरी विकास के अन्तर्गत 3385 दुधारू पशुओं के क्रय के लिए 611 परिवारों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ने तथा 4943 पशुपालकों को बकरी व कुक्कुट पालन का लक्ष्य रखा है। पर्वतीय क्षेत्रों में साइलेज, चारा फीड ब्लाक की सुगमता से उपलब्ध होने के कारण महिलाओं के बोझ को कम किया गया है। पशुपालन से संबधित कार्यों में महिलाओं की भागीदारी 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 03 वर्षों में दुग्ध उपार्जन, संतुलित पशु आहार एवं साईलेज विक्रय में वृद्धि हुई है। गोट वैली से राज्य में डेढ़ साल में 3027 पशुपालकों को लाभ मिला है, जिसमें 37 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। राज्य में कुक्कुट की 2622 ईकाई स्थापित हैं इस वर्ष 01 हजार और ईकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव डॉ. बी.वी.आर. सी. पुरूषोत्तम, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव श्री विजय जोगदंडे, नियोजन विभाग से श्री मनोज पंत और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि लंबे समय से संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए इस दिशा में सुधारत्मक प्रयास की दिशा में कार्य किये जाएं।
सहकारिता की जन कल्याणकारी योजनायें बने गेम चेंजर
योजनाओं के क्रियान्वयन में हो विज्ञान एवं तकनीकि का उपयोगमुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि लंबे समय से संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए इस दिशा में सुधारत्मक प्रयास की दिशा में कार्य किये जाएं। इन योजनाओं से लाभार्थियों को कितना फायदा हुआ और योजनाओं को और प्रभावी बनाने के लिए और क्या विशेष नवाचार किये जा सकते हैं, इस दिशा में नियोजन विभाग के सहयोग से कार्य किया जाए। राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को गेम चेंजर बनाने की दिशा में कार्य किये जाने पर भी उन्होंने बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूहों को प्रदान किये जा रहे ऋण की धनराशि की सीमा में वृद्धि की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रस्ताव लाया जाए। स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को बेहतर बाजार मिले, इसके लिए सप्लाई चेन को प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा सहकारिता विभाग संबधित विभागों से भी समन्वय स्थापित कर योजनाओं को आगे बढ़ाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बंजर भूमि चिन्हित कर विभिन्न क्लस्टरों के माध्यम से उसे खेती योग्य बनाने के प्रयास किये जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक और पारम्परिक पद्धतियों के माध्यम से कृषि उत्पादन में वृद्धि की जाए। मुख्यमंत्री ने क्लस्टरों में मिल्लेट्स, सब्जियां, दालें, फल, औषधीय और सुगंधित पौधों फसलों, चारा फसलों और कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा हमारा उद्देश्य स्थानीय समुदाय को आजीविका के अवसर प्रदान कर, रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देना है। सहकारिता से मिलेट्स उत्पादों को और अधिक बढ़ावा मिले, इसके भी पयास किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विभिन्न जनपदों में चयनित क्लस्टरों की संख्या में वृद्धि के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत मत्स्य पालन, मौन पालन, मशरूम उत्पादन के निर्धारित लक्ष्यों को बढ़ाया दिया जाए। विभिन्न परियोजनाओ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नवीन तकनीकियो का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 202425 में राज्य सरकार द्वारा 85 करोड की ब्याज प्रतिपूर्ति का बजटीय प्राविधान किया गया है। वित्तीय वर्ष 202425 में लगभग 1,90,000 सहकारी सदस्यों को 1300 करोड़ रूपये का ब्याज रहित ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। योजना के अन्तर्गत अभी तक कुल 960510 लाभार्थियों एवं 5339 स्वयं सहायता समूहों को कुल 5621.25 करोड रूपये़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना से 50 हजार से अधिक किसान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, निबंधक सहकारिता श्री आलोक कुमार पाण्डेय एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के सदस्यों ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के सदस्यों ने भेंट की। उन्होंने एक राज्य एक पंचायत चुनाव से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज सहित जिला पंचायत अध्यक्ष संगठन, जिला पंचायत सदस्य संगठन तथा ग्राम प्रधान संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में संचालित कोचिंग सेंटरो की गहनता से जांच के निर्देश दिये है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में संचालित कोचिंग सेंटरो की गहनता से जांच के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोचिंग सेंटरों में अध्यनरत छात्रों एवं अध्यापकों आदि के लिए की गई व्यवस्थाओं का भी स्थलीय निरीक्षण किया जाए। उन्होंने इसके लिए प्रदेश व्यापी अभियान संचालित करने के भी निर्देश मुख्य सचिव को दिये है। कोचिंग सेंटरों में पार्किंग व्यवस्था तथा आसपास यातायात की सुगमता पर भी ध्यान दिये जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी वर्षा के दृष्टिगत जल भराव होने की सम्भावना रहती है। अतः ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार की आपदा के त्वरित निराकरण हेतु राज्य में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियां संचालित हो रही हैं की तत्परता तथा प्राथमिकता के साथ जाँच कर उनमें सुधारात्मक कार्यवाही की जाए ताकि किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को राज्य में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियां संचालित हो रही हैं, की जाँच के निर्देश दिए है। इस संबंध में जारी निर्देश में मुख्य सचिव ने कहा है कि मानसून के दौरान अतिवृष्टि के कारण नई दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेन्टर के बेसमेन्ट में जलभराव की स्थिति के कारण हुई अप्रिय घटना के दृष्टिगत उत्तराखण्ड में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियों संचालित हो रही हैं, की जॉच भवन उपनियमों और सुरक्षा सम्बन्धी अन्य मानकों/नियमों के तहत शीर्ष प्राथमिकता के साथ करना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने जिलाधिकारियों को सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक कर जनपद में सभी कोचिंग सेंटरों के निरीक्षण हेतु एक समिति का गठन कर समिति के माध्यम से वर्णित स्थानों की जांच कराते हुए सभी प्रकार की कमियों का निराकरण सुनिश्चित कराने को कहा है। जिन भवनों में कमियों का निराकरण किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा हो, उन भवनों में मानसून अवधि तक के लिए ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाये जाने हेतु समुचित आदेश पारित कर उसका अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिये हैं, ताकि मानसून अवधि में जलभराव से होने वाली किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। उन्होंने इस संबंध में की गई कार्यवाही से शासन को 15 दिन के भीतर अवगत कराने के भी निर्देश दिए है।
उन्होंने ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियों संचालित हो रही है में अग्नि सुरक्षा मानकों की जाँच तथा भवन अथवा कोचिंग सेन्टर में उपलब्ध अग्नि शमन यंत्र एवं अलार्म तथा किसी आगजनी की घटना में निकासी मार्ग को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया गया है की भी जांच करने को कहा है। ऐसे भवनों में स्थापित विद्युत प्रणाली की जाँच विद्युत सुरक्षा विभाग से कराने तथा आवश्यक अनुमति/प्रमाणपत्र भवन स्वामी द्वारा लिये जाने, विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा सुझाये गये उपायों का समावेश भवन में स्थापित विद्युत प्रणाली में किये जाने तथा भवन निर्माण के लिए आवश्यक मानकों की पूर्ति की भी जांच करने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी के अस्थाई राहत शिविर राजकीय इण्टर कॉलेज विनक खाल में प्रभावितों हेतु की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने टिहरी में आपदा राहत शिविर राजकीय इण्टर कॉलेज विनक खाल में प्रभावितों से बातचीत कर जाना उनका हालचाल।
आपदाग्रस्त गांव तिनगढ़ का किया स्थलीय निरीक्षण। पीड़ितों की समस्याएं सुनकर त्वरित निराकरण के दिये निर्देश
आपदा की इस घड़ी में भारत सरकार एवं राज्य सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को टिहरी के अस्थाई राहत शिविर राजकीय इण्टर कॉलेज विनक खाल में प्रभावितों हेतु की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने राहत शिविर में बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, विकलांगों के लिए भी उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा राहत शिविर में आपदा प्रभावितों से मिलकर उनका हालचाल जाना तथा उनकी समस्यायें सुनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा आपदा के दिन से ही लगातार स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा रही है। उन्होंने आपदा में हुई जनहानि पर गहरा शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति तथा पीड़ित परिवार को इस दुख की घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण प्राकृतिक आपदाएं हमेशा चुनौतियां बनकर आती हैं। इससे पूर्व तैयारी के साथसाथ आपदा के समय सजगता और सतर्कता से कम से कम समय में आपदा पर काबू पाना जरूरी होता है, जिसका परिचय जिला प्रशासन ने दिखाया है। उन्होंने पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान करने के जिला प्रशासन के प्रयासों की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में भारत सरकार, राज्य सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है। तिनगढ़ गांव के विस्थापन की कार्रवाई शुरू हो गई है। अन्य गांव का सर्वे कर योजना बनाकर कार्य किया जाएगा। आपदा से क्षतिग्रस्त हुए सुरक्षा दीवार, स्कूल, पुल, तटबंध आदि कार्यों को शीघ्रता से किया जाएगा। आपदा सुरक्षा कार्यों में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने आपदा के इस कठिन समय में धैर्य से एक दूसरे का सहयोग करने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खतरे की जद में आने वाले मकानों को लेकर सजग रहने के निर्देश दिए। आपदा की इस घड़ी में जनप्रतिनिधियों को भी हर संभव मदद करने को कहा। आपदा प्रभावितों को कोई दिक्कत न हो तथा उनके जन जीवन को पूर्व की भांति पटरी पर लाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि तिनगढ़ गांव के पुनर्वास/विस्थापन के लिए भूगर्भीय सर्वे कर लिया गया है, तथा सैद्धान्तिक स्वीकृति मिल चुकी है। भूमि चिन्हीकरण की कार्यवाही की जा रही है। जमीन उपलब्धता के आधार पर धीरे धीरे लोगों का पुनर्वास किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि ग्राम कोट के 28 परिवारों के विस्थापन की कार्यवाही गतिमान है। तिनगढ़ के लगभग 100 पशुओं हेतु एक अस्थाई गौशाला का चिन्हीकरण कर लिया गया है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विनय रोहेला, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नोटियाल, ब्लॉक प्रमुख भिलंगना वासुमति घणाता, सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, एडीएम के.के. मिश्रा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, ग्रामीण मौजूद रहे।
जिला सूचना कार्यालय टिहरी से प्राप्त प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने 04 घोषणाएं की।
राज्य में शहीद सैनिकों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये की जायेगी।
शहीद सैनिक के परिवारजनों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को 02 साल से बढ़ाकर 05 साल किया जायेगा।
शहीदों के आश्रितों को अब जिलाधिकारी कार्यालयों में समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के अलावा अन्य विभागों में भी समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के पदों पर भी नियुक्ति प्रदान की जायेगी।
सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों की भांति अवकाश प्रदान किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीदों के परिवार जनों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, विधायक श्रीमती सविता कपूर, श्री बृज भूषण गैरोला और निवर्तमान मेयर श्री सुनील उनियाल गामा ने भी शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने 04 घोषणाएं की। उन्होंने घोषणा की कि राज्य में शहीद सैनिकों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये की जायेगी। शहीद सैनिक के परिवारजनों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को 02 साल से बढ़ाकर 05 साल किया जायेगा। शहीदों के आश्रितों को अब जिलाधिकारी कार्यालयों में समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के अलावा अन्य विभागों में भी समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के पदों पर नियुक्ति प्रदान की जायेगी। सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों की भांति अवकाश प्रदान किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में माँ भारती की रक्षा के लिये हमारे वीर जवानों ने पराक्रम और अदम्य साहस का परिचय दिया। भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल की यह विजय गाथा भी उत्तराखंड के वीरों के बिना अधूरी है और अपने 75 सपूतों का बलिदान ये वीर भूमि कभी नहीं भुलाएगी। जिस सांस्कृतिक परिवेश और विचारों ने हम सभी को पोषित किया है, उस संस्कृति में मान्यता है कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उन्होंने बचपन से ही एक सैनिक और उसके परिवार के संघर्ष को देखा है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे। हमने युद्ध भी जीता और वैश्विक स्तर पर कूटनीति में भी जीते। अटल जी ने शहीदों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गाँव में राजकीय सम्मान के साथ करने की व्यवस्था की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से सेना न केवल पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है बल्कि उसकी यश और कीर्ति भी बढ़ रही है। हमारी सरकार जहां एक तरफ सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है, वहीं सैनिकों और उनके परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री जी निरंतर सैनिकों के साहस और मनोबल को बढ़ा रहे हैं और यही कारण है कि सेना आज गोली का जवाब गोले से दे रही है। आज भी प्रधानमंत्री ने कारगिल वॉर मेमोरियल, लद्दाख में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण का प्राविधान किया जायेगा, इसके लिए एक्ट लाया जायेगा।
सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। अभी तक 26 आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त धनराशि में वृद्धि की गई है। देहरादून के गुनियालगाँव में प्रदेश के शहीदों की स्मृति में अत्याधुनिक एवं समस्त सुविधाओं युक्त ’शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है जिसमे प्रदेश के समस्त शहीदों के नाम अंकित किये जायेंगें। उन्होंने कहा कि हर्बटपुर में सैनिक कल्याण का दूसरा कार्यालय खोला जा रहा है।
कार्यक्रम में सचिव सैनिक कल्याण श्री दीपेंद्र चैधरी, मेजर जनरल सम्मी सबरवाल (से.नि), लेफ्टिनेंट जनरल अश्वनि कुमार (से.नि), मेजर जनरल के.एस राणा (से.नि), ब्रिगेडियर कीर्ति बहल (से.नि), ब्रिगेडियर हरीश सेट्ठी (से.नि), निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल (से.नि), एमडी उपनल ब्रिगेडियर जे.एस. बिष्ट (से.नि), जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, एसएसपी देहरादून श्री अजय सिंह एवं अन्य सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक और शहीदों के परिवार जन उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी जन क्रांति के नायक अमर शहीद श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी जन क्रांति के नायक अमर शहीद श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीदेव सुमन ने अपने समय की कठिन परिस्थितियों में लोकशाही के लिए संघर्ष किया तथा अपने जीवन का बलिदान दिया। समर्पण एवं संघर्ष से परिपूर्ण श्रीदेव सुमन की जीवन गाथा सदैव हमें मातृभूमि की सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड, देहरादून में 24 जुलाई से 28 जुलाई तक आयोजित होने वाली 22वीं उत्तराखण्ड राज्य जूनियर एवं सीनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को परेड ग्राउंड, देहरादून में 24 जुलाई से 28 जुलाई तक आयोजित होने वाली 22वीं उत्तराखण्ड राज्य जूनियर एवं सीनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन भी किया ।
मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि खिलाड़ियों के बीच आकर उनमें हमेशा उत्साह और ऊर्जा का संचार होता है। बैडमिंटन के क्षेत्र में उत्तराखंड, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बना रहा है। लक्ष्य सेन सहित कई खिलाड़ी बैडमिंटन में इतिहास रचते हुए देश एवं प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। वर्तमान समय में खेल के बेहतर अवसर एवं संसाधन मौजूद हैं। युवा अपने प्रयासों से निरंतर प्रयास करते रहें, जिससे उन्हें भविष्य में निश्चित ही सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा खेल के प्रति लगन और अनुशासन, जीवन में नई ऊंचाइयां प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेल के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गये है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दिया जाता है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रमों के शुभारंभ से खेल को बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया गया है। ओलंपिक में भारत के अच्छे प्रदर्शन के लिए खिलड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग एवं सुविधाएं दी जा रही है। हर अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों पर भारत के कदम निरंतर बढ़़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष आयोजित हो रहे पेरिस ओलंपिक में भारत की ओर से अब तक का सबसे बड़ा दल प्रतिभाग करने जा रहा है। राज्य सरकार भी प्रदेश में खेलो एवं खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए हर स्तर पर कार्य कर रही है। प्रदेश भर में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन, खेल सामग्री का वितरण, आवासीय क्रीडा छात्रावास योजना के तहत खिलाड़ियों को मुफ्त शिक्षा, चिकित्सा, भोजन की सुविधा दी जा रही है। ओलंपिक में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतने पर क्रमशः 2 करोड़, 1.5 करोड़ एवं 1 करोड़ की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण, रजत एवं कास्य पदक विजेताओं को क्रमशः 6 लाख, 4 लाख, 3 लाख की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति लागू की गई है। इस वर्ष मेडल प्राप्त करने वाले 31 खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में नियुक्तियां दी है। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत 8 से 14 वर्ष के 3900 खिलाड़ियों को 1500 प्रति माह छात्रवृत्ति दी जा रही है। खेल छात्रावास में रहकर तैयारी कर रहे खिलाड़ियों के दैनिक भत्ते को 175 से बढ़ाकर 225 कर दिया गया है। ग्रामीण स्तर पर ओपन जिम के लिए 10 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है। उत्तराखंड को आगामी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का अवसर मिला है। जो हमारे लिए बड़ा अवसर है।
इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव खेल श्री अमित सिन्हा, यूएसबीए की अध्यक्ष डॉ. अलकनंदा अशोक, सचिव श्री बी.एस मनकोटी, श्री राकेश डोभाल एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में सी.एम हेल्पलाईन1905 की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सचिव एवं विभागाध्यक्ष सी.एम हेल्पलाईन की नियमित समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री ने की सी. एम. हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा अधिकारियों को दिये जन समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश।
जनपद देहरादून में ईअभिलेखागार वेब पोर्टल का शुभारम्भ। तहसीलों के रिकार्ड स्केन कर पोर्टल पर अपलोड करने के दिये निर्देश।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में सी.एम हेल्पलाईन1905 की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सचिव एवं विभागाध्यक्ष सी.एम हेल्पलाईन की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी सुनिश्चित करें कि शिकायत जिस अधिकारी के स्तर की है, उनका समाधान उनके स्तर पर ही हो जाय। अनावश्यक रूप से शिकायतें उच्च स्तर पर न आये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सी.एम. हेल्पालाईन की समीक्षा बैठक में इसका भी विवरण दिया जाय कि जनपदों के प्रभारी सचिवों द्वारा जनपदों में विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए कितनी बैठकों का आयोजन किया और किन महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करवाया। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि बीडीसी और तहसील दिवसों का आयोजन नियमित रूप से हो और इनमें जनपद स्तरीय अधिकारी भी अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ईअभिलेखागार जिला देहरादून के वेब पोर्टल का भी शुभारंभ किया। जनपद देहरादून की तहसीलों के रिकॉर्ड को स्कैन कर पोर्टल पर अपलोड किया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अन्य जनपद भी ईअभिलेखागार के माध्यम से वेब पोर्टल बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों के पेंशन संबंधी प्रकरणों का समयबद्धता के साथ निस्तारण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी को भी पेंशन संबंधी प्रकरणों में कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर न लगाना पड़े। विभागों के पेंशन प्रकरणों की नियमित समीक्षा के निर्देश उन्होंने मुख्य सचिव को दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सी.एम हेल्पलाईन पर शिकायत दर्ज करने वाले 06 शिकायतकर्ताओं से फोन पर वार्ता भी की। तीन शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का समाधान किया जा चुका था। जिन तीन शिकायतकर्ताओं की समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ था उनमें बागेश्वर के श्री मोहन सिंह ने शिकायत की थी कि उनके मकान के पीछे एक बड़ा पेड़ गिरने की स्थिति में हैं, जिसकी जड़े दरक गई हैं, जिससे उनके मकान में पेड़ गिरने का खतरा बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी बागेशवर को निर्देश दिये कि इनकी समस्या का शीघ्र समाधान कर जानकारी सीएम कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए। उधमसिंह नगर के राकेश कुमार अग्रवाल ने शिकायत की थी कि उनका बिजली का बिल आरडीएफ में आ रहा था, बिल जमा न करने पर उन पर 09 हजार रूपये का ब्याज लगा दिया गया। उन्होंने वास्तिवक बिल उपलब्ध कराये जाने की मांगी की। मुख्यमंत्री ने यूपीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाए। देहरादून के अरूण अहुलवालिया ने शिकायत की कि वे 31 अगस्त 2023 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उन्हें पेंशन का लाभ तो मिल चुका है, लेकिन इंश्योरेंस का पैसा नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इनके इंश्योरेंस की धनराशि यथाशीघ्र उपलब्ध करवाई जाय।
बैठक में निदेशक आईटीडीए श्रीमती नितिका खण्डेलवाल ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सी.एम हेल्पलाईन में शिकायतों के निस्तारण के सबंध में शिकायतकर्ताओं का फीडबैक दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों को मण्डल स्तर पर सीएम हेल्पलाईन 1905 और डिजिटल तहसील दिवस के आयोजन के लिए 07 अगस्त से देहरादून और नैनीताल में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री एल.फैनई, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री नितेश झा, श्रीमती राधिका झा, श्री दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री चन्द्रेश यादव, श्री बृजेश कुमार संत, डॉ. वी.षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री एस.एन पाण्डेय, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से गुरूवार को सायं मुख्यमंत्री आवास में फिल्म निर्माता श्री सुदीप्तो सेन एवं फिल्म पटकथा लेखक श्री कमलेश पाण्डे ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से गुरूवार को सायं मुख्यमंत्री आवास में फिल्म निर्माता श्री सुदीप्तो सेन एवं फिल्म पटकथा लेखक श्री कमलेश पाण्डे ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से उत्तराखण्ड में फिल्म निर्माण एवं फिल्मांकन से संबंधित विषयों पर चर्चा की तथा उत्तराखण्ड के प्राकृतिक सौंदर्य को फिल्मांकन के अनुकूल बताया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौंदर्य फिल्मांकन के अनुकूल है। उत्तराखण्ड में फिल्माकारो को फिल्मांकन हेतु पूरा सहयोग दिया जा रहा है, इसके लिये फिल्मांकन के अनुकूल नीतियां भी बनाई गई हैं।
इस अवसर पर यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को बाबा केदारनाथ के दर्शनों को श्री केदारनाथ धाम पहुंचे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किए बाबा केदारनाथ के दर्शन
केदारनाथ धाम, पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की ली जानकारी
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को बाबा केदारनाथ के दर्शनों को श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने बाबा केदारनाथ का रुद्राभिषेक एवं विशेष पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली एवं विश्व कल्याण की कामना की। इसके बाद उन्होंने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की।
एक दिवसीय दौरे पर बाबा केदारनाथ धाम के दर्शनों को पहुंचे मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडे, आईजी पुलिस गढ़वाल करन सिंह नगन्याल, जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार एवं पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा ने वीआईपी हैलीपैड पर उनका स्वागत किया। इसके बाद, मुख्यमंत्री तीर्थ पुरोहित समाज एवं मुख्य पुजारी से मिले। मुख्यमंत्री ने बाबा केदारनाथ मंदिर में प्रवेश कर विशेष पूजा अर्चना एवं रुद्राभिषेक कर संपूर्ण विश्व एवं मानवता के कल्याण की कामना की। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के सतत विकास के लिए भी बाबा केदार से आशीर्वाद मांगा। करीब 20 मिनट पूजा के बाद मुख्यमंत्री ने धाम में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों का अभिवादन कर श्रावण मास की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग का आशीर्वाद प्राप्त किया, साथ ही तीर्थ पुरोहितों के साथ धाम में चल रहे निर्माण एवं अन्य कार्यों के संबंध में चर्चा कर सुझाव मांगे। उन्होंने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने एवं गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए समयबद्धता के साथ सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीकेटीसी योगेन्द्र सिंह, प्रभारी कार्यकारी अधिकारी आरसी तिवारी, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, अनूप सेमवाल, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, विनोद शुक्ला, किशन बगवाड़ी, उमेश पोस्ती, केशव तिवारी, दिनेश बगवाड़ी सहित अन्य अधिकारीकर्मचारी एवं तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ननूरखेड़ा, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, (एस.सी.ई.आर.टी) उत्तराखण्ड के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया।
एस.सी.ई.आर.टी के नवनिर्मित भवन का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण।
पं० दीन दयाल उपाध्याय राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से विद्यार्थियों और प्रधनाचार्यों को किया गया सम्मानित।
सरकारी विद्यालयों में स्थापित 442 स्मार्ट क्लास रूम का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ननूरखेड़ा, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, (एस.सी.ई.आर.टी) उत्तराखण्ड के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने पं० दीन दयाल उपाध्याय राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार के तहत उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा संचालित वर्ष 2023 एवं 2024 हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले तीनतीन स्कूलों, हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं में प्रथम 10 स्थान प्राप्त करने वाले छात्रछात्राओं को पुरस्कृत भी किया। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में सी.एस.आर. के सहयोग से स्थापित 442 स्मार्ट क्लास रूम का शुभारंभ भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण दिन है। शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करना उनके लिए सौभाग्य की बात है। विद्यार्थियों ने अपनी मेहनत, लगन, समर्पण के बल पर उत्कृष्ट परिणाम हासिल किए हैं। ये पुरस्कार विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को आगे भी इसी मनोयोग से प्रयास करने के लिए प्रेरित करेंगे और अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणादायक होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एससीईआरटी भवन का निर्माण कार्य 02 साल में पूर्ण करने का शिक्षा विभाग को लक्ष्य दिया गया था। विभाग द्वारा निर्धारित समयावधि में 29 करोड़ 25 लाख की धनराशि से भव्य भवन का निर्माण किया गया है। एससीईआरटी भवन बनने से शैक्षिक विकास, शिक्षक प्रशिक्षण, शैक्षिक अनुसंधान तथा राज्य के शिक्षा के तंत्र का सम्पूर्ण विकास किये जाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एस.सी.ई.आर.टी के भवन निर्माण के साथ ही इसकी गुणवत्ता भी अत्यधिक मायने रखती है। राज्य सरकार का स्पष्ट ध्येय है कि किसी भी तरह के निर्माण कार्य में क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा सीएसआर के अंतर्गत बनी 442 स्मार्ट क्लास के शुरू होने से सरकारी विद्यालयों में पठनपाठन की व्यवस्था में अधिक गुणवत्ता आएगी। राज्य सरकार राज्य के 840 विद्यालयों में हाईब्रिड मोड में वर्चुअल एवं स्मार्ट क्लास की स्थापना पर भी कार्य कर रही है। कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें एवं कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तको के साथ ही जूते और बैग भी प्रदान किए जा रहे हैं। कक्षा 9 में प्रवेश करने वाली बालिकाओं के लिए साइकिल योजना एवं मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना भी लागू की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि राज्य का कोई भी विद्यार्थी बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित न रहे और न ही उनकी पढ़ाई पर कोई असर पड़े। उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था को पहले से अधिक आधुनिक और व्यावहारिक बनाने के लिए सरकार लगातार नीतिगत फैसले ले रही है। सभी को बेहतर शिक्षा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। राज्य के किसी भी छात्रछात्राओं के जीवन में शिक्षा का अभाव नहीं होनेे देंगे।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इस वर्ष उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट 30 अप्रैल को घोषित कर दिया था। जिससे बच्चों को उच्च शिक्षा हेतु अच्छे संस्थानों में जाने का मौका मिलता है। आगामी शिक्षण सत्र के लिए रिजल्ट 20 अप्रैल तक घोषित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में अध्यापकों के ट्रांसफर में पारदर्शिता आई है। ट्रांसफर में काउंसलिंग व्यवस्था की शुरुआत की गई है। अब तक 5000 अध्यापकों के ट्रांसफर हो चुके हैं। एससीईआरटी और डायट को और अधिक सृदृढ़ बनाया जा रहा है। आगामी वर्ष से टीचरों के ट्रांसफर भी ऑनलाइन व्यवस्था से होने लगेंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिन विद्यालयों में 70 प्रतिशत से कम अध्यापक होंगे वहां नए अध्यापकों के जाने तक अध्यापक रिलीव नहीं होंगे। राज्य सरकार छात्रों को किताबें, कपड़े, बैग, जूते मुफ़्त में देने का कार्य कर रही है। छात्रों को छात्रवृत्ति और निःशुल्क नोटबुक भी उपलब्ध कराई जा रही है।
विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए राज्य सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू होने से शिक्षा के क्षेत्र में अनेक क्रान्तिकारी परिवर्तन हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में शिक्षा के उन्नयन के लिए तेजी से कार्य हो रहे हैं।
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी ने शिक्षा विभाग को प्रेरणा और नई दिशा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एससीईआरटी का अपने भवन बनने से शैक्षिक विकास, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान के क्षेत्र में नये आयाम प्राप्त होंगे। उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और विद्यार्थियों को शुभकामना भी दी। शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि प्रधानाचार्य और शिक्षक विद्यालयी शिक्षा के मजबूत स्तंभ हैं।
इस अवसर पर निदेशक एससीईआरटी श्रीमती वन्दना गब्र्याल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री महावीर सिंह बिष्ट, निदेशक प्राथमिक शिक्षा श्री रामकृष्ण उनियाल एवं शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार की सायं परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित तीन दिवसीय ऊर्जा संचय समागम कार्यक्रम को वचुअर्ली संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने किया ऊर्जा संचय समागम कार्यक्रम को वचुअर्ली संबोधित
परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित हुआ तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ
बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री सहित अन्य संतगणों की उपस्थिति में हो रहा आयोजन
ऊर्जा संचय समागम का आयोजन आध्यात्मिक ऊर्जा को जनजन तक पहुंचाने में होगा मददगारमुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार की सायं परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित तीन दिवसीय ऊर्जा संचय समागम कार्यक्रम को वचुअर्ली संबोधित किया। उन्होंने इस आयोजन में पधारे आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री स्वामी अरूण आनंद सहित अन्य संत महात्माओं का स्वागत करते हुए इस समागम को आध्यात्मिक ऊर्जा को जनजन पहुंचाने वाला प्रयास तथा व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति को प्रभु की शक्ति के साथ एकीकृत करने वाला प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह समागम मानव मात्र को अपने भौतिक जीवन में मन कर्म वचन से आत्मज्ञान की दीक्षा देने में भी मददगार होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संत महात्माओं ने अपने ज्ञान से मानव मात्र को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है। सद्भावना के मार्ग का अनुश्रवण कर राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का मान व सम्मान विश्व में बढ़ा है। भारत अपने पुरातन गौरव को प्राप्त कर विश्व गुरू बनने की राह में आगे बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प पूरा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के आध्यात्मिक स्वरूप को बनाये रखने के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं। उत्तराखंड के नागरिक के हित में समान नागरिक संहिता विधेयक लागू किया गया। इससे सभी को समान अधिकार मिलेंगे। उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिये सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया। राज्य में लैंड जिहाद को रोकने के लिए 500 है0 भूमि अतिक्रमण से मुक्त करायी गई है। नकल विरोधी कानून लागू कर युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। प्रदेश में दंगारोधी कानून लागू किया गया है। अब दंगाइयों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही दंगे में होने वाली सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी दंगाइयों से ही की जाएगी। अब राज्य के अन्दर अथवा राज्य के बाहर कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था किसी समिति अथवा ट्रस्ट का गठन कर राज्य के चार धामों एवं प्रमुख मंदिरों के नाम पर समिति अथवा ट्रस्ट का गठन नहीं कर पायेगा। उत्तराखण्ड आध्यात्मिक संस्कृति का केंद्र बने तथा युवा अपनी प्राचीन सनातन संस्कृति से जुड़े इसके लिए राज्य के विश्वविद्यालयों में हिंदू संस्कृति के अध्यनन की व्यवस्था की गई है।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द मुनी, आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री तथा स्वामी अरूण आनंद ने मुख्यमंत्री द्वारा राज्य हित में लिए निर्णयों के प्रति उनकी सराहना की तथा उन्हें साधुवाद दिया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार एवं नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष श्री त्रिलोक चंद्र भट्ट के पिताजी के निधन पर दुःख व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार एवं नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष श्री त्रिलोक चंद्र भट्ट के पिताजी के निधन पर दुःख व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी ने भी वरिष्ठ पत्रकार श्री त्रिलोक चंद्र भट्ट के पिताजी के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में आम बजट 202425 को लेकर प्रेस वार्ता की।
ऐतिहासिक, दूरदर्शी, समावेशी, सर्वस्पर्शी और सर्वग्राही है आम बजट मुख्यमंत्री
विकसित भारत के संकल्प को सिद्धि तक पहुँचाने में नई दिशा और गति प्रदान करेगा बजट मुख्यमंत्री
भारतवासियों की आकांक्षाओं को साकार करेगा बजट मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में आम बजट 202425 को लेकर प्रेस वार्ता की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह बजट भारतवासियों की आकांक्षाओं को साकार करेगा व देश को नई दिशा और गति प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने जो बजट सदन के पटल पर रखा है वह ऐतिहासिक, दूरदर्शी, समावेशी, सर्वस्पर्शी और सर्वग्राही है।
पैकेज पर जताया पीएम व वित्त मंत्री का आभार
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बजट 202425 में उत्तराखण्ड में दैवीय आपदा से होने वाले नुकसान के लिए विशेष सहायता पैकेज देने की घोषणा करने हेतु समस्त प्रदेशवासियों की ओर से आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं वित्त मंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इस विशेष पैकेज के माध्यम से प्रदेश में आपदाओं से होने वाली क्षति राज्य की विकास की गति को बाधित नहीं कर सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने विकसित भारत के लिए 9 प्राथमिकताओं को बजट में शामिल किया है जो भारत के समग्र विकास को सशक्त करने कारगर सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह बजट आम आदमी के जीवन में खुशहाली लाने का काम करेगा।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ( च्डळैल् ) के चैथे चरण की शुरुआत के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए 25,000 ग्रामीण क्षेत्रों को ऑल वेदर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए च्डळैल् का चरण चार शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में रोड कनेक्टिविटी को और मज़बूती मिलेगी।
स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई कर प्रणाली में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार करने पर सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि आम बजट में देशभर में 12 नए इंडस्ट्रियल पार्क बनाने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में गत वर्ष हुई ग्लोबल इनवेस्ट समिट में साढ़े तीन लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश करार हुए हैं। ऐसे में इंडस्ट्रियल पार्कों के निर्माण से उत्तराखण्ड को भी लाभ मिलने की आशा है।
रोजगार, स्किलिंग, डैडम् , मिडिल क्लास को फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट गरीब, महिला, युवा और किसानों पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि बजट थीम में रोजगार, स्किलिंग, डैडम् , मिडिल क्लास को विशेष रूप से शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में भूस्खलन और अतिवृष्टि से हुए नुकसान को लेकर बजट में केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त सहायता प्रदान करने हेतु प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में पीएम सूर्यघर योजना के तहत सोलर ऊर्जा को प्रोत्साहित किया गया है। इससे, राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों को इसका निश्चित लाभ मिलेगा।
उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को ₹10 लाख तक का लोन
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में महत्वपूर्ण बिन्दु शामिल हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को ₹10 लाख तक का लोन देने की व्यवस्था की गई है। स्किल लोन के तहत अब 7.5 लाख तक का लोन की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही मुख्य फसलों पर केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है।
पहली बार रजिस्टर करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पहली नौकरी वालों के लिए 1 लाख रुपए से कम सैलेरी होने पर, म्च्थ्व् में पहली बार रजिस्टर करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद तीन किश्तों में मिलेगी। इसके साथ ही एजुकेशन लोन के तहत जिन्हें सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में एडमिशन के लिए लोन मिलेगा। लोन का 3 परसेंट तक पैसा सरकार देगी। इसके लिए ईवाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल एक लाख स्टूडेंट्स को मिलेंगे।
केंद्रीय बजट विकसित भारत के संकल्प को सिद्धि तक पहुँचाने में नई दिशा और गति प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में उत्तराखण्ड तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पदाधिकारियों ने भेंट कर मुख्यमंत्री को उनके 03 साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर बधाई दी।
मुख्यमंत्री से उत्तराखण्ड तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पदाधिकारियों ने की भेंट
कैबिनेट द्वारा राज्य के चारधाम और अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम ट्रस्ट या समिति गठित किये जाने के विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान किये जाने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री का जताया आभार
चार धाम के महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व और मेलों के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये जाने का किया अनुरोध
चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए गठित की जाने वाली संस्था के गठन से पूर्व चार धाम के तीर्थ पुरोहित्तों, मंदिर समितियों आदि को विश्वास में लिये जाने का मुख्यमंत्री से किया अनुरोध
चार धाम यात्रा को बेहतर बनाने तथा आने वाले 30 वर्षों की यात्रा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए प्राधिकरण या किसी अन्य संस्था के गठन की बना रही है योजनामुख्यमंत्री
चारधाम यात्रा के तहत श्रद्धालुओं के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन व्यवस्था को और बेहतर बनाने के किये जा रहे हैं प्रयासमुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में उत्तराखण्ड तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पदाधिकारियों ने भेंट कर मुख्यमंत्री को उनके 03 साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर बधाई दी। उन्होंने चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए गठित किये जाने वाले प्राधिकरण या किसी अन्य संस्था के गठन के सबंध में लिये गये निर्णय तथा कैबिनेट द्वारा राज्य के चारधाम और अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम ट्रस्ट या समिति गठित किये जाने के विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान किये जाने के निर्णय के लिए भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे देशभर में चारधामों के जो करोडों श्रद्धालु हैं उनमें किसी तरह के भ्रम की स्थिति नही होगी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह राज्य सरकार का अच्छा निर्णय है और देवस्थानम बोर्ड का निर्णय वापस लिये जाने के बाद तीर्थ पुरोहितों के हित में लिया गया निर्णय है जिसका सभी तीर्थ पुरोहित, पुजारी, रावल और सभी लोग स्वागत करते हैं।
उत्तराखण्ड तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से चार धाम के महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व और मेलों के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया ताकि स्थानीय स्तर पर इन आयोजनों को दिव्य और भव्य ढंग से आयोजित किया जा सके। उन्हांने चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए गठित की जाने वाली प्रस्तावित प्राधिकरण या किसी अन्य संस्था के गठन से पूर्व चार धाम के तीर्थ पुरोहित्तों, मंदिर समितियों, तीर्थ पुरोहित महा सभाओं के साथ ही हित धारकों को विश्वास में लिये जाने की भी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। चार धाम यात्रा से संबधित वीडियो, अपुष्ट और भ्रामक प्रचार प्रसार करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने तथा यात्रा काल में पंजीकरण व्यवस्था के चलते कोई तीर्थ यात्री चार धाम आने से वंचित न रह जाये। इसके लिये जनहित में पंजीकरण व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त किये जाने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कैबिनेट द्वारा राज्य के चार धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम से ट्रस्ट या समिति गठित किये जाने के विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान किये जाने से जन समान्य में असमंजस की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। साथ ही स्थानीय परम्पराओं एवं धार्मिक मान्यताओं को भी ठेस नहीं पहुंचेगी तथा स्थानीय स्तर पर आक्रोश की भी सम्भावना नहीं रहेगी। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा कड़े विधिक प्राविधान लागू किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा राज्य हित में लिया गया है। अब राज्य के अन्दर अथवा राज्य के बाहर कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था किसी समिति अथवा ट्रस्ट का गठन कर राज्य के चार धामों एवं प्रमुख मंदिरों के नाम पर समिति अथवा ट्रस्ट का गठन नहीं कर पायेगा। इससे इस संबंध में उत्पन्न विवाद का भी समाधान होगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा को बेहतर बनाने तथा आने वाले 30 वर्षों की यात्रा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए प्राधिकरण या किसी अन्य संस्था के गठन की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि इसमें तीर्थ पुरोहितों और हित धारकों की राय भी ली जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों के अनुरोध पर प्रत्येक धाम में आयोजित होने वाले दो धार्मिक आयोजनों एवं पर्वो के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की भी बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के तहत श्रद्धालुओं के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन व्यवस्था को और बेहतर बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। यात्रा के दूसरे चरण में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही व्यवस्थाएं खुली रखी जाएगी। चार धाम आने वाले किसी भी यात्री को असुविधा न हो इसके हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, चारधाम महापंचायत के महासचिव डॉ बृजेश सती, किशोर भट्ट, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, चारधाम महापंचायत के मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल, उपाध्यक्ष अमित उनियाल, गंगोत्री धाम के आलोक सेमवाल, लखन उनियाल, सुरेश हटवाल, रमेश कोठियाल, चिंतामणि हटवाल, गौरव, हार्दिक ,शिवम, सुशील एवं डॉ मनीष सेमवाल आदि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में नवगठित सेतु आयोग की कार्ययोजना से सम्बन्धित प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में नवगठित सेतु आयोग की कार्ययोजना से सम्बन्धित प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करते हुए निर्देश दिये कि सेतु आयोग आने वाले 2 साल के लिए प्रभावी नीति बनाए। सेतु द्वारा कौशल विकास और स्वरोजगार की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। प्रयास किये जाएं कि राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े। स्किल डेवलपमेंट प्लान और योजनाओं के सरलीकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी कार्ययोजना बनाई जा रही है, आगामी 02 सालों में वे पूर्ण रूप से धरातल पर दिखें। उन्होंने जनपदों के विकास के लिए उनकी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल विकास की योजनाओं पर कार्य किये जाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेतु आयोग के गठन का उद्देश्य राज्य में मजबूत एवं सुदृढ़ नीतियां बनाना, योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना, प्रभावी कार्य संस्कृति को विकसित करना, विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन एवं योजनाओं पर प्रभावी निगरानी रखें जाने के लिए किया गया है। सेतु आयोग ऐसी योजनाओं पर कार्य करें, जिसमें राज्य का समग्र विकास प्राथमिकता में हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों के लिए रिजल्ट ओरिएंटेशन एवं गुड गवर्नेंस आधारित कार्य योजनाओं पर कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचे, इसके लिए विभिन्न माध्यमों से योजनाओं का प्रचारप्रसार किया जाए। प्रचारप्रसार के लिए सरल तरीके अपनाये जाएं। यदि आवश्यकता हो तो यूजर फ्रेंडली पोर्टल (यूजर फ्रेंडली एप्लीकेशन) भी बनाए जाए। आम जनता को अपनी योजनाओं के बारे में पता हो, इसके लिए टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाय। उन्होंने कहा राज्य में डाटा इकोसिस्टम बनाने पर भी कार्य हो, जिससे योजनाओं का आंकलन करने में आसानी हो एवं विभागों के आउटकम की मॉनिटरिंग भी हो सके।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, उपाध्यक्ष सेतु श्री राजशेखर जोशी, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, नियोजन विभाग के श्री मनोज पंत उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आईटी पार्क देहरादून स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र का औचक निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आईटी पार्क देहरादून स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही बारिश की स्थिति का जायजा लेते हुए अधिकारियों को हर समय अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये कि वे निरन्तर जिलाधिकारियों से समन्वय बना कर रखें। नदियों के जल स्तर पर नियमित निगरानी बनाये रखें।
मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से जिलाधिकारी नैनीताल, बागेश्वर, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, देहरादून से फोन के माध्यम से वार्ता कर बारिश की स्थिति, सड़कों की स्थिति, विद्युत और पेयजल की उपलब्धता तथा जलभराव के बारे में जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिवृष्टि के कारण यातायात बाधित न हो, सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में उन्हें शीघ्र खुलवाया जाए। जल भराव की स्थिति में निकासी की उचित व्यवस्था रखी जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि नदियों के जल स्तर बढ़ने की स्थिति में नदी किनारे एवं अन्य संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये कि हर जिले की अतिवृष्टि की स्तिथि पर निरन्तर नज़र बनाए रखें। जिलों के साथ परस्पर समन्वय स्थापित करें, ताकि किसी भी आपातकाल स्थिति से निपटा जा सके। राज्य के विभिन्न संवेदनशील इलाकों, अत्यधिक बारिश एवं आपदा ग्रस्त वाले इलाकों को लेकर भी विशेष नज़र बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा को लेकर किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही की जाए। रिस्पांस टाईम कम से कम रखने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
इस अवसर सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव श्री आनन्द स्वरूप एवं संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
उच्च शिक्षा एवं शहरी विकास विभाग के 153 अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदान किए नियुक्ति पत्र।
उच्च शिक्षा एवं शहरी विकास विभाग के 153 अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किए नियुक्ति पत्र।
68 असिस्टेंट प्रोफेसर, 63 अधिशासी अधिकारी एवं 22 कर व राजस्व निरीक्षकों को प्रदान किए गये नियुक्ति पत्र।
सरकारी विभागों में रिक्त विभिन्न पदों पर और तेजी से होगी नियुक्ति की प्रक्रिया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग में चयनित 68 असिस्टेंट प्रोफेसर, शहरी विकास विभाग में चयनित 63 अधिशासी अधिकारी एवं 22 कर व राजस्व निरीक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी अभ्यर्थी राज्य सरकार के साथी के रूप में राज्य में अपनी सेवाएं देंगे। उन्होंने कहा जो जिम्मेदारी मिलने वाली है, उसका निर्वहन पूर्ण मनोयोग और ईमानदारी से करना है और उत्तराखंड को आदर्श राज्य बनाने के लिए सभी को अपना योगदान देना है। सभी चयनित युवा अपनी मेहनत, मातापिता, गुरुजनों एवं भगवान के आशीर्वाद से इस मुकाम पर पहुंचे हैं। जीवन के इस नए आयाम में नई शुरुआत करनी है, नौकरी के पहले दिन से ही संकल्प, अनुशासन लेकर कार्य करें, आगे काम करने के लिए जीवन में मापदंड तय करने होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी और पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चयनित अभ्यर्थी हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आपके द्वारा किए गए कार्यों का प्रभाव लाखों लोगों पर पड़ेगा, जनता के विश्वास पर खड़ा उतरना सभी की शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए। आपकी लगन और मेहनत से प्रदेश विकास क्षेत्र में आगे बढ़ेगा। राज्य सरकार की संकल्पना समृद्ध और सशक्त उत्तराखंड की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति2020 लागू की थी। उच्च शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए सरकार हर संभव कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों के विकास हेतु अनेक कार्य कर रही है। सभी छोटे बड़े शहरों को विकसित करने हेतु निरंतर कार्य जारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मागर्दशन में सभी शहरों के नवीनीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शहरी विकास में चयनित सभी अभ्यर्थी पूर्ण निष्ठा से शहरों के विकास की परियोजनाओं को आगे बढ़ाएंगे और राज्य के विकास में अपना अहम योगदान देंगे। अभ्यर्थी जन सहभागिता को प्राथमिक देकर कार्य करें, ताकि योजनाओं का सीधा लाभ आम जन को मिले। उन्होंने कहा निश्चित ही नए अभ्यर्थियों के आने से विभाग में नवाचार, ट्रांसपेरेंसी आएगी और कार्यशैली में परिवर्तन भी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक निर्णय लिये गये हैं। राज्य में 20 मॉडल कॉलेज बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू करके इस समस्या को जड़ से खत्म किया है। आज योग्यता के आधार पर नौकरियां मिल रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आगे भी विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को जल्द भरेगी।
कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि लोक सेवा आयोग से चयनित सभी युवा, आने वाले समय में हमारे योग्य और सक्षम अधिकारीगण बनेंगे। आज प्रदेश में 105 निकाय हैं, शहरी विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाने में सभी युवा अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इन अभ्यर्थियों के आने से विभाग के कार्यों में तेजी आयेगी। प्रदेश में 9 नगर निगम, 47 नगर पालिका, 49 नगर पंचायतें हैं। इन क्षेत्रों का विकास विभाग की प्राथमिकता में है। अब नए युवा अधिकारियों के आने से यह कार्य और सरलता से हो सकेगा।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तीन वर्षों में 15 हजार 500 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने का कार्य किया गया है। इस वर्ष 4000 बेसिक शिक्षकों, 1600 एल.टी , 882 लेक्चरर, करीब 622 प्रधानाचार्य, बीआरपी सीआरपी में 1500, हर इंटर कालेज हेतु 2500 चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति करने वाले हैं। इस प्रकार से कुल 11 हज़ार लोगों की नियुक्तियां शिक्षा विभाग में होंगी। इसके अलावा 1500 नर्सिंग स्टाफ, 750 एएनएम, 500 सीएचओ, 500 डॉक्टर्स, 378 मेडिकल कॉलेज हेतु असिस्टेंट प्रोफेसर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, हरिद्वार, रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज हेतु 3700 पदों पर नियुक्तियां देने जा रहे हैं। आज राज्य सरकार युवाओं की रोजगार के कई अवसर दे रही है।
इस अवसर पर विधायक श्री फ़कीर राम टम्टा, सचिव श्री शैलेश बगौली, सचिव श्री नितेश झा, निदेशक शहरी विकास श्री नितिन भदौरिया, अपर निदेशक डॉ. ललित नारायण मिश्रा एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में समान नागरिक संहिता (यू.सी.सी) लागू करने की तैयारियों के संबंध में सचिवालय में बैठक ली।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में समान नागरिक संहिता (यू.सी.सी) लागू करने की तैयारियों के संबंध में सचिवालय में बैठक ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए इसके अधीन संचालित होने वाली प्रक्रियाओं एवं नियमों को समयबद्धता के साथ अंतिम रूप दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यूसीसी के प्राविधानों को व्यवस्थित रूप से संपादित किये जाने के लिए गठित उप समिति के कार्यों एवं विभिन्न विभागों के स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही को भी शीघ्र अंतिम रूप दिया जाए। उन्होंने इस संबंध में विभिन्न स्तरों पर होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी को विधिवत लागू किये जाने से पूर्व सभी पहलुओं का गहनता एवं सजगता से अध्ययन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी के बारे में व्यापक स्तर पर जन जागरूकता भी लाई जाए। इसके लिए सभी संबंधित विभाग समन्वय के साथ कार्य करें।
यूसीसी के प्राविधानों को लागू करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष श्री शत्रुघ्न सिंह ने जानकारी दी गई कि इस सबंध में तीन उप समितियों का गठन किया गया। नियमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए गठित उप समिति की अब तक 43 बैठकें हो चुकी हैं, जो 31 अगस्त 2024 तक अपनी रिपोर्ट देगी। नियमों के कार्यान्वयन में सुगमता और पारदर्शिता के लिए गठित उप समिति की 20 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, यह उप समिति भी 31 अगस्त 2024 तक अपनी रिपोर्ट देगी। क्षमता विकास और प्रशिक्षण के लिए बनाई गई उप समिति भी 30 सितम्बर 2024 तक अपनी रिपोर्ट देगी। बैठक में बताया गया कि यूसीसी से संबंधित प्राविधानों को प्रभावी ढ़ग से क्रियान्वित किये जाने के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत, डीजीपी श्री अभिनव कुमार, विभिन्न विभागों के सचिव, समिति के सदस्यगण एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत अपनी माताजी के साथ पौधारोपण किया।
गुरू पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत अपनी माताजी संग किया पौधारोपण
मुख्यमंत्री ने कहा, व्यक्ति के जीवन में उसकी सबसे पहली गुरु माँ ही हैं, उनके नाम पर पौधरोपण करना किसी सौभाग्य से कम नहीं
कैनाल रोड स्थित गंगोत्री विहार में नदी किनारे खाली भूमि पर एमडीडीए की ओर से आयोजित किया गया पौधरोपण कार्यक्रम
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत अपनी माताजी के साथ पौधारोपण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में व्यक्ति की सबसे पहली गुरू मां ही हैं। ऐसे में मां के नाम पौधारोपण अभियान में शामिल होना किसी सौभाग्य से कम नहीं है।
कैनाल रोड स्थित गंगोत्री विहार में रिस्पना नदी के किनारे खाली भूमि पर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के तत्वावधान में रविवार को पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी माताजी श्रीमती विश्ना देवी के नाम से पौधारोपण किया। इस अवसर पर उनकी माताजी भी मौजूद रहीं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ’एक पेड़ माँ के नाम’ लगाने की देशवासियों से अपील की थी। राज्य में इसे अभियान के रूप में लिया गया है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से आह्वाहन किया है कि इस मानसून सीजन में एक पेड़ माँ के नाम जरूर लगाएं। उन्होंने कहा कि सभी के जीवन में माँ पहली गुरु होती हैं। गुरु पूर्णिमा की भी उन्होंने प्रदेशवासियों को शुभकामना दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला पर्व से 15 अगस्त तक राज्य में बृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान से सामाजिक संस्थाओं, पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों, स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा गया है। राज्य से ग्राम पंचायत स्तर वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है।
इस अवसर पर एमडीडीए उपाध्यक्ष श्री बंशीधर तिवारी ने कहा कि जिस भूमि पर यह पौधारोपण किया जा रहा है, यहां आने वाले दिनों में पार्क का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुरुआती चरण में भूमि की चारों ओर से फेंसिंग कराई जाएगी ताकि जानवर पौधों को नुकसान न पहुँचा सकें। साथ ही यहाँ पर पैदल ट्रैक के निर्माण के साथ ही इस तरह के पौधों को लगाया जाए जिससे यहां बायो डाइवर्सिटी को भी बढ़ावा मिल सके। इस अवसर पर उपाध्यक्ष ने अपनी माताजी सावित्री देवी जी के नाम से भी पौधारोपण किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, श्री गणेश जोशी, निवर्तमान मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली ने भी पौधरोपण किया।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में ‘ मुख्यमंत्री विद्यार्थी कल्याण योजना2024 का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में ‘ मुख्यमंत्री विद्यार्थी कल्याण योजना2024 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को मोबाइल लर्निंग स्कूल की सुविधा के लिए दो बसों का शुभारंभ भी किया।
मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को जनपद हरिद्वार और जनपद उधमसिंह नगर के लिए मोबाइल लर्निंग स्कूल के लिए एकएक बस का फ्लैग ऑफ किया गया। इससे पहले देहरादून और नैनीताल जनपदों के लिए इस पहल की शुरूआत की गई थी, जिसके तहत 314 बच्चे प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 75 बच्चों का प्रतिवर्ष चयन कर रूद्रपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में उच्च तकनीकि शिक्षा प्रदान की जायेगी। इन बच्चों को मेकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग जैसे विषय में 03 वर्ष का तकनीकि प्रशिक्षण प्रदान कर उनके रोजगार के लिए प्लेसमेंट की व्यवस्था भी की जायेगी। इन बच्चों के प्रशिक्षण का खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को इस तरह के प्रशिक्षण प्रदान करने से उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में आगे आने का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर विधायक श्रीमती सविता कपूर, अध्यक्ष उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम्, सचिव उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड सुश्री दीप्ति सिंह एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री ने किया सोलर वाटर हीटर अनुदान योजना पोर्टल का शुभारंभ।
मुख्यमंत्री ने किया सोलर वाटर हीटर अनुदान योजना पोर्टल का शुभारंभ।
विभिन्न शासकीय भवनों में स्थापित सोलर पावर प्लांटों का किया लोकार्पण।
रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए 734 लाभार्थियों को 3.72 करोड़ रूपये का अनुदान किया गया है वितरित।
