विभाग सरकार के बारे में उत्तराखंड एक नज़र में प्रेस नोट फोटो गैलरी प्रकाशन शासनादेश सूचना का अधिकार निविदा / विज्ञापन
 DIPR UTTARAKHAND | Notice 


नोटिस बोर्ड

Home > नोटिस बोर्ड

नोटिस बोर्ड


⚜  विभाग में वर्ष 2023 में विज्ञापन हेतु सूचीबद्ध हुए न्यूज़ पोर्टल वेबसाइट की सूची श्रेणी क

⚜  विभाग में वर्ष 2023 में विज्ञापन हेतु सूचीबद्ध हुए न्यूज़ पोर्टल वेबसाइट की सूची श्रेणी ख

⚜  विभाग में वर्ष 2023 में विज्ञापन हेतु सूचीबद्ध हुए न्यूज़ पोर्टल वेबसाइट की सूची श्रेणी ग

⚜  श्रेणी ग हेतु न्यूज पोर्टलध्वेबसाइटों को विभाग में विज्ञापन हेतु सूचीबद्ध करने के संबंध में

⚜  श्रेणी ख हेतु न्यूज पोर्टलध्वेबसाइटों को विभाग में विज्ञापन हेतु सूचीबद्ध करने के संबंध में

⚜  श्रेणी क हेतु न्यूज़ पोर्टलध्वेबसाइटों को विभाग में विज्ञापन हेतु सूचीबद्ध करने के संबंध में

⚜  चैनल सूचीबद्धता हेतु

⚜  उत्तराखण्ड के अन्तर्गत सूचना अधिकारी के सीधी भर्ती के 12 रिक्त पदों को पर सेवा स्थानान्तरणध्प्रतिनियुक्ति पर तैनाती विषयक





   विभागीय लिक्स

विस्तृत समाचार
पेयजल स्रोतों के संरक्षण, संवर्द्धन एवं पुनरूद्धार के संबंध में बैठक हुई
चम्पावत 28 जून (सूवि), पर्वतीय क्षेत्रों में 15 प्रतिशत वर्षा जल के जल स्रोतों के पुर्नभरण एवं वर्षा की प्रकृति में बदलाव, तीव्रता में वृद्धि एवं शीतकालीन वर्षा में गिरावट, जल स्रोतों में पानी की हो रही कमी को देखते हुए जल स्रोतों के आसपास व्यापक वृक्षारोपण करें जिससे जल स्रोत सूखने न पाये। उक्त निर्देश आज जनपद के पेयजल स्रोतों के संरक्षण, संवर्द्धन एवं पुनरूद्धार हेतु कार्ययोजना तैयार के संबंध में संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी हरगोविन्द भट्ट ने दिये। उन्होंने कहा कि पेयजल स्रोत बचाने हेतु उनके आसपास चैड़ीपत्ती के पौधों का रोपण करने के साथ ही जनपद में गठित जिला जल एवं स्वच्छता समिति को भी पेयजल पुर्नभरण एवं पुनरूद्धार हेतु सक्रिय करना होगा। उन्होंने जल संस्थान, जल निगम, स्वजल, पर्यटन आदि विभागों के अधिकारियों से कहा कि किसी भी पेयजल योजना, नौले, धारे के पुनरूद्धार हेतु योजना में पौधरापेण को भी सम्मिलित करें। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा जल के जल स्रोतों के पुर्नभरण में कमी एवं वर्षा की प्रकृति में बदलाव, तीव्रता में वृद्धि एवं शीतकालीन वर्षा में गिरावट से जल स्रोतों में निरन्ती पानी की कमी हो रही है और इसका बचाव प्राथमिकता के आधार पर किया जाना है इसलिए सभी संबंधित विभागीय अधिकारी जनपद के पेयजल स्रोतों, नौलों, धारों का चिन्हिकरण कर उसके आसपास पानी को रोकने वाले पौध रोपण हेतु विभागीय कार्यवाही के साथसाथ ग्रामीणों को पानी के महत्व को समझाते हुए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों का ठीक से नियोजन, विकास एवं प्रबन्धन से ही पानी को बचाया जा सकता है, इसलिए पेयजल योजनाओं को प्रस्तावित करते समय पौधरोपण कार्यक्रम को प्राथमिकता प्रदान करें और योजना के समय प्राकृतिक जल स्रोतों से छेडछाड़ न करें। उन्होंने हैण्डपम्पों, नलकूपों के आसपास भी वृक्षारोपण को महत्व देने के निर्देश बैठक में दिये। श्री भट्ट ने क्षतिग्रस्त ग्रामीण एकल पेयजल योजनाओं के साथ नई योजनाओं में प्राथमिकता तय करते हुए योजनाओं के आंगणन व प्रस्ताव नेशनल रूरल ड्रिकिंग वाटर प्रोजेक्ट के अन्तर्गत प्रस्तुत करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये जिससे योजनाओं को मूर्त रूप देने हेतु उन्हें शासन को प्रेषित किया जा सके। पर्यटन विभाग को नौले, धारों की सूची, उनके सौन्दर्यीकरण, पौधरोपण हेतु प्रयास करने के निर्देश बैठक में दिये। बैठक में नेशनल रूरल ड्रिकिंग वाटर प्रोजेक्ट के अन्तर्गत स्वजल, जल निगम व जल संस्थान को 30 योजनायें प्रस्तुत करने के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी ने दिये। उन्होंने जल संस्थान को जनपद में मरम्मत की जाने वाली, जल निगम व स्वजल को नव निर्मित की जाने वाली योजनाओं को भी ग्रामसभावार प्रस्तुत करने के निर्देश दिये जिससे योजनाओं को आवश्यकतानुसार प्राथमिकता प्रदान की जा सके। उन्होंने अधिक लागत की योजनाओं को जिला योजना में प्रस्तुत न करने के निर्देश भी बैठक में दिये। नायकगोठ एवं जनपद के अन्य स्थानों पर हैण्डपंप लगाने हेतु प्राप्त हो रहे आवेदनों के संबंध मंे अधिशासी अभियंता जल संस्थान ने बताया कि वर्ष 201718 की जिला योजना में अत्यधिक लागत के कारण नये हैण्डपंप प्रस्तावित नहीं किये गये हैं, जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि बीएडीपी योजना में 30 हैण्डपंप प्रस्तावित किये गये हैं जिसके लिए अतिआवश्यकता वाले गांवों को प्राथमिकता में रखकर आंगणन तैयार करें। उन्होंने कहा कि आंगणन के समय पौधरोपण को नजरअंदाज न करें। बैठक में अधिशासी अभियंता जल निगम आरके वर्मा, पर्यटन अधिकारी आरएस ऐरी, स्वजल के परियोजना प्रबंधक एमके गर्ग, सहायक अभियंता जल निगम आदि उपस्थित थे। जिला सूचना अधिकारी, चम्पावत।

डाउनलोड अनुलग्नक :