चम्पावत 01 जून, 17
जिलाधिकारी ने आज होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय, राजकीय पशु चिकित्सालय एवं राजकीय अंगोरा प्रजनन प्रक्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होनंे निरीक्षण के दौरान जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय, राजकीय पशु चिकित्सालय एवं राजकीय अंगोरा प्रजनन प्रक्षेत्र के सभी कक्षों एवं स्टोक रजिस्टर व उपस्थिति रजिस्टर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित पाये गये तथा स्टाॅक रजिस्टर व उपस्थिति रजिस्टर पूर्ण रूप से सही पाये जाने के साथ ही परिसर की सफाई व्यवस्था भी चाक चैबन्द पायी गयी। जिलाधिकारी ने उक्त व्यवस्थाओं को आगे भी ऐसे ही बनाये रखने के निर्देश जिला हौम्योपैथिक अधिकारी व पशु चिकित्साधिकारी को दिये।
पशु चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान डाॅ.जेपी यादव उपार्जित अवकास पर पाये गये, जिनका अवकाश प्रार्थना पत्र स्वीकृति के साथ कार्यालय में पाया गया। जिलाधकारी ने राजकीय अंगोरा प्रजनन प्रक्षेत्र के निरीक्षण के दौरान प्रभारी अधिकारी डाॅ. स्वर्णा भोज को खरगोशों कों निरन्तर अच्छा चारा उपलब कराने तथा गुणवत्ता को निरन्तर बनाये रखने के निर्देश दिये। उन्होंने अंगोरा नश्ल के खरगोशों का व्यापारिक स्तर पर उपयोग करने हेतु किसानों को प्रेरित करनेे के निर्देश दिये। उन्होंने अंगोरा प्रजनन प्रक्षेत्र की क्षमता बढ़ाने हेतु कार्य योजना तैयार कर प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने अनुकूल वातावरण व कीमती ऊन होने पर भी किसानों द्वारा महत्व न दिये जाने के कारणों पर विस्तार से अध्ययन करने के निर्देश दिये ताकि कृषकों को की समस्याओं का उचित समाधान कर उन्हें ऊन उत्पादन हेतु प्रेरित किया जा सके। डाॅ. स्वर्णा भोज ने जिलाधिकारी को बताया कि एक खरगोश से तीनतीन माह के अन्तराल में ऊन प्राप्त की जाती है, एक बार में खरगोश से लगभग 200 से 300 ग्राम तक ऊन प्राप्त होती है, इस प्रकार एक खरगौश से वर्ष में 800 से 1200 ग्राम तक ऊन प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि 1 किलो गा्रम ऊन सरकारी कीमत 1500 रूपये निर्धारित है।
जिला सूचना अधिकारी, चम्पावत। |