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत सोलर पावर प्लांट की स्थापना के माध्यम से 2026 तक 250 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट की स्थापना का रखा गया है लक्ष्य
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के 47 लाभार्थियों को प्रदान किये आवंटन पत्र।
पी.एम. सूर्यघर योजना के तहत 4 लाभार्थियों को वितरित किये राज्य अनुदान के चेक।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में उरेडा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने सोलर वाटर हीटर अनुदान योजना में आवेदन एवं अनुदान निर्गत किये जाने के लिए पोर्टल ूूूण्नतमकंवदसपदमण्नाण्हवअण्पद का शुभारम्भ किया गया। प्रदेश के राजकीय भवनों पर स्थापित सोलर पावर प्लान्ट एवं सोलर वाटर हीटर, 27 भवनों पर 1.26 मे.वा. क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट तथा 44 राजकीय भवनों पर स्थापित 48400 लीटर क्षमता के सोलर वाटर हीटर सयंत्रों का लोकार्पण किया। कार्यक्रम के मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के 47 लाभार्थियों को परियोजना आवंटन पत्र प्रदान किये गये तथा 04 संख्या लाभार्थियों को पी0एम0 सूर्यघर योजना के अन्तर्गत राज्य अनुदान के चेक प्रदान किये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा का महत्व पूरे देश में तेजी से बढ़ा है। नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत पांरपरिक जीवाश्म आधारित ईंधन के एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत से कार्बन उत्सर्जन को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंचामृत कार्य योजना के तहत भारत में वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। 2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सौर पंप और सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए सब्सिडी और समर्थन प्राप्त हो रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग भी बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा एवं जल विद्युत के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। राज्य में सौर ऊर्जा को तेजी से बढ़ावा देने के लिए नई सौर ऊर्जा नीति बनाई गई है। वर्ष 2026 तक राज्य के सभी शासकीय भवनों पर सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 100 करोड़ रूपये की धनराशि का प्राविधान किया गया है। रूफटॉप सोलर प्लांट को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से संयुक्त रूप से 70 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। पी.एम. सूर्यघर योजना के तहत रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए राज्य में अभी तक 734 लाभार्थियों को 3.72 करोड़ रूपये का अनुदान दिया जा चुका है। घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सोलर वाटर हीटर संयंत्र की स्थापना पर 30 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत सोलर पावर प्लांट की स्थापना के माध्यम से अब तक 750 विकासकर्ताओं को 133 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट दिये गये हैं। इस योजना के माध्यम से 2026 तक 250 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।
कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं। स्वरोजगार को बढ़ावा देने में सौर ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऊर्जा आधारित प्रदेश उत्तराखण्ड की मूल अवधारणा में था। उत्तराखण्ड में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने में सौर ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
इस अवसर पर विधायक श्री बंशीधर भगत, सचिव ऊर्जा श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक उरेडा श्रीमती रंजना राजगुरू, एमडी पिटकुल श्री पी.सी ध्यानी, उप महानिर्देशक एनआईसी श्री अशेष कुमार अग्रवाल, महाप्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक श्री सचिदानंद दुबे, मुख्य परियोजना अधिकारी उरेडा श्री मनोज कुमार, उपमुख्य परियोजना अधिकारी, श्री अखिलेश कुमार शर्मा, श्री संदीप भट्ट, सुश्री वंदना उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को डी.ए.वी पी.जी कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित महानगर छात्र सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को डी.ए.वी पी.जी कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित महानगर छात्र सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रछात्राओं को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने डी.ए.वी.पी.जी. कॉलेज देहरादून में अटल बिहारी बाजपेयी उत्कृष्ट शैक्षणिक ब्लॉक के 06 नये कक्षा कक्षों के निर्माण के लिए 01 करोड़ की धनराशि प्रदान करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी वे कॉलेजों के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं, तो उनके मन में ऊर्जा का नया संचार होता है। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एबीवीपी स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों पर चलने वाला संगठन है, जो छात्रहित और राष्ट्रहित के लिये कार्य करता है। उन्होंने कहा कि आज वे समाज के लिए जो योगदान दे पा रहे हैं, उसमें विद्यार्थी जीवन का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा के मन्दिर से देश की सीमा तक विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अपना योगदान दे रहे हैं। अनेक अवसरों पर विद्यार्थी परिषद द्वारा सामाजिक सरोकारों से संबंधित कार्य किये जाते रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को हर क्षेत्र में कार्य करने का मौका मिले इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इसके लागू होने के बाद से सभी भर्ती प्रक्रियाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ हुई हैं। नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों का चयन अनेक परीक्षाओं में हो रहा है। परीक्षा के दिन अभ्यर्थियों को रोड़बेज की बसों में किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से अपील की कि इस मानसून सीजन में एकएक पौधा अवश्य लगाये जाने की भी अपील की।
इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ममता सिंह, क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री मनोज निखरा, श्री राकेश ओबेरॉय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से श्री अंकित शुक्ल, श्री ऋषभ रावत, श्री अंकित सुन्दरियाल, सुश्री आयुषी पैन्यूली एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखंड राज्य वन्य जीव बोर्ड की 20 वीं बैठक की अध्यक्षता की।
मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग द्वारा और प्रभावी प्रयास किये जाएं। इसके निवारण के लिए सुनियोजित नीति बनाते हुए इस पर गंभीरता से कार्य किया जाए। मानववन्यजीव संघर्ष में मृतकों के परिजनों और घायलों को यथाशीघ्र अनुमन्य सहायता उपलब्ध करवाई जाए। जंगलों से लगते जो स्थान बायोफैंसिंग से वंचित रह गए हैं, उन स्थानों को अतिशीघ्र बायोफैंसिंग से आच्छादित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ये निर्देश शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखंड राज्य वन्य जीव बोर्ड की 20 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम हेतु चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों में वन कर्मियों की गश्त बढाई जाए एवं वन कर्मियों को पर्याप्त मात्रा में उपकरण कैमरा ट्रैप, एनाईडर, ट्रैक्युलाईज गन आदि दी जाए। साथ ही आधुनिक उपकरण जैसे ड्रोन के माध्यम से भी जंगली जानवरों पर नज़र रखी जाए। जिन प्रभागों में मानव वन्यजीव संघर्ष के ज्यादा मामले आ रहे हैं उन स्थानों पर विशेष नजर रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में प्रस्तावित जू एंड सफारी के मास्टर प्लान पर जल्द डीपीआर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने राजाजी टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत चैरासी कुटिया का अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकास एवं उच्चीकरण अति शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य में वन्य जीव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न नेशनल पार्कों के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए वाइल्डलाइफ आधारित डॉक्यूमेंट्री, फिल्म बनाने के भी निर्देश दिए। साथ ही विभिन्न स्थानों पर बर्ड वाचिंग कैंप का आयोजन भी किये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास योजनाओं को नियमों के दायरे में रहकर जल्द पूरा किया जाए, ताकि आमजन को सहूलियत मिल सके।
बैठक में जानकारी दी गई कि जमरानी बाँध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाईफ से स्वीकृति मिल चुकी है। जनपदपौड़ी गढ़वाल के विकासखण्ड यमकेश्वर में किमसारभोगपुर मोटर रोड के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाईफ से स्वीकृति प्राप्त हो गई है। जिसका निर्माण जल्द किया जाएगा। 9 सालों से लंबित राजाजी टाइगर रिजर्व हेतु टाइगर कंजरवेशन फॉउण्डेशन का गठन कर लिया गया है। राज्य में वन्यजीव प्रबन्धन के समस्त बिन्दुओं को सम्मिलित करते हुये फॉरेस्ट लैण्डस्केप रीस्टोरेशन के 10 वर्षीय प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए वित्तीय वर्ष 202425 में 32 करोड़ की धनराशि भारत सरकार से स्वीकृत हो गई है। प्रदेश में मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम हेतु वित्तीय वर्ष 202324 में आधुनिक उपकरणों के क्रय हेतु वन प्रभागों को 10 करोड़ 50 लाख रूपये की धनराशि आवंटित की गई है।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2009 के पश्चात राज्य में वन विश्राम भवनों की दरों को पुनरीक्षित किया गया है। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा हल्द्वानी जू एण्ड सफारी, हल्द्वानी के मास्टर प्लान को स्वीकृति प्रदान की गयी। प्रदेश में बंदर बंध्याकरण का कार्य मिशन मोड में किया जा रहा है, जिसमें जुलाई 2023 से 31 मार्च 2024 तक 39,398 बंदरों का बंध्याकरण किया चुका है। मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए 05 वन प्रभागों (गढ़वाल, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर एवं नरेन्द्रनगर) के अन्तर्गत “लिविंग विद लैपर्ड“ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की त्वरित रोकथाम के लिये 31 वन प्रभागों के अन्तर्गत 65 त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन किया गया है।
बैठक में वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, विधायक श्री बंशीधर भगत, श्री दीवान सिंह बिष्ट, श्री सुरेश सिंह चैहान, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक, वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, एडीजी ए.पी अंशुमन एवं बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में पारिस्थितिकी को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए ‘‘उत्तराखण्ड सकल पर्यावरण उत्पाद सूचकांक’’ (जी.ई.पी) लॉच किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में पारिस्थितिकी को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए ‘‘उत्तराखण्ड सकल पर्यावरण उत्पाद सूचकांक’’ (जी.ई.पी) लॉच किया। जी.ई.पी का शुभारम्भ करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। उत्तराखण्ड सकल पर्यावरण उत्पाद सूचकांक का आंकलन 04 मुख्य घटकों जल, वायु, वन और मृदा के आधार पर किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जी.ई.पी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक प्रकोष्ठ बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जी.ई.पी लागू होने से इकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित होगा। इस सूचकांक के परिणामों के विश्लेषण से भविष्य में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लक्ष्य निर्धारित करने में मदद मिलेगी। पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में और जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रकृति प्रदत्त अनेक प्रकार की वन संपदा है, आवश्यकता है इनके सदुपयोग की। हमें वृक्षारोपण के साथ जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड दुनिया को पर्यावरण के क्षेत्र में दिशा देने का कार्य करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण की दिशा में राज्य में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में अमृत सरोवरों की संख्या में तेजी से वृद्धि की जा रही है। जिलाधिकारियों, वन विभाग, सारा और अन्य कार्यदाई संस्थाओं को इनके संरक्षण और जल स्तर बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि 16 जुलाई से 15 अगस्त तक राज्य में बृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 01 लाख 64 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। हरेला पर्व के दिन 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था। जनसहभागिता से भी वृक्षारोपण किया जा रहा है।
बैठक में हैस्को संस्था के प्रमुख पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने सकल पर्यावरण उत्पाद सूचकांक का प्रस्तुतीकरण करते हुए अवगत कराया गया कि विभिन्न विकासपरक योजनाओं, औद्योगिक प्रक्रियाओं व सरकार द्वारा बनाये गये नियमों इत्यादि के अनुपालन का जो परिणाम है वह सकल रूप से हमारी स्थानीय पर्यावरणीय गुणवत्ता पर देखने को मिलता है। पर्यावरणीय कारकों में हवा, पानी, मिट्टी, जंगल और अन्य कारकों में अगर सुधार हो रहा हो तो जीईपी सूचकांक में वृद्धि देखने को मिलती है। इससे ज्ञात होता है कि हमारा सिस्टम पर्यावरण के अनुकूल है और विकासात्मक गतिविधियों के बावजूद भी यह स्थिर और सुधारात्मक है। यदि हमारी पर्यावरणीय गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है और उसमें कोई गिरावट दिखायी दे रही है या उसमें कोई नकारात्मकता दिखायी दती है तो इससे जीईपी सूचकांक में गिरावट देखने को मिलती है।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिये कि मानसून के बाद एक माह में प्रदेश के सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि मानसून अवधि के बाद सभी निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाय। कार्यों में तेजी के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। आगामी कांवड़ मेले के दृष्टिगत सुरक्षात्मक रूप से सभी तैयारियां पूर्ण करने के साथ ही सफाई, पेयजल, स्वास्थ्य सबंधी सभी सुविधाएं बेहतर रखने और घाटों की साफसफाई का विशेष ध्यान रखने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पर्वतीय क्षेत्रों में धारण क्षमता के अनुसार ही निर्माण कार्य किए जाएं। पर्यटन स्थलों पर पार्किंग व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए रिक्त स्थानों को चिन्हित कर पर्याप्त पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन सरकारी गेस्ट हॉउस की स्थिति सही नहीं है, उनकी सही तरीके से मेंटेनेंस कराई जाए। अतिथि गृह में ठहरने वालों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाय। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य में किसी तरह की जीएसटी चोरी न हो। जरूरत पड़ने पर इसके लिए अभियान चलाया जाए। जीएसटी पंजीकरण के लिए व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़े लोगों को जागरूक किया जाए। डिजिटल पेंमेट को बढ़ावा देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पाण्डेय, एडीजीपी श्री ए.पी अंशुमन एवं आईजी श्री कृष्ण कुमार वी.के उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के निदेशक मण्डल की 09वीं बैठक की अध्यक्षता की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में हेली सेवाओं के विस्तार के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक जनपद और महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल हवाई सेवा से जुड़े इस दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं। जौलीग्रांट के साथ ही पंतनगर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की व्यवस्था तथा इनके विस्तारीकरण एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी ध्यान देने को कहा है। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों एवं पर्यटकों को बेहतर हवाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु टिकट बुकिंग एवं टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग रोकने के लिये भी कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने पर ध्यान देने को कहा है।
गुरूवार को सचिवालय में नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के निदेशक मण्डल की नवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। केन्द्र सरकार के स्तर पर इसके लिए जो भी सहयोग की आवश्यकता है, उसका पूरा प्रस्ताव बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून के साथ ही पंतनगर एयरपोर्ट की देश के प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जाए। पंतनगर एयरपोर्ट क्षेत्र में भूमि का सही उपयोग हो, इसके लिए भी उन्होंने मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने तथा डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड की सफलता के लिए हवाई कनेक्टिविटी को विस्तार तथा मजबूती प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बेहतर हवाई सुविधाओं के आधार पर हमें लोगों को उत्तराखण्ड आने के लिये प्रेरित करना होगा।
मुख्यमंत्री ने यूकाडा से आय के संसाधनों में वृद्धि के प्रयासों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने नैनी सैनी, चिन्यालीसौड एवं गौचर हवाई पट्टियों को भी सुविधायुक्त बनाये जाने को कहा ताकि यहां पर भी छोटे वायुयान की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने उड़ान योजना के तहत विकसित किये जा रहे हेलीपोर्टों को भी आवश्यक संसाधनों से सुविधायुक्त बनाये जाने पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने हेलीपैड, ग्राउंड और हैंगर के लैडिंग, पार्किंग शुल्क बढ़ाये जाने के प्रस्ताव को युक्ति संगत बनाये जाने को कहा।
बैठक में राज्य के लिए नये वायुयान खरीदने के प्रस्ताव पर सहमति बनी कि इसके खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जाय। नया वायुयान खरीदे जाने तक एक वायुयान लीज पर लिया जाए। हेली सेवा संचालन के लिए आपातकालीन स्थिति में हवाई यातायात नियंत्रक (ए.टी.सी) से संपर्क स्थापित करने के लिए श्री केदारनाथ धाम एवं सहस्त्रधारा हेलीपैड पर मानवयुक्त यातायात नियंत्रक केन्द्र स्थापित करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी से एमओयू किये जाने तथा उस पर आने वाले व्यय के सबंध में अनुमोदन प्रदान किया गया। कुमांऊ मण्डल क्षेत्र में हेलीकॉप्टर में तेल भरने के लिए एक फ्यूल पम्प एवं तेल के बैरल परिवहन करने के लिए वाहन क्रय किये जाने के लिए अनुमोदन दिया गया। बैठक में यूकाडा की विगत बैठक की कार्यवाही की पुष्टि के साथ ही वर्तमान बैठक में प्रस्तुत विभिन्न विषयों पर चर्चा के साथ ही सहमति प्रदान की गई।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, सचिव श्री बृजेश संत, डॉ. वी. षणमुगम, श्री विनय शंकर पाण्डेय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूकाडा श्री सी. रविशंकर एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री ने किया हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक का विमोचन
मुख्यमंत्री ने किया ष्ष्हमारी विरासत एवं विभूतियांष्ष् पुस्तक का विमोचन
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में ष्ष्हमारी विरासत एवं विभूतियांष्ष् पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक के माध्यम से सरकारी विद्यालयों में प्रारंभिक कक्षाओं के छात्र अब राज्य आंदोलन के साथ ही अमर शहीदों के बलिदान की गाथा से भी परिचित होंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक प्रकाशित की गई हैए जिसे कक्षा छह से आठ तक सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक राज्य की युवा पीढ़ी को अपनी समृद्ध सांस्कृतिकए लोक विरासतए लोकगीतए लोक नृत्य के साथ संस्कृति के विविध आयामों से परिचित कराने में मददगार होने के साथ राज्य की महान विभूतियों के जीवनी से परिचित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी देश व प्रदेश का सामाजिक एवं आर्थिक विकास वहां के बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। इसमें शिक्षकों की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। बच्चों को जीवन में आगे बढाने में उनका अमूल्य योगदान रहता है। बच्चों को किस प्रकार बेहतर गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान की जाय यह दायित्व भी विभाग के साथ शिक्षकों को निभाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी लोक संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा इसे बढावा देने के लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत हैं।
महानिदेशक शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी ने बतायाए बाल साहित्य के रूप में छात्रों के हित में इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया है। इसके माध्यम से छात्र.छात्राओं को राज्य के प्राकृतिक स्थलोंए वेशभूषाए खानपान और अपनी संस्कृति की जानकारी मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक कक्षाओं में छात्र श्रीदेव सुमनए तीलू रौतेली सहित अनेक महान विभूतियों के बारे में पढ़ेंगे। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी यह पुस्तक आधार बनेगी। इस पुस्तक के माध्यम से बच्चों को राज्य की धार्मिकए एतिहासिकए सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित होंगे।
