चम्पावत 29 जून (सूवि),
विकास भवन सभागार में 11 वें सांख्यिकीय दिवस के अवसर पर बोलते हुए मुख्य विकास अधिकारी हरगोविन्द भट्ट ने कहा कि देश की विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के साथ सभी योजनाओं की गणना में आप के परिपेक्ष्य में इसमें व्यापक महत्व है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में सांख्यिकीय के बिना अंतरिक्ष में सेटेलाइट की स्थापना, लैपटाॅप, कम्प्यूटर, मोबाइल उपकरणों के साथसाथ प्रशासनिक जरूरतें, जनसंख्या गणना, योजनाओं का नियोजन, निर्वाचन, मौसम पूर्वानुमान आदि की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि योजनाओं के सही क्रियान्वयन में इसका महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है और सहीं गणित से योजनाओं को प्लान न किये जाने पर योजनाओं का क्रियान्वयन ढ़ंग से होना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीयविद प्रशान्त चन्द्र महालनोबिस जिनके नाम पर सांख्यिकीय दिवस मनाया जाता है को दूसरी पंचवर्षीय योजना के मसौदे के कारण जाना जाता है। उन्होंने कहा कि महालनोबिस ने औद्योगिक उत्पान की तीव्र बढ़ोत्तरी के जरिए बेराजगारी समाप्त करने के लिए सरकार के मुख्य उद्देश्य को पूरा करने का खाका भी खींचा था।
जिला विकास अधिकारी आरसी तिवारी ने कहा कि सांख्यिकीय विषय गणित का ही एक पार्ट है और आज के नियोजन में इसका भरपूर उपयोग किया जा रहा है और सरकारी कार्यो में इसका महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक संरचना और सांख्यिकी विकास के क्षेत्र में प्रशांत चन्द्र महालनोबिस के उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए 20 जून को प्रत्येक वर्ष ‘‘सांख्यिकी दिवस’’ के रूप में मनाया जाता है जिससे युवा पीढ़ी इनके हमकदम हो सके। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी की बढ़ती जरूरत को देखते हुए इसकी भूमिका के बारे में आज जनमानस विशेषकर युवा पीढ़ी को जागरूक करना जरूरी है। अर्थ एवं संख्याधिकारी ने कहा कि आर्थिक विकास हेतु सांख्यिकी के माध्यम से ही सरकार विभिन्न विभागों में नियोजन और योजनाबद्ध प्रयास करती है। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी के बिना आर्थिक नियोजन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा.पीएस भंडारी ने कहा कि नियोजन की प्रक्रिया के लिए संसाधनों की उपलब्धता तथा समस्याओं की वर्तमान स्थिति का अध्ययन, विगत वर्षो के नियोजन की स्थिति, विभिन्न क्षेत्रों, उपक्रमों के लक्ष्य का निर्धारण, वर्तमान स्थिति एवं लक्ष्यों का अन्तर और अन्तर को कम करने के लिए रणनीति और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक संसाधनों को जुटाना एवं उनका आवंटन होना चाहिए जिसके लिए सांख्यिकी का सहारा लिया जाता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास का माॅडल तैयार करने के लिए अर्थशास्त्री की सांख्यिकी में दक्षता जरूरी होनी चाहिए। अन्य वक्ताओं ने कहा कि आधुनिक युग में कल्याणकारी राज्य की संकलपना के उदय के साथ सरकार और प्रशासन में सांख्यिकी का महत्व और भी बढ़ रहा है। आवश्यकताएं, उपयोगिताओं हेतु वार्षिक बजट तैयार करना, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का निर्धारण, नीति निर्माण, उद्योग व्यापार की दिशा, आयातनिर्यात, सामाजिक क्षेत्र में मानव विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता आदि ठीकठीक ज्ञान होने के साथ इसके व्यापक प्रबंधन के लिए सांखियकी का ज्ञान जरूरी है।
इस अवसर पर अर्थ एवं संख्याधिकारी एनबी बचखेती, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा.पीएस भंडारी, समाज कल्याण अधिकारी पीसी जोशी, सहायक निबंधक सहकारिता पीएस राणा, अपर संख्याधिकारी अशोक कुमार और जुगल किशोर पाण्डेय सहित सुधीर चैधरी, रमेश सिंह, मन्जू आर्या, सतीष कुमार, वाईके शुक्ला आदि उपस्थित थे।
जिला सूचना अधिकारी, चम्पावत। |