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विस्तृत समाचार
मंगलवार 05 सितम्बर, 2017 शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड सचिवालय से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त जिलों के वी0सी0 रूम तथा स्वान केन्द्रों में उपस्थित शिक्षकशिक्षिकाओं से सीधे रूबरू होते हुए सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाऐं देते हुए उन्हें संबोधित किया गया।
म्उंपसरू क्पवचपजीवतंहंती/हउंपसण्बवउ प्रेस नोट फोन/फैक्स न0 05964225549 सूवि 05 सितम्बर ,2017 पिथौरागढ। मंगलवार 05 सितम्बर, 2017 शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड सचिवालय से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त जिलों के वी0सी0 रूम तथा स्वान केन्द्रों में उपस्थित शिक्षकशिक्षिकाओं से सीधे रूबरू होते हुए सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाऐं देते हुए उन्हें संबोधित किया गया। जनपद पिथौरागढ़ में इस अवसर पर जिला मुख्यालय के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र तथा स्वान केन्द्र समेत तहसील एवं विकासखंडों में स्थापित कुल 08 स्वान केन्द्रों में उपस्थित विभिन्न अध्यापक/अध्यापिकाऐं द्वारा वी0सी0 के माध्यम से प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री से सीधे रूबरू हुए तथा उनके द्वारा मा0 मुख्यमंत्री का संबोधन भी सुना। वी0सी0 के माध्यम से मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभी शिक्षकों के लिए एक आदर्श है। वे देश के एक महान व्यक्तित्व रहे है। उनके जन्म दिवस को हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते है। उन्होंने कहा कि भारतीय परम्परा में शिक्षक को सर्वोच्च स्थान मिला है। हमारे इतिहास शास्त्रों, ग्रन्थों में गुरू का स्थान सर्वोत्तम है ईश्वर से भी ऊपर गुरू को माना गया है। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि हम इस स्थान को बनाए रखने और इस परम्परा को जीवित रखने हेतु अपने कर्तव्यों का पालन कर उसे आगे बढ़ाए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में गुरू एवं शिष्य की महान परम्परा रही है जिसमें एकलव्य जैसे महान शिष्य रहे है। उन्होेने कहा कि गुरूओं का कर्तव्य किताबी ज्ञान से भी बड़ा है। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान हमारे व्यवहार में मिल सकता है हमारे मन में मिल सकता है हमारे ऋषियों ने कहा कि हम अपने चरित्र से सम्पूर्ण विश्व को शिक्षित कर सकते है तथा उसे करेंगे। हमारे पास बहुत कुछ ज्ञान है जिसे पूरे देश के साथ ही विश्व को भी दे सकते है। उन्होंने कहा कि विद्या ज्ञान है जितना बाॅटों उतनी ही बढ़ती है शिक्षा अंधकार को भगाती है विद्या धन सर्वश्रेष्ठ धन माना जाता है। मा0 मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड राज्य देश का पहला ऐसा राज्य है जो शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अधिक धनराशि ब्यय कर रहा है। राज्य के सरकारी विद्यालयों में प्रति 12 बच्चांे पर एक शिक्षक/शिक्षिका कार्यरत है जबकि नीजि विद्यालयों में 25 छात्रछात्राओं पर एक शिक्षक/शिक्षिका तैनात है साथ ही सरकारी विद्यालयों में ए गे्रड शिक्षक/शिक्षिका तैनात है फिर भी राज्य में 60 फीसदी बच्चें निजी विद्यालयों में पढ़ रहे है। हमें सरकारी विद्यालयों में छात्रछात्राओं की घटती संख्या को रोकते हुए उसे बढ़ाने के प्रयास करने होंगे इस क्षेत्र में सरकार कार्य कर रही है। मा0 मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों से इस हेतु अपनेअपने सुझाव देने की भी अपील की ताकि राज्य में गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के साथ ही छात्रछात्राओं को बेहतर सुविधाऐं भी मुहैया करायी जा सकें। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सरकारी विद्यालयों से लगातार घट रही छात्र संख्या पर भी अपनी चिंता बयक्त करते हुए कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है इस समस्यां के समाधान हेतु सभी के सुझाव नितान्त आवश्यक है। उन्होंने अवगत कराया कि राज्य में 352 प्रा0 विद्यालय तथा 73 उच्चतर प्राथमिक विद्यालय है जहाॅ एक भी विद्यार्थी नही है तथा 2525 प्राथमिक विद्यालय ऐसे है जहाॅ 10 से कम छात्र संख्या है जो एक चिन्तनीय विषय है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है उन्होेने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में विद्यार्थियों को क्लब करने की योजना बनाई जा रही है ताकि क्षेत्र के सभी बच्चे एक ही विद्यालय में पढ़े जहाॅ सभी विषयों के शिक्षक होने के साथ ही समस्त सुविधाऐं विद्यालय में होने व बच्चों को विद्यालय तक लाने एवं ले जाने की व्यवस्था हो सके। उक्त संबंध में भी मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ठ सुझाव देने की भी अपील शिक्षकों से की साथ ही उन्हांेने सभी शिक्षकों से संरचनात्मक सहयोग देने, की भी अपील शिक्षकों से की। उन्होेने कहा कि आज प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों के पास पठनपाठन के अतिरिक्त अन्य कार्य भी करना होता है। निकट भविष्य शतप्रतिशत आधार लिंक जब हो जाएगा। स्वतः ही अनेक कार्य अपने आप हो जाऐंगे। सभी को आधार से लिंक करने हेतु सरकार पूर्ण रूप से संवेदनशील है। वी0सी0 में मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी समेत शासन के उच्चाधिकारी आदि उपस्थित थे। जनपद पिथौरागढ़ से जिलाधिकारी सी0 रविशंकर, प्रभारी सी0ई0ओ0 गणेश प्रसाद कोहली, जिलाशिक्षाधिकारी बेसिक शौकत अली, डा0 अशोक पंत समेत विभिन्न अध्यापक, अध्यापिकाऐं आदि उपस्थित थी।