महानिदेश शिक्षा ने बताया कि एससीईआरटी की ओर से कक्षा छह से आठ तक के छात्र.छात्राओं के लिए ष्ष्हमारी विरासत एवं विभूतियांष्ष् पुस्तक प्रकाशित करने के बाद इसी प्रकार अब कक्षा नौ और 10वीं के छात्र.छात्राओं के लिए भी पुस्तक तैयार की जाएगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराजए श्री प्रेमचन्द अग्रवालए डॉण् धन सिंह रावतए श्री गणेश जोशीए श्री सुबोध उनियालए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ीए अपर मुख्य सचिव श्री आनंद वर्द्धनए सचिव श्री विनय शंकर पाण्डेयए निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड श्रीमती बंदना गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में ‘‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’’ पुस्तक का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने किया ‘‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’’ पुस्तक का विमोचन
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में ‘‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’’ पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक के माध्यम से सरकारी विद्यालयों में प्रारंभिक कक्षाओं के छात्र अब राज्य आंदोलन के साथ ही अमर शहीदों के बलिदान की गाथा से भी परिचित होंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक प्रकाशित की गई है, जिसे कक्षा छह से आठ तक सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक राज्य की युवा पीढ़ी को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक, लोक विरासत, लोकगीत, लोक नृत्य के साथ संस्कृति के विविध आयामों से परिचित कराने में मददगार होने के साथ राज्य की महान विभूतियों के जीवनी से परिचित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी देश व प्रदेश का सामाजिक एवं आर्थिक विकास वहां के बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। इसमें शिक्षकों की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। बच्चों को जीवन में आगे बढाने में उनका अमूल्य योगदान रहता है। बच्चों को किस प्रकार बेहतर गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान की जाय यह दायित्व भी विभाग के साथ शिक्षकों को निभाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी लोक संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा इसे बढावा देने के लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत हैं।
महानिदेशक शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी ने बताया, बाल साहित्य के रूप में छात्रों के हित में इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया है। इसके माध्यम से छात्रछात्राओं को राज्य के प्राकृतिक स्थलों, वेशभूषा, खानपान और अपनी संस्कृति की जानकारी मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक कक्षाओं में छात्र श्रीदेव सुमन, तीलू रौतेली सहित अनेक महान विभूतियों के बारे में पढ़ेंगे। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी यह पुस्तक आधार बनेगी। इस पुस्तक के माध्यम से बच्चों को राज्य की धार्मिक, एतिहासिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित होंगे।
महानिदेश शिक्षा ने बताया कि एससीईआरटी की ओर से कक्षा छह से आठ तक के छात्रछात्राओं के लिए ‘‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’’ पुस्तक प्रकाशित करने के बाद इसी प्रकार अब कक्षा नौ और 10वीं के छात्रछात्राओं के लिए भी पुस्तक तैयार की जाएगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, श्री गणेश जोशी, श्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद वर्द्धन, सचिव श्री विनय शंकर पाण्डेय, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड श्रीमती बंदना गब्र्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्राविधिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों से चयनित 212 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्राविधिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों से चयनित 212 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों के अंतिम वर्ष के इन छात्रछात्राओं को विभिन्न कम्पनियों में नौकरी मिली है। इस वर्ष अभी तक राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों से 65 प्रतिशत युवाओं को रोजगार मिल चुका है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र सभी युवाओं के सपनों की पहली सीढ़ी है। यह परिश्रम और लगन से किए कार्य का सम्मान भी है। हर छात्र पूर्ण मनोयोग निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि युवाओं को हर क्षेत्र में रोजगार के उचित अवसर मिलें। राज्य के अंदर निजी क्षेत्र भी रोजगार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। गैर सरकारी औद्योगिक इकाइयों का विकास हमारी आर्थिक विकास का प्रमुख स्तंभ है। देवभूमि उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, राज्य सरकार इन प्रतिभाओं को राज्य में सही दिशा और उचित अवसर देने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना, विकसित भारत और विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षो में टेक्नोलॉजी, रोजगार, कौशल विकास के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। देश के अंदर हर क्षेत्र में नौजवानों को आगे बढ़ने का अवसर मिला है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में इनोवेशन एवं टेक्नोलॉजी को प्रथमिकता दी गई है। स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं से देश में नई औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों हेतु राज्य में ऑनलाइन ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेंटर का निर्माण किया गया है। जिसके माध्यम से छात्रों को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होने छात्रों से कहा कि आपके द्वारा किए गए कार्य एवं अनुभव ही आपकी पूंजी के रूप में हमेशा आपके पास रहेगा। राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोज़गार से जोड़ना है। बीते 3 सालों में राज्य सरकार ने सरकारी विभागों में 15000 से भी ज्यादा युवाओं को नियुक्तियां दी है। राज्य में भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण रूप से पारदर्शी बनाया गया है। परीक्षा से लेकर नियुक्तियां तक तय समय के अंदर हो रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में आई पारदर्शिता से युवाओं का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। यह पारदर्शिता युवाओं को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान लोगों/युवाओं द्वारा नकल विरोधी कानून लागू करने हेतु विशेष रूप से सरकार का आभार व्यक्त किया जा रहा है। यह पारदर्शिता तभी संभव है जब सरकार की नीति और नीयत दोनों साफ हो। राज्य सरकार प्रदेश के हर वर्ग के लिए निरन्तरता से काम कर रही है। समेकित विकास सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तराखण्ड प्रथम स्थान पर आया है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता परक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। युवाओं को सीधे रोजगार मिले इसके लिए औद्योगिक संस्थानों की आवश्यकता के हिसाब से नये कोर्स चलाये जा रहे हैं। बच्चों को तकनीकी शिक्षा के माध्यम से रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता है। राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में फाइनल वर्ष के 3500 बच्चों में से 2303 बच्चों को रोजगार से जोड़ दिया गया है। पॉलिटेक्निक कॉलेजों को आधुनिक तकनीक से भी जोड़ा गया है। युवाओं को अन्य देशों में भी रोजगार के अवसर मिले इसके लिए सरकार ने राज्य के पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में जर्मन और फ्रेंच भाषा पढ़ाने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए हर कॉलेज में अध्यापकों की नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि केवल सर्विस प्राप्त करना उद्देश्य नहीं होना चाहिए, निजी सेक्टर में अपने समर्पण, ज्ञान, कार्यशैली के माध्यम से सफलता को प्राप्त करना है। जिस भी क्षेत्र में जाएं, उस क्षेत्र में हमेशा सर्वश्रेष्ठ कार्य कर निरन्तर सफलता के मार्ग पर आगे बढ़े। युवाओं को राज्य और समाज के बेहतर भविष्य के लिए सोचना चाहिए।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद डॉ. कल्पना सैनी, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री राजेंद्र अंथवाल, अपर सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती स्वाति भदौरिया, निदेशक तकनीकि शिक्षा श्री आरपी गुप्ता, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को हरेला पर्व के अवसर पर मालदेवता देहरादून में आयोजित ‘शहीदों के नाम पौधरोपण’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को हरेला पर्व के अवसर पर मालदेवता देहरादून में आयोजित ‘शहीदों के नाम पौधरोपण’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण किया। कार्यक्रम के दौरान जम्मू के कठुआ में शहीद हुए उत्तराखण्ड के जवानों एवं बिनसर वन्यजीव विहार में वनाग्नि दुर्घटना में मृतक वन्य कर्मियों की स्मृति में श्रद्धांजलि स्वरूप पौधा रोपण किया गया। मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय प्रयास करने वाले स्कूलों एवं वन पंचायतों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरेला पर्व सुख, समृद्धि, शान्ति, पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण का प्रतीक है। यह पर्व जीवन को प्रकृति के साथ जोड़ने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक रूप से समृद्ध राज्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को प्रतिज्ञा लेनी होगी कि हम प्राकृतिक धरोहर एवं विरासत को संरक्षित कर भावी पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण देंगे। इस बार राज्य में हरेला पर्व की थीम पर्यावरण की रखवाली, घरघर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली निर्धारित की गई है। उन्होंने जल संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में सभी को योगदान देने के लिए अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तापमान में वृद्धि होना, सबके लिए चिंतन का विषय है। देवभूमि उत्तराखण्ड को प्रकृत्ति ने सब कुछ दिया है। हमारी जिम्मेदारी है कि प्रकृति प्रदत्त सम्पदाओं का सही तरह से उपयोग हो। वृक्षारोपण और जल संरक्षण की दिशा में सबको मिलकर प्रयास करने हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरेला पर्व पर 50 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें सरकार के साथ जनसहयोग भी लिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा 15 अगस्त तक बृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा। सरकार के साथ स्वयं सहायता समूहों, सामाजिक संगठनों, एनजीओ और जनसहयोग को इसमें लिया जायेगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि जो भी वृक्षारोपण किये जा रहे हैं, उनका संरक्षण भी करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनेक कार्य किये गये हैं। उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरूआत की थी। तब से अब तक देश में करोड़ों पौधे रोपे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। उत्तराखण्ड ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए देश में पहला स्थान हासिल किया है। यह उत्तराखण्ड के लिए गौरव का विषय है। हरेला पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी विद्यालयों, कॉलेजों, निकायों, जनप्रतिनिधियों तथा सभी सरकारी एवं निजी संस्थानों से भी अपने परिसर में अधिक से अधिक पौधों का रोपण का आह्वाहन किया। मुख्यमंत्री ने मिश्रित वन के तहत पर्यावरण विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में ‘सिंगलास वन’ विकसित करने के लिए प्रयास कर रही रूद्रप्रयाग जनपद के कोट ग्राम पंचायत की मातृशक्ति के प्रयासों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण के साथ जल संरक्षण के लिए भी कार्य किये जा रहे हैं, यह एक सराहनीय पहल है।
वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हरेला पर्व के उपलक्ष्य में इस वर्ष प्रदेश में 01 करोड़ 64 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। यह अभियान 15 अगस्त तक चलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान यहां का नैसर्गिक सौन्दर्य है। वन सम्पदा राज्य की आजीविका का महत्वपूर्ण संसाधन है। वन सम्पदाओं को बढ़ाने और जल संरक्षण की दिशा में हमें निरन्तर कार्य करने हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और ग्लेशियरों का तेजी से पिघलना बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को शुद्ध वतावरण देने के लिए सबको वृक्षारोपण और जल संरक्षण की दिशा में कार्य करने होंगे।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) डॉ. धनंजय मोहन, आईजी गढ़वाल श्री के.एस नगन्याल, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, एसएसपी श्री अजय सिंह एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले का पूजा अर्चना कर शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने किया जागेश्वर धाम के प्रसिद्ध श्रावणी मेले का शुभारंभ।
प्रदेशवासियों को दी हरेला पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं।
वृक्षारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश।
जनपद के विकास को लेकर की कई घोषणाएं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले का पूजा अर्चना कर शुभारंभ किया। उन्होंने जागेश्वर के भंडारा स्थल में पदम का वृक्ष लगाकर हरेला की शुभकामनाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जागेश्वर धाम पौराणिक संस्कृति का अप्रतिम प्रतीक है। यहां आकर एक अलग ही शांति की अनुभूति मिलती है। भगवान जागेश्वर सभी श्रद्धालुओं पर अपनी कृपा रखते हैं। उन्होंने कहा कि यहां कोई अपनी मर्जी से नहीं बल्कि बाबा के बुलावे पर ही आता है। श्रावणी मेले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला पौराणिक संस्कृति का जीता जागता उदाहरण है। श्रावणी मेला सदियों से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों को हरेला पर्व एवं श्रावणी मेले की शुभकामनाएं देते हुए डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड के विकास को समर्पित सरकार है। इसी का परिणाम है कि नीति आयोग द्वारा जारी की गई सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है। यह उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद के विकास को लेकर अनेक घोषणाएं भी की जिनमें,
सरयू (सेराघाट) से वृद्ध जागेश्वर सहित जागेश्वर क्षेत्र के लिए पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण, भगततोला कपकोट मोटर मार्ग का डामरीकरण, मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत वृद्ध जागेश्वर को धार्मिक पर्यटन से जोड़ने, भिकियासेन में डाम का निर्माण, चमडखान में बैंक की स्थापना, भरतोली के प्राचीन देवायल मंदिर का जीर्णोधार, डिप्टेश्वर महादेव एवं कोटेश्वर महादेव का जीर्णोधार तथा सौंदर्यीकरण किये जाने, मर्चुला भिकियासेन मोटर मार्ग पर रामगंगा नदी पर मोटर पुल का निर्माण, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज चनोदा सोमेश्वर के अपूर्ण भवन का निर्माण किये जाने, चायखन थूवासीमल से ध्युली धोनी व ध्यूली रौतेला चैना बैंड तक लिंक रोड का निर्माण किये जाने, सोमेश्वर के ग्राम सभा रहत में धूनी गैर नामक स्थान पर तथा शहर फाटक नंगधूनी मंदिर के पास मिनी स्टेडियम का निर्माण किये जाने, विकासखंड हवालबाग के गोविंदपुर स्थित देवडघाट के नानकोसी में मिनी बैराज का निर्माण के साथ जागेश्वर विधानसभा में 40 किमी डामरीकरण के प्रस्ताव आदि कार्यों की घोषणा शामिल है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास को समर्पित सरकार है। अल्मोड़ा के कोसी से कौसानी तक साइकिल ट्रैक का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिससे अल्मोड़ा जनपद के पर्यटन को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा शहर के विस्तार की भी योजना बनायी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना की है तब से यहां श्रद्धालुओं की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हुई है तथा लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार देश एवं प्रदेश में विकास के नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। प्रदेश के तीर्थाटन को बढ़ाने में भी राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। जिस प्रकार केदारनाथ एवं बदरीनाथ मंदिर के मास्टर प्लान के माध्यम से केदारनाथ एवं बदरीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है उसी प्रकार जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान के माध्यम से भी यहां के लोगों के आजीविका के द्वार खुलेंगे। उन्होंने कहा कि जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान के कार्य पूरा हो जाने के बाद प्रति वर्ष 10 लाख श्रद्धालुओं के यहां आने की उम्मीद है। इसके माध्यम से यहां के लोगों का जीवन खुशहाल होगा एवं जनपद की आर्थिकी में भी बढ़ोतरी होगी।
इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भी जनपद एवं प्रदेशवासियों को हरेला पर्व एवं श्रावणी मेले के शुभकनाएं दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में अनेक कार्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन सुदूर आदि कैलाश में कराकर योग दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड की सड़कों का कायाकल्प होगा एवं प्रदेश तेजी से मजबूत अर्थव्यवस्था को और अग्रसर होगा।
विधायक जागेश्वर मोहन सिंह मेहरा ने मुख्यमंत्री के जागेश्वर धाम आने के लिए उनका धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा लगातार प्रदेश एवं जनपद के लिए अहम फैसले लिए जा रहे हैं। जो प्रदेश के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।
इस दौरान जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश बहुगुणा, उपाध्यक्ष जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति नवीन चंद्र भट्ट, जिला मजिस्ट्रेट विनीत तोमर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे समेत अन्य विभागीय अधिकारी, जन प्रतिनिधि एवं आम जनमानस उपस्थित थे।
केन्द्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में राज्य की ऊर्जा एवं नगर विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।
केन्द्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में राज्य की ऊर्जा एवं नगर विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में भारत सरकार के ऊर्जा एवं नगर विकास के उच्चाधिकारियों के साथ मुख्य सचिव सहित राज्य के संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री को प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों से अवगत कराते हुए कहा कि 2123 मेगावॉट क्षमता की अलकनंदा एवं भागीरथी तथा उनकी सहायक नदियों पर विशेषज्ञ समिति द्वारा 21 जल विद्युत परियोजनाओं पर संस्तुति प्रदान की गई है। जिसमें 771 मेगावॉट की 11 परियोजनाओं पर किसी भी संस्था द्वारा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है तथा कुल 1352 मेगावॉट क्षमता की 10 जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु विशेषज्ञ समिति2 द्वारा संस्तुति प्रदान की गई है, उन्होंने इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सकारात्मक निर्णय लिये जाने के साथ अनुमोदन प्रदान किये जाने की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल विद्युत उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत ही उपयोग किया जा रहा है। राज्य को कुल चिन्हित 45 जल विद्युत परियोजनाओं में से पर्यावरण के दृष्टिगत 24 परियोजनाएं छोड दी गई है। जबकि 21 परियोजनाओं के लिये समिति द्वारा संस्तुति दी जा चुकी है। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि इस संबंध में शीघ्र ही दिल्ली में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ऊर्जा एवं जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने राज्य को जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु केन्द्रीय वित्तीय सहायता राज्य में विद्युत की कमी होने एवं शेष विद्युत क्षमता के त्वरित गति से विकास हेतु विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी ड्राफ्ट जल विद्युत नीति के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य को भी उत्तर पूर्वी राज्यों की तरह जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु केन्द्रीय वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से यह भी अपेक्षा की कि राज्य की वर्तमान एवं दीर्घकालिक बेस लोड विद्युत आवश्यकताओं की आपूर्ति को सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत 1320 मे०वा० क्षमता के कोल आधारित विद्युत परियोजना के निर्माण हेतु कोल लिंकेज का त्वरित आवंटन किया जाना भी राज्य हित में होगा। साथ ही कोल आधारित परियोजनाओं से राज्य की बेस लोड विद्युत आवश्यकताओं की आपूर्ति हेतु 600 मेगावॉट का अतिरिक्त आवंटन किये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखी।
