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विस्तृत समाचार
वनाग्नि को लेकर प्रशासन हुआ सख्त
वनाग्नि को लेकर प्रशासन हुआ सख्त चमोली 15 अप्रैल,2017(सू.वि.) वनों में आग लगाने पर अब खानी पडेगी जेल की हवा। वनो में अग्नि दुर्घटनों की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने कहा कि जो भी व्यक्ति वनो में आग लगाता है या आग लगाने का दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ मुकदमा दायर करते हुए सीधे जेल भेजने की कार्यवाही की जायेगी। वन अधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारी एवं सभी एसडीएम को आग लगाने वालों की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी ने प्राथमिक जाॅच करते हुए सीधे जेल भेजने के निर्देश दिये है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन वन क्षेत्रों में पिछले पाॅच वर्षो से लगातार अग्नि दुर्घटनाऐं हुई है और इस वर्ष कोई वनाग्नि की घटना नही होती है, तो उस क्षेत्र में गठित समिति को पुरस्कार स्वरूप पाॅच हजार रुपये की धनराशि तथा समिति के सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा। साथ ही ऐसे गांवों में वरीयता के आधार पर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं लाभ पहुॅचाया जायेगा। जिलाधिकारी ने वनाग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सभी संबधित विभागों की बैठक लेते हुए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को वनाग्नि से होने वाली क्षति के वारे में जागरूक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिले स्तर पर फायर फाइटिंग प्लान तैयार किया गया है, जिसके तहत वनाग्नि सुरक्षा के सभी कार्य किये जायेंगे। आपदा एवं वन विभाग को जिले स्तर पर वनाग्नि से निपटने के लिए आवश्यक उपकरणों एवं संचार व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त रखने के निर्देश दिये गये है। जिले में 24ग7 की तर्ज पर कन्ट्रोल रूम की स्थापना करने तथा निरन्तर फायर की घटनाओं पर निगरानी रखने के निर्देश दिये। पुलिस एवं वन विभाग के वायरलेस सेट में भी समन्वय बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि घटना वाले क्षेत्र में सबसे पहले रिस्पोन्डर स्थानीय निवासी होते है, इसलिए प्रत्येक गावं में महिला/युवा मंगल दल, ग्राम प्रहरी, वन पंचायत सदस्यों एवं प्रधानों को आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराते हुए जागरूक किया जाय। जिलाधिकारी ने आपदा एवं वन विभाग को वनाग्नि सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरणों की मांग हेतु प्रस्ताव तैयार करने को कहा। अग्नि सुरक्षा के लिए ग्राम पंचायतों में गठित समिति की सूचना सभी एसडीएम एवं बीडीओ को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी तथा ब्लाक स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी को अग्नि सुरक्षा समितियों का गठित करने को कहा। उन्होंने सभी एसडीओ को भीडभाड एवं एकत्रित जनसमुदाय वाले स्थानों पर गोष्ठियां आयोजित कर लोगों को जागरूक करने के भी निर्देश दिये है। प्रभारी वनाधिकारी एनएन पाण्डेय ने बताया कि जिले में 4 फाॅरेस्ट डिविजन है। नन्दप्रयाग, गोपेश्वर, धनपुर एवं जोशीमठ में 4 मास्टर कन्ट्रोल रूम बनाये गये है, जहाॅ से प्रतिदिन सूचनाओं का आदानप्रदान किया जा रहा है। जिले मे 102 क्रूस्टेशन तथा 06 वाॅच टावर स्थापित है। अग्नि समन हेतु 413 फायर वाचर तथा 360 वन कर्मी तैनात किये गये है, जो फायर घटनाओं की निरन्तर निगरानी करेंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस फोर्स, पीआरडी, फायर बिरगेड, स्वयं सहायता समूह, ग्राम प्रधानों, वन पंचायत सरपंचों एवं युवक/महिला मंगल दलों से आवश्यकतानुसार वनाग्नि की घटना घटित होने पर सहयोग लिया जायेगा। ग्राम स्तरीय बैठकों का आयोजन कर जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे है। इस अवसर पर एसडीएम अभिषेक रूहेला, एसडीएम स्मृता परमार, सीटीओ वीरेन्द्र कुमार, प्रभागीय वनाधिकारी अलकनंदा सुरेन्द्र सिंह, उप वन संरक्षक नन्दादेवी चन्द्र शेखर जोशी, सहायक कमांडेंट राजेन्द्र जोशी, एसडीओ शिवलाल सहित आर्मी, आईटीबीपी, लोनिवि, सिंचाई, आपदा, अग्नि शमन आदि विभागीय अधिकारी मौजूद थे।