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विस्तृत समाचार
जीएसटी संबंधित जानकारी ‘टैक्स’ मास्टर टेªनर तारकेश्वर मिश्रा ने दी
चम्पावत 30 जून,17 केन्द्रीय एवं राज्य के समस्त करों को एक ही कर में मर्ज कर पूरे देश को वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में लाया गया है जिससे व्यापारियों एवं अन्य लोगों को एक्साईज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी, सेन्ट्रल एक्साईज, सर्विस टैक्स, एडिसनल ड्यूटी आफॅ कस्टम एण्ड एक्साईज, स्पेशल एडिसनल ड्यूटी आॅफ कस्टम, स्टेट वैट, सेन्ट्रल सेल टैक्स, परचेज टैक्स, लग्जरी टैक्स, इंट्री टैक्स, मनोरंजन कर, विज्ञापन कर, लाटरी कर के साथ अन्य करों को पृथकपृथक जमा न करना पड़े। अब व्यापारियों को वर्षभर में एक ही बार आॅन लाइन/आॅफ लाइन टैक्स जमा करना होगा और वर्ष भर में 10 लाख टर्नओवर से उपर वाले व्यापारी को ही टैक्स पड़ेगा, लेकिन 10 लाख से कम आय पर भी वस्तु एवं सेवाकर में पंजीकृत व्यक्ति को रिर्टन दाखिल करना होगा। उक्त जानकारी आज जिला कार्यालय सभागार में उधमसिंह नगर से आये जीएसटी के ‘टैक्स’ मास्टर टेªनर तारकेश्वर मिश्रा ने जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के जनसुविधा केन्द्रों के प्रभारियों को दी। उन्होंने बताया कि व्यापारी को माह में एक रिर्टन दाखिल करनी होगी, शेष दो रिर्टन स्वतः ही दर्ज हो जायेंगी और इससे मानवीय हस्तक्षेप बहुत हद तक कम हो जायेगा और व्यापारियों, अधिकारियों को निर्णय लेने में देरी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि माल और सेवा कर से भारत में उत्पादित वस्तुएंे एवं सेवाएं भारत के साथसाथ अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनेंगी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त सभी आयातित वस्तुओं पर एकीकृत माल और सेवा कर (आईजीएसटी) आरोपित किया जायेगा जो कि केन्द्रीय एवं राज्य जीएसटी के समतुल्य होगा जिससे आयातित उत्पादों और स्थानीय उत्पादों पर कराधान में समता आयेगी और भुगतान संतुलन की स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि साफ टैªक रिकार्ड वाले निर्यातकों को निर्यात से संबंधित दावों का सात दिनों के भीतर 90 प्रतिशत रिफंड कर प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि माल और सेवा कर के कारण कराधान बढ़ने और कर अनुपालन में सुधार होने से सरकारी राजस्व में वृद्धि आने के साथ सकल घरेलू उत्पाद में 1.5 से 2 प्रतिशत तक वृद्धि होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि माल और सेवा कर से अप्रत्यक्ष कर कानूनों में और अधिक सरलता, सुगमता आयेगी। उन्होंने बताया कि जीएसटी के लागू होने के साथ अर्थव्यवस्था के सभी हितधारकों, सरकार और उपभोक्ताओं को लाभ होने के साथ वस्तुतओं, सेवाओं की लागत में कमी आयेगी और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी का लक्ष्य कर दरों और प्रक्रियाओं में एकरूपता लाकर, आर्थिक बाधाओं को हटाकर भारत को एक साझा राष्ट्रीय बाजार बनाना है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर एक एकीकृत अर्थव्यवस्था का रास्ता प्रशस्त हो सके। उन्होंने कहा कि जीएसटी से सभी कर मर्ज होने के साथ कर में कर लगने के दुष्प्रभाव कम होंगे, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और चल निधि में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि एक ही कर के लागू होने से हर स्तर पर कर भुगतान होगा और पिछले स्तर पर चुकाए गए ‘कर’ का क्रेडिट अगले स्तर पर समंजन के लिए उपलब्ध होगा जिससे अर्थतंत्र और कर वैल्यू का सुगमता से आंकलन किया जा सकेगा साथ ही उद्योगों को क्रेडिट लेने में और सरकार को चुकाए गए करों की सत्यता को जाॅचने एवं उपभोक्ता को चुकाए गए कर की सही राशि जानने में सहायता होगी। उन्होंने बताया कि करदाताओं को केन्द्र और राज्य सरकारों के अनेक अप्रत्यक्ष कर कानूनों केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, सेवाकर, वैट, केन्द्रीय बिक्रीकर, चुंगी, प्रवेश कर, लक्जरी कर, मनोरंजन कर आदि का रिकार्ड रखने और अनुपालन करने की आवश्यकता नहीं होगी लेकिन केन्द्र और राज्य के समरूप कानूनों में माल और सेवाकर अधिनियम में केवल रिकार्ड रखने और अनुपालन दर्शाने की आवश्यकता होगी। उन्होंने सभी जनसेवा केन्द्रों के प्रभारियों को जीएसटी के संबंध में अपनेअपने क्षेत्र में बैठक कर व्यापारियों को अवगत कराने को कहा जिससे जीएसटी के संबंध में हो रही सभी गलतफमियां दूर हो सकें। बैठक में काॅमन सर्विस सेन्टर के जनपद प्रभारी कुलदीप भंडारी, ईडिस्ट्रिक मैनेजर तनुज रावल के साथ सेवायोजन कार्मिक, सभी ग्रामीण जनसेवा केन्द्र के प्रभारी उपस्थित थे। जिला सूचना अधिकारी, चम्पावत।

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