चम्पावत 19 सितम्बर(सूवि)
जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं पशुपालन के कार्यो का पूरा बोझ उठा रही महिलाओं के आजीविका के साधनों को बढ़ाने के लिए आरबीआई की गाईड लाईन के अनुसार किसान क्रेडिट कार्ड जारी कर उन्हंे कृषि आधारित ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। यह निर्देश अपर जिलाधिकारी हेमन्त कुमार वर्मा ने जिला स्तरीय समीक्षा समिति (सीआरएलडी) सह जिला परामर्शदात्री समिति (डीसीसी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी बैंकर्स को दिए। उन्होंने सभी बैकर्स से कहा कि प्रत्येक बैंक व उसकी शाखा आगामी त्रैमास में 3500 महिला काश्तकारों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के साथ उन्हें ऋण उपलब्ध कराये जाने की सूचना से लीड बैंक अधिकारी को अवगत करायेंगे। उन्होंने कहा कि जनपद की ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी की रीढ़ महिलाओं को कृषि संबंधी छोटेछोटे कार्यो हेतु दूसरे का मुंह न ताकना पड़े, इसलिए सभी बैंकर्स सुनिश्चित करें कि महिलाओं को जिनके नाम भूमि नहीं है उनको भी आरबीआई की गाईड लाइन के आधार पर ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने ऋण जमा अनुपात की समीक्षा करते हुए सबसे कम ऋण जमानुपात वाले पीएनबी (16.35 प्रतिशत), भा.स्टेट बैंक (16.76 प्रतिशत), नैनीताल बैंक (20.12 प्रतिशत) को ऋण जमानुपात बढ़ाने हेतु विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी बैंकर्स को ग्रामीण क्षेत्रों में शाखावार लक्ष्य निर्धारित करते हुए कैम्प कर आंवटित पंचायतों में महिलाओं पर मुख्य फोकस कर योजनाओं एवं कार्यों की जानकारियों का आदानप्रदान करते हुए आवश्यतानुसार ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने ऋण जमानुपात सुधारने के लिए सभी बैंकर्स को विशेष रणनीति बनाकर कार्य करने तथा ऋण जमानुपात बढ़ाने के लिए गठित विशेष उप समिति की बैठक प्रत्येक माह आयोजित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि ऋण के अन्तर्गत किसान क्रेडिट कार्ड योजना की समीक्षा करते हुए केसीसी की प्रगति निराशाजनक होने के कारण सभी बैंकर्स को ग्राम पंचायतवार कम से कम 1010 केसीसी अगले तिमाही में बनाने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने वार्षिक ऋण योजना के अन्तर्गत कृषि एवं सेवा क्षेत्र में ऋण उपलब्ध कराने में नाकाम रहे बैंक अधिकारियों को कृषि व सेवा क्षेत्र में इच्छुक लोगों को शीघ्र ऋण उपलब्ध कराने को कहा।
डीडीएम नाबार्ड पुनीत नागर ने राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा संचालित सभी स्कीमों के अन्तर्गत ऋण के लिए प्राप्त आवेदन पत्रों का निस्तारण प्रत्येक दशा में 15 दिनों के भीतर करने तथा आवेदन पत्र के 15 दिनों से अधिक समय तक लम्बित रहने पर सम्बन्धित विभाग द्वारा बैंकर्स को नोटिस जारी करने को कहा। बैठक में एलडीएम एएस रावत ने बताया कि 30 जून तक जनपद का ऋण जमानुपात 23.85 प्रतिशत रहा जाकि विगत वर्ष की तुलना में 0.20 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि जून से अगस्त त्रैमास में जिले की कुल जमा राशि 1816.17 करोड़ रहने के साथ ऋण राशि 433.09 करोड़ रही जो मार्च 2017 के त्रैमास से 2.88 करोड़ अधिक है। उन्होंने प्रधानमंत्री शहरी आवास, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन, पर्यटन स्वरोजगार, स्पेशल कम्पोनेन्ट, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन आदि योजनाओं में अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त कर बैंकों को प्रेषित करने के निर्देश दिये। बैठक में बैंक ऋण वसूली पर भी चर्चा हुई।
अपर जिलाधिकारी ने कृषि ऋण वसूली की चर्चा पर इंश्योरेन्स कंपनी को वेदर स्टेशन बढ़ाने के साथ किसानों को बीमे की धनराशि का समय से भुगतान करने और ओलावृष्टि से हुए नुकसान को भी बीमे में सम्मिलित करने के निर्देश बैठक में दिये। उन्होंने जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के आधार बैंक से लिंक नहीं है उनकी सूची तैयार करने उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने बैंकों में वीसेट संचालन हेतु जनपद के बेरोजगार नौजवानों से बैंकों से संपर्क करने की अपील भी की है।
बैठक में आरबीआई देहरादून के प्रबन्धक डीएस सजवाण, निदेशक आरसेटी जनार्दन चिल्कोटी, बैंकर्स एचएस पांगती, आशुतोष जोशी, केएन जोशी, आरके आर्या, धर्मानन्द जोशी, रजनीश सिंह, गजेेन्द्र राणा आदि उपस्थित थे।
जिला सूचना अधिकारी,चम्पावत |