मुख्यमंत्री ने राज्य में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हुई विद्युत संरचनाओं के मुआवजे हेतु प्रचलित मापदण्डों के स्थान पर विद्युत संरचनाओं के पुर्ननिर्माण में हुए वास्तविक व्यय की प्रतिपूर्ति किये जाने का भी अनुरोध किया।
केन्द्रीय मंत्री द्वारा बैठक में निर्देश दिये गये कि राज्य की ऊर्जा जरूरतों एवं इस क्षेत्र में सुधार से संबंधित प्रस्तावों के साथ शहरी विकास से संबंधित प्रस्तावों को केन्द्र सरकार को प्रेषित किया जाय। उन्होंने राज्य हित से जुडे विषयों पर त्वरित कार्यवाही का भी आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।
इससे पूर्व मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी एवं अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन के साथ शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार के अपर सचिव सुश्री डी.तारा, श्री एस.पी.सिंह तथा संयुक्त सचिव ऊर्जा मंत्रालय श्री शशांक मिश्रा एवं श्री अफजाल, सचिव ऊर्जा श्री आर.मीनाक्षी.सुन्दरम, सचिव श्री चन्द्रेश यादव, अपर सचिव श्री नितिन भदौरिया के साथ हुई बैठक में भी राज्य से संबंधित योजनाओं पर आपसी चर्चा की गई।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की दी शुभकामना
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की दी शुभकामना
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि यह पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण संरक्षण की हमारी परंपरा का प्रतीक है। हरेला न केवल हरियाली और समृद्धि का संदेश देता है, बल्कि हमें पर्यावरण की देखभाल के प्रति जागरूक भी करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला पर्व हमें अपनी धरती और पर्यावरण की देखभाल के प्रति प्रेरित करता है। आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध और स्वस्थ वातावरण देने के लिए वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर समस्या है, हरेला पर्व इसके प्रभावों को कम करने का भी सन्देश देता है।उन्होंने सभी प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में जन सहभागिता को महत्वपूर्ण बताते हुए सभी सामाजिक संगठनों और संस्थाओं से भी सहयोग की अपील की है।
उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अपने धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के लिए विख्यात है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसलिए, पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हमें अपने जल स्रोतों, नदियों और गदेरों के पुनर्जीवन और संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोक पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत की पहचान हैं। राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे। तभी हम अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक जड़ों से जुड़े रह पाएंगे और इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचा पाएंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने और इसे अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाने की भी अपील की।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों की शिकायतों और समस्याओं को सुना।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों की शिकायतों और समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि जो भी जन समस्याएं आ रही हैं, उनका समयबद्धता से निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकांश जन समस्याओं और शिकायतों का मौके पर निस्तारण किया। कुछ जन समस्याओं को सबंधित विभागों को कार्यवाही करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। जन समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान के लिए विभिन्न विभागों को भेजे गये पत्रों पर क्या कारवाई हुई, इसकी मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का त्वरित समाधान करना सरकार की प्राथमिकता है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि जनहित के कार्यों को प्राथमिकता में रखा जाए। मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों ने सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, आर्थिक सहायता एवं अपने क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं को रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी की समस्याओं का यथासंभव समाधान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सरकारी कार्यालयों में अनावश्यक रूप से न आना पड़े, सरकार द्वारा अधिकांश सेवाएं ऑनलाईन माध्यम से दी जा रही है। विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को धनराशि डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है। उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की है कि अपुणि सरकार पोर्टल के माध्यम से दी जा रही विभिन्न ईसेवाओं का लाभ उठायें। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को तहसील दिवस और बीडीसी की नियमित बैठकें करने के निर्देश दिये गये हैं। इसका मुख्य उद्देश्य ब्लॉक, तहसील और जनपद स्तर पर ही जन समस्याओं का समाधान करवाना है। सभी जिलाधिकारियों को प्रत्येक कार्यदिवस में जनसुनवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मेला नियंत्रण कक्ष हरिद्वार में कावड़ मेला 2024 की तैयारियों को लेकर समीक्षा की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मेला नियंत्रण कक्ष हरिद्वार में कावड़ मेला 2024 की तैयारियों को लेकर समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कांवड़ मेला शुरू होने से पहले सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कांवड़ के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। स्थानीय लोगों को आवागमन में अनावश्यक परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि कांवड़ मेला हर वर्ष आयोजित होता है, इसके दृष्टिगत स्थायी प्रकृति के कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। दीर्घकालीन विकास की कार्य योजनाओं को कार्य संस्कृति में लाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा की शिव भक्त कावड़ियों के स्वागत में हेली से पुष्प वर्षा की व्यवस्था की जाए। कावड़ यात्रा के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन तैयार रहे। कावड़ यात्रा में संपूर्ण मार्ग पर पुलिस बलों की तैनाती के साथ विभिन्न स्थानों पर अस्थाई पुलिस चैकी का निर्माण कार्य भी कराया जाए एवं अतिरिक्त पुलिस फोर्स की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अत्यधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन एवं सीसीटीवी कैमरों से भी नियमित निगरानी रखे जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। बाईपास और वैकल्पिक मार्गों की जानकारी साइन बोर्ड के माध्यम से कावड़ियों को दी जाए। उन्होंने कांवड़ को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए निरन्तर पड़ोसी राज्यों से भी समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कावड़ यात्रा से पहले कावड़ पटरी के सौंदर्यीकरण एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाई जाए। कावड़ यात्रा मार्ग पर शौचालयों, स्नान घरों, स्वच्छ पेयजल, यात्री शेड, लाईट, मेडिकल सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कावड़ियों की यात्रा और सुगम सरल हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। यात्रा मार्ग एवं हरिद्वार क्षेत्र में स्थित होटलों ढाबों में भोजन की गुणवत्ता हेतु गुणवत्ता चेकिंग अभियान नियमित चलाया जाए, होटलों और ढाबों में रेट लिस्ट लगाये जाए। कावड़ यात्रा के दौरान साफसफाई का विशेष ध्यान दिया जाए, सफाई का कार्य 24 घंटे संचालित रहे। यह सुनिश्चित किया जाए कि मेला क्षेत्र में किसी तरह का अतिक्रमण न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों को आवाजाही में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े, सड़कों पर यातायात प्रभावित न हो, यातायात प्रबंधन के लिये बेहतर रूट प्लान बनाया जाए। उन्होंने हरिद्वार क्षेत्र में पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। अन्य राज्यों से परस्पर समन्वय बनाकर कॉमन डायवर्जन प्लान बनाने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा वाटर एंबुलेंस की व्यवस्था भी कावड़ यात्रा के दौरान की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कावड़ यात्रा में भी विशेष वेरिफिकेशन ड्राइव चलाए जाए। ताकि पहचान छुपा कर आने वाले लोगों पर सख्ती से कार्यवाही अमल में लाई जा सके। विभिन्न कार्यों के सुपरविजन हेतु विशेष मजिस्ट्रेट की नियुक्तियां भी की जाए।
जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गब्र्याल ने बताया कि कावड़ मेला अवधि 22 जुलाई से 2 अगस्त तक है। इस वर्ष 5.5 करोड़ कावड़ियों के हरिद्वार आने की संभावना है। कांवड यात्रा के सुचारू संचालन हेतु कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जो 24 घण्टे संचालित होगा। यात्रा के सुचारू संचालन हेतु 14 सुपर जोन, 36 जोन एवं 130 सेक्टर बनाये गये हैं। मेले के लिए 5 नोडल अधिकारियों को नामित किए गए हैं। कांवड पटरी एवं प्रमुख मार्गों को यात्रा हेतु सुगम एवं सुविधाजनक बनाया गया है। स्वास्थ्य शिविर, मोबाईल मेडिकल टीम एवं एम्बुलेंस की सुविधा भी बढ़ाई जा रही है।
बैठक के दौरान श्री गंगा सभा, विभिन्न संगठनों, जनप्रतिनिधियों ने बीते वर्ष सफल कावड़ यात्रा हेतु मुख्यमंत्री का आभार जताया एवं कावड़ मेला 2024 के लिए अपने सुझाव मुख्यमंत्री के समक्ष रखे। जिस पर मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन एवं विभिन्न संगठनों, एनजीओ एवं स्थानीय जनता के सहयोग से यात्रा को सफल बनाने का आग्रह किया। साथ ही वर्चुअल माध्यम से जुड़े जिलाधिकारी देहरादून, रूद्रप्रयाग और पौड़ी ने जिले स्तर पर की गई तैयारी के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चैधरी, विधायक श्री आदेश चैहान, श्री प्रदीप बत्रा, श्रीमती ममता राकेश, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, श्री एल.फैनई, डीजीपी श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री नितेश कुमार झा, श्री सचिन कुर्वे, श्री विनोद कुमार सुमन, डॉ. आर. राजेश कुमार, कमिश्नर गढ़वाल श्री विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी श्री ए.पी. अंशुमान, आई.जी गढ़वाल श्री के.एस नगन्याल, अपर सचिव श्री रणवीर सिंह चैहान, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, एसएसपी. हरिद्वार श्री प्रमेन्द्र डोभाल एवं जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सैन्य धाम निर्माण के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की।
सैन्य धाम निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई उच्च स्तरीय समिति की बैठक।
मुख्यमंत्री ने 15 अक्टूबर तक सैन्य धाम का निर्माण पूर्ण करने के दिए निर्देश।
शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता बढ़ाये जाने के दिए निर्देश।
कठुआ जम्मू कश्मीर में शहीद प्रदेश के वीर शहीदों के आश्रितों को शीघ्र किया जाए सेवायोजित।
पांचों शहीदों के गांवों के आसपास सड़क व स्कूलों के नाम इन वीर शहीदों के नाम पर रखे जाने का बनाया जाए प्रस्ताव।
सैन्य धाम के निर्माण के पश्चात एम.डी.डी.ए. करेगा उसका रखरखाव व संचालन।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सैन्य धाम के निर्माण में हो रही देरी को असन्तोषजनक बताते हुए 15 अक्टूबर तक इसका निर्माण पूर्ण करने के निर्देश दिये है। उन्होंने इसके लिये आगणित 94 करोड़ की धनराशि के अन्तर्गत ही निर्माण कार्य सम्पन्न कराने के भी निर्देश दिये है। सैन्य धाम के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता में भी किसी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश कार्यदायी संस्था एवं अभियन्ताओं को उन्होंने दिए हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में सैन्य धाम निर्माण के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस कार्य मे अब और अधिक विलम्ब न हो इसके लिये सैनिक कल्याण मंत्री को सैन्य धाम के निर्माण कार्यों का निरन्तर अनुश्रवण करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता बढ़ाये जाने का प्रस्ताव बनाये जाने को भी कहा। कठुआ, जम्मू कश्मीर में शहीद प्रदेश के पांचों वीर शहीदों के आश्रितों सहित इस तरह के समस्त मामलों में सरकारी सेवा में सेवायोजित करने की कार्यवाही तत्काल करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने इस तरह के प्रकरणों में भविष्य में ऐसी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये कि सरकारी सेवा में सेवायोजित करने का कार्य बिना विलंब के किया जाये तथा इसके लिये समय सीमा तय कर दी जाये। पांचों शहीदों के गांवों के आसपास सड़क व स्कूलों के नाम इन वीर शहीदों के नाम पर रखे जाने की भी शीघ्र कार्यवाही अमल में लाये जाने को कहा। उन्होंने सैन्य धाम के निर्माण के पश्चात एम.डी.डी.ए. को उसके रखरखाव व संचालन की जिम्मेदारी दिये जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने सैन्य धाम के निर्माण में आ रहे भूमि विवाद के समाधान हेतु जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। सैन्य धाम सैनिकों के सम्मान तथा राज्य की समृद्ध सैन्य परंपरा का भी प्रतीक है। यह हमारे युवाओं का भी प्रेरणा स्थल बनेगा।
बैठक में सैन्य धाम के 500 मी. की परिधि में निर्माण कार्य प्रतिबन्धित किये जाने संबंधी जारी आदेश को निरस्त किये जाने तथा इस व्यवस्था को युक्ति संगत बनाये जाने पर भी निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के.सुधांशू, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत, सचिव सैनिक कल्याण श्री दीपेन्द्र चैधरी, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, एम.डी. पेयजल निगम श्री रणवीर सिंह चैहान, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. श्री बंशीधर तिवारी, जेओसी सब एरिया मे.ज. आर.प्रेम राज, एम.डी. उपनल ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एन.एस. विष्ट,, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ब्रिगेडियर (से.नि.) अमृतलाल सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जायमुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी
उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जायमुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी
कृषि, मत्स्य पालन, हॉर्टिकल्चर, डेरी से सम्बन्धित स्टार्टअप को विशेष प्रोत्साहन
राज्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने के प्रयास
राज्य के युवा अपने स्टार्टअप पंजीकृत करवाएं
स्वयं सहायता समूहों व महिलाओं को स्थानीय उत्पादों के माध्यम से स्टार्टअप स्थापित करने में सहायता के निर्देश
राज्य में अभी तक कुल 1092 स्टार्टअप, 13 राज्य मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर्स व 200 से अधिक पंजीकृत मेन्टर्स
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत चयनित किए जाने वाले ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड (एआईएफ) को वरीयता देने के निर्देश दिए हैं जिनके माध्यम से उत्तराखण्ड की आर्थिकी पर ठोस सकारात्मक प्रभाव दिखे तथा राज्य में रोजगार सृजन, तकनीकी सांझेदारी तथा पूंजीगत निवेश को प्रोत्साहन मिले। सीएस ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखण्ड स्टार्टअप पॉलिसी 2023 की थीम पर चलने वाले अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को ही निवेश हेतु चयनित किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को प्राथमिकता दी जाए जो राज्य के मुख्य फोकस सेक्टर तथा उभरती हुई तकनीक में निवेश में रूचि रखते हो।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने 200 करोड़ के उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि, मत्स्य पालन, हॉर्टीकल्चर, डेरी से सम्बन्धित स्टार्टअप को स्थापित करने में सहायता के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सोशल वेंचर के तहत अधिकाधिक महिला स्वयं सहायता समूहों व महिलाओं को स्थानीय उत्पादों विशेषरूप से स्थानीय मिलेट्स के उत्पादन व प्रसंस्करण के माध्यम से स्टार्टअप स्थापित करने में सहायता के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने पिरूल के उपयोग पर आधारित स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग को भी इस कार्य से जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत सार्वजनिक निधि का लाभ उठाते हुए राज्य के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड की आर्थिकी को फायदा पहुंचाने वाले स्टार्टअप को विकास निधि या वेंचर ऋण प्रदान करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड के युवाओं को अपने स्टार्टअप को पंजीकृत कराने हेतु प्रोत्साहित किया जाए।
विदित है कि 200 करोड़ रूपये के उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड में आईआईटी रूड़की तथा आईआईएम काशीपुर मुख्य ईकोसिस्टम पार्टनर हैं। उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत उत्तराखण्ड के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करना, उत्तराखण्ड के युवाओं को अपने स्टार्टअप पंजीकृत करवाने हेतु प्रोत्साहित करना तथा उत्तराखण्ड में सकारात्मक आर्थिकी एवं सामाजिक प्रभाव सृजित करना मुख्य उद्देश्य है। उत्तराखण्ड स्टार्टअप नीति 2023 के तहत राज्य को अगले 5 वर्षो में सभी ईकोसिस्टम प्लेयर्स के लिए स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में अभी तक कुल 1092 स्टार्टअप, 13 राज्य मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर्स व 200 से अधिक पंजीकृत मेन्टर्स हैं। देहरादून जिले में सर्वाधिक 549 स्टार्टअप व 7 इन्क्यूबेटर्स, हरिद्वार में 200 स्टार्टअप एव उधमसिंह नगर में 112 स्टार्टअप हैं। उत्तराखण्ड राज्य वर्ष 2022 में एसआरएफ 21 रैंकिंग में एस्पायरिंग स्टेट से लीडिंग स्टेट की श्रेणी में आ गया था तथा राज्य वर्ष 2023 में 200 करोड़ के वेंचर फण्ड स्थापित करने व यू हब इनोवेशन सेन्टर घोषित होने के बाद अपने लीडर रैंक की श्रेणी को बनाए रखने में सफल रहा।
गुरूवार को सचिवालय में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के संचालन से सम्बन्धित दिशा निर्देशों के सम्बन्ध में बैठक ली।
बैठक में सचिव श्री विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव श्री रोहित मीणा, श्री मनुज गोयल व उद्योग विभाग के सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में परिवार पहचान पत्र की ईएफसी सम्पन्न
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में परिवार पहचान पत्र की ईएफसी सम्पन्न
मुख्य सचिव ने दिए डाटा सिक्योरिटी के निर्देश
सीएस ने नियोजन विभाग को परिवार पहचान पत्र प्रोजेक्ट के वेंडर चयन के लिए एक माह की टाइमलाइन दी
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी ने परिवार पहचान पत्र से सम्बन्धित व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक में इस प्रोजेक्ट के बजट को अनुमोदन दिया। मुख्य सचिव ने नियोजन विभाग को परिवार पहचान प्रोजेक्ट के वेंडर चयन के लिए एक माह की टाइमलाइन दी है। उन्होंने इस संबंध में डाटा सिक्योरिटी पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि परिवार पहचान पत्र सीएम कॉन्क्लेव का एक महत्वपूर्ण एजेंडा बिंदु है। राज्य में कल्याणकारी योजनाओं /कल्याणकारी वितरण प्रणाली के परिदृश्य के सन्दर्भ में उत्तराखंड सरकार, अपने नियोजन विभाग के माध्यम से नागरिकों और उनके परिवारों का एक गतिशील और लाइव डेटाबेस तैयार करने की विजन रखती है, जिसके माध्यम से लाभार्थियों से संबंधित अद्यतन और सत्यापित डेटा को उनकी संबंधित योजनाओं/सेवाओं के लिए विभिन्न लाइन विभागों के साथ साझा किया जाएगा।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि परिवार पहचान पत्र का उद्देश्य प्रत्येक परिवार के लिए एक विशिष्ट पहचान के साथ एक व्यापक पारिवारिक डेटाबेस बनाना है। इसका उद्देश्य राज्य में परिवारों का सत्यापित, प्रामाणिक और विश्वसनीय डेटा तैयार करना, ।च्प् आधारित तंत्र के माध्यम से ऑनडिमांड अपुनी सरकार पोर्टल सहित राज्य में अन्य सेवा वितरण प्लेटफार्मों के साथ एकीकृत करना है। इसका लक्ष्य सत्यापन (इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक दोनों, फील्ड विजिट या कियोस्क के माध्यम से), परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए कैप्चर किए गए सभी डेटा बिंदुओं के सुधार और अद्यतन के प्रावधान एप्लिकेशन पर बनाए रखना, मौजूदा केंद्रीय और राज्य सरकार की सेवाओं और लाभों को जोड़ना है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से दस्तावेज़ीकरण और प्रमाण प्रदान करने की आवश्यकता में कमी आएगी क्योंकि उन्हें विशिष्ट पहचान के माध्यम से प्रस्तावित प्रणाली या इंटरलिंक्ड विभाग प्रणालियों से एक्सेस किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि परिवार पहचान पत्र का लक्ष्य विभिन्न राज्य विभागों द्वारा उनकी संबंधित सेवा और लाभों के लिए निवासियों की जानकारी प्राप्त करना भी है।
सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि परिवार पहचान पत्र से विशिष्ट पहचान आवासीय पते के प्रमाण के रूप में काम करेगी। इससे जाति प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र तुरंत जारी किए जा सकते हैं। इससे सरकार के कामकाज में पूरी पारदर्शिता आएगी व राज्य में बेहतर शासन के स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सभी पात्र और अक्सर उपेक्षित निवासी (जैसे दिव्यांग, आदि) यूनिक आईडी डेटाबेस का हिस्सा होंगे और उन्हें उनकी ज़रूरत के हिसाब से लक्षित सेवाओं और लाभों के तहत राज्य सरकार द्वारा उचित सहायता प्रदान की जाएगी। इसके माध्यम से ना केवल यूनिक आईडी परियोजना के तहत विभिन्न डेटाबेस को एकीकृत किया जाएगा, बल्कि इसमें सभी परिवार के सदस्यों से संबंधित सभी दस्तावेज और कागजात शामिल करने का प्रस्ताव है।
मुख्य सचिव ने कहा कि यूनिक आईडी उत्तराखंड सरकार के नियमों को सख्ती से लागू करेगी। विभिन्न सेवाओं और कार्यों का कम्प्यूटरीकरण (शुरू से अंत तक) के कारण नागरिक राज्य और केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभों और सब्सिडी की एक व्यापक सूची प्राप्त कर सकते हैं, जिसके लिए उनके परिवार के सदस्य पात्र हैं। विभिन्न सेवाओं और लाभों के तहत अयोग्य लाभार्थियों को गहन विश्लेषण और सत्यापन के बाद समाप्त कर दिया जाएगा। इससे राज्य में कई सरकारी कार्यालयों का कार्यभार कम होगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि हरियाणा और कर्नाटक इस सार्वभौमिक परिवार पहचान अवधारणा को अपनाने में सबसे आगे रहे हैं, जिसमें इन राज्यों में किसी भी कल्याणकारी सेवा के आवेदन के लिए नागरिक को परिवार पहचान पत्र प्रदान करना आवश्यक है। इसके अलावा, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर आदि राज्य पहले से ही अपनेअपने राज्यों में रहने वाले परिवारों की विशिष्ट पहचान करने की अवधारणा पर कार्य कर रहे हैं ताकि उनकी स्कीम डिलीवरी इकोसिस्टम को और मजबूत किया जा सके।
बैठक में सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदंडे तथा नियोजन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बलबीर रोड, स्थित भाजपा कार्यालय में केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बलबीर रोड, स्थित भाजपा कार्यालय में केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने विधायक श्रीमती शैलारानी रावत के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन पूरे प्रदेश एवं पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। वे अपनी विधानसभा की जन समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहती थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमती शैलारानी रावत केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा समर्पित भाव से कार्य करती थी और जनता की समस्याओं को सरकार एवं शासन स्तर पर प्राथमिकता से रख कर उनका समाधान करवाती थी। उन्होंने हमेशा समाज के अंतिम छोर में खड़े लोगों की आवाज को उठाने और समाधान की ओर ले जाने का कार्य किया। उनका सरल, सहज एवं मृदुभाषी व्यक्तित्व था।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने एवं शोक संतप्त परिजनों और शुभचिंतकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। उन्होंने कहा कि श्रीमती शैलारानी रावत की कर्तव्यनिष्ठा और जनसेवा के प्रति समर्पण भाव को सदैव याद रखा जायेगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, श्रीमती रेखा आर्या, श्री सौरभ बहुगुणा, सांसद श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, श्री खजान दास, श्रीमती रेनू बिष्ट, श्री सुरेश सिंह चैहान एवं पार्टी पदाधिकारियों ने श्रीमती शैलारानी रावत को श्रद्धांजलि दी।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली स्थित बुराड़ी, हिरंकी में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए श्री केदारनाथ मंदिर ( दिल्ली ) का भूमिपूजन कर मंदिर का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दिल्ली स्थित बुराड़ी, हिरंकी में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए श्री केदारनाथ मंदिर ( दिल्ली ) का भूमिपूजन कर मंदिर का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में बाबा केदार के मंदिर के निर्माण से सभी शिव भक्तों की मनोकामना पूर्ण होगी। बुराड़ी क्षेत्र का जिक्र हमारे पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। इस क्षेत्र का संबद्ध महाभारत काल से भी है। बुराड़ी की पावन धरती में उत्तराखण्ड और सनातन संस्कृति के मूल परिचायक बाबा केदारनाथ जी का धाम हमारी संस्कृति और आस्था का आधुनिक प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि इस मंदिर से शिव भक्तों और सनातन संस्कृति की आस्था को बल मिलेगा। यह मंदिर श्रद्धा को जीवन, मानव को महादेव, समाज को अध्यात्म, और वर्तमान पीढ़ी को प्राचीन संस्कृति से जोड़ने का कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण विश्व में सनातन संस्कृति की ध्वजा फैल रही है। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में उज्जैन में महाकाल लोक का निर्माण, भव्य काशी कॉरिडोर का निर्माण, अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर का निर्माण हुआ है, इसके अतिरिक्त श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ का पुनर्निर्माण कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि यह कालखंड भारत की सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान का कालखंड है। आज विदेशों से आने वाले मेहमानों का स्वागत श्रीमद् भगवत गीता भेंट करके होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा इस बार योग दिवस का आयोजन आदि कैलाश में किया गया था, जिसका उद्देश्य श्री केदारनाथ धाम, आदि कैलाश जैसे हमारे राज्य के पवित्र स्थलो को जनजन तक पहुंचाना था। उन्होंने कहा कि आज संपूर्ण विश्व ने योग का स्वीकार किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है। चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल निरंतर बढ़ रही है। चार धामों के साथ अन्य धार्मिक स्थलों को भी तेजी से विकसित किया जा रहा है। चार धाम यात्रा के सुगम संचालन हेतु राज्य सरकार कृत संकल्पित है। मानसखंड यात्रा के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरो का विकास कार्य जारी है। आगामी कावड़ मेले को लेकर भी प्रदेश सरकार द्वारा तैयारियाँ पूर्ण की जा रही हैं। उन्होंने कहा सनातन संस्कृति भक्ति और श्रद्धा का पाठ पढ़ने के साथ ही हमारे भीतर दया करुणा मानवता एवं राष्ट्रसेवा का भाव पैदा करती है। उन्होंने कहा बुराड़ी क्षेत्र में बन रहे केदारनाथ धाम पूरी मानवता को प्रेरणा देने का काम करेगा।
इस अवसर पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्यमंत्री श्री अजय टम्टा, महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी जी महाराज, स्वामी राजेंद्रानंद, गोपाल मणि महाराज, विधायक श्री महेश जीना , विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल, विधायक श्री संदीप झा,श्री सुरेंद्र रौतेला, श्री जय नारायण अग्रवाल समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को हरेला पर्व के दौरान किए गए वृक्षारोपण का डॉक्यूमेन्टेशन अनिवार्यतः करने के निर्देश दिए
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को हरेला पर्व के दौरान किए गए वृक्षारोपण का डॉक्यूमेन्टेशन अनिवार्यतः करने के निर्देश दिए
हरेला पर्व के डॉक्यूमेंटेशन की रिपोर्ट मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा अपेक्षित
अतिक्रमण हटाए गए स्थानों में फैनिं्सग कर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जाएगा
क्रैश बैरियर के स्थान पर बांस के पौधों का वृक्षारोपण
वृक्षारोपण किए जाने वाले स्थानों की जानकारी डीएफओ अपने विभागाध्यक्ष के माध्यम से हॉफ को तत्काल भेजें
विकास प्राधिकरणों से शहरी क्षेत्रों में कंक्रीट निर्माण की अपेक्षा अधिकाधिक वृक्षारोपण को प्राथमिकता देने की अपेक्षा
प्रदेशभर में 16 जुलाई को हरेला पर्व को व्यापक जन आन्दोलन के रूप में मनाये जाने को लेकर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों से एक्शन प्लान की रिपोर्ट तलब की। सीएस ने जिलाधिकारियों को ठोस एक्शन प्लान पर कार्य करते हुए जनपदों में वृक्षारोपण हेतु लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ हरेला पर्व के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों/गतिविधियों के सम्बन्ध में बैठक में हरेला पर्व के दौरान किए गए वृक्षारोपण का डॉक्यूमेन्टेशन अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने जिलाधिकारियों एवं डीएफओं को स्पष्ट किया कि हरेला पर्व के डॉक्यूमेंटेशन की रिपोर्ट मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा अपेक्षित है।
उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वृक्षारोपण के लक्ष्य के साथ ही नर्सरी में पर्याप्त संख्या में पौधों की उपलब्धता की सुनिश्चित कर ली जाए। वृक्षारोपण के दौरान छोटी पौध की अपेक्षा 2 वर्ष से अधिक के पौधों को वरीयता दी जाए। लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के किनारे क्रैश बैरियर के स्थान पर बांस के पौधों का वृक्षारोपण किया जाए। जिलों में आबादी के सापेक्ष वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया जाए।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि जनपदों में जिन स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई हैं वहाँ पर फैनिं्सग कर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को शहरी क्षेत्रों में फैनिं्सग के प्रस्ताव तत्काल भेजने के भी निर्देश दिए हैं। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने सभी जिलों के डीएम को शहरी क्षेत्रों में नगर वन विकसित करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी डीएफओं को निर्देश दिए हैं कि जिन स्थानों पर वृक्षारोपण किया जाना है उसकी विस्तृत जानकारी निर्धारित प्रारूप में अपने विभागाध्यक्ष के माध्यम से हॉफ को तत्काल भेजा जाए।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि जनपदों में ग्राम पंचायत की बैठकों के दौरान वृक्षारोपण के कार्यक्रम करवाए जाए। उन्होंने सभी विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिए हैं कि शहरी क्षेत्रों में कक्रींट निर्माण की अपेक्षा अधिकाधिक वृक्षारोपण को प्राथमिकता दी जाए। हरेला वन स्थापित कर उनकी देखभाल की जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि इस वर्ष जनपद देहरादून द्वारा 10 लाख से अधिक, हरिद्वार द्वारा 2 लाख से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है।राज्य में मानसून की वर्षा प्रारम्भ होने से वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण का कार्य फील्ड स्तर पर प्रारम्भ हो चुका है। प्रभागीय वनाधिकारियों द्वारा लगभग 20 प्रतिशत वृक्षारोपण पूर्ण होने की जानकारी दी गयी है। विभागीय वृक्षारोपण के अतिरिक्त हरेला कार्यक्रम के सम्बन्ध में प्रभागीय वनाधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया है कि जिला स्तर पर गठित समिति के साथ उनकी बैठक हो चुकी है, जिसमें हरेला कार्यक्रम के अन्तर्गत स्थलों का चयन एवं रोपित की जाने वाली पौध की तैयारी पूर्ण कर ली गयी है। इस वर्ष हरेला पर्व की थीम “पर्यावरण की रखवाली, घरघर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली होगा। हरेला पर्व के अन्तर्गत मुख्य रूप से फलदार प्रजाति के 50 प्रतिशत एवं चारा प्रजाति के पौधों को रोपित किया जायेगा।
हरेला अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों, स्थानीय निकायों / संस्थाओं/जिला विकास प्राधिकरणों / वन पंचायत तथा जनमानस की सहभागिता से वृक्षारोपण किया जायेगा। भारत सरकार के निर्देशानुसार वर्ष 202425 में किये जाने वाले विभागीय वृक्षारोपण तथा वृहद वृक्षारोपण एवं हरेला कार्यक्रम के अन्तर्गत रोपित किये जाने वाले वृक्षारोपण में “म्ज्ञ च्मक डं ज्ञम छंउ’’ “एक पेड़ माँ के नाम भ्ंेीजंह का प्रयोग किया जाना है। इस सम्बन्ध में अपर प्रमुख वन संरक्षक, नियोजन एवं वित्तीय प्रबन्धन, उत्तराखण्ड द्वारा अनुपालन हेतु निर्देशित किया गया है तथा उक्त वृक्षारोपण को साप्ताहिक रूप से प्रगति सूचना डमतपसपमिण्दपबण्पद पोर्टल पर भरी जा रही है तथा वृक्षारोपण से सम्बन्धित स्थल के फोटोग्राफ आदि भी अपलोड किये जाएंगे ।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री रमेश कुमार सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक, अपर प्रमुख वन संरक्षक, अपर सचिव श्री विनीत कुमार एवं सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिवालय में नागरिक सेना सम्पर्क कॉन्फ्रेस का आयोजन हुआ।
पिथौरागढ़ के सीमांत गांव गुंजी में पर्यटन विभाग द्वारा शिवधाम का निर्माण
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिवालय में नागरिक सेना सम्पर्क कॉन्फ्रेस (ब्पअपस डपसपजंतल सपंपेवद ब्वदमितमदबम) का आयोजन हुआ। बैठक में राज्य एवं सेना के मध्य के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। राज्य में वाइब्रेंट विलेज योजना की प्रभावी क्रियान्वयन पर विचार विमर्श किया गया। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि भारत सरकार के वाइब्रेंट विलेज तथा विकसित भारत मिशन के कार्यो को पूरा करने हेतु राज्य एवं सेना के प्रभावी समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इस दिशा में राज्य एवं सेना को समन्वित प्रयासों करने हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि जनपद पिथौरागढ़ के सीमांत गांव गुंजी में पर्यटन विभाग द्वारा शिवधाम का निर्माण किया जाएगा।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री रमेश कुमार सुधांशु, सचिव श्री सचिन कुर्वे, सब एरिया कमाण्डर तथा जिलाधिकारी पिथौरागढ़, नैनीताल, पौड़ी व चंपावत वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
नई दिल्ली में म्येरू पहाड़ फाउण्डेशन द्वारा उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता विधेयक विधान सभा से पारित होने पर मुख्यमंत्री को किया गया सम्मानित
नई दिल्ली में म्येरू पहाड़ फाउण्डेशन द्वारा उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता विधेयक विधान सभा से पारित होने पर मुख्यमंत्री को किया गया सम्मानित
राज्य विधान सभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पास होने के पीछे उत्तराखण्ड की जनता का आशीर्वाद मुख्यमंत्री
महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा समान नागरिक संहिता कानून मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का बुधवार को डीपीएमआई सभागार न्यू अशोक नगर नई दिल्ली में म्येरू पहाड़ फाउण्डेशन द्वारा उत्तराखण्ड में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता विधेयक विधान सभा से पारित होने पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में बडी संख्या में बुद्धिजीवियों, जनप्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया। उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू किये जाने के लिये मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सभी ने प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने राज्य विधान सभा में नागरिक संहिता विधेयक पास होने के पीछे उत्तराखण्ड की जनता का आशीर्वाद बताते हुये कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह कानून मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्र सरकार तथा प्रदेश की देवतुल्य जनता का भी आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं पं. दीन दयाल उपाध्याय को नमन करते हुए कहा कि देश में सभी के लिये सभी के लिये समान कानून लागू करने का हमारा संकल्प रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने समान नागरिक संहिता पर देवभूमि की सवा करोड़ जनता से किये गए अपने वादे को निभाया है। हमने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की जनता से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ’’एक भारत और श्रेष्ठ भारत’’ मन्त्र को साकार करने के लिए उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था। प्रदेश की देवतुल्य जनता ने हमें इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना आशीर्वाद देकर पुनः सरकार बनाने का मौका दिया। सरकार गठन के तुरंत बाद, जनता जर्नादन के आदेश को सिर माथे पर रखते हुए हमने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई जी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिये 43 जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किये जाने पर समिति को विभिन्न माध्यमों से लगभग 2.33 लाख सुझाव प्राप्त हुए। प्राप्त सुझावों का अध्ययन कर समिति ने उनका रिकॉर्ड समय में विश्लेषण कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट 02 फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी तथा 7 फरवरी को विधान सभा द्वारा पारित कर 11 मार्च को राष्ट्रपति महोदया द्वारा इसे स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इसकी नियमावली बनाने के लिये समिति का गठन किया गया है। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होते ही इस वर्ष अक्टूबर तक इसे प्रदेश में लागू कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से इस देवभूमि से निकलने वाली मां गंगा अपने किनारे बसे सभी प्राणियों को बिना भेदभाव के अभिसिंचित करती है उसी प्रकार राज्य विधान सभा से पारित समान नागरिक संहिता के रूप में निकलने वाली समान अधिकारों की संहिता रूपी ये गंगा हमारे सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात संविधान स्वयं करता है, क्योंकि हमारा संविधान एक पंथनिरपेक्ष संविधान है। यह एक आदर्श धारणा है, जो हमारे समाज की विषमताओं को दूर करके, हमारे सामाजिक ढांचे को और अधिक मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि माँ गंगायमुना का यह प्रदेश, भगवान बद्री विशाल, बाबा केदार, आदि कैलाश, ऋषिमुनियोंतपस्वियों, वीर बलिदानियों की इस पावन धरती ने एक आदर्श स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में उल्लिखित होने के बावजूद अब तक इसे दबाये रखा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता समाज के विभिन्न वर्गों, विशेष रूप से माताओंबहनों और बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों को रोका जाए। हमारी माताओंबहनबेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त किया जाए। हमारी आधी आबादी को सच्चे अर्थों में बराबरी का दर्जा देकर हमारी मातृशक्ति को संपूर्ण न्याय दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में बीते दश वर्षों में शक्तिशाली समाज एवं देश के विकास में अनेक महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। विकसित भारत का सपना देखने के साथ भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और धारा370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर अग्रसर है। उनके नेतृत्व में सैंकड़ों वर्षों के बाद अयोध्या में रामलला अपने जन्मस्थान पर विराजमान हुए हैं, और मातृशक्ति को सशक्त करने के लिए विधायिका में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता में लिव इन संबंधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हुए कहा कि एक वयस्क पुरुष जो 21 वर्ष या अधिक का हो और वयस्क महिला जो 18 वर्ष या उससे अधिक की हो, वे तभी लिव इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे, जब वो पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में न हों और कानूनन प्रतिबंधित संबंधों की श्रेणी में न आते हों। लिवइन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लिवइन में रहने हेतु केवल पंजीकरण कराना होगा जिससे भविष्य में हो सकने वाले किसी भी प्रकार के विवाद या अपराध को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले जम्मू कश्मीर में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीर भूमि भी है। यहां लगभग हर परिवार से कोई न कोई सेना, अर्द्ध सैन्य आदि बलों से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य देश दुनिया के लोगों को आकर्षित का केंद्र रहा है। देवभूमि उत्तराख्ण्ड के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये राज्य में हमने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून बनाया गया है। हमारी सरकार लैंड जिहाद को जड़ से खत्म करने के लिए लगातार कार्यवाही कर रही है। अब तक 5 हजार हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया है। दंगा करने वाले दंगाइयों से ही सारे नुकसान की भरपाई का नियम लागू किया गया है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, संतुष्टि के साथसाथ विकल्प रहित संकल्प की मूल भावना को साकार करने की दिशा में अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता का अभाव था, परन्तु हमने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने का कार्य किया तथा राज्य में देश के सबसे कठोर “नकल विरोधी कानून बनने के बाद पारदर्शिता के साथ ही अब समयबद्ध तरीके से परीक्षाएं संपन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि यह नकल विरोधी कानून का ही प्रतिफल है कि हम हर रोज अलग अलग विभागों में योग्य युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान कर उन्हें रोजगार देने का कार्य कर रहे हैं। अब तक 15 हजार से अधिक युवाओं को पारदर्शिता के साथ सरकार नौकरी दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथसबका विकाससबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर आगे बढ़ कर जनहित के कार्य किए जा रहे हैं। आज उत्तराखंड विकास और विश्वास के अभूतपूर्व माहौल में, जन आकांक्षाओं को पूरा करते हुए आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका सम्मान उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता का सम्मान है।
