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विस्तृत समाचार
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की बैठक में जिलाधिकारी सुशील कुमार ने गंगा किनारे चयनित बीस गांवों के अपशिष्ठ प्रबंधन तैयारियों पर की चर्चा, अधिकारियों को शीघ्र डीपीआर तैयार करने के निर्देश
प्रेसविज्ञप्ति सूचना/पौड़ी/दिनांक 13 जून 2017, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन की बैठक में गंगा किनारे के चयनित बीस गावों को अपशिष्ठ मुक्त करने की रणनीति पर चर्चा हुई। इस मौके पर जिलाधिकारी ने चयनित बीस गांवों को अपशिष्ठ मुक्त करने के लिए शीघ्र ही डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये। स्वजल विभाग की पहल पर विकास भवन में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार चयनित बीस गांवों को अपशिष्ठ पदार्थों से मुक्त करने के लिए ठोस रणनीति तैयार की जानी है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से चयनित गांवों में से माला ग्राम सभा को देश के उन ग्राम सभाओं में शामिल किया गया है जिन्हें देश में अपशिष्ठ पदार्थों से मुक्त करने के लिए माॅडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्हांेंने कहा कि भारत सरकार के अनुसार माला ग्राम सभा में औषधीय पदापों को बड़े पैमाने पर लगाया जाना है। माला में उत्पादित औषधियों को राष्ट्रीय पादप बोर्ड की ओर से खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा में ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन को लेकर कार्यशालाएं आयोजित की जानी है। जिसमें लोगों को जैविक व अजैविक कूड़ा, गंदा पानी, प्लास्टिक आदि प्रदूषित पदार्थों के निस्तारण की वैज्ञानिक विधियां बताई जाएंगी। इस मौके पर स्वजल प्रबंधक आरएस चैहान ने दृश्य एवं श्रव्य के माध्यम से अपशिष्ठ तरल के भूरा व काला पानी के निस्तारण की जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि घरों में ही भूरे व काले पानी के निस्तारण के लिए गड्डे खोदकर पानी को पुनः इस्तेमाल के लिए तैयार किया जा सकता है। उन्होंने अपशिष्ठ पदार्थों के निस्तारण में सहायक ‘‘3आर‘‘ (रिड्यूस, रियूज, रिसाइकिल) की वैज्ञानिक विधियां बताई। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए भारत सरकार की ओर से ग्राम सभा में आबादी के अनुसार दी जाने वाली धनराशि पर रोशनी डाली। इस मौके पर सीडीओ विजय कुमार जोगदंडे, डीडीओ वेद प्रकाश, पीडी एसएस शर्मा, वीपीडी सुनील कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी डा. डीएस राणा, जिला उद्यान अधिकारी डा. नरेंद्र कुमार, डीपीआरओ मुस्तफा खान आदि उपस्थित रहे। फोटो समाचार जिला सूचना अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल।