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विस्तृत समाचार
वृहदृद स्तर पर मनाया गया योग दिवस।
चम्पावत 21 जून,17 आधुनिक युग में लोगों के पास खुद के लिए वक्त नहीं है, जिस वजह से दिन पर दिन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव बढ़ता है शरीर अस्वस्थ हो जाता है। सिर्फ योग में वो शक्ति है जो शरीर को लंबे वक्त तक दवाइयों से दूर रखती है। हर व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ समय योग को अवश्य देना चाहिए। उक्त बात आज गोरलचैड़ मैदान में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी डा.अहमद इकबाल ने कही। उन्होंने लोगों को योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए सभी लोगों से योग को अपनाकर जीवन स्वस्थ, सुखमन एवं आनन्दमय बनाने का आहवान करने के साथ ही सभी के सुखमन भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि योग से मन की विकृतियों पर भी रोक लगायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि जहाँ जिम आदि से शरीर के किसी खास अंग का ही व्यायाम होता है वहीं योग से शरीर के समस्त अंग, प्रत्यंगों, ग्रंथियों का व्यायाम होता है जिससे अंग प्रत्यंग सुचारू रूप से कार्य करने लगते हैं साथ ही योगाभ्यास से रोगों से लड़ने की शक्ति बढती है और शरीर स्वस्थ, निरोग और बलवान बनता है। उससे पहले क्षेत्रीय विधायक कैलाश चन्द्र गहतोड़ी ने दीप प्रज्जवलित कर अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का शुभारम्भ किया और पतंजलि के लोकमणि पंत, डा.भुवन चन्द्र जोशी आदि ने योग के संक्षिप्त इतिहास और योग के आधारभूत तथ्यों पर प्रकाश डालने के बाद योग आसनों का संचालन किया। उन्होंने योग आसनों के अन्तर्गत सूर्य नमस्कार से प्रारम्भ करते हुए ग्रीवा चालन, स्कंध संचालन, कटि, घुटना संचालन, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्द्ध चक्रासन, त्रिकोणासन, हलासन, कपालभाति, प्राणायान, शीतली व भ्रामरी प्राणायाम सहित हट योग, शिथिलीकरण क्रिया सहित विभिन्न आसन का अभ्यास करवाया। उन्होंने बताया कि हर योग आसन सभी व्यक्तियों के लिए अनिवार्य नहीं होता है बल्कि ये मनुष्य की शारीरिक बनावट व आकार पर विशेष रूप से निर्भर करता हे। विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे व्यक्तियों द्वारा लाभ हेतु अपनाएं जाने वाले विभिन्न योग आसनों के विषय में बताते हुए कहा कि योग करते समय मानव को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि योग के दौरान शरीर को अधिक कष्ट न दिया जाये बल्कि क्षमता के अनुसार ही प्रतिदिन योग किया जाये। योगाचार्यो ने कहा कि योग शरीर को स्वस्थ रखने के साथ मन को भी तरोताजा रखता है और इससे शरीर के सभी घटक शुद्ध रूप से सक्रिय रहता है और शरीर में चैबीसों घंटे ऊर्जा बनी रहती है। उन्होंने कहा कि योग का अर्थ जोड़ना यानि शरीर, मन और आत्मा को एक सूत्री में पिरोना है और आज योग को अन्तर्मन की चेतना को विकसित करने की एक प्रक्रिया के रूप में भी देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि नियमित योग से शरीर को स्वस्थ रखकर स्वस्थ एवं लम्बा जीवन जिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि योग यानि कर्मों में कौशल या दक्षता ही योग है। उन्होंने कहा कि योग का प्रयोग शारीरिक, मानसिक और आध्यत्मिक लाभों के लिए हमेशा से होता रहा है और आज की चिकित्सा शोधों ने ये साबित कर दिया है की योग शारीरिक और मानसिक रूप से मानवजाति के लिए वरदान है। जहाँ एक तरफ योगासन मांस पेशियों को पुष्टता प्रदान करते हैं जिससे दुबला पतला व्यक्ति भी ताकतवर और बलवान बन जाता है वहीँ दूसरी ओर योग के नित्य अभ्यास से शरीर से वसा कम भी हो जाता है इस तरह योग कृष और स्थूल दोनों के लिए फायदेमंद है।योगासनों के नित्य अभ्यास से मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम होता है जिससे तनाव दूर होकर अच्छी नींद आती है, भूख अच्छी लगती है, पाचन सही रहता है। योग सत्र के समापन के अवसर पर सभी योगार्थियों द्वारा ‘‘मैं सकल्प लेता हूॅ कि सर्वदा अपनी सोच में संतुलन बनाए रखूंगा। ऐसी मनःस्थिति मेरे उच्च्तम आत्म विकास की असीम संभावनाएं प्रदान करती हैं। मैं अपने कर्तव्य निर्वाह के प्रति, कुटुंब और कार्य के प्रति तथा समाज व समूचे विश्व में शांति, स्वास्थ्य और सौहार्द के प्रचार के लिए कृत संकल्प हूॅ’’ का संकल्प भी लिया गया। योग कार्यक्रम में बच्चों व महिलाओं ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर क्षेत्रीय विधायक कैलाश चन्द्र गहतोड़ी, अपर जिलाधिकारी हेमन्त कुमार वर्मा, वैयक्तिक अधिकारी भुवन चन्द्र तिवारी, उप जिलाधिकारी सीमा विश्वकर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.एमएस बोरा, आयुर्वेदिक अधिकारी डा.सुरेश चन्द्र उप्रेती, होम्योपैथिक अधिकारी डा.शूरवीर सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष हिमेश कलखुड़िया सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी, पतंजलि योगपीठ के कार्यकर्ता, आम जनता आदि उपस्थित थे। जिला सूचना अधिकारी,चम्पावत।

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