म्येरू पहाड फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्रो. दयाल सिंह पंवार, एडवोकेट श्री सतीश टम्टा, पूर्व आईएएस कुलानंद जोशी, श्री देवेन्द्र जोशी आदि ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष श्री विनय रोहिला, प्रो ललिता गांधी, डॉ धर्मा रावत आदि उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
जम्मू के कठुआ में हुए आतंकवादी हमले में उत्तराखण्ड के पांच जवानों के शहीद होने पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच जवानों की शहादत पर मुख्यमंत्री ने जताया गहरा दुख
माँ भारती की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध शहीदों का यह सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा मुख्यमंत्री
जम्मू के कठुआ में हुए आतंकवादी हमले में उत्तराखण्ड के पांच जवानों के शहीद होने पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ईश्वर से शहीदों की आत्मा की शांति व शोकाकुल परिजनों को यह असीम कष्ट सहने की शक्ति प्रदान की कामना की है। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जायेगी।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को जम्मू के कठुआ में आतंकियों द्वारा किए गए हमले में उत्तराखण्ड के पांच जवान शहीद हो गए थे। आतंकी हमले जनपद रुद्रप्रयाग निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह रावत, जनपद पौड़ी निवासी हवलदार कमल सिंह, जनपद टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह, जनपद पौड़ी निवासी राइफलमैन अनुज नेगी, जनपद टिहरी गढ़वाल निवासी आदर्श नेगी ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे रणबाँकुरों ने उत्तराखण्ड की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए माँ भारती के चरणों में अपना सर्वस्व न्योछावर किया है। माँ भारती की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध शहीदों का यह सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस कायरतापूर्ण हमले के दोषी, मानवता के दुश्मन आतंकवादी किसी भी क़ीमत पर बख्शे नहीं जाएँगे और इनको पनाह देने वाले लोगों को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि सैन्यभूमि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों को जन्म देने वाली भूमि है। यहां के जवानों ने सदैव माँ भारती की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देकर अपने राष्ट्रधर्म का निर्वहन किया है।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आज प्रवासी उत्तराखण्ड प्रकोष्ठ की पहल के तहत प्रवासी उत्तराखण्डवासियों द्वारा अपने गांव गोद लेने की योजना की समीक्षा की।
टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के सुनारगांव तथा कैमरिया सौंण गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाएगामुख्य सचिव
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आज प्रवासी उत्तराखण्ड प्रकोष्ठ की पहल के तहत प्रवासी उत्तराखण्डवासियों द्वारा अपने गांव गोद लेने की योजना की समीक्षा की। आज की बैठक में चीन में निवासरत प्रवासी उत्तराखण्डी श्री देव रतूड़ी (चीन में अभिनेता व होटल व्यवसायी ) द्वारा जनपद टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के सुनारगांव तथा कैमरिया सौंण गांव को गोद लेने पर सहमति दी गई है। विदित है कि गत 05 मार्च को मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा 16 देशों में निवासरत प्रवासी उत्तराखण्डवासियों के साथ वर्चुअल सेमिनार के माध्यम से राज्य के विकास में प्रवासियों के योगदान पर विस्तृत चर्चा की गई थी। इस सेमिनार में मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा सम्पन्न प्रवासी उत्तराखण्डवासियों से उत्तराखण्ड के दुर्गम क्षेत्रों के गांवों को गोद लेकर उनके विकास में योगदान देने का आह्वाहन किया गया था। इसी क्रम में सबसे पहले चीन में रहने वाले लोकप्रिय होटल व्यवसायी व अभिनेता श्री देव रतूड़ी ने टिहरी में अपने पैतृक गांव कैमरिया सौंण एवं सुनारगांव को गोद लेने पर सहमति दी है। श्री देव रतूड़ी ने इन गांवों के शिक्षा से वंचित बच्चों की शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता एवं बेराजगार युवाओं को चीन में हॉस्पिटेलिटी से सम्बन्धित रोजगार के अवसर देने की इच्छा व्यक्त की है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी टिहरी को गांव कैमरिया सौंण एवं सुनारगांव को मॉडल गांव के ग्राम के रूप में विकसित करने हेतु बनाई गई कार्ययोजना पर श्री देव रतूड़ी के साथ मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने उत्तराखण्डी प्रवासियों द्वारा गोद लिए जाने वाले गांवों में सरकारी योजनाओं तथा व्यक्तिगत प्रयासों के प्रभावी समन्वय पर विशेष जोर दिया है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि इन गांवों में निर्माण कार्यो के अपेक्षा आर्थिक विकास, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण, होम स्टे, ऑगेनिक फार्मिंग, स्थानीय उत्पादों एवं मिलेट्स की खेती पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
टिहरी के कैमरिया सौंण एवं सुनारगांव को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित करने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी को इन गांवों को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने इन गांवों में शत् प्रतिशत सोलर पैनल कवरेज करने, होम स्टे विकसित करने, शत् प्रतिशत साक्षरता हेतु कैम्पेन चलाकर बुर्जगों को भी शिक्षित करने, गांव की खाली जमीन पर मंडुआ, झंगौरा जैसे स्थानीय मिलेट्स की खेती करने, गांवों की सामूहिक संवाद की परम्परा को प्रोत्साहित करने हेतु पंचायत घर में समयसमय पर सामूहिक भोज आयोजित करने तथा गांव में ही आजीविका के अवसर बनाकर पलायन रोकने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी को कैमरिया सौंण एवं सुनारगांव को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित करने के सम्बन्ध में तत्काल एक टीम गठित कर इन गांवों में भेजने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि कैमरिया सौंण एवं सुनारगांव को मॉडल गांव बनाने की कार्ययोजना का क्रियान्वयन जल्द से जल्द पूरा करना है, ताकि सभी प्रवासी उत्तराखण्डवासियों को अपने अपने गांवों को गोद लेकर उनके विकास में योगदान की प्रेरणा मिल सके।
बैठक में सचिव श्री दीपेन्द्र कुमार चैधरी, जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित, प्रवासी उत्तराखंड प्रकोष्ठ से श्री सुधीर नौटियाल, श्री देव रतूड़ी, ग्राम प्रधान कैमरिया सौंण श्री हरिभजन सिंह रावत तथा टिहरी जिला प्रशासन के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को हल्द्वानी में गौला नदी से हुए भूकटाव का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को हल्द्वानी में गौला नदी से हुए भूकटाव का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सिंचाई विभाग को गौला नदी के 500 मीटर भाग में चैनलाइजेशन, वायर क्रेट और सुरक्षात्मक कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिये कि हल्द्वानी स्थित अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम को भूकटाव से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपायों के लिए ठोस नीति बनाकर कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि इसके लिए शासन स्तर जो भी वित्तीय स्वीकृति के लिए आवश्यकता होगी, शीघ्र उपलब्ध कराई जायेगी। मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिये कि निर्माण कार्यों में सुनियोजित विकास के नाम पर हो रहे निर्माण से किसी अन्य भौगोलिक, प्राकृतिक संरचना को कोई खतरा न हो, इसके लिए निकासी योजना को प्राथमिकता देते हुए योजना का क्रियान्वयन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून सीजन में आपदा प्रबंधन की दृष्टि से सभी अधिकारी 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहें। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से होने वाले प्रभावों को न्यून करना हम सबका दायित्व है, इसके लिए सभी विभाग अपनेअपने कार्यक्षेत्रों में निरंतर पेयजल, विद्युत, सड़क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की नियमित मॉनिटरिंग करें। किसी भी क्षेत्र में अतिवृष्टि की सूचना प्राप्त होते ही तत्काल टीम को भेजकर यथासंभव राहत बचाव कार्य किये जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राहत एवं बचाव कार्यों के लिए प्रभावितों को मौके पर ही राहत सामग्री और अनुमन्य राशि दी जा सके।
जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा दीर्घालिक कार्यों के लिए 200 मीटर के भू कटाव से रोकथाम की 02 करोड़ 60 लाख लागत की डीपीआर शासन को भेजी गई है, जो कि स्वीकृति के चरण पर है। अतिवृष्टि के कारण अब लगभग कुल 600 मीटर का भू कटाव हो गया। अतिरिक्त 400 मीटर भाग की डीपीआर शीघ्र तैयार कर शासन को भेजी जा रही है।
इस अवसर पर विधायक डा. मोहन सिंह बिष्ट, कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड मंडी के अध्यक्ष डॉ. अनिल कपूर डब्बू, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री पी एन मीणा एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री ने टनकपुर, बनबसा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय व हवाई निरीक्षण, बाढ़ प्रभावितों से मिलकर सुनी समस्याएं।
मुख्यमंत्री ने टनकपुर, बनबसा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय व हवाई निरीक्षण, बाढ़ प्रभावितों से मिलकर सुनी समस्याएं।
अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन कर मुआवजा राशि वितरित करने के दिये निर्देश।
क्षतिग्रस्त सरकारी परिसंपत्तियों के नुकसान का आंकलन कर शासन को भेजें प्रस्ताव।
सभी प्रभावितों को समय पर मुआवजा मिले, यह सुनिश्चित किया जाय।
मानसून काल में अधिकारियों, कर्मचारियों की लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त
शारदा नदी से हो रहे भूकटाव को रोकने के लिए उठाए जाएं शीघ्र उचित कदम
टनकपुर बनबसा में प्रस्तावित ड्रेनेज सिस्टम की शीघ्र धरातल पर उतारेगी सरकार।
मुख्यमंत्री ने एनएचपीसी के अधिकारियों को दिए निर्देश, अलर्ट जारी करने के बाद ही नदी में छोड़ें पानी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को टनकपुर, बनबसा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय एवं हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्यायें सुनी। मुख्यमंत्री ने आयुक्त कुमाऊं तथा जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि जनपद में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन कर पीड़ितों को मुआवजा धनराशि का वितरण सुनिश्चित किया जाए। विगत दिनों में हुई भारी बारिश के चलते जनपद चंपावत में हुए नुकसान के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में जलभराव से हुए नुकसान व प्रभावितों से मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर व बनबसा पहुंचे और अधिकारियों से हुए नुकसान की जानकारी लीं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी व अधिकारियों से आपदा के कारण हुए क्षति, नुकसान की जानकारी ली और आश्वस्त किया की भारी बारिश के कारण प्रभावित लोगों को जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई सरकार द्वारा की जायेगी, उन्होंने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत एवं जिलाधिकारी नवनीत पांडे को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश देते हुए कहा कि तत्काल प्रभावितों को सहायता राशि वितरित करने के साथ ही रिस्टोरेशन के कार्य तत्परता से किया जाए। स्थलीय भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने सैलानीगोठ, शारदा घाट पहुंचकर जल भराव के साथ ही अन्य प्रकार से प्रभावित लोगों से वार्ता कर भरोसा दिलाया कि सरकार इस आपदा की घड़ी में प्रभावित लोगों की सहायता हेतु प्रतिबद्ध है। शारदा घाट में स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा किए गए कार्यों के कारण क्षेत्र में नुकसान कम हुआ है तथा मांग की कि इसी प्रकार के बाढ़ सुरक्षा के कार्य अन्य स्थानों में भी कराए जाय। इस दौरान मुख्यमंत्री ने टनकपुर, बनबसा क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया,तत्पश्चात अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को शीघ्र ही बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों, परिवारों को हुई क्षति व नुकसान की जानकारी लेते हुए प्रभावितों को तत्काल राहत राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर कहा कि इस संकट में सरकार प्रभावित लोगों को हर सम्भव मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार लोगों को हुए नुकसान की भरपाई करेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि भारी बारिश के चलते जनपद में हुए सरकारी परिसम्पत्तियों का आंकलन शीघ्र तैयार कर उसके भरपाई हेतु प्रस्ताव अविलम्ब तैयार कर शासन को भेजें, ताकि सरकारी परिसम्पत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई शीघ्र की जा सकें। उन्होंने टनकपुर, बनबसा मैदानी क्षेत्रों में जहाजहा जल भराव हुआ है वहा से पानी की निकासी की तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने बताया कि टनकपुर, बनबसा क्षेंत्रों में जो ड्रेनेज की समस्या के स्थाई समाधान हेतु धनराशि अवमुक्त कर दी जायेगी, जिससे यहा के लोगों को ड्रेनेज की समस्या से निजात मिल जायेगा। उन्होंने सिचाई विभाग को किरोड़ा नाला के डाईवर्जन के लिए बृहद कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये, ताकि किरोड़ा नाला का पानी आबादी क्षेत्र में ना जाये और लोगों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो। उन्होंने सड़कों पर आये मलवा, बोल्डर आदि के निस्तारण की कार्यवाही तुरन्त करने के निर्देश सड़क निर्माण विभागों के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा किरोड़ा पुल से लेकर बाटनगाढ़ तक यदि मलवे आदि के कारण मार्ग अवरूद्ध हो तो उसके तत्काल खोलने की कार्यवाही करें ताकि मॉ पूर्णागिरि के दर्शन हेतु आये श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो।
जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि भारी बारिश के दौरान सोमवार तक जनपद में 01 जनहानि, 17 गाय तथा 43 बकरियों की हानि हुई है, 02 भवन पूर्ण क्षतिग्रस्त तथा 42 भवन आंशिक क्षतिग्रस्त हुए। उन्होंने बताया कि टनकपुर, बनबसा क्षेत्र में जलभराव से प्रभावित परिवारों को राहत शिविर एवं उनके रिश्तेदारों के यहां पहुंचाया गया है।
इस दौरान, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत डीआईजी योगेंद्र रावत, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, सीडीओ संजय कुमार सिंह सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्रामीण आदि मौजूद रहे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को खटीमा क्षेत्र में गत दिवस अतिवृष्टि से हुए जलभराव क्षेत्र चकरपुर, अमाऊं, खटीमा बाजार, रेलवे क्रासिंग, आवास विकास, पकड़िया आदि क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर नुकसान का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को खटीमा क्षेत्र में गत दिवस अतिवृष्टि से हुए जलभराव क्षेत्र चकरपुर, अमाऊं, खटीमा बाजार, रेलवे क्रासिंग, आवास विकास, पकड़िया आदि क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर नुकसान का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों से वार्ता कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के साथ है, बाढ़ आपदा प्रभावित परिवारों को हर संभव त्वरित साहयता दी जायेगी। उन्होंने मौके पर जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों को जनता के सभी प्रकार के हुए नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा प्रभावितों के रहनेखाने व दवाओं की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही आपदा के कारण हुए फसलों की हुई क्षति का आंकलन करते हुए पीड़ितों को मुआवजा जल्द से जल्द वितरित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ बाढ़, जल भराव प्रभावित क्षेत्र आमऊं वार्ड नं 7, पूर्णागिरी कालोनी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने नगर पालिका खटीमा को जल भराव क्षेत्रों को सही करने व कालोनी मार्ग को ठीक कराने के निर्देश दिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने बाजार होते हुए आवास विकास, पकड़िया क्षेत्र में टूटी सड़कों व नालों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आपदा से हुए परिसंपत्तियों का शीघ्रअतिशीघ्र सर्वे आंकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए व जनता से वार्तालाप कर उनकी समस्याएं भी जानी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसी भी आपदा को रोका नहीं जा सकता किंतु इसके होने वाले प्रभावों को न्यून करना हम सबका दायित्व है। इसके लिए सभी अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में निगरानी बनाएं रखे और निरंतर मॉनिटरिंग करें। किसी भी क्षेत्र से सूचना प्राप्त होते ही तत्काल टीम को भेजकर यथासंभव राहत बचाव कार्य शुरू करे। इस प्रकार का मेकेनिज्म हो कि प्रभावितों को मौके पर ही राहत सामग्री और राशि दी जाए। आवश्यकता पड़ने पर राहत शिविरों का संचालन हो इसके लिए स्थानों को चिन्हित कर लिया जाए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि यथा शीघ्र आम जन के जीवन को सामान्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जनपद के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी, सांसद अजय भट्ट, अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ मंडलायुक्त दीपक रावत, डीआईजी डा. योगेंद्र सिंह रावत, जिलाधिकारी उदय राज सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा मंजुनाथ टीसी सहित विभागीय अधिकारियों के साथ चकरपुर क्षेत्र व वनखंडी महादेव मन्दिर परिसर से संचालित अस्थाई राहत शिविर का निरीक्षण किया व राहत शिविर में विस्थापित लोगों से वार्ता की व बाढ़ जलभराव से हुए नुकसान व उत्पन्न समस्याओं के निस्तारण के निर्देश मौके पर अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने राहत शिविर में मौजूद लोगों को भोजन वितरित किया तथा उन्हें मिल रहे भोजन के गुणवत्ता की जानकारी ली। पीड़ितों ने बताया कि गत दिवस से राहत शिविर में शुद्धताजा भोजन व शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही चाय व बच्चों को दूध भी उपलब्ध कराया गया।
मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी ने बताया कि राहत कैम्प लगाए गए हैं, प्रभावितों को पका हुआ भोजन व पानी आदि उपलब्ध कराया जा रहा है साथ ही कच्चा फूड पैकेट भी वितरित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अहेतुक सहायता राशि वितरित की जा रही है, मुआवजा राशि भी शीघ्र वितरित की जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंडलायुक्त दीपक रावत ने तत्काल अधिकारियों की बैठक लेते हुए अधिकारियों को आपदा पीड़ितों को सहायता राशि उपलब्ध कराने के साथ ही आपदा से हुए परिसंपत्तियों का आंकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
जिला सूचना कार्यालय ऊधमसिंह नगर से प्राप्त प्रेस नोट के आधार पर
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जम्मू के कठुआ में शहीद हुए उत्तराखंड के पांचों शहीद जवानों के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर संपूर्ण राज्य की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने नम आंखों से दी उत्तराखंड के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि
वीर सपूतों के बलिदान को याद कर भावुक हुए मुख्यमंत्री
इस दुख की घड़ी में संपूर्ण देश व प्रदेश शहीदों के परिजनों के साथ खड़ा है
सैन्यभूमि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों को जन्म देने वाली भूमि हैमुख्यमंत्री
जम्मू के कठुआ में शहीद हुए उत्तराखंड के पांच जवानों के पार्थिव शरीर मंगलवार को जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पांचों शाहिद जवानों के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर संपूर्ण राज्य की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने वीर सपूतों के बलिदान को याद कर मुख्यमंत्री भावुक नज़र आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत पीड़ा का क्षण है क्योंकि हमने भाई और बेटा भी खोया है। हमारे रणबाँकुरों ने उत्तराखण्ड की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए माँ भारती के चरणों में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माँ भारती की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध हमारे वीर जवानों का यह सर्वाेच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस कायरतापूर्ण हमले के दोषी, मानवता के दुश्मन आतंकवादी किसी भी क़ीमत पर बख्शे नहीं जाएँगे और इनको पनाह देने वाले लोगों को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे। सैन्यभूमि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों को जन्म देने वाली भूमि है। यहां के जवानों ने सदैव माँ भारती की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देकर अपने राष्ट्रधर्म का निर्वहन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शहीद जवानों का नाम भारत हमेशा याद रखेगा। संपूर्ण राज्य को अपने बेटों व भाइयों पर गर्व हैं। पांचों वीर जवान हमारे