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विस्तृत समाचार
उत्तराखण्ड को सरकार ने जैविक प्रदेश बनाने का संकल्प लिया हैप्रकाश पंत (वित्त मंत्री)
पंतनगर 14 नवम्बर उत्तराखण्ड को सरकार ने जैविक प्रदेश बनाने का संकल्प लिया है, जिसके लिए पंतनगर विश्वविद्यालय, प्रदेश के उद्योग एवं किसानों को मिलकर कार्य करना होगा। यह बात आज उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री, श्री प्रकाश पंत, ने पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित एकेडमियाइंडस्ट्री मीट के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही। उद्घाटन सत्र का आयोजन आज प्रातः विश्वविद्यालय के डा. रतन सिंह सभागार में हुआ, जिसमें कुलपति, प्रो. ए.के. मिश्रा, अध्यक्ष के रूप में तथा टाटा मोटर्स लिमिटेड के प्लांट हेड, श्री अनल विजय सिंह, एवं पोटाश अनुसंधान संस्थान, गुड़गांव, के निदेशक, डा. एस.के. बंसल, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अपने सम्बोधन में श्री पंत ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को कम मूल्य पर पौध व बीज उपलब्ध कराये जायेंगे तथा उन्हें एक लाख रूपये तक का ऋण 2 प्रतिषत ब्याज की दर पर दिया जायेगा। पंतनगर विश्वविद्यालय को उन्होंने पुराने बीजों का संवर्धन व संरक्षण करने तथा जैविक कीटनाशकों का विकास करने के लिए कहा। उत्तराखण्ड के कृषि उत्पादों को प्रयोग कर उनसे संबन्धित उद्योग स्थापित करने के लिए उन्होंने उद्योग जगत का आह्वान किया। वित्त मंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड में 17 वर्षों में विभिन्न प्रकार के 41 हजार उद्योग स्थापित हुए हैं, जिनमें 226 बड़े उद्योग हैं। ये सब उत्तराखण्ड के आर्थिक उत्थान में बड़ा सहयोग प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने नये विचारों पर अधारित नये उद्यम स्थापित करने के लिए युवाओं को सरकार की तरफ से 20 प्रतिशत तक सहयोग प्रदान करने की योजना की भी जानकारी दी। श्री अनल विजय सिंह ने कहा कि विष्वविद्यालयों को अपने विद्यार्थियों में से विफलता के भय को दूर करने तथा उनमें जोखिम उठाने की भूख विकसित करने का काम करना चाहिए, ताकि उनमें उद्यमिता का विकास हो सके तथा देश में नये उद्योगों की स्थाना का रास्ता खुल सके। विद्यार्थियों में सकारात्मकता खुला दिमाग, परिणाम प्राप्त करने की उत्सुकता तथा अतिरिक्त चुस्ती जैसे गुणों का विकास करने के लिए भी उन्होंने कहा। श्री सिंह ने औद्योगिकीकरण के विभिन्न दौरों का भी जिक्र किया। कुलपति, प्रो. मिश्रा ने विष्वविद्यालय की स्थापना तथा देश की कृषि में इसके योगदान के बारे में बताते हुए शिक्षण, शोध एवं प्रसार के क्षेत्र में विष्वविद्यालय की शक्तियों का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में उद्योग जगत की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। कुलपति ने बताया कि प्रत्येक उद्योग अपनी आवष्यकताओं के अनुसार मानव संसाधन प्राप्त करने की हमसे अपेक्षा रखता है, किन्तु उद्योगों में आधुनिकीकरण का स्तर विश्वविद्यालयों के स्तर के मुकाबले अधिक है, जिसको भरने में उद्योग सहायता कर सकता है, ताकि विद्यार्थियों की शिक्षा का स्तर उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप हो सके। डा. एस.के. बंसल ने मृदा परीक्षण के आधुनिकीकरण, नानो उर्वरकों का विकास एवं पोटाश के स्वदेशी स्रोतों की खोज किये जाने की भी आवश्यकता बतायी। इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन भी किया गया। इससे पूर्व एमबीजीई विभाग के विभागाध्यक्ष, डा. अनिल कुमार ने बायोतकनीक शोध एवं उद्योग के बीज में दूरी को कम करने से संबन्धित व्याख्यान दिया तथा विभागाध्यक्ष कृषि संचार विभाग, डा. एस.के. कश्यप ने पंतनगर विश्वविद्यालय के बारे में विस्तृत रूप से बताया। कार्यक्रम मे क्षेत्रीय विधायक राजेश शुक्ला तथा विश्वविद्यालय के अनेक प्रोफेसर, वैज्ञानिक व डाक्टर उपस्थित थे। जिला सूचना अधिकारी उधमसिंह नगर।