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विस्तृत समाचार
डीएम ने दिए वैतन रोकने के आदश।
चम्पावत 9 मई(सूवि), प्रत्येक न्याय पंचायत में पैदा होने वाली फसलों, फलों, सब्जियों आदि का चक्रवार विवरण एवं वहां पर संभावनायुक्त खेती और सिंचाई की उपलब्धता की सूचना के साथ जनपद में ओलावृष्टि से पालीहाउसों एवं फसलों को हुए नुकसान का डोरटूडोर सर्वे कर एक सप्ताह में सूचना उपलब्ध करायें। उक्त निर्देश आज जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी डा.अहमद इकबाल ने कृषि, उद्यान, सिंचाई, जलागम विभाग को जनपद के प्रगतिशील काश्तकारों की समस्यायें सुनते हुए दिये। उन्होंने कहा कि कृषक हेल्पलाइन 05965230819 या टौल फ्री नम्बर 059651077 पर कृषि, उद्यान, पशु पालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य आदि विभागों से सम्बन्धित समस्याऐं एवं शिकायते दर्ज करा सकते हैं तथा प्राप्त शिकायतों का जिला स्तर पर ही समाधान किया जायेगा। जिलाधिकारी ने कृषि अधिकारी को क्षेत्रवार कृषक व्हाटस अप गु्रप तैयार करने के निर्देश दिये, जिससे कृषक अपनी समस्याओं को आधुनिक तकनीकी से भी अवगत करा सकें। उन्होंने कृषि, उद्यान, लघु सिंचाई विभाग को अपने क्षेत्रीय कार्मिकों के माध्यम क्षेत्र में वर्गीकृत सभी प्रकार की बागवानी, फसल एवं पानी की उपलब्धता की संभावनाओं वाले क्षेत्रों को चिन्हित कराने तथा ओलावष्टि से पालीहाउसों को अब तक हुए नुकसान की जानकारी उपलब्ध कराने तथा चिन्हिकरण के बाद मरम्मत में होने वाले व्यय की सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश उद्यान अधिकारी को दिये। जिलाधिकारी ने सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, उद्यान विभाग के क्षेत्रीय कार्मिकों को बिना तैयारी के साथ बैठक में आने और क्षेत्र की जानकारी ने होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ी फटकार लगाई और चेतावनी देते हुए निर्देश दिये कि क्षेत्र में हो रहे उत्पादों एवं कार्यों की पूरी जानकारी रखें और काश्तकारों की समस्याओं को उच्चाधिकारियों तक पहुंचायें।उन्होंने कहा कि खराब प्रदर्शन पर विभागीय कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उन्होंने सभी क्षेत्रीय कर्मचारियों को आगामी खरीफ के मौषम में बोई जाने वाली फसलों के बीज का वितरण कृषकों को करने तथा वितरण रिपोर्ट शीर्घ उपलब्ध कराने के साथ ही अपनी कार्य शैली सुधारने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने काश्तकारों को फसल बीमा हेतु 31 मई तक बैंकों में आवेदन करने का आहवान्न किया, जिस पर काश्तकारों ने पूर्व में हुए फसल बीमा की पूर्ण धनराशि न मिलने की शिकायत की। जिलाधिकारी ने उक्त प्रकरण पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सहायक निबंधक सहकारिता को सभी काश्तकारों के प्रकरणों को उपलब्ध कराते हुए बीमा कंपनी के अधिकारियों को तलब करने के निर्देश दिये। उन्होंने काश्तकारों को बीज, बाउण्ड्रीबाल आदि की मांग विभागों के माध्यम से करने को कहा। जिलाधिकारी ने काश्तकारों की समस्यायें सुनने के बाद अधिकारियों को फलसब्जी कलक्शन केन्द्रों का चयन करने, अधिक पैदावार वाले क्षेत्रों में जंगली जानवरों से निजाद हेतु तारबाड़ व पानी की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश बैठक में दिये। जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की लगातार समीक्षा करने के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी को दिये। उन्होंने ग्राम पंचायतों में सिंचाई एवं पेयजल हेतु टूटी टंकियों, गूलों आदि की मनरेगा के माध्यम से मरम्मत करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश ग्राम प्रधानों को दिये। उन्होंने मनरेगा के अन्तर्गत धीमी गति से हो रहे कार्यो पर नाराजगी जाहिर करते हुए मनरेगा से जुड़े कर्मचारियों एवं अधिकारियों का मई माह का वेतन रोकने के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी को दिये। उन्होंने प्रत्येक न्याय पंचायत कोे माॅडल के रूप में विकसित करने हेतु एकएक ग्राम पंचायत का चयन करने हेतु एक सप्ताह में सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिये जिससे प्रथम चरण में जिला स्तर से योजना तैयार की जा सके। सिंचाई की व्यवस्था हेतु कायल, गौड़ी व अन्य क्षेत्रों में बंद पड़े हाईड्रमों को तत्काल ठीक करने के निर्देश लघु सिंचाई को दिये। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत वाटर रिसोर्सेज, व्यक्तिगत एवं सामुहिक कार्यो को क्रमवार प्राथमिकता प्रदान की जायेगी। जिलाधिकारी ने कृषि, उद्यान एवं सहकारिता विभाग से उपयोगिता की जानकारी एवं सहमति के बाद ही सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग की कोई भी प्रस्तावित योजना सम्मिलित किये जाने के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी को दिये। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी सीमा विश्वकर्मा, मुख्य विकास अधिकारी एचजी भट्ट, मुख्य कृषि अधिकारी आरएल चन्द्रवाल, उद्यान अधिकारी एचसी तिवारी, अपर सांख्यकीय अधिकारी अशोक कुमार सहित प्रगतिशील काश्तकार कुल चन्द्र कोठारी, गिरधर सिंह फत्र्याल, उर्वादत्त औली, सहित कई ग्राम प्रधान, संबंधित विभागीय अधिकारी आदि उपस्थित थे। जिला सूचना अधिकारी,चम्पावत।

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