चम्पावत 11 नवम्बर,17
जनपद में वर्ष 2022 तक कृषकों की आय दोगुना करने हेतु प्रत्येक विकासखंड में पृथक क्लाइमेटिक जोन एवं कलस्टर का चयन कर गांवों के नाम उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उक्त निर्देश कल विकास भवन में कृषि, उद्यान, पशुपालन, सहकारिता, डेरी एवं सीधे कृषकों से जुड़े विभागों के अधिकारियों की बैठक लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी शैलेन्द्र सिंह बिष्ट ने दिये। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट जोन का निर्धारण 1000, 10001500 तथा 15002400 मीटर तक तीन स्टेज में करें और इन ऊंचाई वाले कलस्टरों का चयन कर गांवों को चिन्हित करें जिससे उन गांवों की मिट्टी का परीक्षण किया जा सके।
उन्होंने कृषि अधिकारी को निर्देश दिये कि चयनित गांवों में बोई जा रही फसल और उससे होने वाली आर्थिकी का आंकलन कर काश्तकारों को विभाग द्वारा प्रदत्त सभी सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उनकी फसल की गुणवत्ता में सुधार हेतु कदम उठाये जा सकें। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिकी में सुधार लाने हेतु अधिकारियों को स्वयं चयनित गांवों में जाकर विगत 5 वर्ष का डाटाबेस तैयार करना होगा जिससे आने वाली फसल का आंकलन किया जा सके। उन्होंने चयनिम कलस्टर एवं गांवों में किसानों को बर्मी कम्पोस्ट, खेतों की जुताई, निराई, सिंचाई, बीजों के संबंध में जानकारी देने के साथ वैज्ञानिक ढ़ंग से खेती करने हेतु प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी किसानों को योजनाओं की बुकलेट न थमाकर स्वयं खेतों, उसमें बोई गई फसल, उसकी प्रजाति, उनके द्वारा प्रयोग की जा रही खाद, सिंचाई का निरीक्षण कर उन्हें गुणवत्ता युक्त बीजों के उपयोग हेतु प्रेरित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।
मुख्य विकास अधिकारी ने किसानों हेतु मृदा स्वास्थ्य एवं उर्बरक प्रबंधन, जोत के आकार, कृषि निवेशों के उपयोग में वृद्धि, जैविक खेती हेतु प्रोत्साहन, सिंचन क्षमता में वृद्धि, पोस्ट हारवेस्ट टैक्नालाजी, विपरण प्रबंधन में वृद्धि, उनका क्षमता विकास, प्रशिक्षण तथा तकनीकी हस्तान्तरण से उसके गांव में ही रूबरू कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने सहायक निबंधक सहकारिता को सहकारिता के सभी केन्द्रों को विक्रय केन्द्रों में भी तबदील करने, काश्तकार का डाटाबेस तैयार करने, उत्पादित फसल को गांव में ही क्रय करने हेतु आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसान की फसल खेत से ही सरकारिता के गोदामों में पहुंचाने के साथ किसान को घर पर ही फसल का मूल्य प्राप्त होगा तो किसान खेती करने हेतु उत्सुक होंगे।
मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि विकासखंड चम्पावत में फागपुर चंदनी, खर्ककार्की, बमनजौल, बाराकोट में काकड़, बाराकोट व बापरू, लोहाघाट में चैड़ीराय, धौनसिलिंग तथा सुई और विकासखंड पाटी में गोसनी, चल्थिया व सुनडुंगरा को कलस्टर के रूप में चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि इन चयनित कलस्टरों के अंतर्गत 47 गांव तीनों क्लाईमेटिक जोन का हिस्सा रखे गये हैं। उन्होंने दुग्ध विकास, पशुपालन, उद्यान, मत्स्य, सहकारिता विभाग के साथसाथ उद्योग विभाग को भी अपनी कार्ययोजना तैयार कर चयनित कलस्टरों में किये जाने वाले कार्यो की सूची, बजट की उपलब्धता, क्षेत्र में कार्यरत कार्मिकी सूची उपलब्ध कराने के निर्देश बैठक में दिये। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को चयनित कलस्टरों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने सुई केन्द्र में कार्यरत कृषि वैज्ञानिकों को भी चयनित कलस्टरों में उगाई जा सकने वाली फसलों के संबंध में क्षेत्र भ्रमण कर जानकारी उपलब्ध कराने को कहा।
इस अवसर पर परियोजना निदेशक एचजी भट्ट, डीडीओ आरसी तिवारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी बीएस जंगपांगी, संख्याधिकारी एनबी बचखेती, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र जीबी जोशी, खंड विकास अधिकारी बीएस खाती, जिला उद्यान अधिकारी एनसी आर्या, सहायक निबंधक सहकारिता पीएस राणा, मुख्य कृषि अधिकारी एस कुमार, भूमि संरक्षण अधिकारी राजन उप्रेती सहित दुग्ध विकास और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
जिला सूचना अधिकारी,चम्पावत। |